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पढ़कर उन पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही उत्तर-विकल्प चुनकर लिखिए। 1) सदियों पूर्व, जब लिटिल अंदमान और कार-निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुंदर-सा गाँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था-तताँरा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँववालों को ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते।
वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के
कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी। 2. निकोबारियों का तताँरा के प्रति कैसा व्यवहार था 3. तताँरा के व्यक्तित्व की विशेषता थी 4. तताँरा अपनी कमर पर क्या बाँधे रहता था 5. तताँरा की तलवार की विशेषता थी 2) एक शाम तताँरा दिनभर के अथक परिश्रम के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें आ रही थीं। पक्षियों की सायंकालीन चहचहाटें शनैः शनैः क्षीण होने को थीं। उसका मन शांत था। विचारमग्न तताँरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा। तभी कहीं पास से उसे मधुर गीत गूंजता सुनाई दिया। गीत मानो
बहता हुआ उसकी तरफ़ आ रहा हो। बीच-बीच में लहरों का संगीत सुनाई देता। गायन इतना प्रभावी था कि वह अपनी सुध-बुध खोने लगा। लहरों के एक प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। चैतन्य होते ही वह उधर बढ़ने को विवश हो उठा जिधर से अब भी गीत के स्वर बह रहे थे। वह विकल सा उस तरफ़ बढ़ता गया। अंततः उसकी नज़र एक युवती पर पड़ी जो ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध, एकटक समुद्र की देह पर डूबते आकर्षक रंगों को निहारते हुए गा रही थी। यह एक शृंगार गीत था। 2. समुद्र-किनारे का वातावरण कैसा था 3. समुद्र किनारे बैठे तताँरा को पास से क्या सुनाई दिया 4. अंततः तताँरा की नज़र किस पर पड़ी 5. युवती द्वारा गाया जा रहा गीत कैसा था 3) वामीरो घर पहुँचकर भीतर-ही-भीतर कुछ बेचैनी महसूस करने लगी। उसके भीतर तताँरा से मुक्त होने की एक झूठी छटपटाहट
थी। एक झल्लाहट में उसने दरवाज़ा बंद किया और मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास किया। बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता। उसने तताँरा के बारे में कई कहानियाँ सुन रखी थीं। उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था। किंतु वही तताँरा उसके सम्मुख एक अलग रूप में आया। सुंदर, बलिष्ठ किंतु बेहद शांत, सभ्य और भोला। उसका व्यक्तित्व कदाचित वैसा ही था जैसा वह अपने जीवन-साथी के बारे में सोचती रही थी। किंतु एक दूसरे गाँव के युवक के साथ यह संबंध परंपरा के विरुद्ध था। अतएव उसने उसे
भूल जाना ही श्रेयस्कर समझा। किंतु यह असंभव जान पड़ा। तताँरा बार-बार उसकी आँखों के सामने था। निर्निमेष याचक की तरह प्रतीक्षा में डूबा हुआ। 2. वामीरो की मनःस्थिति को प्रकट करने वाली बात है 3. वामीरो के सम्मुख तताँरा आज किस अलग रूप में आया 4. वामीरो ने तताँरा को भूल जाना ही श्रेयस्कर समझा, क्योंकि 5. वामीरो को
क्या असंभव जान पड़ा 4) किसी तरह रात बीती। दोनों के हृदय व्यथित थे। किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुज़रने लगा। शाम की प्रतीक्षा थी। तताँरा के लिए मानो पूरे जीवन की अकेली प्रतीक्षा थी। उसके गंभीर और शांत जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचंभित था, साथ ही रोमांचित भी। दिन ढलने के काफ़ी पहले वह लपाती की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच
गया। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था। उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी। अगर वामीरो न आई तो? वह कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा था। सिर्फ प्रतीक्षारत था। बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी। वह बार-बार लपाती के रास्ते पर नज़रें दौड़ाता। सहसा नारियल के झुरमुटों में उसे एक आकृति कुछ साफ़ हुई कुछ और · कुछ और। उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। सचमुच वह वामीरो थी। लगा जैसे वह घबराहट में थी। वह अपने को छुपाते हुए बढ़ रही थी। बीच-बीच में इधर-उधर
