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दैनिक जागरण भारत का एक प्रसिद्ध हिन्दी समाचारपत्र है जो पिछले कई वर्षों से भारत में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला समाचार-पत्र बना हुआ है। [2] यह समाचार पत्र विश्व का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला दैनिक समाचार पत्र है। इस बात की पुष्टि विश्व समाचार-पत्र संघ (वैन)[3] द्वारा की गई है। वर्ष 2008 में बीबीसी और रॉयटर्स् की नामावली के अनुसार[4] यह प्रतिवेदित किया गया कि यह भारत में समाचारों का सबसे विश्वसनीय स्रोत दैनिक जागरण है। अनुक्रम
इतिहास[संपादित करें]दैनिक जागरण को 1942 में शुरू किया गया था। इसका श्रेय आक्रामक स्वतन्त्रता सेनानी श्री पूर्णचन्द्र गुप्त को जाता है। 1943 का वर्ष भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम का बहुत महत्वपूर्ण वर्ष था जब भारत में अंग्रेजों की दासता से मुक्त होने के लिये संघर्ष अपने चरम पर था। भारत छोड़ो आन्दोलन इस संघर्ष का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। ऐसे निर्णायक मोड़ पर दैनिक जागरण को इसके संस्थापक स्वर्गीय पूर्णचन्द्र गुप्त द्वारा जारी किया गया। इस दृष्टि के साथ कि अखबार जन-समूह के मुक्त स्वर को प्रतिबिम्बित कर सके। प्रथम संस्करण 1942 में झाँसी से जारी किया गया। 1947 में इसका मुख्यालय झाँसी से कानपुर ले जाया गया। पूर्णचन्द्र गुप्त कभी भी अपने समाचारपत्र को संभ्रान्त बनाने की अपनी इच्छाशक्ति से नहीं डिगे। संस्करण[संपादित करें]यह समाचारपत्र निम्नलिखित ३१ केन्द्रो से प्रकाशित होता है:
अनुपूरक[संपादित करें]दैनिक जागरण की सफलता का कारण इस पत्र का जनोन्मुखी होना है। किसी भी विषय पर संपूर्ण और निष्पक्ष जानकारी उपलब्ध कराने के पथ से यह कभी नहीं डिगा है। अपने प्रमुख दैनिक संस्करण के अतिरिक्त इसने वर्तमान के ज्वलंत मुद्दों और और अपने पाठकों के प्रश्नों को परितृप्त करने के लिए कई साप्ताहिक संस्करण भी आरंभ किए हैं। जैसे:
भगिनी उद्यम[संपादित करें]यह अनुभाग खाली है, अर्थात पर्याप्त रूप से विस्तृत नहीं है या अधूरा है। आपकी सहायता का स्वागत है! सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
अखबार में लेख कैसे पोस्ट करें?आप जिस भाषा में लिखते हो, उस भाषा के अखबार को ईमेल यां कोरियर के द्वारा अपने लेख भेज सकते हो। किसी अखबार का ईमेल यां मेलिंग एड्रेस आप उस अखबार के पन्ने से यां उसकी वेबसाइट्स में से ले सकते हो। अगर एडिटर का फोन नंबर मिल जाए तो और भी बेहतर होता है। उससे बात करके लेख को प्रकाशित करने का अनुरोध कर सकते हो।
दैनिक जागरण में कविताएं कैसे प्रकाशित करें?आप अपनी कविताओं को ऑनलाइन प्रकाशित कर सकते हैं। प्रतियोगिताओं में भाग लें या अपना खुद का बनाएं। पुरस्कार जीतें और अंक और ट्राफियां प्राप्त करें। आप अपनी कविता पुस्तक भी प्रकाशित कर सकते हैं और अलापेटरी पत्रिकाओं आदि में प्रकाशित कर सकते हैं।
अपना लेख कैसे प्रकाशित करें?आप अगर समाचार पत्र या पत्रिका में अपनी रचना प्रकाशित करना चाहती हैं तो दो तरह से भेज सकती हैं। पहला: जिस पत्रिका या समाचार पत्र में आप रचना प्रकाशित कराना चाहती हैं उसके ऑफिस के पते पर एक निवेदन पत्र के साथ अपनी रचनाएं फीचर संपादक के नाम भेजें। ध्यान रखें कि पत्र में अपना नाम, पता और फोन नंबर लिखना ना भूलें।
अखबार कैसे लिखा जाता है?पत्रकारीय लेखन में अलंकारिक - संस्कृतनिष्ठ भाषा-शैली के बजाय आम बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। पाठकों को ध्यान में रखकर ही अखबारों में सीधी, सरल, साफ़-सुथरी लेकिन प्रभावी भाषा के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जाता है । शब्द सरल और आसानी से समझ में आने वाले होने चाहिए । वाक्य छोटे और सहज होने चाहिए।
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