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आज के आर्टिकल में महाजनपद (Mahajanapadas) के बारे में बात करेंगे।। जिसमें हम 16 महाजनपदों के नाम एवं उनकी व्याख्या (16 Mahajanapadas) और उससे सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्नों (Mahajanapadas MCQ Quiz) को पढ़ेंगे। महाजनपदों का उदय – Mahajanapadas Ka Udayवैदिक काल के प्रारम्भ में राजनीतिक संगठन का मुख्य आधार ’जन’ था। डाॅ. राजबली पाण्डेय ने जन को ’जातीय संघ’ कहा है। प्रारम्भ में इन जनों का कोई निश्चित स्थान नहीं होता था और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार ये स्थान परिवर्तन कर लिया करते थे, परन्तु शीघ्र ही ये निश्चित स्थानों पर बस गए। उत्तरवैदिक काल के पश्चात् अनेक जनपदों का उदय होने लगा। ’जनपद’ का अर्थ है – जन द्वारा अधिकृत प्रदेश। जनपद का नाम प्रायः जन के आधार पर ही होता था। जो राज्य अधिक शक्तिशाली तथा विस्तार में बङे थे, वे महाजनपद (Mahajanapadas) कहलाये।’’ प्राचीन भारत की राजनीतिक अवस्था के अध्ययन के लिए हमें पूर्णतया धार्मिक ग्रंथों विशेषकर बौद्ध ग्रंथों पर निर्भर रहना पङता है। इन ग्रंथों के अनुसार से भारत की राजनीतिक व्यवस्था के संबंध में यह जानकारी प्राप्त होती है कि उन दिनों देश में कोई सार्वभौम सत्ता नहीं थी। विकेंद्रीकरण की प्रवृत्ति का बोलबाला था और देश के विभिन्न भागों में छोटे-छोटे राज्य विद्यमान थे। परंतु धीरे-धीरे साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का विकास हो रहा था और शक्तिशाली राज्य निर्मल राज्यों के अस्तित्व को समाप्त कर अपने साम्राज्य का संवर्धन करने की चेष्टा कर रहे थे। उसी समय भारत में राजतंत्रात्मक और गणतंत्रात्मक में दोनों प्रकार की राजसंस्थाएँ विद्यमान थी जिन्हें जनपद कहा जाता था। बौद्ध और जैन साहित्य में ऐसे बहुत से जनपदों का उल्लेख मिलता है। वैदिक काल में आर्यों के राजनीतिक जीवन का आधार जन था। ऋग्वेद के अध्ययन से यह पता चलता है कि कार्य अनेक जनों में विभक्त थे। प्रारंभ में इन जनों का कोई अपना निश्चित स्थान नहीं था, पर कालांतर में उनके स्थाई राज्य स्थापित हुए। जनपद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग हमें ब्राह्मण ग्रंथों में मिलता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि ब्राह्मण काल में जनपदों का अस्तित्व था। गौतम बुद्ध के समय तक यह जनपद पूर्ण विकसित हो गए थे। जैसे कि एक इतिहासकार ने लिखा है कि लगभग 1000 ईस्वी पूर्व से 500 ईस्वी पूर्व तक के युग को भारतीय इतिहास में जनपद या महाजनपद युग कहा जाता है। सारे देश में एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक जनपदों की शृंखला फैली हुई थी। प्रत्येक जनपद अनेक राम और नगरों से मिलकर बना था जिसकी अपनी विशिष्ट राजनीतिक व्यवस्था होती थी और उनका अलग शासन होता था। इस समय लोहे का प्रयोग होने लगा। लौहे की तकनीक ने तो लोगों के भौतिक जीवन में बहुत बङा परिवर्तन कर दिया। कृषि, उद्योग, व्यापार, वाणिज्य आदि के विकास ने प्राचीन जनजातीय व्यवस्था को सुलभ बना दिया और छोटे-छोटे जनों का स्थान जनपदों ने ग्रहण कर लिया। ईसा पूर्व छठी शताब्दी में भारत में क्रान्तिकारी राजनैतिक परिवर्तन होने लगे थे। छठी शताब्दी ईसा पूर्व के प्रारम्भ में उत्तर भारत में सार्वभौम सत्ता का अभाव था। सम्पूर्ण भारत अनेक स्वतंत्र राज्यों में विभक्त था। ये राज्य उत्तरवैदिककालीन राज्यों से अधिक स्वतंत्र तथा शक्तिशाली भी थे। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में उत्तर भारत में अनेक बङे-बङे एवं शक्तिशाली स्वतंत्र राज्यों की स्थापना हुई थी। जिन्हें महाजनपदों (Mahajanapadas) की संज्ञा दी गई थी। ये महाजनपद आर्यों के विभिन्न जनसमूहों द्वारा स्थापित स्वतन्त्र राज्य थे। वैदिक काल में राज्य जनपद कहलाते थे। बाद में जनपदों ने विजय तथा संघ रचना के द्वारा अपने मूल प्रदेश से अधिक भूमि पर अधिकार कर लिया। वे महाजनपद (mahajanapada) कहलाये। महाजनपदों के अध्ययन का स्रोत – Mahajanapadas Ke Adhyayan Ka Srot
16 महाजनपदों के नाम – 16 Mahajanapadas Ke Name
सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद –
(1) काशी महाजनपद – Kashi Mahajanapadas
(2) कोशल महाजनपद – Kosala Mahajanapada
(3) अंग महाजनपद – Anga Mahajanapadas
(4) मगध महाजनपद – Magadha Mahajanapadas
(5) वत्स महाजनपद – Vatsa Mahajanapada
(6) वज्जि महाजनपद – Vajji Mahajanapadas
(7) मल्ल महाजनपद – Malla Mahajanapadas
(8) अवन्ति महाजनपद – Avanti Mahajanapadas
(9) चेदि महाजनपद – Chedi Mahajanapadas
(10) अश्मक महाजनपद – Asmaka Mahajanapadas
(11) कुरू महाजनपद – Kuru Mahajanapadas
(12) पांचाल महाजनपद – Panchal Mahajanapada
(13) मत्स्य महाजनपद – Matsya Mahajanapadas
(14) शूरसेन महाजनपद – Shurasena Mahajanapadas
(15) गांधार महाजनपद – Gandhara Mahajanapadas
(16) कम्बोज महाजनपद – Kamboja Mahajanapada
महाजनपद से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण प्रश्न – Mahajanapadas MCQ Quiz1.
