NCERT Solutions for Class 11 Humanities Hindi Chapter 3 कुँवर नारायण कविता के बहाने, बात सीधी थी पर are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for कुँवर नारायण कविता के बहाने, बात सीधी थी पर are extremely popular among Class 11 Humanities students for Hindi कुँवर नारायण कविता के बहाने, बात सीधी थी पर Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 11 Humanities Hindi Chapter 3 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 11 Humanities Hindi are prepared by experts and are 100% accurate. Show Page No 19:Question 1:इस कविता के बहाने बताएँ कि 'सब घर एक कर देने के माने' क्या है? Answer:सब घर एक देने के माने का अर्थ है कि सभी को अपना घर बना लेना। बच्चों के लिए अपना-पराया कुछ नहीं होता है। जहाँ उन्हें प्यार मिलता है, वे वहीं के हो जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे पड़ोसियों के साथ भी वैसे ही रहते हैं, जैसे अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। वे किसी सीमा को नहीं समझते हैं। वे उन सीमाओं को तोड़कर एकता स्थापित कर देते हैं। ऐसे ही कविताएँ होती हैं। कविता यह नहीं देखती कि उसे हिन्दू पढ़ रहा है या अन्य कोई धर्म या जाति का व्यक्ति। वे सारी सीमाएँ तोड़कर प्रेम तथा एकता का सूत्र कायम कर देती हैं। वे समाज तथा सभी देशों की सीमाओं को एकसूत्र में पिरो देती हैं। Page No 19:Question 2:'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध बनता है? Answer:पक्षी आकाश में उड़ते हैं तथा फूल जगह-जगह खिलते हैं। कविता में पक्षियों के समान उड़ने की तथा फूल के समान खिलने की विशेषता होती है। लेकिन ये विशेषताएँ उसे किसी सीमा में नहीं बाँधती। ये विशेषताएँ उसे गहराई तथा व्यापकता देती है। पक्षी एक समय तक ही उड़ सकते हैं तथा फूल खिलकर समाप्त हो जाते हैं लेकिन कविता में ऐसा नहीं होता है। वह अपने निर्माण के साथ ही उड़ान भरती है और सदियों तक इस उड़ान को कायम रखती है, वह फूल के समान स्वरूप पाकर खिलती है। उसका खिलना एक समय के लिए नहीं होता बल्कि वह भी सदियों तक खिलकर लोगों के हृदय को आनंदित करती है। इसलिए 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से गहरा संबंध बनता है। Page No 19:Question 3:कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं? Answer:कविता और बच्चों में समानांतर रखने के निम्नलिखित कारण हैं- Page No 19:Question 4:कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या होते हैं? Answer:फूल ही ऐसे हैं, जो महकते हैं। लेकिन उनका महकना तब तक कायम रहता है, जब तक उनका अस्तित्व विद्यमान है। कविता की स्थिति ऐसी नहीं है। कवि ने उसे खिलने तथा कभी न मुरझाने की शक्ति प्रदान की है। इस कारण उसकी महक सदैव बनी रहती है। उसे आप जब भी पढ़ो वह आपको नयी ही प्रतीत होती है। कविता का प्रभाव तथा अस्तित्व चिरस्थायी रहता है। इसलिए कविता को बिना मुरझाए महकने के लिए कहा है। Page No 19:Question 5:'भाषा को सहूलियत' से बरतने से क्या अभिप्राय है? Answer:इसका अभिप्राय है कि हमें भाषा का प्रयोग उचित प्रकार से करना चाहिए। भाषा शब्दों का ताना-बाना है। उनके अर्थ प्रसंगगत होते हैं। अतः हमें उसका प्रयोग सही प्रकार से करना चाहिए। कई बार हम गलत शब्द का प्रयोग कर भाषा को पेचिदा बना देते हैं। इसलिए कहा गया है कि भाषा को सहूलियत के साथ बरतना चाहिए। जितना आवश्यक हो उतना ही बोलना