भारत का पुराना पर्वत कौन सा है? - bhaarat ka puraana parvat kaun sa hai?

वलित पर्वत अथवा ooo पर्वत (अंग्रेज़ी: Fold mountains) वे पर्वत हैं जिनका निर्माण वलन नामक भूगर्भिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत के बाद इनके निर्माण के बारे में यह माना जाता है कि भूसन्नतियों में जमा अवसादों के दो प्लेटों के आपस में करीब आने के कारण दब कर सिकुड़ने और सिलवटों के रूप में उठने से हुआ है। टर्शियरी युग में बने वलित पर्वत आज सबसे महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं में से हैं जैसे ऐल्प्स, हिमालय, इत्यादि। विश्व के नवीनतम पर्वत हिमालय, यूराल, एन्डीज इत्यादि सभी वलित पर्वत ही हैं। रूस में उपस्थित यूराल पर्वत गोलाकार दिखाई देता हैं और इसकी ऊँचाई कम है। भारत की अरावली श्रृंखला विश्व की सबसे पुरानी वलित पर्वत श्रृंखला है।

वलित पहाड़ों के गठन के लिए जिम्मेदार बलों को ओरोजेनिक बल, अर्थात "पर्वत निर्माणकारी बल" कहा जाता है। ओरोजेनिक शब्द एक ग्रीक शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है पहाड़ी इमारत। ये बल पृथ्वी की सतह पर स्पर्शरेखा पर कार्य करते हैं और मुख्य रूप से प्लेट टेक्टोनिक्स के परिणामस्वरुप होते हैं।[1]

जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे की ओर सरकती हैं, तो दोनों के टकराहट से टकराहट वाला भाग ऊपर उठ जाता है जिससे मोड़दार पर्वत बनते हैं। जब प्लेट और उन पर सवार महाद्वीप टकराते हैं, तो चट्टानी अवसादों की जमा परतों में मोड़ पड़ने लगते हैं, बिलकुल वैसे ही जैसे किसी मेज़पोश को मेज़ के दो छोरों से बीच की ओर खिसकाते हुए दबाव लगाया जाय तो उसमें सिलवटें पड़ जाती हैं। ये मुड़ रही चट्टानें टूट भी सकती हैं, विशेषकर तब जब यांत्रिक रूप से कमज़ोर चट्टानें हों, जैसे कि नमक की चट्टान। इस तरह के पहाड़ आमतौर पर चौड़ाई के बजाय लंबाई में अधिक होते हैं।

प्लेट विवर्तनिकी के सिद्धांत के बाद इनके निर्माण के बारे में यह माना जाता है कि भूसन्नतियों में जमा अवसादों के दो प्लेटों के आपस में करीब आने के कारण दब कर सिकुड़ने और सिलवटों के रूप में उठने से हुआ है। टर्शियरी युग में बने वलित पर्वत आज सबसे महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाओं में से हैं जैसे ऐल्प्स, हिमालय इत्यादि। अतः हम कह सकते हैं कि जब दो प्लेट एक दूसरे के करीब आते हैं तो टकराहट से वह भाग ऊपर उठ जाता है जिससे वलित पर्वत का निर्माण होता है। वलित पर्वत के निर्माण को हम हिमालय पर्वत के निर्माण द्वारा ओर अच्छे से समझ सकते हैं।

हिमालय पर्वत का निर्माण[संपादित करें]

वर्षों पहले जब धरती अपनी पैंजिया वाली स्थिति में थी और उसका विखण्डन शुरू हो गया था, उस वक्त यहां टेथिस भू-सन्नति थी। टेथिस भू-सन्नति के दक्षिण में गोंडवानालैंड था तथा टेथिस भू-सन्नति के उत्तर में अंगारालैंड था। गोंडवानालैंड तथा अंगारालैंड दोनों भू-खण्डों में अनेक नदियाँ बहती थीं, इन नदियों ने लम्बे समय तक टेथिस सागर में अवसादों का निक्षेपण किया जिससे टेथिस भू-सन्नति में मलबा जमा हो गया। इसका प्रभाव वहां के प्लेटो पर भी पड़ा और वें एक दूसरे के करीब आते गये और टकराहट से एक तरफ का मोड़ हिमालय पर्वत बना तथा दूसरे तरफ का मोड़ कुनलुन पर्वत तथा बीच का भाग तिब्बत का पठार है।[2][3][4][5]bhulhjctvbjhhffhj

अरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। जिसे राजस्थान में आडावाला पर्वत के नाम से भी जाना जाता है,भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है, जो गोडवाना लेंड का अस्तित्व है।[1] यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है। इसकी उत्पत्ति प्रिकेंबियन युग (45000 लाख वर्ष ) में हुई।। अरावली का सर्वोच्च पर्वत शिखर सिरोही जिले में गुरुशिखर (1722 /1727 मी.) है, जो माउंट आबू(सिरोही) में है।जो राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी हैं। अरावली पर्वतमाला के आस - पास सदियों से भील जनजाति निवास करती रही है। डोरा पर्वत की ऊँचाई 868m

