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आयुर्वेद से जानें कफ दोष को संतुलित करने के तरीकेparul rohatagi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 3 Apr 2020, 12:50 pm त्रिदोष के आधार पर ही शरीर की प्रकृति तय की जाती है। एक दोष में भी असंतुलन आ जाए तो शरीर पर अनेक व्याधियों का खतरा मंडराने लगता है। त्रिदोष में से एक कफ दोष को संतुलित करने के कुछ आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं।
कफ दोष में असंतुलन के लक्षण यदि किसी व्यक्ति के शरीर में कफ दोष में असंतुलन आ जाए तो उसके व्यवहार में कुछ बदलाव देखने काे मिलते हैं जैसे कि थकान, सुस्ती, सुबह उठने में दिक्कत होना, जिद्दीपन, ज्यादा भावनात्मक होना, लालच, उदासी और भ्रम। वहीं, कफ दोष में असंतुलन आने के शारीरिक लक्षणों की बात करें तो इसमें अधिक म्यूकस बनना, वजन बढ़ना, जीभ पर सफेद परत जमना, साइनस में कफ जमना, पाचन खराब होना, कमजोरी, धमनियों में वसा जमना, प्री-डायबिटीज, खांसी,
जुकाम, नाक बहना, हे फीवर, ठंडा पसीना आना, बार-बार पेशाब आना, कान में अधिक मैल जमना, त्वचा और बालों का तैलीय होना एवं स्वाद और सूंघने की क्षमता में कमी आना शामिल है। कफ दोष में असंतुलन के कारण
कफ दोष को संतुलित करने के तरीके
यदि त्रिदोष में से किसी एक भी दोष में असंतुलन आ जाए तो शरीर की सामान्य क्रियाएं बिगड़ने लगती हैं। स्वस्थ रहने के लिए त्रिदोष का संतुलित होना बहुत जरूरी होता है इसलिए अगर आपके शरीर में कफ दोष असंतुलित हो जाए तो उसे ठीक करना बहुत जरूरी होता है, वरना शरीर अनेक बीमारियों से घिर जाता है। यह भी पढें: आयुर्वेद ने बताया, कैसे करें दिन की शुरुआत Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादआयुर्वेद में कितने दोष होते हैं?आयुर्वेद के सन्दर्भ में वात, पित्त, कफ इन तीनों को दोष कहते हैं।
आयुर्वेद में तीन दोष कौन से हैं?आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में तीन दोष पाए जाते हैं, जिन्हें वात, पित्त और कफ कहा जाता है।
बात दोष क्या होता है?वात दोष हवा से जुड़ा होता है। वात शरीर में ब्लड का फ्लो ठीक रखने में मदद करता है। इसके साथ ही यह किसी पोषक तत्व की कमी न हो वह वात काम करता है। इस दोष के कारण आपको घुटने में दर्द होना, हड्डियों में कैविटी, शरीर में तेज दर्द, पैर में ऐंठन होना, स्किन का रफ होना, शरीर कमजोर होना शामिल है।
त्रिदोष को कैसे ठीक करें?त्रिदोष के लिए आयुर्वेदिक उपाय. गिलोय का सेवन करने से फायदा मिलेगा। इसके लिए सुबह गिलोय का जूस या फिर काढ़ा पी सकते हैं।. अष्टवर्ग का सेवन करे।. मेथी अंकुरित करके खाएं. सुबह काली पेट लहसुन का सेवन करे। अगर आपको इसकी तासीर गर्म सह नहीं पाते हैं तो रात को पानी में बिगोकर इसका सेवन करे।. |