कितने भाव पर मिलना चाहिए पेट्रोल-डीजल?Updated Thu, 22 Jan 2015 01:22 PM IST Show
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर से भी कम होने के बाद भी भारत में डीजल-पेट्रोल की कीमत कम उतनी कम नहीं हो पा रही है, जितनी होनी चाहिए। केंद्र सरकार कच्चे तेल के आयात पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर लोगों को असली फायदा लेने से भी रोक भी रही है। फरवरी 2007 में कच्चे तेल की कीमत 55 डॉलर के स्तर पर थी। उस समय भारत में पेट्रोल 42 रुपए और डीजल 30 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा था। लेकिन आज 45 डॉलर प्रति बैरल क्रूड ऑयल होने के बाद भी पेट्रोल 55.26 रुपए और डीजल 48.26 रुपए प्रति लीटर की दर से ग्राहकों को मिल रहा है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की जानकारी के अनुसार भारतीय बॉस्केट के लिए कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 6 जनवरी को को 49.22 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही। पेट्रोल और डीज़ल फिर हुए महंगे15 नवंबर 2015 इमेज स्रोत, THINKSTOCK भारत की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक 15 नवंबर की मध्यरात्रि से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों में पेट्रोल 36 पैसे प्रति लीटर महंगा हो जाएगा. इसके अलावा डीज़ल भी 87 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है. इसके हिसाब से दिल्ली और आसपास के इलाकों में पेट्रोल 61.06 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. बीते 31 अक्टूबर को भी पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें में बदलाव हुआ था. तब पेट्रोल को 50 पैसे प्रति लीटर सस्ता किया गया था, जबकि डीज़ल के कीमतों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था. केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया है ताकि बजट में कर के लिए रखे गए लक्ष्य को पूरा किया जा सके. सरकार ने पेट्रोल पर 1.60 रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त एक्साइज़ ड्यूटी लगाने का फ़ैसला लिया था, जबकि डीज़ल पर यह अतिरिक्त ड्यूटी 40 पैसे प्रति लीटर रखी गई इमेज स्रोत, BBC World Service वैसे बीते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में पेट्रोल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली. यह 43.61 डॉलर प्रति बैरल है. इस महीने में अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में पेट्रोल की कीमतों में 12 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) नई दिल्ली। Petrol price: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में पेट्रोल के दाम को लेकर एक बयान दिया था जिसमें कहा था
पेट्रोल के दाम कम हो जाते तो अच्छा होता। लेकिन अब कौन खुशनसीब है कि 2021 में पेट्रोल की कीमत 100 पर पहुंचने के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम पर बोलेगा। देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें देश के कई हिस्सों में 100 रुपये को पार कर गई हैं। नवाब मलिक ने कहा कि पीएम मोदी को समझाना चाहिए कि जब दुनिया में पेट्रोल और डीजल की
कीमतें स्थिर हैं तो भारत में दरों में बढ़ोतरी क्यों की जा रही है। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के सूत्र को पकड़ते हुए नवाब मलिक ने मोदी को 2015 में अपने बयान की याद दिलाई। अब जब पेट्रोल 100 (Petrol price) पर पहुंच गया है, तो उन्होंने ट्वीट किया कि यह किसी की किस्मत है। नवाब मलिक ने ट्विटर के जरिए मोदी पर हमला बोला है। इस बीच, 100
पेट्रोल पार करने के बाद 2015 में बोलने वाले मोदी 2021 में नहीं बोलेंगे। तो आखिर में नवाब मलिक ने ट्वीट कर वीडियो शेयर कर उन पर निशाना साधा है। 19th November 2015, 09:59 by Aditya Nadkarni
The prices of petrol and diesel have been increased in India from November 16, 2015. The price of petrol has gone up by 36 paise per litre while that of diesel has been hiked by 87 paise per litre. In Delhi, petrol will now cost Rs. 61.06 per litre and diesel. Rs. 46.80 per litre. On November 1, the price of petrol was lowered by 50 paise and that of diesel was left unchanged. On November 7, the Government of India announced an increase in excise duty on petrol and diesel. However, fuel companies absorbed the hike and did not change the retail prices of the fuels. Fuel prices are reviewed every fortnight in India. Prices are hiked or lowered according to international rates and the Rupee - US Dollar exchange rate.
भारत में 2004 में पेट्रोल की कीमत कितनी थी?2004 में पेट्रोल की कीमत देश में 36.81 रुपए प्रति लीटर थी। 2014 में जब राजग सरकार की मोदी के नेतृत्व में वापसी हुई तो इसकी कीमत 71 रुपए हो गई। 2021 में यह 106 रुपए हो गई। डीजल की कीमत इसी दौरान 24.16 रुपए से बढ़कर 57 रुपए और फिर 100 रुपए पर अब पहुंच गई है।
भारत में 1990 में पेट्रोल की कीमत क्या थी?1980 के दशक तक संसार तेल के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर था। भारत में पेट्रोल 10 रुपए प्रति लीटर से भी कम था और डीजल भी दो-ढाई रुपए लीटर था। 1990 का दशक आते-आते स्थितियाँ बदलने लगीं और पेट्रोल 25 रुपए प्रति लीटर तक पहुँच गया। इस दशक के अंत में यह 30 रुपए के आसपास था।
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