बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए क्या करना चाहिए? - bachchon ko aagyaakaaree banaane ke lie kya karana chaahie?

बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए क्या करना चाहिए? - bachchon ko aagyaakaaree banaane ke lie kya karana chaahie?

बच्चों को बचपन से ही आज्ञाकारी बनाना माता-पिता की जिम्मेदारी है। अकसर बच्चे आगे चलकर अपने माता पिता की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं और कुछ गलत फैसलों को अपना बैठते हैं। ऐसे में माता-पिता बचपन में ही बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। माता-पिता अपने बच्चों के आदर ना करना, झगड़ा करना, उनकी बात ना मानना आदि समस्याओं से परेशान रहते हैं। ऐसे में बता दें कि यदि आप भी इन सभी समस्याओं से परेशान हैं तो आज का हमारा लेख आपके लिए ही है। आज हम आपके इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता-पिता कैसे अपने बच्चों को आज्ञाकारी बना सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...

 

बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए क्या करना चाहिए? - bachchon ko aagyaakaaree banaane ke lie kya karana chaahie?

1 - खेलों की लें मदद

बच्चों का ध्यान सबसे ज्यादा खेलों पर आकर्षित रहता है। ऐसे में माता-पिता खेलों की मदद से भी उन्हें आज्ञाकारी बना सकते हैं। आप उनकी मनपसंद खेल उनके साथ खेलें और खेल खेल में आप अपनी बात उनसे मनवाने की कोशिश करें। आप चाहे तो उस खेल के नियम अपने मुताबिक भी रख सकते हैं, जिसका पालन बच्चे को सख्ती से करना होगा।

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2 -बच्चों को डांटे नहीं

जब बच्चा माता-पिता की बात नहीं मानता है तो ऐसे में माता-पिता उन्हें डांट कर अपनी बात मनवाने की कोशिश करते हैं। लेकिन बता दें कि यह तरीका एकदम गलत होता है। इससे बच्चे ना केवल जिद्दी बन सकते हैं बल्कि वे आपकी बात को टालना भी शुरू कर सकते हैं। ऐसे में आप सख्ती से नहीं बल्कि प्यार से और शांति से अपने बच्चों को अपनी बात समझाएं। ऐसा करने से न केवल बच्चे आपकी बात मानेंगे बल्कि वे आप पर भरोसा भी रखेंगे।

3 - खुद बनें उदाहरण

बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए सबसे पहले खुद को आज्ञाकारी बनना जरूरी है। यदि माता-पिता खुद एक दूसरे पर अपनी जरूरतों को थोपेंगे या बच्चों के सामने लड़ेंगे तो इस माहौल में बच्चा कभी आज्ञाकारी नहीं बन सकता। ऐसे में सबसे पहले माता-पिता को एक दूसरों को समझना जरूरी है। तभी वे अपने बच्चे को आज्ञाकारी बना सकते हैं।

बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए क्या करना चाहिए? - bachchon ko aagyaakaaree banaane ke lie kya karana chaahie?

4 - बच्चों को सिखाएं सम्मान देना

माता-पिता बच्चों को सिखाएं कि वह अपने से छोटे और अपने से बड़े का सम्मान करें। यह भी आज्ञाकारी बनने की पहली सीढ़ी हो सकती है। जब बच्चों को दूसरों का सम्मान करना आएगा तभी वे दूसरों की इज्जत भी करेंगे तो उनके अंदर आज्ञाकारी बनने के लिए प्रेरणा भी मिल सकती है। ऐसे में उन्हें दूसरों का सम्मान करना जरूर सिखाएं।

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5 - अपनी बातों को न थोंपें

कुछ माता-पिता की आदत होती है कि वे अपनी बात मनवाने के चक्कर में अपनी इच्छाओं को बच्चों पर थोप देते हैं, जिसके कारण बच्चे जल्दी बोर हो जाते हैं। ऐसे में माता-पिता को अपनी बात बच्चों पर थोपने की आदत को बदलना होगा। वह प्यार से बच्चों को अपनी बात समझाएं और उसके पीछे का कारण भी बताएं कि वह यह काम किस कारण करने के लिए कह रहे हैं। ऐसा करने से बच्चा न केवल आपकी बात समझ सकता है बल्कि उस काम को अपने पूरे मन से भी कर सकता है।

नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों को आज्ञाकारी बनाना माता-पिता की ही जिम्मेदारी है। लेकिन उससे पहले माता-पिता को भी खुद में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। तभी वह अपने बच्चों को आज्ञाकारी बना सकते हैं। कुछ बच्चों का स्वभाव थोड़ा सा अलग होता है। ऐसे में शुरुआत में हो सकता है कि बच्चा आपके द्वारा किए गए बदलावों को स्वीकार न कर पाए। ऐसे में माता-पिता को थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है।

