प्यार में झगड़े क्यों होते हैं? - pyaar mein jhagade kyon hote hain?

हर झगड़े के पीछे कुछ छिपे हुए कारण होते हैं, और एक नयी रिसर्च के अनुसार ये पाया गया है की अगर इन छिपे हुए कारणों का पता चलना इन झगड़ों को सुलझाने का अहम् तरीका हो सकता है।चाहे ये एक लगातार चलता झगड़ा हो या फिर खाने की टेबल पर अचनाक ही शुरू हुआ, क्या आपको पता है की आखिर इस झगड़े की असली वजह क्या है? आप शायद ऑफिस में ज़रूरत से ज़्यादा समय बिता रहे हैं? शायद आपका साथी घर लौटते समय दूध लाना भूल गया / गयी? शायद नहीं। झगड़ों के पीछे की असली वजह जानने का ज़िम्मा उठाया अमेरिका की एक मनोवैज्ञानिकों की टीम ने।

मूलभूत चिंताए

यह मनोवैज्ञानिकों इन झगड़ों के कारणों को 'मूलभूत चिंताए' बताते हैं और इन कारणों में से उन्होंने दो ऐसे कारण निकले जो की सबसे ज़्यादा सामने आते हैं। या तो रिश्ते में साथी इ चिंता करते हैं की शायद उनके सम्बन्ध को किसी तरह का खतरा है या इसलिए क्यूंकि उन्हें लगता है उनका साथी उनपर ध्यान नहीं दे रहा/ रही, ऐसा इस रिसर्च में पाया गया है। ये जानने के बाद, उन्होंने दो शोध किये, जिसमे उन्होंने 953 शादी-शुदा या बिना शादी के साथ रहने वाले लोगों से यह पुछा की वो अपने साथी से झगड़ा सुलझाने के लिए क्या उम्मीद रखते हैं। फिर इन शोधकर्ताओं ने इन उम्मीदों को उन दो अहम् कारणों से जोड़ा जो की 'मूलभूत चिंताए' हैं जिनकी वजह से युगलों के बीच झगड़े होते हैं।

हार मानना

चाहे वो अपने साथी से यह मनवाना हो की उसने कुछ गलत किया है या की उससे अपने लिए ज़्यादा इज्ज़त दिख्वाना, सबसे ऊपर जो कारण सामने आये सर्वे से वो था किसी भी तरह से रिश्ते में अपने पास ज़्यादा ताकत रखना। रिश्ते में कंट्रोल और ताकत एक संवेदनशील मुद्दा होता है अधिकतर युगलों के लिए, ऐसा शोधकर्ताओं का कहना है। जब रिश्ते में कोई भी एक साथी यह चाहता चाहता है की उसका साथी रिश्ते में उससे कम ताकत रखे, तो शायद एक अहम् चिंता यह होती है की इसके चलते उनका रिश्ता जोख़िम के दायरे में आ जाता है। तो आप क्या करेंगे अगर आपको यह पता चलेगा की आपका साथी इन सबी कारणों को लेकर चिंता कर रहा है/रही है? शायद चुपचाप पीछे हट जाना मदद कर सकता है। किसी मुद्दे पर अपनी ओर से समझौता कर लेना, अपने साथी को अपनी बात कहने का पूरा मौका देना, और अपनी गलतियाँ भी मान लेना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आप अपने साथी को रिश्ते में अपने से ज़्यादा ताकतवर महसूस करा सकते हैं।

फ़िक्र दिखाना

लड़ाई-झगड़े में फसे युगल ये भी देखना चाहते हैं की उनके साथी रिश्ते को कितना अहम् मानते हैं और उन्हें कितनी अहेमियत देते हैं, उधारण के तौर पर, अपने साथी से प्यार, सम्मान और प्रोत्साहन मिलना। खुल कर बातचीत होना दूसरा बड़ा कारण बनके सामने आया - अधिकतर लोगों की यह चाह थी की उनके साथी उनके साथ ज़्यादा समय बिताये और अपने मन की बातें कहें। अपने साथी के साथ ज़्यादा समय बिताने की इच्छा और खुल कर बातचीत करने की चाह यह दर्शाते हैं की ऐसा महसूस करने वाले लोग अकेलापन महसूस कर रहे हैं। अगर आपका साथी दुखी है क्यूंकि आप उनके लिए समय नहीं निकाल पा रहे , तो उनको अच्छा और ज़रूरी महसूस कराने के लिए आप उन्हें एक तोहफा दे सकते हैं और आपका उनके साथ ज़्यादा समय बिताना शायद काम कर जाये।

