श्री कृष्ण का व्रत कैसे रखते हैं? - shree krshn ka vrat kaise rakhate hain?

जन्‍माष्‍टमी का व्रत रखते हुए सेहत से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान, जानें क्‍या खाएं और किन चीजों से करें परहेज

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जन्‍माष्‍टमी का व्रत रखते हुए सेहत से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान, जानें क्‍या खाएं और किन चीजों से करें परहेज

अगर आप भी भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं और हर साल जन्‍माष्‍टमी का उपवास रखते हैं तो व्रत रखते समय सेहत से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखना न भूलें। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के व्रत में सेहतमंद बने रहने के

श्री कृष्ण का व्रत कैसे रखते हैं? - shree krshn ka vrat kaise rakhate hain?

Manju Mamgainलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 18 Aug 2022 08:13 AM

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Things to remember while fasting for Krishna Janmashtami: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस साल देशभर में जन्माष्टमी का त्यौहार 18 और 19 अगस्त, दोनों दिन ही मनाया जाएगा। इस दिन व्रत रखने वाला व्यक्ति पूरा दिन उपवास रखकर रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद व्रत खोलता है। ऐसे में अगर आप भी भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं और हर साल जन्‍माष्‍टमी का उपवास रखते हैं तो व्रत रखते समय सेहत से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखना न भूलें। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के व्रत में सेहतमंद बने रहने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं।

जन्‍माष्‍टमी का पर्व आने ही वाला है। यह पर्व हर कृष्‍ण भक्‍त के लिए बेहद खास होता है और इस दिन को विशेष बनाने के लिए  वे पहले से ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। यह व्रत आम व्रत से कुछ अलग होता है। चलिए हम आपको इसके कुछ विशेष नियम बताते हैं। 

जन्‍माष्‍टमी के पहले 

श्री कृष्ण वैष्‍णव थे, इसलिए जन्‍माष्‍टमी के एक दिन पहले सात्विक भोजन करें और फिर दूसरे दिन उपवास रखें । 

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व्रत का संकल्प कैसे करें 

श्री कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और श्रीकृष्ण के आगे व्रत का संकल्प करें। यह संकल्प आप हाथों में तुलसी की एक पत्ती  पकड़ कर करें और साथ ही व्रत के दौरान होने वाली किसी भी भूल के लिए पहले ही क्षमा मांग लें। 

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विवाहित लोगों के लिए नियम 

यदि आप विवाहित हैं तो उपवास रखने के एक रात्रि पूर्व आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। खासतौर पर रात्रि 12 बजे के बाद से ही आपका उपवास प्रारंभ हो जाता है और यह अगले दिन रात में 12 बजे ही श्री कृष्‍ण के जन्‍म के बाद ही खुलता है। 

श्री विष्णु जी की पूजा 

जन्‍माष्‍टमी के दिन आप भगवान श्री विष्णु की पूजा करें और उन्हें तिल अर्पित करें। वहीं मध्याह्न के समय खुद तिल के पानी से स्नान करें, ऐसी मान्‍यता है कि इस समय से श्री कृष्ण की माता देवकी जी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी और फिर रात्रि में श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था।

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लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उपाय 

जन्‍माष्‍टमी के दिन आप लक्ष्‍मी नारायण की भी पूजा करनी चाहिए। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए आपको घर के द्वार को कमल के फूलों से सजाना चाहिए। कमल का फूल भगवान श्री विष्णु को भी भी अति प्रिय है क्योंकि देवी लक्ष्‍मी इस पुष्प में वास करती हैं। 

क्यों काटा जाता है खीरा 

जन्‍माष्‍टमी के व्रत में आप सारे फलों का सेवन कर सकते हैं, मगर इस दिन श्री कृष्‍ण के जन्‍म से पूर्व खीरा नहीं काटना चाहिए। दरअसल, खीरे की स्‍टेम कट करके ही श्रीकृष्ण का जन्म होता है। ऐसा कहा जाता है खीरे की स्‍टेम को बच्चे की नाल समझ कर श्री कृष्‍ण जन्‍म के वक्त काटा जाता है। 

Laddu Gopal Ke Liye Vrat

व्रत में किसी चीज का करें सेवन 

जन्‍माष्‍टमी के व्रत में आप फलाहार कर सकती हैं। सुबह से रात तक आप फलों का सेवन करें और रात में आप साधारण भोजन कर के व्रत खोल सकती हैं, वैसे जो लोग पूरे दिन व्रत रखना चाहते हैं वे लोग रात्रि भोजन में भी  फल, दही, दूध और श्री कृष्ण के चढ़े प्रसाद का सेवन करें। 

शाम की पूजा के लिए क्या करें 

श्री कृष्‍ण के जन्‍म दिवस पर आप व्रत रख रही हैं, तो शाम को पूजा के वक्त आपको नए वस्त्र पहनने चाहिए। 

मौन व्रत भी करें 

इस दिन आप मौन व्रत रखकर श्री कृष्ण के नाम का जाप भी कर सकती हैं। यदि मौन व्रत नहीं रख रही हैं तो आपको पूरे दिन श्रीकृष्ण के नाम का जाप करना चाहिए। 

जन्‍माष्‍टमी पर तुलसी का महत्व

इस दिन आप पानी में तुलसी की पत्ती डालकर उसका सेवन करें। इतना ही नहीं, आपको तुलसी की भी इस दिन विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और श्रीकृष्ण के हर भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखना चाहिए। 

इस तरह करें प्रसाद ग्रहण 

व्रत रखने वाले हर जातक को श्री कृष्‍ण जन्‍म के बाद उन्हें झूला जरूर झूलाना चाहिए और जिस पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराया है, उसे प्रसाद के रूप में जरूर ग्रहण करें। 

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कृष्ण भगवान का व्रत कैसे रखना चाहिए?

इस दिन आप फलाहार और जलाहार व्रत रख सकते हैं लेकिन सूर्यास्त से लेकर कृष्ण जन्म तक निर्जल रहना होता है। व्रत के दौरान सात्विक रहना चाहिए। वहीं शाम की पूजा से पहले एक बार स्नान जरूर करना चाहिए। जन्माष्टमी वाले दिन निशीथ काल में बाल गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त इस बार शुक्रवार को रात 12:03 बजे से रात 12:47 मिनट तक रहेगा।

कान्हा जी का व्रत कैसे रखा जाता है?

जन्माष्टमी पर कान्हा को पीले चंदन या फिर केसर का तिलक जरूर लगाएं. साथ ही साथ उन्हें मोर के मुकुट और बांसुरी जरूर अर्पित करें. इसके बाद कान्हा को पुष्प, फल, पंजीरी,चरणामृत आदि अर्पित करें. भगवान श्री कृष्ण की पूजा में जो कुछ भी प्रसाद अर्पित करें उसमें तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं.

कृष्ण जी के व्रत में क्या खाना चाहिए?

जन्‍माष्‍टमी का व्रत एक गिलास लस्‍सी पीकर शुरु कर सकते हैं। लस्‍सी पीने से आपको व्रत में अधिक प्‍यास नहीं लगती और आपका पेट भी भर हुआ रहता है। जन्‍माष्‍टमी के व्रत में जो लोग फलाहार व्रत करते हैं वो दिन या फिर शाम को साबूदाने की खिचड़ी या कुट्टू के आटे की पूरी बनाकर खा सकते हैं।

कृष्ण जी का व्रत कब रखा जाता है?

जन्माष्टमी का व्रत हर साल भाद्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस साल भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि 19 अगस्त 2022 को है। देशभर में आज जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है