राम ने हनुमान को अपने से पूर्व अयोध्या क्यों भेजा? - raam ne hanumaan ko apane se poorv ayodhya kyon bheja?

CBSE Class 6 Hindi Bal Ram Katha Important Questions Chapter 12 - Ram Ka Rajyabhishek - Free PDF Download

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FAQs on Important Questions for CBSE Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 12 - Ram Ka Rajyabhishek

1. How to prepare for Chapter 12 of Class 6 Hindi textbook Bal Ram Katha?

To prepare a good study plan for Chapter 12 of Hindi textbook Bal Ram Katha, you must make sure you incorporate all the elements that make their way into the exams in it. You must make it in such a way that you first get time for reading the chapter and making notes, then study in such a way that all the topics are deeply covered and lastly make way for revision. This type of study plan will help you organise your time in a better way and you would cover all the concepts as well.

2. What are NCERT Solutions for Chapter 12 Class 6 Hindi?

NCERT Solutions for Chapter 12 Class 6 Hindi are a compilation of all the NCERT questions with their respective answers that are designed in a way that they cover all the concepts through the questions that are given in the NCERT. They are written by experts and with careful deliberation such that they are comprehensive. If you study through the NCERT and then practice all the NCERT Solutions, then you would surely be able to get great marks in your exams. Students can visit the Vedantu website and download NCERT solutions, important questions and other study material free of cost.

3. Is Chapter 12 of Class 6 Hindi easy?

Chapter 12 of Class 6 Hindi textbook Bal Ram Katha is tricky but if you study the chapter in the right manner then you will be able to find it easy. You must practise on a regular basis and get your writing reviewed. Your teacher will be able to provide you with a more thorough understanding of how you may develop in many areas. You may practise writing literature through the questions in the NCERT and also make some and then have them graded.

4. How to get full marks in Chapter 12 of Class 6 Hindi?

To get full marks in Chapter 12 of the Class 6 Hindi textbook Bal Ram Katha, you must go about smartly to make the most of your time. You must start by reading the NCERT text of Chapter 12 thoroughly and then proceed by making notes of the content that you read. You can then attempt the questions of the NCERT or make some chapter-relevant questions of your own and then answer them. You must do the NCERT solutions as they have the highest probability of coming in the exam. For more information, visit the Vedantu app and website.

5. How to make notes for Chapter 12 of Class 6 Hindi?

Chapter 12 of Class 6 Hindi textbook Bal Ram Katha must be handled tactfully as it is a very important chapter and for a greater understanding, it is important to make efficient notes for it. Therefore, you can visit Vedantu where you will come across important class 6 Hindi questions prepared by experts. These solutions are explained in a simple language to help the students.

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NCERT Solutions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 12 – राम का राज्याभिषेक

NCERT Solutions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 12 राम का राज्याभिषेक – आज हम आपको कक्षा 6 बाल रामकथा पाठ 12 राम का राज्याभिषेक पाठ के प्रश्न-उत्तर (Ram ka Rajyabhishek Question Answer) के बारे में बताने जा रहे है । जो विद्यार्थी 6th कक्षा में पढ़ रहे है उनके लिए यह प्रश्न उत्तर बहुत उपयोगी है . यहाँ एनसीईआरटी कक्षा 6 हिंदी अध्याय 12 (राम का राज्याभिषेक) का सलूशन दिया गया है. जिसकी मदद से आप अपनी परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सकते है. इसलिए आप Class 6th Hindi Chapter 12 राम का राज्याभिषेक के प्रश्न उत्तरों को ध्यान से पढिए ,यह आपकी परीक्षा के लिए फायदेमंद होंगे.

Class 6
Subject Hindi
Book बाल रामकथा
Chapter Number 12
Chapter Name राम का राज्याभिषेक

NCERT Solutions For Class 6 हिंदी (बाल रामकथा) Chapter 12 राम का राज्याभिषेक

परीक्षोपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. विभीषण ने राम को लंका में रोकने के लिए क्या कहा ?

