सुप्रीम कोर्ट का फैसला कैसे सर्च करें? - supreem kort ka phaisala kaise sarch karen?

गुजरात में आख़िरी समय का जोड़-घटाव बीजेपी को कितना फ़ायदा पहुंचाएगा, जजों की नियुक्ति पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव कैसे ख़त्म होगा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों के बाद चुनाव को लेकर क्या सेंटीमेंट हैं और इंडिया-न्यूजीलैंड ODI सीरीज़ पर बातचीत, सुनिए 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र से.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बेहद अहम फैसला दिया है। उसने व्यवस्था दी है कि कब्जाधारी व्यक्ति (एडवर्स पजेसर) उस जमीन या संपत्ति का अधिकार लेने का दावा कर सकता है जो 12 वर्ष या उससे अधिक समय से बिना...

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कैसे सर्च करें? - supreem kort ka phaisala kaise sarch karen?

Madanनई दिल्ली, श्याम सुमन Thu, 08 Aug 2019 07:25 AM

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बेहद अहम फैसला दिया है। उसने व्यवस्था दी है कि कब्जाधारी व्यक्ति (एडवर्स पजेसर) उस जमीन या संपत्ति का अधिकार लेने का दावा कर सकता है जो 12 वर्ष या उससे अधिक समय से बिना किसी व्यवधान के उसके कब्जे में है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि इतना ही नहीं अगर ऐसे व्यक्ति को इस जमीन से बेदखल किया जा रहा है तो वह उसकी ऐसे रक्षा कर सकता है जैसे वह उसका मूल स्वामी हो। 

जस्टिस अरुण मिश्रा, एसए नजीर और एमआर शाह की पीठ ने यह व्यवस्था देते हुए पूर्व में इस संबंध में शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ के फैसले को सही कानून नहीं माना और उसे निरस्त कर दिया। लेकिन उन्होंने इस बारे में विभिन्न उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत की पीठ के अलग-अलग दिए गए फैसलों को देखते हुए इस मुद्दे को अंतिम रूप से निर्णित करने के लिए बड़ी बेंच (संविधान पीठ) को रेफर कर दिया। 

इससे पूर्व 2014 में उच्चतम न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने फैसला दिया था कि एडवर्स कब्जाधारी व्यक्ति जमीन का अधिकार नहीं ले सकता है। साथ ही कहा था कि अगर मालिक जमीन मांग रहा है तो उसे यह वापस करनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने इस फैसले में यह भी कहा था कि सरकार एडवर्स पजेशन के कानून की समीक्षा करे और इसे समाप्त करने पर विचार करे। 

जस्टिस मिश्रा की पीठ ने हालांकि कहा कि लिमिटेशन एक्ट, 1963 की धारा 65 में यह कहीं नहीं कहा गया है कि एडवर्स कब्जाधारी व्यक्ति अपनी भूमि को बचाने के लिए मुकदमा दायर नहीं कर सकता है। ऐसा व्यक्ति कब्जा बचाने के लिए मुकदमा दायर कर सकता है और एडवर्स कब्जे की भूमि का अधिकार घोषित करने का दावा भी कर सकता है। 

कोर्ट ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब बनाम ग्राम पंचायत श्रीथला(2014), उत्तराखंड बनाम मंदिर श्रीलक्षमी सिद्ध महाराज (2017)और धर्मपाल बनाम पंजाब वक्फ बोर्ड (2018) में दिए गए फैसलों को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ये फैसले सही कानून का प्रतिपादन नहीं करते। 

क्या है एडवर्स पजेशन

भूमि कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति 12 साल या उससे अधिक समय तक जमीन पर कब्जा रखता है या उसकी देखभाल करता है और मालिक को इसके बारे में पता है लेकिन वह उसे कभी इसे हटाने के लिए नहीं कहता है, तो ऐसा व्यक्ति उस जमीन का मालिक हो जाएगा।

ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक वजूखाने से मिले 'शिवलिंग' का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है। इससे पहले अदालत ने 12 नवंबर तक संरक्षण का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कैसे सर्च करें? - supreem kort ka phaisala kaise sarch karen?

Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 11 Nov 2022 04:06 PM

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वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए अगले आदेश तक वजूखाने  का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है, जहां से 'शिवलिंग' मिला था। इससे पहले अदालत ने 12 नवंबर तक संरक्षण का आदेश दिया था, जिसकी तारीख शनिवार को खत्म हो रही थी। ऐसे में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए इसे बढ़ाने का आदेश दे दिया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच से अपील की थी कि इस संरक्षण को जारी रखा जाए। इस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए 17 मई के अपने आदेश को जारी रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 17 मई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी के अंदर जिस वजूखाने से शिवलिंग मिला था, उसे संरक्षित रखा जाए। फिलहाल वहां केंद्रीय बलों की तैनाती है और उसका संरक्षण किया जा रहा है ताकि उसके स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न हो सके और यथास्थिति बनी रहे। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील रखे जाने के फैसले को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर जवाब देने के लिए हमें तीन सप्ताह का वक्त दिया है।'

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