1 लेखक को किस बात की आशंका थी और यह निर्मूल क्यों नहीं थी? - 1 lekhak ko kis baat kee aashanka thee aur yah nirmool kyon nahin thee?

प्रश्न 1- तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के
          लेखक का क्या नाम है ?
प्रश्न 2- लेखक ने अतिथि का स्वागत
          सत्कार कैसे किया था ?
प्रश्न 3- अतिथि का  चौथ दिन कैसे
           बीता ?
प्रश्न 4-  अतिथि ने तीसरे दिन क्या
            फरमाइश की ?
प्रश्न 5- चौथे दिन की बोरियत में लेखक
            क्या योजना बना  रहा था  ?
प्रश्न 6- लेखक ने अतिथि को जाने का
          संकेत किन-किन उपायों से
          दिया ?
प्रश्न 7- घर की स्वीटनेस कब समाप्त हो
        जाती है ?
प्रश्न 8-  अतिथि देवता होते हैं यह जानते
            हुए भी लेखक अतिथि को क्यों       
           वापस भेजना चाहता है ?
प्रश्न 9- लेखक को किस बात की आशंका
          थी और वह निर्मूल क्यों नहीं थी ?
प्रश्न 10 एक मनुष्य और देवता अधिक
          देर तक साथ नहीं रहते इसका  
          आशय स्पष्ट कीजिए ?
प्रश्न 11- लेखक मेहमान को किस प्रकार
            भेजना चाहता ?
प्रश्न 12-   प्रस्तुत पाठ से हमें क्या सीख
               मिलती है ?
प्रश्न 13-पाठ का सारांश अपने शब्दों में     
             लिखिए |

1 लेखक को किस बात की आशंका थी और यह निर्मूल क्यों नहीं थी? - 1 lekhak ko kis baat kee aashanka thee aur yah nirmool kyon nahin thee?
लेखक – शरद जोशी

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  तुम जहाँ बैठे निस्संकोच सिगरेट का धुआँ फेंक रहे हो, उसके ठीक सामने एक कैलेंडर है। देख रहे हो न, इसकी तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ाती रहती हैं। विगत दो दिनों से मैं तुम्हें दिखाकर तारीखें बदल रहा हूँ। तुम जानते हो अगर तुम्हें हिसाब लगाना आता है कि यह चैथा दिन है, तुम्हारे सतत आतिथ्य का चैथा भारी दिन। पर तुम्हारे जाने की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती।

लाखों मील लंबी यात्रा करने के बाद वे दोनों एस्ट्रोनॉट नहीं तो आपकी परीक्षा देखें भी इतने समय चाँद पर नहीं रुके थे, जितने समय तुम एक छोटी सी यात्रा कर आए हो। तुम अपने भारी चरण कमलों की छाप मेरी ज़मीन पर अंकित कर चुके, तुमने एक अंतरंग निजी संबंध मुझसे स्थापित कर लिया, तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली, तुम मेरी काफी मिट्टी खोद चुके। अब तुम लौट जाओ, अतिथि। तुम्हारे जाने के लिए यह उच्च समय अर्थात हाईटाइम है क्या तुम्हें तुम्हारी पथ्वी नहीं पुकारती।

प्रश्न 1- पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।

(क) राम विलास शर्मा                      

(ख) शरद जोशी

(ग) स्वामी आनंद                               

(घ) अरूण कमल

प्रश्न 2 – लेखक अतिथि को देखकर तारीखें क्यों बदल रहा है ?

(क) अतिथि का स्वागत-सत्कार करने के लिए             

(ख) अतिथि को भगाने के लिए

(ग) अतिथि को कैलेंडर दिखाने के लिए   

(घ) अतिथि को याद दिलाने के लिए कि उसे आए तीन दिन हो चुके हैं   

प्रश्न 3- लेखक ने चौथे दिन को सतत आतिथ्य का भारी दिन क्यों कहा है ?

(क) अतिथि जाना चाहता था                 

(ख) अतिथि जाने का नाम नहीं ले रहा था

(ग) लेखक अतिथि को भेजना चाहता था            

(घ) अतिथि आया ही नहीं था

प्रश्न 4- लेखक को अतिथि के कारण अंतरिक्ष यात्री की याद क्यों आ गई ?

(क) अंतरिक्ष यात्री भी, अंतरिक्ष में इतने दिनों तक नहीं रुकते     

(ख) लेखक अंतरिक्ष पर जाना चाहता था

(ग) अतिथि को अंतरिक्ष पर भेजने के लिए               

(घ) उसे अंतरिक्ष पसंद था   

प्रश्न 5- अतिथि के कारण लेखक के दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा ?