उत्तर-विभीषण ने राम को लंका में रोकने के लिए कहा, “मैं चाहता हूँ कि आप कुछ दिन यहाँ रुक कर विश्राम कर लें। युद्ध की थकान उतर जाएगी। वैसे इसमें मेरा स्वार्थ भी है। मुझे आपका सान्निध्य तथा आपकी रीति एवं नीति को सीखने का अवसर मिल जाएगा। आपने मेरी इस लंका नगरी को भी नहीं देखा।

प्रश्न 2. राम ने विभीषण को लंका में न रुकने का क्या कारण बताया ?

उत्तर-राम ने लंका में न रुकने का कारण बताते हुए कहा, “हे मित्र! यह संभव नहीं है।” मेरे वनवास के चौदह वर्ष अब पूरे हो गए हैं। इसलिए मैं तुरंत अयोध्या वापिस जाना चाहता हूँ। भरत मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे। यदि जाने में विलंब हुआ तो वे अपने प्राण दे देंगे। भरत ने प्रतिज्ञा की है। मैं उनकी प्रतिज्ञा से बँधा हूँ।

प्रश्न 3. राम ने भारद्वाज ऋषि के आश्रम से हनुमान जी को भरत के पास क्यों भेजा ?

उत्तर-राम ने भारद्वाज ऋषि के आश्रम से हनुमान जी को भरत के मन की स्थिति जानने के लिए तथा अपने आगमन की पूर्व सूचना देने के लिए भरत के पास भेजा।

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लंका विजय के बाद विभीषण क्या चाहते थे और राम की क्या इच्छा थी?

उत्तर- लंका विजय के बाद राम ने विभीषण को लंका का राजा बना दिया था। विभीषण चाहते थे कि राम कुछ दिन लंका में विश्राम करके इस युद्ध की थकान दूर करें। राम की यह इच्छा थी कि वे शीघ्र ही अयोध्या लौट जाएँ क्योंकि उनके वनवास के चौदह वर्ष पूरे हो गए हैं। यदि वे समय पर अयोध्या नहीं लौटे तो भरत अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार उनके समय पर न लौटने पर प्राण दे देंगे।

प्रश्न 2 राम ने पुष्पक विमान से सीता को कौन-कौन से स्थल दिखाए ?

उत्तर- राम ने पुष्पक विमान से सीता को वह स्थान दिखाया जहाँ उनका रावण से युद्ध हुआ था। उन्होंने सीता को नल-नील द्वारा समुद्र पर बनाया गया पुल और वानरराज सुग्रीव की राजधानी किष्किंधा, ऋष्यमूक पर्वत, पंपासरोवर, गोदावरी नदी और पंचवटी में अपनी बनाई हुई पर्णकुटी भी दिखाई।

प्रश्न 3. श्री राम ने अयोध्या जाने से पहले कहाँ और क्यों विश्राम किया?

उत्तर- श्री राम ने अयोध्या जाने से पहले गंगा-यमुना के संगम पर बने ऋषि भारद्वाज के आश्रम में विश्राम किया। वे यहाँ से हनुमान को भरत के पास अपने आगमन की सुचना देने के लिए भेजना चाहते थे। वे यह भी जानना चाहते थे कि कहीं इस चौदह वर्ष के समय में भरत को सत्ता मोह तो नहीं हो गया? यदि ऐसा है तो वे अयोध्या नहीं जाएंगे।

प्रश्न 4. राम के आगमन का समाचार सुनकर भरत पर क्या प्रभाव पड़ा और उन्होंने राम का कैसे स्वागत किया?

उत्तर- राम के आगमन का समाचार सुनकर भरत की खुशी का ठिकाना न रहा और उनकी आँखों में खुशी के आँसू आ गए। इस शुभ सूचना के लिए उन्होंने हनुमान को धन्यवाद दिया। नंदीग्राम में उन्होंने राम का भव्य स्वागत किया। राम ने उन्हें गले से लगा लिया। भरत राम की खड़ाऊँ उठा लाए और झुककर अपने हाथों से उनके पैरों में पहना दी।

प्रश्न 5. राम का राज्याभिषेक कैसे हुआ?

