यदि आप प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache during pregnancy) जैसी समस्या से जूझ रही हैं तो बता दें कि आप अकेली नहीं हैं। एक चिकित्सकीय रिपोर्ट के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत प्रेग्नेंट महिलाएं सिरदर्द का शिकार होती हैं। सिरदर्द के लक्षण शिशु को जन्म देने के बाद भी दिखाई देते हैं। हालांकि, जन्म देने से पहले और बाद में होने वाले सिरदर्द में फर्क होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले ज्यादातर सिरदर्द हानिकारक नहीं होते हैं। Show
गर्भावस्था की पहली तिमाही में होने वाले सिरदर्द के कारण दूसरी और तीसरी तिमाही में होने वाले सिरदर्द के कारणों से अलग हो सकते हैं। कुछ मामलों में प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache during pregnancy) होना अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान, बाद में और पहले होने वाले सिरदर्द की जानकारी तुरंत अपने डॉक्टर को दें और उनसे इसका बारे में परामर्श करें। प्रेग्नेंसी में सिरदर्द को बेहतर ढंग से समझने के लिए किसी किताब या मोबाइल में दर्द का समय, तीव्रता और सिर के किस हिस्से में र्द हो रहा है, ये बातें दर्ज करें। इससे डॉक्टर को आपकी मदद करने में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही अगर आपको अन्य कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो उसकी भी जानकारी अवश्य नोट करें। तो चलिए जानते हैं प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache during pregnancy) क्यों होता है। इसका मुख्य कारण क्या है और साथ ही आप इसे कैसे रोक सकते हैं। और पढ़ें : 6 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट : इस दौरान क्या खाएं और क्या नहीं? प्रेग्नेंसी में सिरदर्द के प्रकार (Types of Headache during pregnancy)प्रेग्नेंसी में होने वाले सिरदर्द मुख्य रूप से केवल तीन प्रकार के होते हैं जिनमें चिंता के कारण सिरदर्द (Stress headache), माइग्रेन अटैक और क्लस्टर सिरदर्द (Cluster headache) शामिल है। इसका मतलब है कि गर्भावस्था में होने वाले सिरदर्द अपने आप होते हैं और इनके पीछे आमतौर पर कोई कारण नहीं होता है। प्रेग्नेंसी में यह किसी अन्य गंभीर स्थिति या बीमारी का संकेत व लक्षण नहीं होता है। गर्भावस्था में सिरदर्द क्यों होता है? (Cause of Headache during pregnancy)प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache during pregnancy) क्यों होता है, इसका मुख्य कारण अभी साफ नहीं है। पहली तिमाही में बदलते हॉर्मोन और रक्त प्रवाह के कारण प्रेग्नेंसी में सिरदर्द हो सकता है। गर्भावस्था में एक हल्का सिरदर्द स्ट्रेस, थकान और आंखों की थकावट के कारण हो सकता है। गर्भावस्था में साइनस (नाक संबंधित) के कारण सिरदर्द आमतौर पर नाक बंद होने या बहने के कारण हो सकता है। इसके अलावा भूख और रक्त में शुगर (Blood sugar) की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है। प्रेग्नेंसी में अचानक कॉफी (Coffee) और सोडा का सेवन बंद कर देने से शरीर कैफीन को बाहर निकालने लगता है जिससे सिरदर्द जैसा महसूस हो सकता है। जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के शुरुआत में मतली और उल्टी (Vomiting) का सामना करना पड़ता है उनमें पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन (Dehydration) हो सकती है। यह भी प्रेग्नेंसी में होने वाले सिरदर्द का सामान्य कारण हो सकता है। [mc4wp_form id=”183492″] माइग्रेन प्रकार का सिरदर्द गर्भावस्था के दौरान बेहद आम होता है। इस प्रकार का दर्दनाक सिरदर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ महसूस होता है और इसकी वजह से मस्तिष्क में मौजूद रक्त वाहिकाएं बड़ी हो जाती हैं। यह दर्द कभी मतली, उल्टी और रोशनी से संवेदनशीलता के साथ होता है। और पढ़ें : कम उम्र में प्रेग्नेंसी हो सकती है खतरनाक, जानें टीन प्रेग्नेंसी के कॉम्प्लीकेशन प्रेग्नेंसी में सिरदर्द के अन्य कारण (Other cause of Headache during pregnancy)
