Ashudh Jal Ko Shudh Kaise Kare : अगर आप पानी को शुद्ध करने के लिए जानना चाहे की किस तरह से करेंगे तो हम आपको बहुत ही आसान उपाय बताते है जिसके माध्यम से आप स्वयं के माध्यम से अपने पीने के पानी को शुद्ध कर सकते है वैसे तो आप जानते है की आजकल कई बीमारिया उत्पन्न होती है और अगर आप किसी डॉक्टर को ये दिखाते है तो वो आपको शुद्ध पानी पीने की ही सलाह देते है लेकिन प्रश्न ये होता है की पता कैसे चला की पानी शुद्ध है या नही या आप उस पानी को किस तरह से शुद्ध करेंगे तो ऐसे ही कुछ बेहतरीन उपाय जिनके माध्यम से आ अपने पानी अपने ,माध्यम से शुद्ध कर सकते है जानिए बहुत ही आसान विधि और उपाय | Show
यह भी देखे : पेट की चर्बी कम कैसे करे पानी को बचाने के उपायपानी को उबालनावैसे तो ये नॉर्मल विधि होती है पानी को शुद्ध करने के लिए अक्सर लोगो को घर में पानी को गरम करके ही पिया जाता है क्योंकि पानी को गरम करके पिने से उसमे जो कीटाणु उत्पन्न होते है वो मर जाते है इसलिए ये सबसे आसान और घरेलु उपाय होता है पानी को शुद्ध करने का पानी को पूरी तरह से स्वच्छ और कीटाणु रहित बनाने के लिए कम-से-कम उसे २० मिनट उबालना चाहिए| दूषित जल में तुलसी का पत्तियो के प्रयोग से भी पानी को शुद्ध किया जाता है क्योंकि इसके प्रयोग से पाने में एक अनोखी शक्ति भर आती है सबसे पहले आपको दूषित पानी लेना है उसके बाद उसमे तुलसी की पत्तिया को दाल देना है कुछ समय बाद तुलसी की पत्तिया उसमे घुल जाती है और उसकी खुशबु पानी में फ़ैल जाती है जिससे की जिससे तुलसी में एक आंतरिक शक्ति होने के कारणवश उससे उसके आसपास के सारे कीटाणु या बेक्टेरिया मर जाते है इसके अलावा इससे मलेरिया, प्लेग और क्षय के कीटाणु नष्ट हो जाते है और कैंसर का खतरा भी काम हो जाता है | यह भी देखे : कब्ज का घरेलू इलाज पानी में टीडीएसPani me TDS : पानी में पानी में टीडीएस की मात्रा पानी के शूद्धिकरण को स्पष्ट करती है इसलिए फ़िल्टर प्लांट में पानी को स्वच्छ करने के बाद पानी में टीडीएस चेक करने की एक अद्भुत प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप पानी में जनित कीटाणुओ का पता लगा सकते है | फिटकरी से पानी साफ करनाFitkari se Pani Saaf Karna : वैसे तो पानी को शुद्ध करने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल भी कर सकते है क्योंकि फटकार भी जड़ी बूटी की तरह कार्यरत है क्योंकि फ़िल्टर लें में भी लोगो के बीच पानी फिटकरी व ब्लीचिंग पाउडर डालकर ही किया जाता है वैसे ये आसान विधि है लेकिन हमारे देश में यह इसी वजह से होता है क्योंकि फ़िल्टर प्लांट में भी वह के कर्मचारी और विशेषज्ञओ द्वारा पानी को स्वछ करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है | पानी फिल्टर मशीनजैसा की हम सभी जानते है पानी को फ़िल्टर करने के लिए मशीन का प्रयोग होता है जिससे की आपका पानी दूषित नही होता तो आज हम को बताते है की पानी को फ़िल्टर करने के लिए आप किस चीज़ का इस्तेमाल करते है और क्या है इस चीज़ का इस्तेमाल : यह भी देखे : स्किन एलर्जी का इलाज आर ओ वाटरR O Water : आजकल के ज़माने में कई लोग रिवर्स आसमोसिस प्रोसेस यानी आरओ यानि आरओ का इस्तेमाल करते है क्योंकि कई टेक्निकल कंपनियो द्वारा इस प्रोडक्ट को बनाया जाता है यह एक ऐसी तकनीक है जिसमे की पानी एक बहुत ही तेज़ दबाव के कारणवश साफ़ किया जाता है अगर पैन ई आरओ की तकनीक द्वारा साफ़ किया जाये तो पानी में बेक्टेरिया की मात्रा न होने की संभावना बढ़ जाती है घरों में प्रयोग किए जाने वाले आरओ सिस्टम में 220 से 240 पीपीएम युक्त पानी को स्वच्छ कर 25 पीपीएम तक ले आता है You have also Searched for : पीने
