चमार को काबू कैसे करें - Jatav Chamar Ko Kabu Kaise Kare Show
▶लोग कहते हैं तुझे तेरी चमारगीरी एक दिन बहुत महंगी पड़ेगी..! ▶हर तलवार पर लिखी है चमारों की कहानी, ▶पंगा लेना गोली की रफ्तार से, ▶सुन छोरी जिस दिन यो
#चमार बंदूक लेकर थारे गांव में आएगा..! ▶शौक चमार साहब के सारी दुनिया तै
वखरे सै… ▶थोड़ा वक्त और ठहर जाओ शोर भी सुनाई देगा और अखबारों में नाम भी होगा..! ▶सुन पगली तलवारों की धार पर इतिहास हमारा चलता है..! ▶बाप के सामने अय्याशी और चमार के सामने बदमाशी भूल कर भी मत करियो..! ▶बैरण नु बोली Chamaar तुं के शोंक पुगावगा जे ला लयुं तेरे गेल यारी मैं बोलया , ▶वा सोचा कर कै
block मना पीछा सा छुटा लै गी ▶रै मनै बेरा है ▶इस दिल मे कितना दर्द है मैं बयां नही कर सकता ▶दो चीज़ से दूर रहया करो बड़की हुई आग अर गुस्से में आया ▶रोता हु मैं इन रातो में उसको याद करके पर ऊमीद है के संबंधित प्रोडक्ट (Marchandise)यदि आप अपनी जाति से संबंधित Cool T-shirt | Mug | Historical Books एवं अन्य प्रोडक्ट इत्यादि खरीदने में रुचि रखते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से सभी प्रोडक्ट को देखकर अपनी सहूलियत के हिसाब से खरीद सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक से आप कोई भी प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो आपको Best Deal और अच्छा डिस्काउंट मिल जाएगा। दोस्तों! आपको समझ आ गया होगा कि "चमार को काबू" नहीं किया जा सकता, इसीलिए आप इस आर्टिकल को हर उस व्यक्ति के साथ शेयर करिए जो चमार को काबू करना चाहता है। यदि आपके इस आर्टिकल से संबंधित कोई सुझाव या विचार हैं तो नीचे कमेंट के माध्यम से हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। आप भविष्य में भी ऐसे लेख पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमारे ब्लॉग Top Hindi Story पर विजिट करते रहिए. यदि आप हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो हमारे Contact us पेज और Facebook पेज पर हम से संपर्क कर सकते हैं. धन्यवाद सभी आर्टिकल देखने के लिए-यहाँ क्लिक करे संबंधित लेख :
चमार जाति का गौरवशाली इतिहास, कौन हैं ये लोग सिकन्दर लोदी (1489-1517) के शासनकाल से पहले पूरे भारतीय इतिहास में 'चमार' नाम की किसी जाति का उल्लेख नहीं मिलता | आज जिन्हें हम चमार जाति से संबोधित करते हैं और जिनके साथ छूआछूत का व्यवहार करते हैं, दरअसल वह वीर चंवर वंश के क्षत्रिय हैं | जिन्हें सिकन्दर लोदी ने चमार घोषित करके अपमानित करने की चेष्टा की | भारत के सबसे विश्वसनीय इतिहास लेखकों में से एक विद्वान कर्नल टाड को माना जाता है जिन्होनें अपनी पुस्तक द हिस्ट्री आफ राजस्थान में चंवर वंश के बारे में विस्तार से लिखा है | प्रख्यात लेखक डॅा विजय सोनकर शास्त्री ने भी गहन शोध के बाद इनके स्वर्णिम अतीत को विस्तार से बताने वाली