चाहिए। अत्यधिक बोलना भी भाषा को विचित्रता दे देता है। हम बोलने में भूल ही जाते हैं कि हम क्या बोल रहे हैं। अतः बोलते समय अधिक सावधानी रखें। Page No 19:Question 6:बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में 'सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है' कैसे? Answer:यह सही है कि बात और भाषा आपस में जुड़े हुए हैं। जब हम किसी से बात करते हैं, तो भाषा ही वह माध्यम हैं, जिससे हम अपनी बात दूसरों को समझा सकते हैं। यदि भाषा नहीं है, तो हम बात नहीं कर सकते हैं। यदि हम किसी के साथ बात ही नहीं करेंगे, तो भाषा का प्रयोग नहीं
होगा। अतः यह अटूट संबंध है। जब हम अपनी भाषा को सहजता से इस्तेमाल नहीं करते तो यह स्थिति आती है कि सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है। हर शब्द की विशेषता है कि उसका अपना अलग अर्थ होता है। फिर चाहे वह देखने में किसी के समान अर्थ देने वाले क्यों न लगे। उदाहरण के लिए- Page No 19:Question 7:बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें।
Answer:
Page No 20:Question 1:❖ बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित हैं। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें। Answer:क) बात बनना- काम बन जाना- कल लड़के वाले आए थे। लगता है नेहा की बात बन गई है। Page No 20:Question 1:❖ ज़ोर ज़बरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई Answer:प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि हमें बोलते समय भाषा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मात्र अपनी बात कहने के लिए कुछ भी नहीं कहना चाहिए। भाषा में अनावश्यक शब्दों का प्रयोग करने से बात का महत्व समाप्त हो जाता है। इस तरह बात बिगड़ जाती है। एक पेंच को कसते समय हमारे द्वारा की गई ज़बरदस्ती पेंच की चूड़ी को खराब कर देता है, वैसे ही बात करते समय भाषा में किए गए अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से बात का सही अर्थ नहीं निकल पाता है। अपनी बात को समझाने के लिए हमें उचित शब्दों का ही प्रयोग करना चाहिए। इस तरह हमारी बात प्रभावी बनती है और लोगों को समझ में आती है। लेकिन ज़बरदस्ती भाषा को प्रभावी बनाने के चक्कर में सही बात भी स्पष्ट नहीं हो पाती है। Page No 20:Question 1:❖ आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए? Answer:आधुनिक युग में कविताओं में संभावनाएँ- Page No 20:Question 2:❖ चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्त्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में, बिबों और उपमानों के महत्त्व पर परिसंवाद आयोजित करें। Answer:भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिबों और उपमानों के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता है। ये ही कविता के स्वरूप को साकार करते हैं। इनके द्वारा ही कवि की बात प्रभावी बनती है और वह क्या कहना चाहता है, यह स्पष्ट होता है। 