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साफ और सुरक्षित पानी ही पीना चाहिए। अशुद्ध पानी से कई तरह की जलजनित बीमारियां हो सकती हैं। पीने के लिए सुरक्षित पानी में संदूषकों और हानिकारक सूक्ष्म जीवों का स्तर कम होना चाहिए। इसके लिए आपको पानी को उबालना होगा या पानी को शुद्ध बनाने का उचित तरीका अपनाना होगा। अलग-अलग तरह के वाटर फिल्टर अलग-अलग ढंग से काम करते हैं और विशिष्ट कैमिकल या कीटाणुओं को हटाते हैं। आप ऐसे वाटर फिल्टर को चुनें जो आपके क्षेत्र में पाए जाने वाले संदूषकों को हटाता हो। सुरक्षित पानी का इस्तेमाल क्यों जरुरी है?पीने के लिए या घरेलू उपयोग के लिए आप जो पानी इस्तेमाल करते हैं उसकी गुणवत्ता आपके परिवार के स्वास्थ्य में एक अहम भूमिका निभाती है। दूषित पानी या सही ढंग से फिल्टर नहीं किया गया पानी बहुत सी बीमारियों का कारण बन सकता है, जिनमें से कुछ गंभीर भी हो सकती हैं। इन बीमारियों में शामिल हैं:
समय पर इलाज न होने पर कुछ इनफेक्शन गंभीर या जानलेवा भी हो सकते हैं। जब आप अपने शिशु को पानी देना शुरु करती हैं, या तो फॉर्मूला दूध में मिलाकर या पीने के लिए तो आवश्यक है कि आप सुरक्षित, साफ पानी का उपयोग करें। यह सही तरीके से फिल्टर किया गया हो और कीटाणुमुक्त हो। शिशु की बोतल और दूध पिलाने के उपकरणों को स्टरलाइज करने के लिए भी इसी तरह के स्वच्छ पानी का इस्तेमाल होना चाहिए। शिशु अपने जीवन के पहले वर्ष में बीमारियों और संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी विकसित हो रही होती है। क्या पानी के स्वाद या गंध से इसके दूषित होने का पता लग सकता है?ऐसा जरुरी नहीं है। हो सकता है आप पीने के पानी में आपको कुछ अनपेक्षित चीजें दिखाई दें जैसे कि मटमैला सा पानी, सड़े हुए अंडों जैसी हाइड्रोजन सल्फाइड की गंध या फिर अत्याधिक क्लोरीन का तीक्ष्ण स्वाद। क्लोरीन हानिकारक सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए जरुरी एडिटिव होता है। लेकिन बैक्टीरिया, वायरस, आर्सेनिक, सीसा, औद्योगिक और कृषि प्रदूषकों सहित पानी के कुछ सबसे गंभीर और आम दूषित पदार्थों का कोई रंग, गंध या स्वाद नहीं होता। इसलिए, किसी भी हानिकारक संदूषक को हटाने के लिए, उपयोग किए जाने वाले पानी को शुद्ध करना जरुरी है। घर पर पीने के पानी को शुद्ध कैसे किया जा सकता है?घर में नल के पानी को शुद्ध करने के तीन मुख्य तरीके हैं। उबालना उबालकर घर पर पानी शुद्ध करना आसान है। पानी को तब तक उबालें जब तक उसमें बुलबुले बनने न लगें और इसके बाद इसे कम से कम एक मिनट तक उबलने दें ताकि सभी कीटाणु मर सकें। फिर इस पानी को ढक दें और इसे कमरे के तापमान पर स्वाभाविक रूप से ठंडा होने दें। एक साफ, पतले मलमल के कपड़े से पानी को छान लें और साफ कंटेनर या बोतलों में ढक कर स्टोर कर लें। नोट: यदि आपके क्षेत्र में धुंधले या मिट्टी मिले पानी की सप्लाई होती है, तो आप नल में फिल्टर लगा सकती हैं जो मैल या गंदगी, दिखाई दे रहे दूषकों या ऑर्गेनिक पदार्थों को पहले दौर में फ़िल्टर कर सकें। पानी को पहले एक कंटेनर में इकट्ठा करें, इसे कुछ समय ऐसे ही रखा रहने दें ताकि गंदगी नीचे बैठ जाए। और