उत्तर भारत में महाजनपद की स्थापना कब हुई ? 2. महात्मा बुद्ध के जन्म के समय लगभग छठीं शताब्दी ई.पू. में भारत कुल कितने महाजनपदों में बंटा था ? 3. प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों का उल्लेख किस स्रोत में मिलता है ? 4. बौद्ध साहित्य में उल्लिखित महाजनपद काल में अवंति में कौन-सा
एक राजवंश शासन करता था ? 5. अश्मक महाजनपद का प्रमुख नगर कौनसा था? 6. बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय के अलावा किन ग्रन्थों में महाजनपद का उल्लेख मिलता है ? 7. कौनसा एक प्राचीन महाजनपद यमुना नदी के तट पर स्थित था ? 8. वैशाली राजधानी थी – 9. कौनसे महाजनपद सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद थे ? 10. काशी महाजनपद की राजधानी क्या थी ? 11. काशी महाजनपद किन नदियों के संगम पर स्थित है ? 12. ’’सोलह महाजनपदों के प्रारम्भ में काशी सर्वाधिक शक्तिशाली था।’’ यह कथन किसका है ? 13. सहेत-महेत क्या है ? 14. अंग की राजधानी चम्पा के वास्तुकार कौन थे ? 15. सर्वाधिक शक्तिशाली महाजनपद कौन-सा था ? 16. मगध महाजनपद की राजधानी क्या थी ? 17. किस नगर को लखपति व्यापारियों का नगर कहा जाता था। 18. महाभारत के अनुसार उत्तरी
पांचाल की राजधानी कहाँ स्थित है ? 19. चम्पा किस महाजनपद की राजधानी थी ? 20. प्राचीन काल में किस जनपद की राजधानी उज्जैन थी ? 21. छठी शताब्दी ई. पू. में शुक्तिमती किसकी राजधानी थी ? 22. प्रसेनजीत कहाँ का राजा था ? 23. गोदावरी नदी के तट पर स्थित महाजनपद का क्या नाम था ? 24. वत्स जनपद की राजधानी क्या थी? 25. जीवक किस राजा का राजवैद्य था ? 26. 16 महाजनपदों में से कौन सा एकमात्र महाजनपद दक्षिण भारत में स्थित था ? 27.
शूरसेन महाजनपद की राजधानी कौनसी थी ? 28. गांधार महाजनपद की राजधानी कौनसी थी ? 29. किस महाजनपद को आठ गणराज्यों का संघ कहा जाता था ? 30. कौनसी नदी कोशल राज्य को दो भागों में बाँटती है ? READ THIS⇓⇓ गौतम बुद्ध की पूरी जानकारी पढ़ें अभिलेख किसे कहते है स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय क़ुतुब मीनार की पूरी जानकारी ताज महल की पूरी जानकारी पढ़ें चार्टर एक्ट 1833 की पूरी जानकारी सत्यशोधक समाज की पूरी जानकारी पढ़ें भारत की सबसे बङी झील कौन-सी है संविधान का अर्थ ,परिभाषा एवं विशेषताएँ जनपदों और महाजनपदों के बारे में जानकारी के स्रोत क्या हैं?महाजनपदों के बारे में हमे जानकारी कैसे मिलती है? महाजनपदों के बारे में हमे जानकारी बौद्ध तथा जैन ग्रंथो से मिलती है। बौद्ध धर्म के अंगुत्तर निकाय और जैन धर्म के भगवती सुत्र से हमे 16 महाजनपदों की जानकारी मिलती है।
सोलह महाजनपदों का उल्लेख कहाँ मिलता है?सोलह महाजनपद (16 Mahajanapadas) और उनकी राजधानी – छठी शताब्दी ईo पूo भारत में सोलह महाजनपदों का अस्तित्व था। इसकी जानकारी बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय और जैन ग्रन्थ भगवतीसूत्र से प्राप्त होती है। तमिल ग्रन्थ शिल्पादिकाराम में तीन महाजनपद – वत्स, मगध, अवन्ति का उल्लेख मिलता है।
16 महाजनपदों का उदय कैसे हुआ?छठी शताब्दी ई0पू0 में उत्तर भारत में 16 महाजनपदों का उदय हुआ। ऋग्वेद के जन उत्तर-वैदिक काल में जनपदों में परिवर्तित हो गये थे, और यही जनपद बुद्ध काल में महाजन पदों में बदल गये। बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय एवं जैन ग्रन्थ भगौती सूत्र में इन 16 महाजनपदोंका उल्लेख मिलता है।
सोलह महाजनपद क्या है?सोलह महाजनपदों में कासी, कोसल, अंग, मगध, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरु, पांचाल, मच्छ, सूरसेन, अश्मक, अवंती, गांधार और कंबोज शामिल हैं। काशी- इस महाजनपद की राजधानी वाराणसी थी। ऐसी मान्यता है कि वाराणसी को इसका नाम वरुणा और असि नामक शहर से घिरी नदियों से मिला था।
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