दालचीनी का असली नाम क्या है? - daalacheenee ka asalee naam kya hai?

ऐसे होती है दालचीनी में मिलावट

दालचीनी में ज्यादातर उसी की तरह दिखने वाला कैसिया बार्क नामक उत्पाद को मिला दिया जाता है। यह बिल्कुल दालचीनी की तरह ही दिखता है, लेकिन स्वाद और सुगंध में अलग होता है। इसके अलावा कई बार दालचीनी में अमरूद की छाल को मिलाया जाता है। यह भी बिल्कुल दालचीनी की तरह ही दिखती है।

नकली दालचीनी के नुकसान

बाराबंकी के किराना मर्चेंट व्वसायी मायाराम के मुताबिक कैसिया बार्क के सेवन का असर सीधा लीवर पर पड़ता है और काफी नुकसान भी पहुंचाता है। जिसके चलते आपकी पाचन क्रिया खराब हो सकती है। वहीं दालचीनी में होने वाली दूसरी मिलावट भी पाचन तंत्र को काफी नुकसान पहुंचाती है।

ऐसे पहचानें असली दालचीनी

बाराबंकी की अनाज मंडी में मसालों का बड़ा कारोबार करने वाले घनश्याम के मुताबिक कैसिया बार्क को पास से देखने पर उसकी बाहर की परत खुरदुरी नजर आती है। जबकि दालचीनी की परत चिकनी होती है। दालचीनी की परत काफी पतली होती है। असली दालचीनी हल्के भूरे रंग की होती है और इसकी अपनी अलग ही खुशबू होती है। जबकि कैसिया बार्क में कोई सुगंध नहीं होती।

इन बातों का रखें खास ख्याल

- असली दालचीनी की महक मीठी होती है, नकली दालचीनी (Fake Cinnamon) की सुगंध काफी तीखी या सुगंधरहित होती है।
- असली दालचीनी के अंदर से भरी होती है, नकली दालचीनी के अंदर से खोखली होती हैं।
- असली दालचीनी काफी पतली और नाजुक होती है, जबकि नकली दालचीनी मोटी और मजबूत होती है।
- असली दालचीनी स्वाद में मीठी होती है, जबकि नकली मीठी नहीं होती।
- असली दालचीनी चिकनी होती है, जबकि नकली दालचीनी खुरदुरी होती है।

हिमाचल प्रदेश में दालचीनी (cinnamon) की खेती CSIR के हिमालयी जैव संसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान (IHBT) द्वारा पायलट आधार पर शुरू की गई है। हिमाचल प्रदेश में दालचीनी की संगठित खेती 29 सितंबर, 2021 को शुरू की गई थी, जिसके अंतर्गत राज्य के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ऊना जिले में पहला पौधा लगाया था।

हिमाचल प्रदेश में दालचीनी की इन जगहों पर होगी खेती

  • CSIR-IHBT के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने दालचीनी की खेती के शुभारंभ के दौरान यह कहा कि भारत में दालचीनी का बड़ा आयात सिनामोमम कैसिया और सिनामोमम वेरम का है, इस संस्थान के पास सिनामोमम वेरम का पारिस्थितिक आला मॉडलिंग था और दालचीनी की खेती के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान भी की गई।
  • इस संस्थान के आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, सिरमौर और हमीरपुर जिलों में इसकी खेती के लिए संभावित क्षेत्र उपलब्ध हैं।
  • हिमाचल प्रदेश, सिनामोमम वेरम की खेती के साथ, भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने दालचीनी की संगठित खेती शुरु की है।
  • इस प्रारंभिक चरण में, सरकार की योजना बेहतरीन दालचीनी के 600 से 700 पौधे लगाने की है।

दालचीनी (cinnamon) की संगठित खेती से फायदा

दालचीनी की संगठित खेती सफल होने पर व्यावसायिक स्तर पर शुरू किया जाएगा, जिससे भारत के दालचीनी के 909 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के आयात में और कमी आएगी।

इन देशों से भारत आयात करता है दालचीनी (cinnamon)

भारत वर्तमान में श्रीलंका, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और नेपाल से दालचीनी का सालाना आयात करता है। इस 45,318 टन आयात में से 37,166 टन सिनामोमम कैसिया (विभिन्न देशों में प्रतिबंधित प्रजातियां) भारत द्वारा चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया से आयात किया जाता है। CSIR-IHBT के निदेशक के अनुसार केरल में 2000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिनामोमम वेरम की खेती की जा रही थी, लेकिन यह एक असंगठित क्षेत्र था।