उत्तर- मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे थे। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न उनके पास खडे थे। हनमान नीचे बैठे थे। माताओं ने उनकी आरती उतारी थी। मंगलाचार हुआ और शुभगीत गाए गए। राम ने सीता को बहुमूल्य हार उपहार स्वरूप दिया। प्रजाजनों को भी उपहार दिए गए।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तस्वीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है, जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।

उत्तर- मैं यहाँ अपने घर के आँगन का वर्णन कर रहा हूँ एक बड़ा आँगन है। सामने कुछ गमले हैं इनमें रंग बिरंगे फूल खिले हैं। साइड में दाईं ओर एक चौकी पड़ी है। चौकी के आगे चार कर्सियाँ और एक मेज बेढंगे तरीके से पड़ी हई हैं। सामने एक दरवाज़ा है। रसोई में खुलता है। दोनों तरफ़ दो दरवाजे हैं। एक बाहर जाने के लिए और दूसरा अंदर के कमरे में जाने के लिए हैं। मेज़ पर अख़बार बिखरा पड़ा है।

प्रश्न 2. विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा, इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है?

उत्तर- मुझे वैसे तो गुस्सा नहीं आता परंतु जब कोई मेरी किसी से झूठी शिकायत करता है तो मुझे बहुत गुस्सा आता है और जब मुझे ऐसा करने वाले का पता चलता है तो मैं तो मैं अपना क्रोध पीकर शंतिपूर्वक उससे बात करता हूँ। जब कोई मुझे बिना किसी अपराध के डाँटता है तब भी मुझे गुस्सा आता है। परंतु मैं चुपचाप सुनकर वहाँ से चला जाता हूँ और विश्वामित्र की तरह क्रोध को पी जाता हूँ।

प्रश्न 3. राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?

उत्तर- मेरे विचार में राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी इसलिए स्वीकार किया होगा क्योंकि यह एक महाराज की और उनके पिता की आज्ञा थी। वे अपने पिता की आज्ञा का पालन करना अपना कर्तव्य समझते थे। इसके अतिरिक्त उन्हें महर्षि की सेवा करने, उनके साथ जगह-जगह घूमने तथा उनसे शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिल सकता था।

प्रश्न 4. विश्वामित्र ने कहा, “ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर- विश्वामित्र ने जानवरों और वनस्पतियों को जंगल की शोभा इसलिए कहा है कि इनसे ही जंगल बनता है। घने वृक्ष और जानवरों के कारण ही जंगल-जंगल कहलाता है। इनसे जंगल का आकर्षण बढ़ जाता है। ये किसी को हानि नहीं पहुँचाते हैं। इनसे पर्यावरण संतुलन भी बना रहता है। इनके अंदर रहने वाली मायावी राक्षसी शक्तियाँ ही भय का कारण होती हैं।

प्रश्न 5. लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।

उत्तर- लक्ष्मण का शूर्पणखा के नाक-कान काटना उचित था। शूर्पणखा बार-बार राम और लक्ष्मण को उससे विवाह करने के लिए विवश कर रही थी। उनके मना करने पर भी वह नहीं मान रही थी। बाद में वह जब सीता पर आक्रमण करने लगी तो लक्ष्मण ने तलवार से उसके नाक-कान इसलिए काट दिए क्योंकि वे स्त्री का वध नहीं करना चाहते थे। नाक-कान काटकर उन्होंने उसे उसके अपराध की सज़ा दी थी।

प्रश्न 6. विश्वामित्र और कैकेयी दोनों ही दशरथ को रघुकुल के वचन निभाने की प्रथा याद दिलाते हैं। तुम अपने अनुभवों की मदद से बताओ कि क्या दिया हुआ वचन निभाना हमेशा संभव होता है?

उत्तर- मेरी कोशिश तो यही रहती है कि मैं जिसे जो वचन दूँ उसे पूरी तरह से निभाऊँ भी। कभी-कभी ऐसा करना संभव नहीं भी होता। एक दिन मैंने अपने मित्र रोहन से कहा था कि मैं शाम के पाँच बजे उसके साथ बाज़ार चलूँगा परंतु उसी दिन मुझे ज्वर हो गया और मैं उसके साथ नहीं जा सका। घर का टेलीफ़ोन खराब था इसलिए मैं उसे सूचना भी नहीं दे सका। वह मेरा इंतज़ार करता रहा और मैं अपना वचन नहीं निभा सका।।

प्रश्न 7. मान लो तुम्हारे स्कूल में रामकथा को नाटक के रूप में खेलने की तैयारी चल रही है। तुम इस नाटक में उसी पात्र की भूमिका निभाना चाहते हो जो तुम्हें सबसे ज्यादा अच्छी, दिलचस्प या आकर्षक लगती है। वह पात्र कौन-सा है और क्यों ?