फिर उबालने से पहले इसे एक साफ कपड़े से छान लें। यह एक अतिरिक्त काम लग सकता है, लेकिन इससे सुनिश्चित हो सकेगा कि आप गंदे पानी को नहीं उबाल रही हैं। क्लोरीन की गोलियों का उपयोग करना पानी को शुद्ध करने के लिए आप घर पर क्लोरीन की गोलियों का उपयोग भी कर सकते हैं। वास्तव में, हमारे देश में नगर निगम भी घरों में पानी की सप्लाई करने से पहले इसे शुद्ध करने और पीने व खाना पकाने के लिए सुरक्षित बनाने के लिए क्लोरीन का उपयोग करते हैं। हालांकि, दूषित पदार्थों को हटाने के लिए पानी का उपयोग करने से पहले इसे उबालना सबसे अच्छा है। नोट: क्लोरीन की गोलियों के पैकेट पर दिए गए इस्तेमाल और संग्रहण से जुड़े सुरक्षा एहतियातों का पालन करें। आपको पैकेट के साथ दिए गए चार्ट के अनुसार प्रति टैबलेट पानी का सही माप लेना होगा। कुछ गोलियों का लंबे समय तक उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है इसलिए पानी को शुद्ध करने के इस तरीके के बारे में पहले डॉक्टर से पूछ लें। वाटर प्यूरीफायर या फिल्टर का उपयोग करना नोट: अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुकूल सही उत्पाद चुनने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करें। किस तरह के वाटर प्यूरिफायर सबसे बेहतर होते हैं?आप कौन सा फिल्टर चुनें, यह पानी की गुणवत्ता और इसके मुख्य स्रोत पर निर्भर करेगा। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किन दूषित पदार्थों को हटाना चाहती हैं। वाटर प्यूरिफायर खरीदने से पहले, अपने पानी का परीक्षण कर लें ताकि आपको यह पता चल जाए कि आपके पानी में कौन से दूषित तत्व हैं और किस प्रकार का फिल्टरेशन सिस्टम आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है। साधारण काउंटरटॉप मॉडल से लेकर एडवांस सिस्टम तक बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं। फिल्टर को आमतौर पर निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है: सेडिमेंट फिल्टर इसमें नियमित मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है। प्रभावी फिल्टरेशन और जल प्रवाह के लिए सही समय पर कार्टरिज/कैंडल को बदलना पड़ता है। रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) फिल्टर आरओ फिल्टर में पानी एक अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर निकलता है जिससे पानी की अशुद्धियों दूर होती हैं। ये फ़िल्टर बिजली से काम करते हैं, इसलिए यदि आपके क्षेत्र में लगातार बिजली कटौती रहती है, तो आपको पहले से तैयारी करके रखनी होगी। फिल्टरेशन प्रक्रिया के दौरान बहुत सारा पानी बर्बाद हो जाता है, इसलिए यदि आपके पास पानी की सीमित आपूर्ति है, तो खरीदने से पहले इसके फायदे और नुकसानों को अच्छे से समझ ले। इसमें भी नियमित तौर पर फिल्टर में बदलाव और मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है ताकि यह प्रभावी ढंग से काम कर सके। अल्ट्रावायलेट (यूवी) फिल्टर शुद्ध किए जाने वाला पानी जब फिल्टरेशन चैम्बर से होकर गुजरता है तो इसे अल्ट्रावायलेट प्रकाश स्रोत के संपर्क में लाया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, किसी भी हानिकारक रोगाणुओं और रोगजनकों को यूवी प्रकाश के संपर्क में आने के कारण मारा जाता है। हालांकि यह वायरस और बैक्टीरिया को मारने में उपयोगी है, लेकिन ये मृत जीव पानी में बने रहते हैं, हालांकि वे अब हानिकारक नहीं हैं। इसके अलावा, यूवी