विषयसूची पायरुवेट का कार्बन डाइऑक्साइड जल और ऊर्जा में विखंडन कहाँ होता है?`?UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW!…पायरुवेट के विखंडन से यह कार्बन डाइऑक्साइड, जल तथा ऊर्जा देता है और यह क्रिया होती है-
पाइरूवेट जब कार्बन डाइ ऑक्साइड पानी और ऊर्जा में परिवर्तित होता है तब यह प्रक्रिया कहाँ होती है? इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर माइटोकॉन्ड्रिया है। ग्लूकोज का विखंडन कैसे होता है?इसे सुनेंरोकेंअल्कोहोलिक किण्वन की क्रिया में ग्लूकोज का विघटन इथाइल अल्कोहल तथा कार्बन डाइ-आक्साइड में होता है तथा कुछ ऊर्जा मुक्त होती है। यह इस्ट तथा अंकुरित बीज आदि में होती है। जीइमेज एक इन्जाइम है जो इस्ट के द्वारा उत्पन्न होता है। अम्लीय किण्वन जीवाणु एवं मांसपेशियों में होती है। ऊर्जा उत्पादन के दौरान ग्लूकोज का पायरूवेट में विघटन कहाँ होता है? इसे सुनेंरोकें*ग्लूकोज पाइरूवेट में विघटित हो जाता है:*1️⃣ माइटोकॉन्ड्रिया में पायरूवेट क्या होता है in Hindi?इसे सुनेंरोकें(i) पायरूवेट ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में इथेनॉल एवं कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। यह क्रिया किण्वन कहलाती है जो यीस्ट में होता है। (ii) ऑक्सीजन के अभाव में हमारी पेशियों में पायरुवेट से लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है। हमारी पेशी कोशिकाओं में अधिक मात्रा में लैक्टिक अम्ल के संचय से दर्द होने लगता है। कौन सा उत्पाद ग्लूकोज के टूटने के परिणामस्वरूप नहीं बन सकता है? इसे सुनेंरोकें4️⃣ मेथनॉल – ग्लूकोस के टूटने के परिणामस्वरूप नहीं बन सकता है। ग्लूकोस के टूटने पर मेथनॉल कभी नहीं बनता। ग्लूकोज पाइरूवेट में विघटित क्या हो जाता है?इसे सुनेंरोकेंग्लूकोस साइप्टालाज्म में पाइरूवेट में टूट जाता है। एटीपी (एडेनोसाइन ट्राइफॉस्फेट) को जारी करने वाले पाइरूवेट में ग्लूकोज के रूपांतरण की प्रक्रिया को ग्लाइकोलिसिस कहा जाता है। जब पाइरूवेट माइटोकॉन्ड्रिया में प्रवेश करता है, तो यह कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में परिवर्तित हो जाता है। ग्लूकोज का पाइरूवेट में परिवर्तन कहाँ होता है? इसे सुनेंरोकेंDetailed Solution सही उत्तर है → साइटोप्लाज्म। कोशिका के कोशिका द्रव्य में ग्लूकोज पाइरूवेट में परिवर्तित हो जाता है। ग्लूकोज पाइरूवेट में कौन विघटित हो जाता है?ग्लूकोज के टूटने से कौन कौन से उत्पाद बनते हैं? इसे सुनेंरोकेंग्लूकोज के पूर्ण ऑक्सीकरण के फलस्वरूप कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल बनने हेतु जीवधारियों में क्रेब्स चक्र के द्वारा होता है, जिसे ऑक्सी श्वसन या साँस कहते हैं, जिसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। |