उत्तर- मैं अपने स्कूल में होने वाली रामकथा के नाटक में हनुमान की भूमिका निभाना चाहूँगा। हनुमान वीर, निडर, उत्साही, भक्त तथा अपने रूप से सबका मनोरंजन करते हैं। इस पात्र की भूमिका करने से मैं दर्शकों को अपने अभिनय से अपना प्रशंसक बना सकता हूँ और उनका मनोरंजन भी कर सकता हूँ। हनुमान बनकर मैं राम का प्रिय दास और भक्त भी बन जाऊँगा।

प्रश्न 8. सीता बिना बात के राक्षसों के वध के पक्ष में नहीं थी जबकि राम राक्षसों के विनाश को ठीक समझते थे। तुम किससे सहमत हो राम से या सीता से? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर- मैं राम के पक्ष से सहमत हूँ। राक्षस बुरे स्वभाव के होते हैं। वे ऋषि-मुनियों को तपस्या नहीं करने देते। उनके यज्ञ में विघ्न डालते हैं। उन्हें अच्छे कार्य अच्छे नहीं लगते। वे बुरे कार्य करते हैं तथा अच्छे लोगों को तंग करते हैं। इस प्रकार के दुष्ट मायावी राक्षसों का वध करना उचित है, जिससे समाज में शांति तथा सुख-समृद्धि व्याप्त हो सके।

प्रश्न 9. रामकथा के तीसरे अध्याय में मंथरा कैकेयी को समझती है कि राम को युवराज बनाना उसके बेटे के हक में नहीं है। इस प्रसंग को अपने शब्दों में कक्षा में नाटक के रूप में प्रस्तुत करो।

उत्तर- मंथरा (क्रोध से)-अरे मेरी मूर्खा रानी! उठ। तेरे ऊपर भयानक विपदा आने वाली है।
कैकेयी (आँख मलते हुए)-क्यों चिल्ला रही है। क्या हुआ?
मंथरा-होश में आओ। विपत्ति का पहाड़ टूट पड़े, इससे पहले जाग जाओ।
कैकेयी-कैसी मुसीबत? सब कुशल तो है?
मंथरा-कैसा कुशल? कैसा मंगल? सब अमंगल ही है। कैकेयी-कैसे?
मंथरा-राम का राज्याभिषेक हो रहा है। वे युवराज बनेंगे।
कैकेयी-यह तो शुभ समाचार है। मंथरा-तुम्हारी मति मारी गई है। यह शुभ नहीं अशुभ समाचार है।
कैकेयी-कैसे? मंथरा-राम के युवराज बनते ही तुम कौशल्या की दासी और भरत राम का दास बन जाएगा।
कैकेयी-तो क्या करूँ?
मंथरा-तुम महाराज दशरथ से अपने दो वरदान माँग लो।
कैकेयी-क्या माँगू?
मंथरा-भरत के लिए राजगद्दी और राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास
कैकेयी-हाँ, यही ठीक रहेगा।

प्रश्न 10. तुमने ‘जंगल और जनकपुर’ तथा ‘दंडकवन में दस वर्ष’ में राक्षसों द्वारा मुनियों को परेशान करने की बात पढ़ी। राक्षस ऐसा : क्यों करते थे? क्या यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रहते? कारण बताते हुए उत्तर दो।

उत्तर- राक्षसों का यह स्वभाव होता है कि उन्हें कोई भी अच्छा कार्य करना अच्छा नहीं लगता। वे सदा ऐसे कार्य करते हैं, जिससे मानव का कल्याण न हो। इस प्रकार के बुरे कार्य करने की आदत होने के कारण उन्हें ऋषि-मुनियों का पूजा-पाठ करना, यज्ञ करना आदि भी अच्छा नहीं लगता था और वे उनके इन कार्यों में विघ्न डालते थे। इस प्रकार दोनों का विपरीत स्वभाव, रुचियाँ आदि होने के कारण यह संभव नहीं था कि दोनों शांतिपूर्वक वन में रह सकते।

प्रश्न 11. हनुमान ने लंका से लौटकर अंगद और जामवंत को लंका के बारे में क्या-क्या बताया होगा?