'बिंब' का अर्थ होता है, शब्दों के माध्यम से कविता में ऐन्द्रिय चित्र दर्शाना। कविता में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके द्वारा कवि अपनी कल्पनाशक्ति का प्रयोग कर अपने सूक्ष्म विचारों को एक चित्र के रूप में दर्शाता है। यह चित्र कविता पढ़ते समय हमारी आँखों के आगे साकार हो जाता है। उपमान का प्रयोग करके कवि भाषा को सरल, सहज बना देता है। इससे भाषा में शब्दांडबर खत्म हो जाता है और कविता अपने उद्देश्य की पूर्ति कर लेती है। Page No 20:Question 1:सुंदर है सुमन, विहग सुंदर पंत की इस कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है 'कविता के बहाने' कविता में से इस आशय को अभिव्यक्त करने वाले बिंदुओं की तलाश करें। Answer:निम्नलिखित बिंदु दी गई कविता के आशय को अभिव्यक्त करते हैं- (क) कविता के पंख लगा उड़ने के माने चिड़िया क्या जाने? (ख) बिना मुरझाए महकने के माने फूल क्या जाने? (ग) सब घर एक कर देने के माने बच्चा ही जाने! Page No 20:Question 2:प्रतापनारायण मिश्र का निबंध 'बात' और नागार्जुन की कविता 'बातें' ढूँढ़ कर पढ़ें। Answer:बात यदि हम वैद्य होते तो कफ और पित्त के सहवर्ती बात की व्याख्या करते तथा भूगोलवेत्ता होते तो किसी देश के जल बात का वर्णन करते। किंतु इन दोनों विषयों में हमें एक बात कहने का भी प्रयोजन नहीं है। इससे केवल उसी बात के ऊपर दो चार बात लिखते हैं जो हमारे सम्भाषण के समय मुख से निकल-निकल के परस्पर हृदयस्थ भाव प्रकाशित करती रहती है। सच पूछिए तो इस बात की भी क्या बात है जिसके प्रभाव से मानव जाति
समस्त जीवधारियों की शिरोमणि (अशरफुल मखलूकात) कहलाती है। शुकसारिकादि पक्षी केवल थोड़ी सी समझने योग्य बातें उच्चरित कर सकते हैं इसी से अन्य नभचारियों की अपेक्षा आद्रित समझे जाते हैं। फिर कौन न मान लेगा कि बात की बड़ी बात है। हाँ, बात की बात इतनी बड़ी है कि परमात्मा को सब लोग निराकार कहते हैं तौ भी इसका संबंध उसके साथ लगाए रहते हैं। वेद ईश्वर का बचन है, कुरआनशरीफ कलामुल्लाह है, होली बाइबिल वर्ड आफ गाड है यह बचन, कलाम और वर्ड बात ही के पर्याय हैं सो प्रत्यक्ष में मुख के बिना स्थिति नहीं कर
सकती। पर बात की महिमा के अनुरोध से सभी धर्मावलंबियों ने "बिन बानी वक्त बड़ योगी" वाली बात मान रक्खी है। यदि कोई न माने तो लाखों बातें बना के मनाने पर कटिबद्ध रहते हैं। (प्रताप नारायण मिश्र) बातें हँसी में धुली हुईं (नागार्जुन) View NCERT Solutions for all chapters of Class 16 कविता और बच्चे को समांतर रखने के क्या कारण है?कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं? - बच्चे के सपने असीम होते हैं और कवि की कल्पना भी असीम होती है। - बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का स्थान नहीं होता। कविता भी शब्दों का खेल है और इसमें कोई बधन नहीं होता।
बच्चों और कविता में क्या समानता है?बच्चों के समान कविता में शब्दों की कोई सीमा नहीं होती है। जैसे बच्चे खेलते समय सारी सीमाएँ तोड़ देते हैं, वैसे ही कविता भी सारी सीमाएँ तोड़ देती है। बच्चे किसी सीमा को नहीं मानते। उनके लिए कोई अपना-पराया नहीं होता है।
कविता के संदर्भ में बिना मुरझाए महकने के मायने क्या होते हैं?कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या होते हैं? फूल तो खिलकर मुरझा जाते हैं और उनकी महक समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत कविता भी मुरझाती नहीं। वह सदा ताजा बनी रहती है और उसकी महक बरकरार रहती है।
बच्चों के काम पर जाने से कवि चिंतित क्यों?प्रश्न (क) बच्चों के काम पर जाने को कवि भयानक पंक्ति क्यों कहता है ? उत्तरः कवि के अनुसार बच्चें का काम पर जाना इसलिए भयानक है क्योंकि बचपन में उन्हें खेलने-कूदने, पढ़ने-लिखने के अवसर प्राप्त होने चाहिए। इसके अभाव में उनका बचपन नष्ट हो जाएगा व देश की नींव कमजोर होने पर देश भी तरक्की नहीं कर पाएगा।
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