पुस्तक हिन्दू चर्ममारी जाति एक स्वर्णिम गौरवशाली राजवंशीय इतिहास" लिखी | महाभारत के अनुशासन पर्व में भी इस राजवंश का उल्लेख है | डॉ शास्त्री के अनुसार प्राचीनकाल में न तो चमार कोई शब्द था और न ही इस नाम की कोई जाति ही थी | अर्वनाइजेशन' की लेखिका डॉ हमीदा खातून लिखती हैं मध्यकालीन इस्लामी शासन से पूर्व भारत में चर्म एवं सफाई कर्म के लिए किसी विशेष जाति का एक भी उल्लेख नहीं मिलता है | हिंदू चमड़े को निषिद्ध व हेय समझते थे | लेकिन भारत में मुस्लिम शासकों के आने के बाद इसके उत्पादन के भारी प्रयास किए गये थे | डॅा विजय सोनकर शास्त्री के अनुसार तुर्क आक्रमणकारियों के काल में चंवर राजवंश का शासन भारत के पश्चिमी भाग में था और इसके प्रतापी राजा चंवरसेन थे | इस क्षत्रिय वंश के राज परिवार का वैवाहिक संबंध बाप्पा रावल वंश के साथ था | राणा सांगा व उनकी पत्नी झाली रानी ने चंवरवंश से संबंध रखने वाले संत रैदासजी को अपना गुरु बनाकर उनको मेवाड़ के राजगुरु की उपाधि दी थी और उनसे चित्तौड़ के किले में रहने की प्रार्थना की थी | संत रविदास चित्तौड़ किले में कई महीने रहे थे | उनके महान व्यक्तित्व एवं उपदेशों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें गुरू माना और उनके अनुयायी बने | उसी का परिणाम है आज भी विशेषकर पश्चिम भारत में बड़ी संख्या में रविदासी हैं | राजस्थान में चमार जाति का बर्ताव आज भी लगभग राजपूतों जैसा ही है | औरतें लम्बा घूंघट रखती हैं आदमी ज़्यादातर मूंछे और पगड़ी रखते हैं | संत रविदास की प्रसिद्धी इतनी बढ़ने लगी कि इस्लामिक शासन घबड़ा गया सिकन्दर लोदी ने मुल्ला सदना फकीर को संत रविदास को मुसलमान बनाने के लिए भेजा वह जानता था की यदि रविदास इस्लाम स्वीकार लेते हैं तो भारत में बहुत बड़ी संख्या में इस्लाम मतावलंबी हो जायेगे लेकिन उसकी सोच धरी की धरी रह गयी स्वयं मुल्ला सदना फकीर शास्त्रार्थ में पराजित हो कोई उत्तर न दे सका और उनकी भक्ति से प्रभावित होकर अपना नाम रामदास रखकर उनका भक्त वैष्णव (हिन्दू) हो गया | दोनों संत मिलकर हिन्दू धर्म के प्रचार में लग गए जिसके फलस्वरूप सिकंदर लोदी आगबबूला हो उठा एवं उसने संत रैदास को कैद कर लिया और इनके अनुयायियों को चमार यानी अछूत चंडाल घोषित कर दिया | उनसे कारावास में खाल खिचवाने, खाल-चमड़ा पीटने, जुती बनाने इत्यादि काम जबरदस्ती कराया गया उन्हें मुसलमान बनाने के लिए बहुत शारीरिक कष्ट दिए | लेकिन उन्होंने कहा :- वेद धर्म सबसे बड़ा, अनुपम सच्चा ज्ञान, संत रैदास पर हो रहे अत्याचारों के प्रतिउत्तर में चंवर वंश के क्षत्रियों ने दिल्ली को घेर लिया | इससे भयभीत हो सिकन्दर लोदी को संत रैदास को छोड़ना पड़ा था | संत रैदास का यह दोहा देखिए :- बादशाह ने वचन उचारा | मत प्यारा इसलाम हमारा || समस्या तो यह है कि आपने और हमने संत रविदास के दोहों को ही नहीं पढ़ा, जिसमें उस समय