प्रकाश अन्य दूषित पदार्थों जैसे भारी धातु, गंदगी और रसायनों को हटाने में मदद नहीं करता है। इस कारण से, कई लोगा पानी को यूवी रेडिएशन प्रोसेस से गुजरने से पहले अन्य फिल्टरेशन प्रणालियों के माध्यम से पानी को शुद्ध करते हैं। ये फिल्टर बिजली से काम करते हैं इसलिए किसी भी बिजली कटौती को ध्यान में रखें। यूवी प्रकाश सही ढंग से और सही तीव्रता के साथ काम कर रहा है यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित मेंटेनेंस की आवश्यकता है। यदि यह नहीं होता है, तो जल-जनित रोगाणु बचकर पानी के चैम्बर में कई गुणा बढ़ सकते हैं, जिससे पीने के लिए पानी असुरक्षित हो जाता है। अल्ट्रा फिल्टरेशन (यूएफ) फ़िल्टर यूएफ फिल्टर को बिजली या एक विशिष्ट पानी के दबाव की आवश्यकता नहीं होती है। ये लंबे समय तक चलते हैं और इनका रखरखाव भी आसान है। हालांकि, उन्हें नियमित रूप से साफ करने की आवश्यकता होती है, अक्सर सप्ताह में एक बार ताकि झिल्ली में फंसे बैक्टीरिया और दूषित पदार्थों को हटाया जा सके। सक्रिय (एक्टिवेटेड) कार्बन फिल्टर वे उन रसायनों को हटाने में प्रभावी नहीं हैं जो कार्बन के प्रति आकर्षित नहीं होते जैसे कि नाइट्रेट, सोडियम, फलोराइड और भारी धातुएं आदि। ये कुछ बैक्टीरिया और वायरस को हटाने में भी प्रभावी नहीं हैं। आमतौर पर सक्रिय चारकोल प्यूरिफायर का उपयोग अन्य प्रकार के फिल्टर के साथ किया जाता है ताकि उन दूषित पदार्थों को हटाया जा सके, जिन्हें हटाने में शायद अन्य फिल्टर सक्षम नहीं हैं। फिल्टरेशन प्रक्रिया प्रभावी ढंग से काम कर रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए इन्हें उचित, नियमित मेंटेनेंस की आवश्यकता होती है। यदि ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता तो यह बैक्टीरिया की बढ़त को प्रोत्साहित कर सकता है। कई वाटर प्यूरिफायर कंपनियां अब और अधिक उन्नत मॉडल पेश कर रही हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के फिल्टरेशन एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, आप ऐसा मॉडल चुन सकती हैं जिसमें यूवी, यूएफ और आरओ तीनों का उपयोग होता है। या आपको ऐसा प्यूरिफायर मिल सकता है जो सिर्फ यूवी और आरओ का उपयोग करता है। ध्यान रखें कि कुछ वाटर प्यूरीफायर पानी से फ्लोराइड निकालते हैं। दाँत के एनामेल को बनाने और दातों की सड़न रोकने के लिए फ्लोराइड को नगरपालिका जल प्रणालियों में विशेषतौर पर मिलाया जाता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में, भूजल में फ्लोराइड का स्तर काफी उच्च है। अत्याकिध फ्लोराइड के कारण फ्लोरोसिस हो सकता है, जिससे आपके बच्चे के दांत धब्बेदार हो सकते हैं। यदि आप फ्लोराइड को हटाने वाले मॉडल का उपयोग कर रही हैं या आपके पानी में बहुत अधिक फ्लोराइड है, तो दांतों के डॉक्टर या अपनी डॉक्टर से बात करें। कैसे पता चलेगा कि वाटर फिल्टर सही काम कर रहा है?वाटर फिल्टर का रखरखाव मॉडल के अनुसार तय होता है। हमेशा इस्तेमाल और रखरखाव के लिए निर्माता के निर्देशों का पालन करें, ताकि दूषकों का बढ़ना रोका जा सके। कुछ प्यूरिफायर में डिस्प्ले पैनल होते हैं जो आपको बताते हैं कि सर्विस कब होनी है, जबकि कुछ में एक निश्चित समय पर सर्विस करवानी होती है। अधिकांश कंपनियां एनुअल मेंटेनेंस कांट्रेक्ट (एएमसी) देती हैं और नियमित सेवा और शिकायतों को संभालने के लिए उनके प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप सर्विस शेड्यूल का ध्यान रखें। क्या बोतलबंद पानी पीना ज्यादा अच्छा विकल्प है?