(क) अतिथि ज्यादा खाना खाता था                 

(ख) अतिथि उसे सोने नहीं देता था

(ग) अतिथि उसे पसंद नहीं था          

(घ) अतिथि उसकी आर्थिक सीमाएँ देख चुका था

उत्तर 1-(ख) शरद जोशी

उत्तर 2-(घ) अतिथि को याद दिलाने के लिए कि उसे आए तीन दिन हो चुके हैं 

उत्तर 3-(ख) अतिथि जाने का नाम नहीं ले रहा था

उत्तर 4-(क) अंतरिक्ष यात्री भी, अंतरिक्ष में इतने दिनों तक नहीं रुकते    

उत्तर 5-(घ) अतिथि उसकी आर्थिक सीमाएँ देख चुका था

और आशंका निर्मूल नहीं थी, अतिथि तुम जा नहीं रहे। लॉण्ड्री पर दिए कपड़े धुलकर आ गए और तुम यहीं हो। तुम्हारे भारीभरकम शरीर से सिलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी और तुम यहीं हो। तुम्हें देखकर फूट पड़ने वाली मुस्कराहट धीरे धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई है।

ठहाकों के रंगीन गुब्बारे, जो कल तक इस कमरे के आकाश में उड़ते थे, अब दिखाई नहीं पड़ते। बातचीत की उछलती हुई गेंद चर्चा के क्षेत्र के सभी कोनलों में टप्पे खाकर फिर सेंटर में आकर चुप पड़ी है। अब इसे न तुम हिला रहे हो, न मैं। कल से मैं उपन्यास पढ़ रहा हूँ और तुम फिल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहे हो। शब्दों का लेन-देन सिमट गया और चर्चा के विषय चुक गए।

प्रश्न 1- ‘‘और आशंका निर्मूल नहीं थी’’ लेखक किस आशंका की बात कर रहा है ?

(क) अतिथि लेखक के घर अभी और रुकेगा ।             

(ख) अतिथि अब चला जाएगा ।

(ग) अतिथि चला गया ।                         

(घ) अतिथि जाना चाहता था ।

प्रश्न 2– ‘निर्मूल’शब्द का सही उपसर्ग वाला विकल्प चुनिए –

(क) निर्मू+ल       (ख)निर+मूल      (ग)नि+र्मूल      (घ) निर्+मूल

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प्रश्न 3- अतिथि के कारण लेखक के चेहरे की भाव भंगिमा क्यों बदलने लगी ?

(क) लेखक उसे अच्छा लगता था ।           

(ख) अतिथि आने के बाद जाने का नाम नहीं ले रहा था । 

(ग) अतिथि जा रहा था ।                   

(घ) अतिथि उससे बात नही कर रहा था ।

प्रश्न 4- अब लेखक और अतिथि के बीच कैसी स्थिति पैदा हो गई थी ?

(क) बातचीत के विषय समाप्त हो गए थे ।           

(ख) अच्छे संबंध बन रहे थे ।

(ग) दोनो एक दूसरे से क्रोधित हो रहे थे ।           

(घ) दोनो एक दूसरे से प्रेम से बात कर रहे थे।  

प्रश्न 5- अतिथि और लेखक के बीच शब्दों का लेन-देन समाप्त होने पर दोनों क्या कर रहे थे ?

(क) लेखक पत्रिका के पन्ने पलट रहा था और अतिथि उपन्यास पढ़ रहा था ।        

(ख) दोनो उपन्यास पढ़ रहे थे ।

(ग) दोनो आपस में बात कर रहे थे ।                                   

(घ) लेखक उपन्यास पढ़ रहा था और अतिथि पत्रिका के पन्ने पलट रहा था ।

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उत्तर 1-(क) अतिथि लेखक के घर अभी और रुकेगा ।

उत्तर 2(घ) निर्+मूल  

उत्तर 3-(ख) अतिथि आने के बाद जाने का नाम नहीं ले रहा था । 

उत्तर 4-(क) बातचीत के विषय समाप्त हो गए थे ।   

उत्तर 5-(घ) लेखक उपन्यास पढ़ रहा था और अतिथि पत्रिका के पन्ने पलट रहा था ।

अपने खर्राटों से एक और रात गुंजायमान करने के बाद कल जो किरण तुम्हारे बिस्तर पर आएगी वह तुम्हारे यहाँ आगमन के बाद पाँचवे सूर्य की परिचित किरण होगी। आशा है, वह तुम्हें चूमेगी और तुम घर लौटने का सम्मानपूर्ण निर्णय लोगे। मेरी सहनशक्ति की अंतिम सुबह होगी। उसके बाद मैं स्टैंड नहीं कर सकूँगा लड़खड़ा जाऊँंगा।

