Top 9 बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास का सारांश 2022

बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास की समीक्षा. . बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में इतिहास और कल्पना का ऐसा सुंदर समन्वय है कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन गए है।इसका संबंध संस्कृत के सुप्रसिद्ध कवि बाणभट्ट से है।जो कि कथात्मक शैली में लिखी गयी है।सम्पूर्ण उपन्यास बीस उच्छ्वासों में बाँटा हुआ है।बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में बाणभट्ट कालीन सातवीं शताब्दी के हर्ष युग के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा आर्थिक स्तिथि के ऐतिसाहिक तत्वों पर प्रकाश डाला. गया है।इसे हर्षकलीन सभ्यता एवं संस्कृति का एक जीवंत दस्तावेज माना

Top 1: बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास - हजारीप्रसाद द्विवेदी की समीक्षा और पात्र

लेखक: gyanalay.com - 368 रेटिंग
विवरण: बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास की समीक्षा बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में इतिहास और कल्पना का ऐसा सुंदर समन्वय है कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन गए है।इसका संबंध संस्कृत के सुप्रसिद्ध कवि बाणभट्ट से है।जो कि कथात्मक शैली में लिखी गयी है।सम्पूर्ण उपन्यास बीस उच्छ्वासों में बाँटा हुआ है।बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में बाणभट्ट कालीन सातवीं शताब्दी के हर्ष युग के सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा आर्थिक स्तिथि के ऐतिसाहिक तत्वों पर प्रकाश डाला. गया है।इसे हर्षकलीन सभ्यता एवं संस्कृति का एक जीवंत दस्तावेज माना
मिलान खोज परिणाम: 22 अप्रैल 2020 · बाणभट्ट की आत्मकथा द्विवेदी जी का पहला उपन्यास है।उपन्यास बीस उच्छ्वासों ...22 अप्रैल 2020 · बाणभट्ट की आत्मकथा द्विवेदी जी का पहला उपन्यास है।उपन्यास बीस उच्छ्वासों ... ...

Top 2: बाणभट्ट की आत्‍मकथा - विकिपीडिया

लेखक: hi.wikipedia.org - 271 रेटिंग
विवरण: विशेषताएँ[संपादित करें]. सन्दर्भ[संपादित करें]. बाहरी. कड़ियाँ[संपादित करें] बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक. हिन्दी उपन्यास है। इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका। इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन वर्ष 1946 में राजकमल प्रकाशन ने किया था। इसका नवीन प्रकाशन 1 सितम्बर 2010 को किया गया. था।[1] यह उपन्यास आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का
मिलान खोज परिणाम: बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है।बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है। ...

Top 3: बाणभट्ट की आत्मकथा सारांश - Bannbhatt Ki Atmkatha Saransh -41642

लेखक: gkexams.com - 171 रेटिंग
विवरण: Bannbhatt Ki Atmkatha Saransh Bannbhatt Ki Atmkatha Saransh GkExams on 12-05-2019 बाणभट्ट की आत्मकथा -हजारीप्रसाद द्विवेदी आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की विपुल रचना-सामर्थ्य का रहस्य उनके विशद शास्त्रीय ज्ञान में नहीं, बल्कि उस पारदर्शी जीवन-दृष्टि में निहित है, जो युग का नहीं युग-युग का सत्य देखती है। उनकी प्रतिभा ने इतिहास का उपयोग ‘तीसरी आँख’ के रूप में किया है और अतीत-कालीन चेतना-प्रवाह को वर्तमान जीवनधारा से जोड़ पाने में वह आश्चर्यजनक रूप से सफल हुई है। बाणभट्ट की आत्मकथा. अपनी समस्त औप
मिलान खोज परिणाम: Bannbhatt Ki Atmkatha Saransh. GkExams on 12-05-2019. बाणभट्ट की आत्मकथा -हजारीप्रसाद द्विवेदी आचार्य ...Bannbhatt Ki Atmkatha Saransh. GkExams on 12-05-2019. बाणभट्ट की आत्मकथा -हजारीप्रसाद द्विवेदी आचार्य ... ...

