भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन Show पुर्तगालियोंकाआगमनएवंउनकीगतिविधियां
पुर्तगाली वायसराय फ्रांसिस्कोडीअल्मीडा (1505से1509)
अल्फांसोडी अल्बूकर्क (1509से1515)
नीनूडीकुन्हा-(1529से1538)
डचोंकाआगमन एवंउनकीएवंगतिविधियाँ
अंग्रेजोंकाआगमनएवंउनकीगतिविधियाँ
डेनिसोंकाआगमनएवंउनकीगतिविधियाँ
फ्रांसीसियोंकाआगमनएवंउनकी गतिविधियाँ
प्रथम कर्नाटकयुद्ध (1746 48)- इसका तात्कालिक कारण था अंग्रेज कैप्टन बर्नेट के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना द्वारा कुछ फ्रांसीसी जहाजों पर अधिकार कर लेना ।
द्वितीयकर्नाटकयुद्ध (1749 -54)-
तृतीयकर्नाटकयुद्ध1758से1763- तृतीय कर्नाटक युद्ध में आस्ट्रिया तथा इंग्लैंड के बीच प्रशा में शुरू हुए 7 वर्षीय युद्ध का ही विस्तार था । यूरोप में फ्रांस, ऑस्ट्रिया को तथा इंग्लैंड,प्रशा को समर्थन दे रहे थे, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव भारत में उपस्थित दोनों शक्तियों के संबंधों पर पड़ा ।
अन्य महत्वपूर्णतथ्य
महत्वपूर्णतिथियाँ
Videos Related To Subject TopicComing Soon.... भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आकर्षण का कारण क्या था?यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ इसलिए आकर्षित हो रही थीं क्योंकि यूरोप में भारत के कपड़े जैसे - सूती , रेशम तथा गर्म मसालों की बहुत ज्यादा मांग थी। भारत से यह सामान यूरोप के व्यापारी कम कीमतों पर खरीद कर अधिक कीमतों पर यूरोप में बेच सकते थे। इस प्रकार वे खूब फायदा कमा सकते थे।
यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों को भारत की ओर कैसे आकर्षित किया जवाब?यूरोप के बाज़ारों में भारत के बने बारीक सूती कपड़े और रेशम की जबरदस्त माँग थी। इनके अलावा काली मिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी की भी जबरदस्त माँग रहती थी।
यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों ने भारत में नगरीकरण को क्यों बढ़ावा दिया?यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों (European trading companies) ने भारत में नगरीकरण को बढ़ावा दिया। इंग्लैंड में निर्मित वस्तुओं का एक व्यापक बाजार मिल सके। भारत में शहरी आबादी का एक ऐसा वर्ग तैयार किया जा सके, जो पश्चिमी शिक्षा, रहन-सहन, संस्कृति का अनुकरण कर सके।
भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन क्यों हुआ?यूरोपियों का भारत में आने का मुख्य मकसद व्यापार करना था। वास्को-डि-गामा ने 'केप ऑफ गुड़ होप' के रास्ते भारत तक के समुद्री मार्ग की खोज की थी।
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