Published on: 4 November 2022, 21:17 pm IST

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क्या आपका बच्ची भी आपका कहना नहीं सुनता है? ऐसे में आप एक ही चीज़ उनसे इतनी बार कहती हैं, कि आपको खुद ध्यान नहीं रहता कि आखिर पूरी बात क्या थी। पहली बात तो ये कि यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो यह बिल्कुल नॉर्मल है। आप इसमें अकेली नहीं हैं और न ही आपका बच्चा अनोखा है, क्योंकि हर बच्चा बचपन में ऐसा ही होता है। यह एक नॉर्मल बिहेवियर है।

शुरुआती चरण में बच्चे को आज्ञाकारी बनाना माता – पिता के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सबसे मुश्किल काम होता है। माता-पिता के रूप में, हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे बच्चे नियमों का पालन करें और हमारे अधिकार का सम्मान करें। मगर बच्चों को यह सब सीखना इतना आसान नहीं होता है।

इसलिए, पेरेंटिंग में आपकी मदद करने के लिए पेरेंटिंग एक्सपर्ट डॉ. इशिना सदाना नें अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कुछ टिप्स साझा की हैं। इन टिप्स की मदद से बच्चे का आपका कहना मानने लगेंगे।

तो चलिये जानते हैं एक्सपर्ट द्वारा बताई गई उन टिप्स के बारे में जो आपके बच्चों आज्ञाकारी बनाने में मदद कर सकती हैं।

अपने बच्चों को दूर से खड़े रहकर कोई आदेश न दें

यदि आप अपने बच्चे को कोई काम करने के लिए दूर से खड़े रहकर बोल रही हैं, तो सकता है कि बच्चे पर उतना प्रभाव न पड़े। इसलिए, एक्सपर्ट का सुझाव है कि बच्चों के पास जाकर उन्हें कोई भी बात समझाएं। इसके अलावा, उन्हें अपनी बात एक बार में अच्छी तरह से क्लियर कर दें, ताकि आपको दोबारा न कहना पड़े और वे इसे एक आदेश कि तरह लें।

यहां देखें उनकी पोस्ट

कंधे पर हाथ रखना बढ़ाता है विश्वास

बच्चों से बात करते समय अपना हाथ उनके कंधों पर रखें, ताकि उन्हें यह विश्वास हो जाए कि उनसे जो कहा जा रहा है वो उनके के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, कंधे पर हाथ रखने से एक ज़िम्मेदारी का साइकॉलॉजिकल प्रभाव पड़ता है। इससे उन्हें आपकी बात जल्दी समझ आ जाएगी।

आंख मिलाकर बात करें

अपनी बात कहते हुये उनकी आंखों में देखें। आपके आई कॉन्टैक्ट का उनके सब कॉन्शियस माइंड पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है। यह एक कम्युनिकेशन स्किल है, जो हर किसी कॉ आनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चे कॉ आपकी बात ज़्यादा महत्वपूर्ण और प्रभावी लगेगी।

उनके अच्छे बिहेवियर को प्रेज़ करें

जब भी बच्चा आपका कहना मानें या आपकी काही हुई बात का मान रखे और उसी तरह काम करे तो अपने बच्चों को एप्रिशिएट करें। इससे उनका उत्साहवर्धन होगा, जिससे उनको आगे भी आपकी बात सुनकर अच्छा लगेगा और वे आपकी काही हुई बातों का सम्मान करना सीख जाएंगे।

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बच्चों को आज्ञाकारी कैसे बनाएं?

ऐसे में माता-पिता बचपन में ही बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं।.
1 - खेलों की लें मदद ... .
2 -बच्चों को डांटे नहीं ... .
3 - खुद बनें उदाहरण ... .
4 - बच्चों को सिखाएं सम्मान देना ... .
5 - अपनी बातों को न थोंपें.

जब बच्चे बात न माने तो क्या करे?

अगर आप बात-बात पर बच्चों से बहस करते हैं, तो जिद्दी बच्चों को बहस करने की आदत हो जाती है. इससे वो बहस करने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं. इसलिए उनको बहस करने का मौका दें और उनकी बात को ध्यान से सुनें. जब आप बच्चों की बात सुनने लगेंगे तो वो भी आपकी बात पर ध्यान देने की कोशिश करेंगे और जिद कम करेंगे.

बिगड़े हुए बच्चों को कैसे सुधारा जाए?

प्रज्ञा बाजपेयी.
उन्हें सुनें, बहस ना करें- अगर आप चाहते हैं कि आपका जिद्दी बच्चा आपको सुने तो इसके लिए आपको खुद उनकी बात ध्यान से सुननी होगी. ... .
बच्चों के साथ जबर्दस्ती बिल्कुल ना करें- ... .
उन्हें विकल्प दीजिए- ... .
शांत रहें- ... .
बच्चों का सम्मान करें- ... .
उनके साथ काम करें- ... .
सौदेबाजी-.

आज्ञाकारी कैसे बनाएं?

बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। आपका बच्चा कोई भी अच्छा काम करे, बड़ों का आदर-सम्मान करें या फिर सबकी बात मानें, तो उसे प्रोत्साहन के तौर पर ईनाम जरूर दीजिए। लेकिन ऐसा आपको बार-बार नहीं करना है। वरना ये बच्चे की आदत बन जाएगी और वो फिर ईनाम पाने के लिए ही बड़ों की बात मानेगा।