उत्पादन के क्या उद्देश्य हैं समझाइए? - utpaadan ke kya uddeshy hain samajhaie?

अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र में, उत्पादन के साधन (अंग्रेज़ी: Means of production) भौतिक, गैर-मानवी इनपुट होते हैं, जिनका उपयोग आर्थिक मूल्य के उत्पादन हेतु होता हैं, जैसे कि, सुविधाएँ, मशीनरी, उपकरण,[1] संरचनात्मक पूंजी और प्राकृतिक पूंजी।

उत्पादन के साधनों में वस्तुओं की दो व्यापक श्रेणियाँ मौजूद हैं : श्रम के साधन (उपकरण, फ़ैक्ट्री, संरचना, इत्यादि) और श्रम के विषय (प्राकृतिक संसाधन और कच्चा माल)। अगर वस्तु बना रहें हैं, तो लोग श्रम के साधनों का उपयोग करके श्रम के विषयों पर काम करते हैं, उत्पाद बनाने के लिए; या अन्य शब्दों में, उत्पादन के साधनों पर काम करता श्रम, उत्पाद निर्माण करता हैं।[2]

  1. ↑ Michael Evans, Karl Marx, London, England, 1975. Part II, Chap. 2, sect. a; p. 63.

उद्योगों द्वारा किसी वस्तु तथा सेवा का निर्माण करना। जिससे मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है उसे उत्पाद कहते है।

उत्पादन के लिए चार मूल आवश्यकताएँ होती हैं।

  • 1- भूमि तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, वन, खनिज।
  • 2- श्रम।
  • 3- भौतिक पूँजी अर्थात उत्पादन के प्रत्एक स्तर पर आई लागत।
  • 4 मानव पूँजी।

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आपका प्रश्न उत्पादन का क्या उद्देश्य है कि दोस्तों उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएं और सेवाएं बनाना है जिनके मनुष्य को बेहतर जीवन यापन के लिए आवश्यक होती हैं उत्पादन भूमि पूंजी और श्रम को संयोजित करके किया जाता है इसलिए यह उत्पादन के कारक कहलाते हैं अभी अतिरिक्त उपयोगिता प्राप्त करता है धन्यवाद

aapka prashna utpadan ka kya uddeshya hai ki doston utpadan ka uddeshya aisi vastuyen aur sevayen banana hai jinke manushya ko behtar jeevan yaapan ke liye aavashyak hoti hain utpadan bhoomi punji aur shram ko sanyojit karke kiya jata hai isliye yah utpadan ke kaarak kehlate hain abhi atirikt upayogita prapt karta hai dhanyavad

इसे सुनेंरोकेंअर्थशास्त्र में, किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में जिन चीजों की आवश्यकता होती है उन्हें उत्पादन के कारक (factors of production, या resources या inputs) कहते हैं। उत्पादन के मूलभूत कारक ये तीन हैं- भूमि, श्रम और पूँजी।

उत्पादन क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंसाधारण बोलचाल की भाषा मे उत्पादन का अर्थ वस्तु या पदार्थ का निर्माण करना होता है, पर विज्ञान हमे यह बताता है कि मनुष्य न तो किसी वस्तु का निर्माण कर सकता है और न ही उसे नष्ट कर सकता है। इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि वस्तु मे आर्थिक उपयोगिता का सृजन या वृद्धि करना ही उत्पादन है।

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उत्पादन के प्रमुख कारक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्पादन के कुछ महत्वपूर्ण कारक हैं: भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमी। वैकल्पिक रूप से, उत्पादन संसाधनों की सहायता से किया जाता है जिसे प्राकृतिक संसाधनों (भूमि), मानव संसाधन (श्रम और उद्यमी) और निर्मित संसाधनों (पूंजी) में वर्गीकृत किया जा सकता है।

श्रम गहन तकनीक क्या है समझाइए?