दालचीनी (cinnamon) के बारे में ये भी जानें

  • सिनामोन, जिसे आमतौर पर दालचीनी के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा सदाबहार झाड़ीदार पेड़ है जिसकी छाल मुख्य रूप से मसाले के रूप में प्रयोग की जाती है।
  • यूरोपीय और एशियाई व्यंजनों में इसके पाक उपयोगों के अलावा, दालचीनी का उपयोग दवाओं में महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोगों के साथ-साथ प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। असली दालचीनी सिनामोमम वेरम से ली गई है।
  • सिनामोमम वेरम या सच्ची दालचीनी मुख्य रूप से श्रीलंका में उगाई जाती है, जबकि इसके छोटे उत्पादक देशों में मेडागास्कर, सेशेल्स और भारत (असंगठित क्षेत्र) शामिल हैं।
  • सिनामोमम कैसिया की एक और प्रजाति है जिसका उपयोग असली दालचीनी के स्थान पर किया जाता है। हालांकि, इसमें उच्च कुर्मेरिन सामग्री है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और आयरलैंड में दालचीनी की इस किस्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • भले ही असली दालचीनी सिनामोमम वेरम से प्राप्त होती है, लेकिन बाजार में बिकने वाली अधिकांश दालचीनी सिनामोमम कैसिया से प्राप्त होती है।

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Updated: | Thu, 16 Jul 2015 02:33 PM (IST)

अनिल तोमर, मुरैना। हम जिस दालचीनी को स्वाद बढ़ाने व खुशबू लाने के लिए सब्जी में डाल रहे हैं वह असली नहीं बल्कि नकली है। दुकानदार हमें दालचीनी के नाम पर उसी के रंग के किसी झाड़ व पेड़ की छाल बेच रहे हैं।

ऐसा केवल मुरैना के दुकानदार नहीं कर रहे हैं, बल्कि प्रदेश भर के सभी जिलों के दुकानदार कर रहे हैं। वे असली दालचीनी की जगह नकली दालचीनी लोगों को टिका रहे हैं। इस मामले को खुलासा तब हुआ जब खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले महीने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर दुकानों से दालचीनी के सैंपल लिए थे।

सभी जिलों के सैंपल भोपाल की फूड सेफ्टी विभाग की लैब में फेल हो गए। यानि असली दालचीनी निकली ही नहीं है। मुरैना में भी पिछले दिनों 4 सैंपल लिए गए थे। ये सभी सैंपल फेल हुए थे।

खाने में क्या उपयोग होता है दालचीनी का

दालचीनी गरम मसाले का अंग होता है और इसका उपयोग हर तरह की सब्जी का स्वाद व सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है। खासतौर से दावतों में बनने वाले खाने में इसका उपयोग अधिक किया जाता है।

लैब में भी पता नहीं चला

फूड सेफ्टी विभाग की लैब में जांच के दौरान यह तो पता चल गया कि बाजार में बिकने वाली दालचीनी असली नहीं हैं। लेकिन यह पता नहीं लग पाया कि दालचीनी की जगह किस पेड़ की छाल को दुकानदार बेच रहे हैं।

क्यों नहीं लगता पता

दुकानदार दालचीनी के नाम पर जिस पेड़ की छाल को बेच रहे हैं। उसका रंग व रूप बिल्कुल दालचीनी की तरह ही होता है। इसलिए लोग अंतर नहीं कर पाते। इसलिए नकली दालचीनी धड़ल्ले से बाजार में बिक रही है।

क्या कहते हैं जांच करने वाले

पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर दालचीनी के सैंपल लिए गए हैं। सभी जिलों के सैंपल फेल हुए हैं। जांच में केवल यह पता चला कि दालचीनी असली नहीं है। उसकी जगह किसी दूसरे पेड़ पौधे की छाल बाजार में बेची जा रही है। लेकिन किस पेड़ की छाल बेची जा रही है। इसकी पहचान नहीं हो पाई है। -चतुर्भुज मीना, लैब एनालिस्ट, फूड सेफ्टी विभाग भोपाल

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दालचीनी का असली नाम क्या है? - daalacheenee ka asalee naam kya hai?

दालचीनी का असली नाम क्या है? - daalacheenee ka asalee naam kya hai?

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दालचीनी का दूसरा नाम क्या है?

दालचीनी को संस्कृत में त्वाक और अंग्रेजी में सिनामन (cinnamon) कहा जाता है. दालचीनी की स्टिक थोड़ी सी मोटी, सूखी और भूरे रंग की होती है.

असली दालचीनी की पहचान क्या है?

दालचीनी खरीदते वक्त रखें इन बातों का ख्याल.
असली दालचीनी की सुगंध मीठी होती. नकली दालचीनी की सुगंध काफी तीखी होती है..
असली दालचीनी के रोल भरे होते हैं. वहीं नकली दालचीनी के रोल खोखले होते हैं..
असली दालचीनी पतली और नाजुक होती है. ... .
असली दालचीनी का स्वाद मीठा होता है. ... .
असली दालचीनी चिकनी होती है..

दालचीनी के पेड़ को हिंदी में क्या कहते हैं?

गरम मसालों और औषधि के रूप में प्रयुक्त दालचीनी सिन्नेमोमम ज़ाइलैनिकम ब्राइन. (Cinnamomum zeylanicum Breyn.) नामक पेड़ की छाल का नाम है जिसे अंग्रेजी में 'कैशिया बार्क' का वृक्ष कहा जाता है,।

क्या तेजपत्ता और दालचीनी का पेड़ एक ही होता है?

नई दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि तेजपत्ता के पेड़ की छाल को ही दालचीनी कहते हैं कई तरह के खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए तेजपत्ता और दालचीना का इस्तेमाल किया जाता है।