के समाज का चित्रण है जो बादशाह सिकंदर लोदी के अत्याचार, इस्लाम में जबरदस्ती धर्मांतरण और इसका विरोध करने वाले हिंदू ब्राहमणों व क्षत्रियों को निम्न कर्म में धकेलने की ओर संकेत करता है | चंवर वंश के वीर क्षत्रिय जिन्हें सिकंदर लोदी ने 'चमार' बनाया और हमारे-आपके हिंदू पुरखों ने उन्हें अछूत बना कर इस्लामी बर्बरता का हाथ मजबूत किया | इस समाज ने पददलित और अपमानित होना स्वीकार किया, लेकिन विधर्मी होना स्वीकार नहीं किया आज भी यह समाज हिन्दू धर्म का आधार बनकर खड़ा है | आज भारत में 23 करोड़ मुसलमान हैं और लगभग 35 करोड़ अनुसूचित जातियों के लोग हैं | जरा सोचिये इन लोगों ने भी मुगल अत्याचारों के आगे हार मान ली होती और मुसलमान बन गये होते तो आज भारत में मुस्लिम जनसंख्या 50 करोड़ के पार होती और आज भारत एक मुस्लिम राष्ट्र बन चुका होता | यहाँ भी जेहाद का बोलबाला होता और ईराक, सीरिया, सोमालिया, पाकिस्तान और अफगानिस्तान आदि देशों की तरह बम-धमाके, मार-काट और खून-खराबे का माहौल होता | हम हिन्दू या तो मार डाले जाते या फिर धर्मान्तरित कर दिये जाते या फिर हमें काफिर के रूप में अत्यंत ही गलीज जिन्दगी मिलती | धन्य हैं हमारे ये भाई जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी अत्याचार और अपमान सहकर भी हिन्दुत्व का गौरव बचाये रखा और स्वयं अपमानित और गरीब रहकर भी हर प्रकार से भारतवासियों की सेवा की | जाटव को कैसे काबू में किया जा सकता है?जाटव को काबू में कैसे करें- निष्कर्ष:
इन्हें अब दबाया नहीं जा सकता है अर्थात काबू में नहीं किया जा सकता है. केवल आपसी समझ, सम्मान और समान व्यवहार से इनका दिल जीता जा सकता है.
ठाकुर को काबू में कैसे किया जाता है?ठाकुर को काबू में कैसे करें – thakur ko kaise kabu kare
ठाकुरों से जब भी मिले तो उनसे हाथ मिलाए और अच्छी-अच्छी बातें करें और एक बात का हमेशा ध्यान रखें आप जब भी उनसे बात करें तो बहुत नरम लहज़े से बात करें उनसे अकड़ कर बिल्कुल भी बात ना करें क्योंकि जो लोग उनसे अकड़ते हैं फिर वो ठाकुर के दुश्मन बन जाते हैं।
गूगल को काबू में कैसे करें?गूगल को काबू करना संभव ही नहीं असंभव है। ऐसा इसलिए क्योंकि गूगल इंटरनेट की दुनिया का बादशाह है।. सर्वप्रथम हमें अपने मोबाइल में गूगल क्रोम ब्राउज़र को खोलने की जरूरत होगी।. जिसके बाद हमे अपने गूगल क्रोम ब्राउज़र में google.com को खोलना होगा।. अब हमें इस स्टेप में आकर गूगल का सर्च प्राप्त होगा।. यूपी के लड़कों को काबू में कैसे करें?Up Ke Ladke Kaise Kabu Kare – यूपी के लड़कों को काबू में कैसे.... #1. यूपी के लड़कों से दोस्ती करें. # 2. यूपी के लड़कों के बुरे समय में मदद करें. #3. यूपी के लड़कों से ज्यादा से ज्यादा बात करें. #4. यूपी के लोगों की इज्जत करें. #5. यूपी के लड़कों से पढ़ाई की बातें करें. #6. ... . Up Ke Ladke Kaise Kabu Kare.. |