इसे सुनेंरोकें(1) श्रम गहन तकनीक (Labour Intensive Techniques): सरल शब्दों में श्रम गहन तकनीक वह है जो तुलनात्मक रूप में श्रम की बड़ी मात्रा का और पूंजी की छोटी खुराक का उपयोग करती है । रैड्डावे (Reddaway) परिभाषित करते हैं कि श्रम गहन तकनीकें वह है जहां श्रम की भारी मात्रा में पूँजी की छोटी मात्रा को मिश्रित किया जाता है ।

उत्पादन फलन का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंउत्पादन फलन क्या है? (Utpadan Falan Kya Hai?) प्रो० सैम्युल्सन के शब्दों में, “उत्पादन फलन (Production Function) वह प्राविधिक सम्बन्ध है जो यह व्यक्त करता है कि पड़तों अर्थात् साधनों के प्रत्येक विशेष समूह द्वारा कितना उत्पादन किया जाता है। यह किसी दी हुई प्राविधिक ज्ञान की स्थिति के लिए परिभाषित या सम्बन्धित होता है।”

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भारत में उत्पादन का सबसे प्रचुर कारक कौन सा है?

4.6

  • माल और सेवाओं का उत्पादन 4 प्रमुख कारकों से प्रभावित होता है – पूंजी, श्रम, भूमि और उद्यमिता।
  • श्रम जो उत्पादन की प्रक्रिया में मानव इनपुट को संदर्भित करता है वह भारत में उत्पादन का सबसे प्रचुर कारक है

इसे सुनेंरोकेंवस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादक के लिये आवश्यक कारकों को समझाइये। भूमि :- प्राकृतिक संसाधन माना गया है। पूंजी:- उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर अपेक्षित कई तरह के आगत । संगठनः- उत्पादन कार्य के लिये भूमि, श्रम, पूंजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिये ज्ञान और उद्यम की आवश्यकता।

उत्पादन का प्रमुख उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर. उत्पादन का उद्देश्य-ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं उत्पादित करना जिसकी हमें आवश्यकता होती है।

Que : 341. उत्पादन का उद्देश्य क्या है? वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादक के लिये आवश्यक कारकों को समझाइये।

Answer:

उत्तर. उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएं और सेवाएं उत्पादित करना है जिसकी हमें आवश्यकता है। वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादक के लिये आवश्यक कारक -

i) भूमि

ii) श्रम

iii) पूंजी

iv) संगठन

भूमि :-  प्राकृतिक संसाधन माना गया है।

श्रम :- शारीरिक कार्य में लगे सवैतनिक व्यक्तियों का कार्य

पूंजी:- उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर अपेक्षित कई तरह के आगत ।

संगठनः- उत्पादन कार्य के लिये भूमि, श्रम, पूंजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिये ज्ञान और उद्यम की आवश्यकता।

उत्पादन का क्या उद्देश्य है समझाइए?

Answer: उत्तर. उत्पादन का उद्देश्य-ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं उत्पादित करना जिसकी हमें आवश्यकता होती है।

उत्पादन का क्या उद्देश्य है एक शब्द में उत्तर?

उत्पादन का उद्देश्य ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ उत्पादित करना है, जिनकी हमें आवश्यकता है। वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए चार चीजें आवश्यक हैं। पहली आवश्यकता है भूमि तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन, जैसे-जल, वन, खनिज। दूसरी आवश्यकता है श्रम अर्थात् जो लोग काम करेंगे।

उत्पादन का मूल उद्देश्य क्या है उत्पादन के लिए आवश्यक चार आवश्यकताएं क्या हैं?

उत्पादन के लिए चार मूल आवश्यकताएँ होती हैं। 1- भूमि तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, वन, खनिज। 2- श्रम। 3- भौतिक पूँजी अर्थात उत्पादन के प्रत्एक स्तर पर आई लागत।

उत्पादन में से आप क्या समझते हैं?

Solution : उद्योगों द्वारा किसी वस्तु तथा सेवा का निर्माण करना। जिससे मानवीय आवश्यकताऔ की पूर्ति की जा सकती है उसे उत्पाद कहते है।