ऐसा जरुरी नहीं। कुछ ब्रांड अपनी जल उपचार प्रणालियों के कारण सुरक्षित साबित हुए हैं, लेकिन सभी बोतलबंद पानी सुरक्षित नहीं माने जा सकते। ऐसा इसलिए क्योंकि इनके सुरक्षा और शुद्धता के स्तर को निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा, बोतलबंद पानी की गुणवत्ता भी अलग-अलग हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करती है कि पानी का स्त्रोत क्या है (क्या यह भूमिगत पानी है, नगर पालिका का पानी, या कुएं का पानी) और इसे शुद्ध कैसे किया गया है। बोतलबंद पानी की निगरानी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा की जाती है। हालांकि, कई ब्रांड आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करते हैं और ये पूरी तरह से दूषकों से मुक्त नहीं होते। यदि आप घर में वाटर डिस्पेंसिंग सिस्टम के जरिये बोतलबंद पानी का उपयोग करती हैं या फिर कहीं बाहर जाने पर बोतल खरीदकर पानी पीती हैं, सुनिश्चित करें कि आप एक प्रतिष्ठित ब्रांड को चुनें। जांचें कि सील टूटी तो नहीं है। साथ ही उत्पादन, पैकेजिंग और इस्तेमाल करने की अंतिम तिथि अवश्य जांच लें। सड़क किनारे खड़े स्थानीय वेंडर से बिना ब्रांड वाली पानी की बोतल न लें। कई ऐसी रिपोर्ट हैं जो दर्शाती हैं कि इन बोतलों में नल का पानी या अशुद्ध पानी भरा जाता है, जो आपके बच्चे में इनफेक्शन पैदा कर सकते हैं। कुछ मामलों में तो सड़क किनारे खड़े रेहड़ी वाले अच्छे ब्रांड की पुरानी बोतलों में नया पानी भर देते हैं। कुछ तो इस्तेमाल की जा चुकी बोतलों को फिर से सील करके और कैप लगाकर नई के तौर पर बेचते हैं। हमेशा बोतल का पानी पीकर इसे कुचलकर फेंके और घर पर पानी भरकर रखने के लिए इनका इस्तेमाल न करें। ध्यान रखें कि बोतलबंद पानी के इस्तेमाल से सिंगल-यूज प्लास्टिक को बढ़ावा मिलता है और पर्यावरण संबंधी चिंताएं भी बढ़ती हैं। Click here to see the English version of this article! हमारे लेख पढ़ें:
पानी को शुद्ध करने के लिए क्या करना चाहिए?क्लोरीनेशन (Chlorination). बलोरीनेशन के जरिये भी पानी साफ किया जाता है । विभिन्न नगरों एवं सरकारी उपक्रमों में जलापूर्ति के दौरान यह प्रक्रिया अपनाई जाती है ।. इससे पानी शुद्ध होने के साथ उसके रंग और सुगंध में भी परिवर्तन आ जाता है । यह पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करता है ।. पानी को शुद्ध करने के लिए उसमें क्या डालें?जब पानी तेज गर्म होकर उबलने लगे तो उसे लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही उबलने दें, उसके बाद पानी को ठंडा करने के लिए रख दें. इससे पानी में मौजूद सारे कीटाणु मर जाएंगे और पानी पीने योग्य हो जाएगा. 2. फिटकरी का प्रयोग – पीने को पानी को साफ करने का सस्ता और आसान तरीका का फिटकरी का इस्तेमाल भी है.
पानी को शुद्ध करने के लिए कौन सी प्रक्रिया सबसे अच्छी है?सही उत्तर निस्पंदन है। निस्पंदन पानी को शुद्ध करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है और, सही मल्टीमीडिया निस्पंदन का उपयोग करके, यह यौगिकों से पानी को अलग करने में प्रभावी है। यह दृष्टिकोण पानी को शुद्ध करने और मानव उपभोग के लिए सुरक्षित बनाने के लिए रासायनिक और भौतिक प्रक्रियाओं का उपयोग करता है।
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