और पढ़ें : गर्भावस्था में मतली से राहत दिला सकते हैं 7 घरेलू उपचार गर्भावस्था में सिरदर्द होने पर क्या करें (Things to avoid)ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था में सिरदर्द होने पर प्राकृतिक इलाज का विकल्प चुनने की कोशिश करती हैं। घरेलू उपचार आमतौर पर सुरक्षित और बेहद कारगर होते हैं। इनका डॉक्टरी दवाओं की तरह आप या शिशु पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache) से छुटकारा पाने के लिए निम्न प्राकृतिक विकल्पों का चयन करें :
और पढ़ें : क्या है 7 मंथ प्रेग्नेंसी डाइट चार्ट, इस अवस्था में क्या खाएं और क्या न खाएं? गर्भावस्था में सिरदर्द होने पर क्या न करें (Things to avoid Headache during pregnancy)प्रेग्नेंसी में सिरदर्द के इलाज के लिए केवल क्या खाएं और क्या न करें ही आवश्यक नहीं है। इसके साथ ही आपको परहेज की भी आवश्यकता पड़ेगी। प्रेग्नेंसी के दौरान सिरदर्द अक्सर कुछ विशेष व्यंजन और चीजों के इस्तेमाल के कारण होता हैं। यदि आपको प्रेग्नेंसी में सिरदर्द (Headache during pregnancy) महसूस होता है तो तुरंत निम्न चीजों से परहेज करना शुरू कर दें :
यदि आप गर्भावस्था में सिरदर्द या माइग्रेन की दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ऊपर दिए गए उपायों को आजमाने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें। और पढ़ें : कम उम्र में प्रेग्नेंसी हो सकती है खतरनाक, जानें टीन प्रेग्नेंसी के कॉम्प्लीकेशन प्रेग्नेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही में सिरदर्द का कारण प्रेग्नेंसी में आगे होने वाले कारणों से अलग और शायद गंभीर हो सकते हैं। हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) गर्भावस्था में सिरदर्द का गंभीर कारण होता है। आपको प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी हाय बीपी (High BP) जैसे स्थिति हो सकती है। यह बिना किसी लक्षण के हो सकता है। रोजाना कम से कम एक बार अपना ब्लड प्रेशर (Blood pressure) जरूर जांचें। गर्भावस्था में कभी भी सिरदर्द महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके सिरदर्द के कारण का पता ज्यादा बेहतर लगा सकते हैं और जांच में वह यह चेक कर सकते हैं कि आपको यह सिरदर्द अनुवांशिक रूप से है, या यह माइग्रेन (Migraine), हाय बीपी (High BP), डायबिटीज (Diabetes) और मिर्गी के कारण हो रहा है। प्रेगनेंसी में अगर सिर में दर्द हो तो क्या करें?गर्भावस्था में सिरदर्द का इलाज
10 मिनट तक प्रभावित हिस्से की गर्म या ठंडी सिकाई करें। मांसपेशियों को आराम देने के लिए गुनगुने पानी से नहाना भी फायदेमंद रहता है। स्ट्रेचिंग, योग, स्वीमिंग, सही पोस्चर में बैठने या खड़े होने, दिनभर खूब पानी पीने, आराम करने और सिर की हल्की मालिश करने से सिरदर्द से राहत मिल सकती है।
प्रेगनेंसी में सिर दर्द के लिए कौन सी दवा लें?गर्भावस्था में सिरदर्द का उपचार कैसे किया जा सकता है? सिरदर्द की अधिकांश दवाओं जैसे कि एस्पिरिन और आईबूप्रोफेन आदि का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता। हालांकि, कभी-कभार इसके लिए पैरासिटामोल ले लेना सुरक्षित है। मगर, दवा लेने से पहले अपनी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
गर्भ में लड़का होने के क्या लक्षण होते हैं?लड़का हो तो प्रेग्नेंसी में मिलते हैं कुछ ऐसे संकेत. मॉर्निंग सिकनेस भ्रम : प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस या मतली न होने का मतलब है लड़का होगा। ... . हार्ट रेट भ्रम : अगर आपके शिशु का हार्ट रेट प्रति मिनट 140 बीट है तो लड़का हो सकता है। ... . बालों और त्वचा में बदलाव ... . बेबी बंप की पोजीशन ... . मूड में बदलाव. सिर दर्द होने का मुख्य कारण क्या है?तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है.
|