आपके और आपके साथी के बीच झगड़ों के कारण क्या हैं? यहाँ लिखिए या फेसबुकपर हो रही चर्चा में हिस्सा लीजिये।

इस वजह से होता है प्यार में बॉयफ्रेंड से झगड़ा

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Published by: ललित फुलारा Updated Thu, 25 Jul 2019 03:19 PM IST

क्या आपने कभी सोचा कि आखिर प्यार में आप अपने ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ती क्यों हैं? अगर नहीं सोचा तो सोचिए और खुद जवाब खोजने की कोशिश करिए। आप जैसे ही सोचने लगेंगी तो आपको जो जवाब मिलेगा वह हैरान कर सकता है। दरअसल किसी भी रिलेशनशिप में बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड से लड़ाई की वजह ही आपसी मतभेद होते हैं। बेहद छोटी-छोटी बातें जिसमें एक-दूसरे से सहमत और असहमत होने से लेकर पसंद और नापसंद तक शामिल हैं।

रिलेशनशिप में लड़ाई ही सहमत नहीं होने की वजह से होती है। जब आप एक-दूसरे को अपनी-अपनी बातें, आदतें और पसंद-नापसंद मनवाने लगते हैं तो आपके बीच मनमुटाव और झगड़े होने लगते हैं। इसलिए आप अपने बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड को कभी भी अपने हिसाब से न चलाएं।

हर किसी की अपनी पसंद और नापसंद होती है। अपनी जीवनशैली होती है। अगर आप दखल देंगे तो आपके बीच प्यार की जगह लड़ाई का दौर शुरू होगा। रिश्ते में छोटी-मोटी नोंकझोंक होनी भी जरूरी है।

कहा भी जाता है कि जिस रिश्ते में लड़ाई नहीं होती वह भी कोई रिश्ता होता है। अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो बना लड़ाई के आपका प्यार मुक्कमल नहीं होता। ऐसे में किसी भी रिलेशनशिप में छोटी-मोटी लड़ाई तो चलती ही रहती है लेकिन इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि यह लड़ाई बड़ी न बनें। अगर आप चाहते हैं कि आपका रिलेशनशिप बिना लड़ाई-झगड़े के चले तो एक-दूसरे पर अपने विचार न थोपे। एक-दूसरे की पसंद-नापसंद की कद्र करें।

Healthy Relationship Tips: कपल में भले ही कितना भी प्यार हो, लेकिन लड़ाई-झगड़े तो होते ही हैं. इसकी बड़ी वजह है दो अलग-अलग व्यक्तित्व का होना. कई बार एक बात पर सहमति नहीं बन पाती है. विचार एक जैसे नहीं होते हैं. वहीं कई बार अपनी-अपनी पूर्व धारणाएं भी होती हैं, जिसकी वजह से झगड़े होते हैं. झगड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं है. कुछ लोग लड़ाई-झगड़े के बाद भी हैप्पी कपल कहे जाते हैं. जबकि कुछ लोग बिना झगड़े के भी रिश्ते में खुश नहीं रहते हैं. इसका कारण होता है उनका झगड़ा सुलझाने का तरीका. आज हम आपतो ऐसे 5 तरीके बता रहे हैं जो झगड़ा सुलझाने में आपकी मदद करेंगे. 

1- झगड़ा करो लेकिन अपमान नहीं- गुस्से और झगड़े में उग्र होना स्वाभाविक है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इससे आपके पार्टनर का अपमान न हो. आपके झगड़े से उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे. जो हैप्पी कपल होते हैं. वो झगड़े के दौरान एक दूसरे पर चिल्लाते नहीं है और न ही एक दूसरे का अपमान करते हैं. भले ही आप कमरे में अकेले ही क्यों न हो. ऐसी बातें न करें जो आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाएं.