Top 4: बाणभट्ट की आत्मकथा की प्रासंगिकता - IASbook

लेखक: iasbook.com - 170 रेटिंग
विवरण: प्रेम संबंधी दृष्टिकोण. सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ. राज्याश्रय और कवि-कलाकार की स्थिति इस इकाई से पूर्व आपने ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ का अध्ययन किया है। इन इकाइयों में उपन्यास के कथ्य और शिल्प के अनेक पहलुओं पर विस्तार से विचार किया गया है। इस प्रक्रिया में उपन्यास के साथ ही उसमें व्यक्त उपन्यासकार की जीवन-दृष्टि इतिहास बोध समसामयिकता बोध का परिचय भी आपको मिल चुका है। इस इकाई में बाणभट्ट की आत्मकथा की समकालीन प्रासंगिकता पर वर्तमान युग की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में विचार किया जाएगा। जिस समय यह रचन
मिलान खोज परिणाम: 10 जून 2020 · उपन्यास के केंद्र में है बाणभट्ट का जीवन, ... 7 धार्मिक वर्चस्व; 8 सारांश ...प्रासंगिकता · नारी चेतना के स्वर · मानवता की प्रतिष्ठा10 जून 2020 · उपन्यास के केंद्र में है बाणभट्ट का जीवन, ... 7 धार्मिक वर्चस्व; 8 सारांश ...प्रासंगिकता · नारी चेतना के स्वर · मानवता की प्रतिष्ठा ...

Top 5: बाणभट्ट की आत्मकथा : भारतीय जीवनदृष्टि - IASbook

लेखक: iasbook.com - 190 रेटिंग
विवरण: बाणभट्ट की. आत्मकथा : जीवनदृष्टि. बाणभट्ट की आत्मकथा :. संरचना और शैली. विशिष्ट प्रसंग निर्मिति. नारी चेतना की अभिव्यक्ति. संस्कृति और समन्वयात्मकता ‘बाणभट्ट की आत्ककथा’ एक ऐतिहासिक उपन्यास है। इसके माध्यम से जहाँ आप अतीत के एक विशिष्ट कालखण्ड की एक मनोरम झलक देखेंगे वही दूसरी ओर अपने वर्तमान जीवन के कुछ प्रेरणाप्रद तथ्यों को भी उजागर होते हुए पाएँगे।इसे पढ़ने के बाद आप –‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास की कलात्मकता से संबंधित विभिन्न बिंदुओं से परीचित हो सकेंगे,उपन्यास की कथा वस्तु की संरचना और अलंकृ
मिलान खोज परिणाम: 9 जून 2020 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास की ... 4 विशिष्ट प्रसंग निर्मिति; 5 सारांश ...9 जून 2020 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास की ... 4 विशिष्ट प्रसंग निर्मिति; 5 सारांश ... ...

Top 6: 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki ...

लेखक: bhawnaonkasansar.com - 242 रेटिंग
विवरण: ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki Aatmkatha ka Etihasik Pariprekshy ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:Banbhatt Ki Aatmkatha ka Etihasik Pariprekshy. हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐतिहासिक उपन्यासकार के रूप में ही जाने जाते हैं। ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ उपन्यास हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित पहला ऐतिहासिक उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 1946 में हुआ था। यह उपन्यास हर्षकालीन सभ्यता एवं संस्कृति का जीता जागता दस्तावेज है। यह उपन्यास इतिहास और कल्पन
मिलान खोज परिणाम: 19 फ़र॰ 2021 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित पहला ...19 फ़र॰ 2021 · 'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित पहला ... ...

Top 7: बाणभट्ट की आत्मकथा का उद्देश्य(banbhatt ki aatmakatha ka uddeshy)