दृष्टि दौड़ाना न भूलती। फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। दोनों शब्दहीन थे। कुछ था जो दोनों के भीतर बह रहा था। एकटक निहारते हुए वे जाने कब तक खड़े रहे। सूरज समुद्र की लहरों में कहीं खो गया था। अँधेरा बढ़ रहा था। अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ पड़ी। तताँरा अब भी वहीं खड़ा था… निश्चल · · शब्दहीन ……| 2. कैसा दिन गुजरने लगा 3. दिन ढलने से पहले तताँरा कहाँ पहुँच गया 4. तताँरा के भीतर क्या दौड़ रही थी 5. वामीरो की स्थिति कैसी थी 5) दोनों रोज़ उसी जगह पहुँचते और मूर्तिवत एक-दूसरे को निर्निमेष ताकते रहते। बस भीतर समर्पण था जो अनवरत गहरा रहा था। लपाती के कुछ युवकों ने इस मूक प्रेम को भाँप लिया और खबर हवा की तरह बह उठी। वामीरो लपाती ग्राम की थी और तताँरा पासा का। दोनों का संबंध संभव
न था। रीति अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। वामीरो और तताँरा को समझाने-बुझाने के कई प्रयास हुए किंतु दोनों अडित रहे। वे नियमतः लपाती के उसी समुद्री किनारे पर मिलते रहे। अफ़वाहें फैलती रहीं। 2. दोनों के अंतर्मन
में क्या था 3. तताँरा-वामीरो के प्रेम को किसने भाँप लिया था 4. तताँरा और वामीरो का संबंध संभव क्यों न था 5. लोगों ने क्या प्रयास किया 6) वामीरो के रुदन स्वरों को सुनकर उसकी माँ वहाँ पहुँची और दोनों को देखकर आग बबूला हो उठी। सारे गाँव वालों की उपस्थिति में यह
दृश्य उसे अपमानजनक लगा। इस बीच गाँव के कुछ लोग भी वहाँ पहुँच गए। वामीरो की माँ क्रोध में उफ़न उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया। गाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाजें उठाने लगे। यह तताँरा के लिए असहनीय था। वामीरो अब भी रोए जा रही थी। तताँरा भी गुस्से से भर उठा। उसे जहाँ विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ था वहीं अपनी असहायता पर खीझ। वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। उसे मालूम न था कि क्या कदम उठाना चाहिए? अनायास उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका। क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ
विचार करता रहा। क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था। 2. तताँरा को गुस्सा क्यों आया- 3. वामीरो की माँ ने किसे अपमानित किया 4. तताँरा-वामीरो कथा समाज की किस समस्या की ओर ध्यान इंगित कराती है- 5. ‘आग बबूला हो उठने’ का क्या अर्थ है 7) जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ़ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था। अचानक जहाँ तक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने
लगी। मानो धरती दो टुकड़ों में बँटने लगी हो। एक गड़गड़ाहट-सी गूंजने लगी और लकीर की सीध में धरती फटती ही जा रही थी। द्वीप के अंतिम सिरे तक तताँरा धरती को मानो क्रोध में काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे। लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी, वे सिहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती 2. अपने क्रोध को शांत करने के लिए तताँरा ने क्या किया 3. लोग क्या देखकर
सिहर उठे? 4. वामीरो की चीख किसमें डूब गई थी? 5. तताँरा के अंतिम छोर पर पहुँचने पर क्या हुआ Question 1. Answer: (a) वर और वधू एक ही गांव के हों Question 2. Answer: (c) ऊबाऊ Question 3. Answer: (a) मधुर और सुरीला Question 4. Answer: (c) युवती को Question 5. Answer: (d) सभी Question 6. Answer: (c) ९६ किलोमीटर की दूरी पर Question
7. Answer: (c) लिटिल अंडमान Question 8. Answer: (c) अंडमान निकोबार के हर घर में Question 9. Answer: (b) लकड़ी की तलवार Question 10. Answer: (d) सभी Question 11. Answer: (a) अंडमान निकोबार द्वीप समूह की लोक कथा पर Question 12. Answer: (c) रायपुर से Question
13. Answer: (c) कविता Question 14. Answer: (c) वर्णात्मक और संवेदात्मक Question 15. Answer: (a) १९५४ में Question 16. Answer: (b) वह उसे देखकर रोने लगी| Question 17. Answer: (d) वह सदैव दूसरों की सहायता करता था| Question 18. Answer: (a) प्रेम सच्चा और गहरा था। Question 19. Answer: (a) विवाह के लिए लड़के-लड़की का एक ही गाँव का होना ज़रूरी था Question 20. Answer: (c) समुद्र में ऊँची उठी लहरों के कारण |