2- झगड़ा करने के बाद मांफी मांगने की पहल करें- झगड़ा हो गया कोई बात नहीं, कई बार लड़ाई में हम ऐसी बातें कह जाते हैं जो पार्टनर को ठेस पहुंचाती हैं. ऐसे में गुस्सा शांत होने पर अपनी गलती का एहसास करें और माफ़ी मांग लें. इससे आप कमजोर नहीं होंगे बल्कि प्यार बढ़ेगा. 

3- झगड़े में पुरानी बातों को न लाएं- अक्सर लोग झगड़े में पुरानी बातें भी लेकर बैठ जाते हैं, लेकिन गड़े मुर्दे उखाड़ने से कुछ नहीं होगा. आप मौजूदा मुद्दे पर ही बात करें. पुरानी बातों का कोई नतीजा और अंत नहीं होता है. अगर आप पुरानी बात नहीं भूल पा रहे हैं तो इस पर अलग से एक दिन शांत स्वभाव से बात करके मुद्दे को सुलझा लें. 

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4- झगड़े के बावजूद भी प्यार बरकरार है- आपको ये याद दिलाना है कि झगड़े के बावजूद भी आप एक दूसरे को प्यार करते हैं. लड़ाई खत्म होने के बाद एक दूसरे पर प्यार लुटाएं और स्नेह दिखाने में कंजूसी न करें. इससे अहसास होगा कि झगड़े अपनी जगह हैं लेकिन इससे प्यार कम नहीं होता है. 

5- झगड़ा बढ़ने पर उस वक्त अपनी हार मान लो- जो हैप्पी कपल होते हैं वो झगड़ा बढ़ने पर अपनी हार मान लेते हैं. अगर आपका पार्टनर अपनी बात पर अड़ा है तो उस वक्त हार मान लें, बाद में दिमाग शांत होने पर उन्हें प्यार से अपनी बात समझाएं. ज़्यादातर मामलों में यह ट्रिक काम करती है.

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प्यार में अक्सर लड़ाई क्यों होती है?

दरअसल कुछ लड़ाईयां बेवजह की होती है और कुछ का होना बेहद जरूरी होता है। आमतौर पर रिश्ते में लड़ाई-झगड़े को गलत माना जाता है, लेकिन रिश्ते में नोक-झोंक होना या किसी बात पर दोनों पार्टनर्स का सहमत ना होना स्वाभाविक होता है। ऐसे में अगर थोड़ी बहुत नोक-झोंक होती है तो यह अच्छे रिश्ते का संकेत है।

अगर प्यार में झगड़ा हो जाए तो क्या करना चाहिए?

'प्यार में लड़ाई-झगड़ा तो होता ही रहता है', इसलिए जब Partner से Fight हो तो कभी ना भूलें ये 5 बातें.
एक ब्रेक जरूरी है अगर किसी भी झगड़ के वक्त आपको लग रहा है कि बात हाथ से निकल रही है और ज्यादा ही खराब स्तर पर पहुंचने वाली है तब एक ब्रेक लें. ... .
गलती मान लें ... .
बात पूरी जरूर करें ... .
टाइट वाली झप्पी ... .
लड़ने का भी एक तरीका होता है.

झगड़ा होने के बाद क्या करें?

इसलिए समय लें और बातचीत करके ही झगड़े को शांत करें. 2- मामले को सुझलाने की जल्दी न करें- कई बार लड़ाई-झगड़ा होने के बाद एक दूसरे को समय देना ज्यादा बेहतर होता है. झगड़ा सुझलाने में जल्दबाज़ी करना ठीक नहीं होता. गर्म दिमाग से चीजें ठीक नहीं होती है.

झगड़े को कैसे खत्म करें?

घर के आंतरिक कलह को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में पंचमुखी दीपक प्रज्वलित कर सकते हैं. इसके अलावा घर में हनुमान जी के सामने अष्टगंध जलाकर इसकी सुगंध पूरे घर में फैला दें. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होना शुरू हो जाएगा और घर में सुख शांति आएगी.