उत्तर- हनुमान ने लंका से लौटकर समुद्र-तट पर प्रतीक्षा करते हुए अंगद और जामवंत को बताया कि लंका बहुत भव्य और सोने से बनी नगरी थी। वहाँ भव्यभवन, सुवासित उद्यान, बड़े-बड़े वृक्ष आदि थे। राजमहल बहुत विशाल था। महल में अस्त्र-शस्त्रधारी पहरेदार थे। वहाँ पशुशालाएँ भी थीं। रावण का दरवार भव्य था। वह रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठा था। जब उसकी पूँछ में आग लगा दी गई तो उसने उछल-कूद कर सारी लंका जला दी थी।

प्रश्न 12. तुमने बहुत-सी पौराणिक कथाएँ और लोक कथाएँ पढ़ी होंगी। उनमें क्या अंतर होता है? यह जानने के लिए पाँच-पाँच के समूह में कक्षा के बच्चे दो-दो पौराणिक कथाएँ और लोककथाएँ इकट्ठा करें। कथ्य (कहानी), भाषा आदि के अनुसार दोनों प्रकार की कहानियों का विश्लेषण करें और उनके अंतर लिखें।

उत्तर- विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 13. क्या होता यदि
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फ़ैसला न किया होता।

उत्तर- (क) राजा दशरथ यदि कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार न करते तो रघुकुल की वचन पालन करने की प्रतिज्ञा भंग हो जाती। राजा दशरथ कलंकित हो जाते। राम और भरत में राजगद्दी के लिए संघर्ष भी हो सकता था। कौशल्या और कैकेयी में भी मन-मुटाव हो जाता। राक्षसों का वध नहीं होता।

(ख) रावण ने यदि विभीषण और अंगद का सझाव मानकर सीता राम को लौटा दी होती तो राक्षस वंश का विनाश नहीं होता।

इस पोस्ट में हमने आपको Chapter 12 राम का राज्याभिषेक Bal Ram Katha Hindi Questions Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 12 Question Answers Class 6 Hindi Chapter 12 Ram Ka Rajyabhishek Question Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 12 राम का राज्याभिषेक प्रश्न राम का राज्याभिषेक पाठ के प्रश्न उत्तर Class 6th Bal Ram Katha Chapter 12 Ram ka Rajyabhishek Explanation से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके हम से जरूर पूछें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

अयोध्या लौटते समय राम ने रात कहाँ पर गुजारी थी?

श्रृंगवेरपुर में राम इसी जगह उन्‍होंने केवट से गंगा पार कराने को कहा था। यहां पर भगवान राम एक दिन ठहरे थे। लंका से लौटते समय यहां रामजी ने केवट से फिर भेंट किया था। यहां केवट ने देवी सीता समेत माता गंगा की पूजा की थी

राम जी ने हनुमान जी को अयोध्या क्यों भेजा था?

उत्तर: राम ने हनुमान को सबसे पहले अयोध्या भेजा ताकि वे सबसे पहले ये जान सके कि भरत को उनके आने की ख़ुशी है या नहीं। इसीलिए वे सीधा अयोध्या नहीं जाना चाहते थे। उनके मन में यह भी संदेह था कि कहीं भरत को सत्ता का मोह तो नहीं आ गया है। उन्होंने हनुमान को कहा की ध्यान से देखना कि यह समाचार सुनकर भरत को प्रसन्नता हुई की नही।

राम ने हनुमान को अयोध्या भेजते समय क्या निर्देश दिया?

प्रश्न-1 राम ने हनुमान को अयोध्या भेजते समय क्या निर्देश दिए? उत्तर- राम ने हनुमान को अयोध्या भेजते समय निर्देश दिए कि वह भरत को उनके आने की सूचना देते समय ध्यान से देखें कि यह समाचार सुनकर उनके चेहरे पर कैसे भाव आते हैं।

अयोध्या आने से पूर्व राम ने पुष्पक विमान को कहाँ पर भेज दिया था?

नंदीग्राम से चलने के पूर्व राम ने पुष्पक विमान को कुबेर के पास भेज दिया था