लेखक: hindibestnotes.com - 338 रेटिंग
विवरण: • उपन्यासकार :- आ. हजारीप्रसाद द्विवेदी. • संपूर्ण उपन्यास 26 उच्छ्वासों में विभक्त है।. • उपन्यास के आरंभ में लिखा गया है – “अथ बाणभट्ट की आत्मकथा लिख्यते।”. • बाणभट्ट की आत्मकथा सातवीं शताब्दी का समग्र चित्रण प्रस्तुत करता है।. • यह आत्मकथा डायरी. शैली में लिखी गई है।. • आत्मकथा में अतीत की स्मृतियां होती है इसमें भी बाणभट्ट अपने अतीत जीवन को स्मृत करता है।. • उपन्यास में पूर्व दीप्ति पद्धति (फ्लैश बैक) का उपयोग किया गया है।. • आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की प्रथम औपन्यासिक कृति है।. • आत्मकथा के रूप में लिखा गया यह हिंदी का पहला ऐतिहासिक उपन्यास है। • यह हर्षवर्धन के दरबारी बाणभट्ट के जीवन पर आधारित उपन्यास है।. • इस उपन्यास का परिवेश हर्षकालीन समाज है।. • कथा का अधिकांश भाग ‘कादंबरी हर्ष चरित’ से लिया गया है।. • यह आत्मकथा है इसलिए कि सारा वृत्तांत बाण की जुबान से कहा गया है और यह जीवनी भी है क्योंकि यह आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा अंकित की गई है किंतु यह मूलतः उपन्यास है। • उपन्यास के शास्त्र के लक्षणों के आधार पर इसे रोमांटिक उपन्यास माना जा सकता है।. • बाणभट्ट की आत्मकथा एक क्लासिकल रोमांटिक उपन्यास है अर्थात् अपने बंध चित्रण, वर्णन, शिल्प, शैली में यह क्लासिक है और प्राणगत ऊष्मा में रोमांटिक है।( डॉ. बच्चन सिंह के अनुसार). • हर्ष कालीन ऐतिहासिक संस्कृति के धरातल पर की है द्विवेदी जी ने सप्तम शताब्दी के पूर्ववर्ती साहित्यिक कृतियों और बाणभट्ट की समस्त रचनाओं की सहायता से. इस उपन्यास की सृष्टि की है।. • हर्ष के शासन काल में घटने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं में राजश्री का उद्धार और हुयेनत्सांग के सभापतित्व में हुई महती सभा अत्यन्त महत्वपूर्ण है।. • उपसंहार में कैथराइन दीदी (ऑस्ट्रिया निवासी) को क्रोध करते दिखाया गया है कि द्विवेदी जी ने इसे ‘ऑटोबायोग्राफी’ क्यों कहा है। कैथराइन दीदी ने बाणभट्ट की आत्मकथा के कुछ अंश मिले जिनका हिंदी अनुवाद करके उन्होंने व्योमकेश शास्त्री (आ. हजारी प्रसाद. द्विवेदी) को दे दिया।. • यह कृति बाणभट्ट के द्वारा लिखी गई है जिसकी पांडुलिपि किसी प्रकार से मिस कैथराइन दीदी को मिल गई थी और उसका अनुवाद भी दीदी नहीं किया है केवल संपादन इसका कार्य आ.हजारी प्रसाद द्विवेदी ने किया है और इस प्रकार यह प्रमाणित का प्रयास किया गया है कि यह कृति उपन्यास न होकर भट्ट कि स्वयं की लिखी गई आत्मकथा है।. • बाणभट्ट और हर्ष कालीन युग को उसके तमाम संदर्भ और सामाजिक राजनीतिक आर्थिक धार्मिक और सांस्कृतिक. के साथ सचित्र वर्णन कर दे देता है।. • इस उपन्यास के माध्यम से द्विवेदी जी इतिहास से पाठक को परिचित कराना चाहते हैं।. • बाणभट्ट जैसे प्रकांड पंडित एवं सहृदय कवि के माध्यम से द्विवेदी जी विश्व मानववाद का प्रत्याख्यान करना चाहते हैं। • उपन्यास का नायक:- बाणभट्ट. • उपन्यास की नायिका :- भट्टिनी.
मिलान खोज परिणाम: 6 मई 2021 · प्रकाशन :- 1946 ई. • उपन्यासकार :- आ. हजारीप्रसाद द्विवेदी. • संपूर्ण उपन्यास 26 ...6 मई 2021 · प्रकाशन :- 1946 ई. • उपन्यासकार :- आ. हजारीप्रसाद द्विवेदी. • संपूर्ण उपन्यास 26 ... ...

Top 8: बाणभट्ट की आत्मकथा के पात्रों का परिचय(banbhatt ki aatmakatha ke ...

