2 क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है क्यों अथवा क्यों नहीं ?`? - 2 kya ek titalee aur chamagaadad ke pankhon ko samajaat ang kaha ja sakata hai kyon athava kyon nahin ?`?

Short Note

क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?

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Solution

नहीं, वे समजात नहीं समरूप अंग कहलाते है। तितली और चमगादड़ के पंखों की संरचना अलग होती है। वे उत्पति मर भी एक समान नहीं है। तितली के पंख में हह्रिहयाँ नहीं होती जबकि चमगादड़ में होती है।

Concept: विकास एवं वर्गीकरण

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Chapter 9: अनुवांशिकता एवं जैव विकास - प्रश्न 5 [Page 171]

Q 2.Q 1.Q 3.

APPEARS IN

NCERT Science Class 10 [विज्ञान कक्षा १० वीं]

Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास
प्रश्न 5 | Q 2. | Page 171

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Q.13: क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?

उत्तर : तितली और चमगादड़ दोनों जीवों के पंख उड़ने का काम करते हैं पर इन्हें समजात अंग नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन के पंखों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती चाहे इनके कार्य एक समान होते हैं। ये इनके समवृत्ति अंग हैं।

क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?


तितली और चमगादड़ दोनों जीवों के पंख उड़ने का काम करते हैं पर इन्हें समजात अंग नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन के पंखों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती चाहे इनके कार्य एक समान होते हैं। ये इनके समवृत्ति अंग हैं।

2 क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है क्यों अथवा क्यों नहीं ?`? - 2 kya ek titalee aur chamagaadad ke pankhon ko samajaat ang kaha ja sakata hai kyon athava kyon nahin ?`?

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मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?


जब मेंडल ने मटर के लंबे पौधे और बौने पौधे का संकरण कराया तो उसे प्रथम संतति पीढ़ी F1 में सभी पौधे लंबे प्राप्त हुए थे। इसका अर्थ था कि दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया। उन दोनों का मिश्रित प्रमाण दिखाई नहीं दिया। उसने पैतृक पौधों और F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण से उगाया। इस दूसरी पीढ़ी F2 में सभी पौधे लंबे नहीं थे। इस में एक चौथाई पौधे बौने थे। मेंडल ने लंबे पौधों के लक्षण को प्रभावी और बौने पौधों के लक्षण को अप्रभावी कहा।

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यदि एक 'लक्षण-A' अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा 'लक्षण-B' उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उतपन्न हुआ होगा?


'लक्षण-B' अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है जो 'लक्षण-A' प्रजनन वाली समष्टि से 50 प्रतिशत अधिक है इसलिए 'लक्षण-B' पहले उतपन्न हुआ होगा।

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विभिन्नताओं के उतपन्न होने से किसी स्पीशीज़ का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?


किसी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं की उतपत्ति से स्पीशीज़ का अस्तित्व बढ़ जाता है क्योंकि:
(i) विभिन्नताएँ किसी स्पीशीज़ के प्राकृतिक वरण में सहायता करती हैं।
(ii) पर्यावरण के दबाव के परिणामस्वरूप उतपन्न हुई कुछ विभिन्नताएँ पर्यावरण की विपरीत परिस्थितियों से जूझने में सहायक सिद्ध होती हैं।
(iii) विभिन्नताएँ अनुकूल को भी बढ़ावा देती हैं।

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एक 'A-रुधिर वर्ग' वाला पुरष एक स्त्री जिस का रुधिर वर्ग 'O' है, से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग - 'O' है। क्या यह सुचना पर्याप्त है। यदि आप से कहा जाए कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग - 'A' अथवा 'O' प्रभावी लक्षण है। अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।


रुधिर समूह O प्रभावी लक्षण है क्योंकि वह F पीढ़ी में रुधिर समूह O प्रकट हुआ है। यह यह सुचना प्रभावी और प्रभावी लक्षण को प्रकट करने के लिए पर्याप्त है।

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रुधिर वर्ग O उसी स्थिति में होता है जब रक्त में प्रतिजन A और प्रतिजन B नहीं होता।

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मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न विकल्पी लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगति करते हैं?


मेंडल ने द्विसंकरण क्रॉस का अध्ययन किया जिसमें उसने दो पौधे जिनमें से एक के बीज पिले तथा गोल लेकिन दूसरे के हरे तथा झुर्रीदार थे। F1 पीढ़ी में उसे केवल पीले तथा बीज ही प्राप्त हुए। उसने F1 पीढ़ी के पौधों का स्वपरागण करवाया और चार प्रकार के बीज प्राप्त किए-
(a) पीले तथा गोल बीज 9,        (b) पीले तथा झुर्रीदार बीज 3,
(c) हरे तथा गोल बीज 3,         (d) हरे तथा झुर्रुदार बीज 1
F2 लक्षण प्रारूप अनुपात 9:3:3:1
उपरोक्त से स्पष्ट है कि बीजों के रंगों का अनुपात (3:1) तथा बीजों कि आकृति का अनुपात (3:1) एक-दूसरे के साथ मिश्रित नहीं होते बल्कि स्वतंत्र रूप से वशांनुगत होते हैं।

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Solution : तितली और चमगादड़ के पंख समजात अंग नहीं होते क्योंकि उनकी आधारभूत संरचना समान नहीं है। वे समरूप अंग है जो उड़ने का कार्य करते है। <br> कारण - तितली के पंखों की संरचना चमगादड़ के पंख से बिल्कुल भिन्न होती है। चमगादड़ के पंख में अग्रपाद के अंगुली में हड्डियाँ होती हैं जबकि तितली के पंख में हड्डियाँ नहीं होती ।

क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है क्यों अथवा क्यों नहीं ?`?

Solution : तितली और चमगादड़ के पंख समजात अंग नहीं होते क्योंकि उनकी आधारभूत संरचना समान नहीं है। वे समरूप अंग है जो उड़ने का कार्य करते है।

प्रश्न 20 क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है संक्षिप्त में समझाइए?

उत्तर : तितली और चमगादड़ दोनों जीवों के पंख उड़ने का काम करते हैं पर इन्हें समजात अंग नहीं कहा जा सकता क्योंकि इन के पंखों की मूल रचना और उत्पत्ति एक समान नहीं होती चाहे इनके कार्य एक समान होते हैं।