मेरे अतिथि, मैं जानता हूँ कि अतिथि देवता होता है, पर आखिर मैं भी मनुष्य हूँ। मैं कोई तुम्हारी तरह देवता नहीं। एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते। देवता दर्शन देकर लौट जाता है। तुम लौट जाओ अतिथि, इसी में तुम्हारा देवत्व सुरक्षित रहेगा। यह मनुष्य अपनी वाली पर उतरे, उसके पूर्व तुम लौट जाओ।

प्रश्न 1- अतिथि महोदय को ठहरे कितने दिन हो चुके थे ?

(क) तीन दिन                             

(ख) चार दिन

(ग) पाँच दिन                             

(घ) दो दिन     

प्रश्न 2- लेखक को अभी भी क्या आशा  थी ?

(क) अतिथि अभी और रुकेगा ।                   

(ख) अतिथि अगले दिन चला जाएगा ।

(ग) अतिथि आएगा ही नहीं ।                

(घ) अतिथि अगले दिन नहीं जाएगा ।    

प्रश्न 3- अतिथि देवता होते हैं पर देवता की क्या विशेषता होती है ?

(क) अपनी पूजा करवाते हैं ।                

(ख) आशीर्वाद देते हैं ।

(ग) दर्शन देकर तुरंत लौट जाते हैं ।          

(घ) कोई नहीं ।

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प्रश्न 4- अतिथि का देवत्व कब तक सुरक्षित रह सकता था ?

(क) जब वह आकर तुरंत नहीं जाता ।              

(ख) जब वह जाने का नाम ही नहीं लेता ।

(ग) जब वह तुरंत लौट जाता ।                    

(घ) जब वह कुछ दिन और रुकता ।

प्रश्न 5– ‘देवता’ के लिए शि विलोम शब्द चुनिए –

(क) देवत्व      (ख) राक्षस     (ग) देव      (घ) वसुधा

उत्तर 1-(ख) चार दिन

उत्तर 2-(ख) अतिथि अगले दिन चला जाएगा ।

उत्तर 3-(ग) दर्शन देकर तुरंत लौट जाते हैं ।    

उत्तर 4-(ग) जब वह तुरंत लौट जाता ।

उत्तर 5(ख) राक्षस      

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लेखक को किस बात की आशंका थी और वह निर्मूल क्यों नहीं थी?

लेखक कहता है कि आज वे इस आशंका और भय से बड़ी हुई थीं कि अतिथि शायद अधिक दिनों तक ठहरेगा। और आशंका निर्मूल नहीं थी, अतिथि! तुम जा नहीं रहे। लॉण्ड्री पर दिए कपडे़ धुलकर आ गए और तुम यहीं हो।

लेखक की कौन सी आशंका निर्मूल नहीं थी?

(ख) दो दिन तक लेखक द्वारा अच्छी प्रकार आदर-सत्कार किए जाने के पश्चात् भी अतिथि अपने जाने की अपेक्षा लेखक को धोबी को कपड़े देने के लिए कहने लगा, तो लेखक को यह आशंका हुई कि शायद अतिथि अभी नहीं जा रहा है। चौथे दिन भी जब अतिथि नहीं गया, तो लेखक को अपनी आशंका निर्मूल (निराधार) नहीं लगी।

तुम कब जाओगे अतिथि के लेखक को किस बात की आशंका थी और वह निर्मूल क्यों नहीं थी?

Answer: तीसरे दिन सुबह अतिथि ने लॉण्ड्री में कपड़े देने को कहा क्योंकि वह उससे कपड़े धुलवाना चाहता था। अतिथि को असमय आया देख लेखक ने सोचा कि यह अतिथि अब पता नहीं कितने दिन रुकेगा और इसके रुकने पर उसका आर्थिक बजट भी खराब हो जाएगा। इसका अनुमान लगाते ही लेखक का दृश्य किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा।

लेखक के मन में अतिथि को गेट आउट कहने की बात क्यों आई?

लेखक के मन में अतिथि को 'गेट आउट' कहने की बात क्यों आई ? उत्तरः चार दिन की मेहमाननवाजी के पश्चात् लेखक की सहनशीलता जवाब दे गई, वह सोचने लगा कि अतिथि को शराफ़त से लौट जाना चाहिए अन्यथा 'गेट आउट' भी एक वाक्य है, जो इसे बोला जा सकता है। प्रश्न 12. 'अतिथि देवो भव' उक्ति की व्याख्या करें।