लेखक: hindibestnotes.com - 353 रेटिंग
विवरण: 1. बाणभट्ट :- ◆ बाणभट्ट का परिचय ◆. • मगध प्रदेश के प्रख्यात वात्स्यायन वंश      से उत्पन्न हुआ था।. • बाणभट्ट की पिता :- चित्रभानु भट्ट एक     उद्भट पंडित . • मूल नाम:- दक्ष भट्ट. • चचेरा भाई का नाम. :- उड्डपति. • पंडित वात्स्यायन वंशी जयंत भट्ट के     पौत्र. • अल्पायु में मातृसुख से वंचित।. • 14 वर्ष की आयु में पितृस्नेह से वंचित।. • बाणभट्ट के घर का समूचा वातावरण पाण्डित्यपूर्ण और घर की शुकसारिकाएँ तक शुद्ध मंत्रों का उच्चारण किया करती थी।. • सचमुच अभागा था कि ऐसे परिवार में उत्पन्न होने. के बावजूद वह उस वातावरण से विरत रहा।. • बचपन में ही माता – पिता का देहावसान हो जाने के कारण बाणभट्ट आवारा बन गया। इसलिए जनपद वासी उसे ‘बंड’ (पूंछ कटा बैल) कहते थे ।कालांतर में इसी ‘बंड’ शब्द को संस्कृत करके उसने स्वयं को ‘बाणभट्ट’ के नाम से अभिहित किया।. • बाणभट्ट ने तत्कालीन प्रख्यात तार्किक एवं बौद्ध भिक्षु वसुभूति को शास्त्रार्थ में पराजित किया था।. • बाणभट्ट को उड्डपति भी न रोक. सका और बाणभट्ट घुमक्कड़ बनकर नगर – नगर घूमने लगे। कहीं वह नट बनता,पुतलियों का नाच दिखाता फिरता,नाट्य – मंडली स्थापित कर प्रदर्शित करता।. • चरित्र:- ★ आत्मकथात्मक उपन्यास का नायक . ★ अप्रतिम विद्वान एवं विश्रुत कवि. ★ मानव मात्र से प्रेम करने. वाला. ★ सुसंस्कृत , भावुक, सत्यभाषी. ★ स्त्री जाति के प्रति सम्मान का भाव . ★ नारी शरीर को देव मंदिर के बाद पवित्र समझता है।. ★ निपुणिका की दृष्टि में बाण देव तुल्य है।. ★ निराहार रहने की साधन में सिद्ध।. ★ सहृदय, उदार,. धैर्यवान,कष्टसहिष्णु एवं अत्यंत मेधावी।. ★ निपुणिका से तो बाण मित्रवत व्यवहार करताहै किंतु भट्टिनी के प्रति वह भक्ति भावरखता है।. ★ बाण निपुणता के सेवा भाव से प्रभावित है।. ★ भट्टिनी बाण को अपना अभिभावक मानती. है।. ★ सम्राट हर्षवर्धन की अनुज. ★ स्थाणवीश्वर के प्रख्यात नीतिज्ञ. ★ राजनीति के प्रकांड. ★ मौरवरिराज यशोवर्मा का सेवक . ★ वीर एवं साहसी सेनानायक ★ मौरवरिवंशी के प्रति अटूट श्रद्धा. ★ भद्रेश्वर दुर्ग का स्वामी. ★ एक शिक्षित किंतु नीति – कुशल. ★ वीरता एवं सत्यता का प्रतीक. ★ बौद्ध भिक्षु एवं आचार्य. 11. देवी मंदिर का पुजारी. 12. महाराजा हर्ष. देव ★ बाणभट्ट की प्रेमिका . ★ देवपुत्र तुवरमिलिंद की अपहृता. कन्या. ★ उपन्यास की नायिका (प्रभावान्विति के आधार पर). ★ बाणभट्ट की प्रेमिका. ★ बाल विधवा कुशल अभिनेत्री. ★ राजकुल की परिचारिका. ★ वाम मार्ग में दीक्षित सन्यासिनी ★ पहले मौर्य नरेश ग्रह वर्मा की रानी . ★ विवाह से पूर्व अघोर भैरव की वाग्वदत्ता औरकालांतर में शिष्य. ★ विरतिविज्र की पत्नी. 7. अंतपुर की द्वार रक्षिणी तथा परिचारिकाएं.
मिलान खोज परिणाम: 6 मई 2021 · 1. भट्टिनी :- उपन्यास की नायिका · 2. निपुणिका :- उपन्यास की नायिका (प्रभावान्विति ...6 मई 2021 · 1. भट्टिनी :- उपन्यास की नायिका · 2. निपुणिका :- उपन्यास की नायिका (प्रभावान्विति ... ...

Top 9: बाणभट्ट की “आत्मकथा” : एक समीक्षा - साहित्य संसार

लेखक: digisansin.wordpress.com - 356 रेटिंग
विवरण: “बाणभट्ट की आत्मकथा” आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी जी का हिन्दी साहित्य की सौन्दर्य मीमांसा, तत्त्व दर्शन एवं मानव समतावादी फलक पर रचित सर्वश्रेष्ठ पहला ऐतिहासिक उपन्यास है। इस उपन्यास में भारतवर्ष के प्राचीन मध्यकाल की समस्त मानवीय चेतनाओं के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक यथार्थ बोध का विश्लेषणात्मक एवं भावात्मक उद्गार उद्भासित हुआ है जो वर्त्तमान सत्य को विवेचित करता प्रतीत होता है।यह उपन्यास. एक”आत्मकथा” यानि आत्मा की कथा है जो देश काल की सीमा को आक्रांत कर हर कहीं, हर किसी को सुनाई दे
मिलान खोज परिणाम: 23 जून 2020 · यह उपन्यास एक”आत्मकथा” यानि आत्मा की कथा है जो देश काल की सीमा को आक्रांत कर हर ...23 जून 2020 · यह उपन्यास एक”आत्मकथा” यानि आत्मा की कथा है जो देश काल की सीमा को आक्रांत कर हर ... ...