संस्कृत वर्ष कब घोषित किया गया? - sanskrt varsh kab ghoshit kiya gaya?

हिंदू संस्कृति में पूजा और मंत्रों का उच्चारण संस्कृत में किया जाता है. माना जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3500 साल पहले भारत में हुई थी. संस्कृत भाषा को देव वाणी अर्थात भगवान की भाषा भी कहा जाता है.

संस्कृत वर्ष कब घोषित किया गया? - sanskrt varsh kab ghoshit kiya gaya?

भारत में विश्व संस्कृत दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था.

विश्व संस्कृत दिवस या संस्कृत दिवस को विश्वसंस्कृतदिनम् के नाम से भी जाना जाता है. यह श्रावण पूर्णिमा पर यानी फुल मून के दिन मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर में श्रावण के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है. इस साल संस्कृत दिवस 22 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है. 2020 में यह 3 अगस्त को मनाया गया. जबकि 2019 में यह 15 अगस्त को मनाया गया था.

संस्कृत दिवस (Sanskrit Language) संस्कृत की प्राचीन भारतीय भाषा पर केंद्रित एक वार्षिक उत्सव है, जिसमें भाषा के बारे में व्याख्यान शामिल हैं. इस दिवस का उद्देश्य संस्कृत भाषा का पुनरुद्धार करना और इसके सरंक्षण को बढ़ावा देना है. संस्कृत भाषा को उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया गया था. संस्कृत भाषा में लगभग 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्दों की सबसे बड़ी शब्दावली है.

संस्कृत दिवस का इतिहास

भारत में विश्व संस्कृत दिवस या संस्कृत दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था. यह प्राचीन भारतीय भाषा को लेकर जागरूकता फैलाने, बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए मनाया जाता है. यह भारत की समृद्ध संस्कृति की विशेषता है. संस्कृत दिवस पर कई कार्यक्रम और पूरे दिन के सेमिनार होते हैं जो संस्कृत भाषा के महत्व, इसके प्रभाव और इस खूबसूरत भाषा को बढ़ावा देने की बात करते हैं.

जैसा कि हम जानते हैं कि हिंदू संस्कृति में पूजा और मंत्रों का उच्चारण संस्कृत में किया जाता है. माना जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3500 साल पहले भारत में हुई थी. संस्कृत भाषा को देव वाणी अर्थात भगवान की भाषा भी कहा जाता है. संस्कृत भाषा की जड़ों का पता दो हजार ईसा पूर्व में भी लगाया जा सकता है. माना जाता है कि इस समय ऋग्वेद में भजनों का एक संग्रह लिखा गया था.

संस्कृत दिवस का महत्व

संस्कृत दिवस प्राचीन भारतीय भाषा को जागरूकता फैलाने, बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए मनाया जाता है. यह दिन अनिवार्य रूप से संस्कृत भाषा को सीखने और इसे जानने के महत्व की बात करता है. संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है और भारत में बोली जाने वाली प्राचीन भाषाओं में पहली है. संस्कृत सबसे ज्यादा कंप्यूटर फ्रेंडली लैंग्वेज है.

साल 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय और राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था. तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन को इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था. आजकल देश में ही नहीं, विदेश में भी संस्कृत उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसमें केंद्र और राज्य सरकारों का भी योगदान उल्लेखनीय है.

विश्व संस्कृत दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दीं. उन्होंने संस्कृत भाषा में ट्वीट करते हुए लिखा…

“एषा भाषा प्राचीना चेदपि आधुनिकी,

यस्यां गहनं तत्त्वज्ञानम् अस्ति तरुणं काव्यम् अपि अस्ति,

या सरलतया अभ्यासयोग्या परं श्रेष्ठदर्शनयुक्ता च,

तां संस्कृतभाषाम् अधिकाधिकं जनाः पठेयुः।

सर्वेभ्यः संस्कृतदिवसस्य शुभाशयाः।”

एषा भाषा प्राचीना चेदपि आधुनिकी, यस्यां गहनं तत्त्वज्ञानम् अस्ति तरुणं काव्यम् अपि अस्ति, या सरलतया अभ्यासयोग्या परं श्रेष्ठदर्शनयुक्ता च, तां संस्कृतभाषाम् अधिकाधिकं जनाः पठेयुः। सर्वेभ्यः संस्कृतदिवसस्य शुभाशयाः।

— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2021

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संस्कृत वर्ष कब घोषित किया गया? - sanskrt varsh kab ghoshit kiya gaya?

World Sanskrit Day 2020: हर साल श्रावणपपूर्णिमा के दिन को विश्व संस्कृत दिवस  के रूप में मनाया जाता है, जो कि हिंदू कैलेंडर अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन है, जिसे रक्षा बंधन के रूप में भी जाना जाता है। इस साल यानि 2020 में इस दिन को 3 अगस्त 2020 को मनाया जा रहा है। यह दिन संस्कृत की प्राचीन भारतीय भाषा की याद में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इसके पुनरुद्धार और रखरखाव को बढ़ावा देना है।

विश्व संस्कृत दिवस का इतिहास:

भारत सरकार ने वर्ष 1969 में रक्षा बंधन के अवसर पर विश्व संस्कृत दिवस मनाने का फैसला किया, जो कि हिंदू कैलेंडर अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन पड़ता है। इस भाषा को दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है। साथ ही, इस इसकी जड़ें कई भाषाओं हिंदी, गुजराती और बंगाली सहित संस्कृत में मिलती हैं।

संस्कृत भाषा की उत्पत्ति:

संस्कृत एक पुरानी इंडो-आर्य भाषा है और जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति लगभग 3500 साल पहले भारत में ही हुई थी। इस भाषा से कई विद्वान जुड़े हुए हैं। हालाँकि, लिखित रूप में संस्कृत भाषा की उत्पत्ति 2 वीं सहस्त्राब्दी ईसा पूर्व से पहले की है, जब ऋग्वेद, भजनों का एक संग्रह लिखा गया था।

संस्कृत भाषा कब घोषित की गई?

अतः हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि संस्कृत को 2005 में एक शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया था।

संस्कृत दिवस कब शुरू हुआ?

ऐसा माना जाता है कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति भारत में करीब 3500 वर्ष पहले हुई थी। साल 1969 में पहली बार संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य संस्कृत के पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता फैलाना और उसे बढ़ावा देना है।

संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है?

22 अगस्त को विश्व संस्कृत दिवस है। यह दिन प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में संस्कृत भाषा के प्राचीनतम भाषा होने की वजह से यह दिन मनाया जाता है। हमारी धार्मिक संस्कृति में इसे देव भाषा कहा जाता है।

संस्कृत भाषा का दूसरा नाम क्या है?

संस्कृत भाषा का दूसरा नाम देववाणी है।