अरावली पर्वत श्रंखला की अनुमानित आयु 570 मिलियन वर्ष है यह एक अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण है जिसकी कुल लम्बाई गुजरात से दिल्ली तक लगभग 692 किलीमीटर है, अरावली पर्वत श्रंखला का लगभग 79.49% विस्तार राजस्थान में है, दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन रायसीना की पहाड़ी पर बना हुआ है जो अरावली पर्वत श्रंखला का ही भाग है, अरावली की औसत ऊंचाई 930मीटर(एनसीआरटी के अनुसार 1000 मीटर) है,तथा अरावली के दक्षिण की ऊंचाई व चौड़ाई सर्वाधिक है, अरावली या अर्वली उत्तर भारतीय पर्वतमाला है। राजस्थान राज्य के पूर्वोत्तर क्षेत्र से गुज़रती 550 किलोमीटर लम्बी इस पर्वतमाला की कुछ चट्टानी पहाड़ियाँ दिल्ली के दक्षिण हिस्से तक चली गई हैं। शिखरों एवं कटकों की श्रृखलाएँ, जिनका फैलाव 10 से 100 किलोमीटर है, सामान्यत: 300 से 900 मीटर ऊँची हैं। यह पर्वतमाला, दो भागों में विभाजित है- सांभर-सिरोही पर्वतमाला- जिसमें माउण्ट आबू के गुरु शिखर (अरावली पर्वतमाला का शिखर, ऊँचाई (1,722 मीटर) में और (5649.606 फ़ीट) सहित अधिकतर ऊँचे पर्वत हैं। सांभर-खेतरी पर्वतमाला- जिसमें तीन विच्छिन्न कटकीय क्षेत्र आते हैं। अरावली पर्वतमाला प्राकृतिक संसाधनों (एवं खनिज़) से परिपूर्ण है और पश्चिमी मरुस्थल के विस्तार को रोकने का कार्य करती है। अरावली पर्वत का पश्चिमी भाग मारवाड़ एवं पूर्वी भाग मेवाड़ कहलाता है। यहां अनेक प्रमुख नदियों- बनास, लूनी, साखी एवं साबरमती का उदगम स्थल है। इस पर्वतमाला में केवल दक्षिणी क्षेत्र में सघन वन हैं, अन्यथा अधिकांश क्षेत्रों में यह विरल, रेतीली एवं पथरीली हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

इसे सुनेंरोकेंअरावली भारत के पश्चिमी भाग राजस्थान में स्थित एक पर्वतमाला है। जिसे राजस्थान में आडावाला पर्वत के नाम से भी जाना जाता है,भारत की भौगोलिक संरचना में अरावली प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है,जो गोडवाना लेंड का अस्तित्व है। यह संसार की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थान को उत्तर से दक्षिण दो भागों में बांटती है।

पर्वत श्रृंखला कितनी है?

इसे सुनेंरोकेंभारत के पर्वत : भारत के पर्वत तीन भागों में बांटें जा सकते हैं – अरावली पर्वत श्रृंखला, विंध्याचल पहाड़ियां, सतपुड़ा पहाड़ियां एवं पूर्वोत्तर की पहाडियां।

पहाड़ और पठार में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: पहाड़ और पठार के बीच मुख्य अंतर यह है कि पर्वत एक ऊंचा, नुकीला संरचना है जबकि एक पठार एक ऊंचा क्षेत्र वाला एक ऊंचा क्षेत्र है। पर्वत की तुलना में एक पठार आम तौर पर ऊंचाई में कम होता है, हालांकि कुछ पहाड़ों की तुलना में पठार अधिक होते हैं।

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भारत का सबसे छोटा पहाड़ कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंभारत का सबसे छोटा पर्वत कौन सा है? पंचाचूली पर्वत भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तरी कुमाऊं क्षेत्र में एक हिमशिखर शृंखला है। वास्तव में यह शिखर पांच पर्वत चोटियों का समूह है। समुद्रतल से इनकी ऊंचाई ६,३१२ मीटर से ६,९०४ मीटर तक है।

प्राचीन वलित पर्वत कौन है?

इसे सुनेंरोकेंव्याख्या – यूराल पर्वत, अरावली पर्वत, अप्लेशियन पर्वत प्राचीन वलित पर्व हैं, जबकि एंडीज वलित तो है किंतु यह प्राचीन नहीं अपितु युवा पर्वत है। अन्य युवा. वलित पर्वतों में रॉकी,आल्पस, हिमालय आदि प्रमुख हैं। यूराल, पश्चिमी रूस की एक पर्वत श्रृंखला है जो उत्तर से दक्षिण की ओर तक विस्तृत है।

भारत के कौन से राज्य में पहाड़ नहीं है?

यह भारत के पर्वत और पर्वत श्रृंखलाओं की एक सूची है।…भारत के प्रमुख उच्चतम शिखर

पर्वतकंचनजंघाऊंचाई (मी)8,586उँचाई28,169श्रंखलाहिमालयविशिष्ठता3,922

भारत की कौन सी पर्वत श्रेणी नवीनतम है?

भारत की कौन-सी पर्वत श्रेणी नवीनतम है?

  • सतपुड़ा
  • अरावली
  • सह्यादि
  • हिमालय

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पृथ्वी का सबसे ऊंचा पर्वत कौन है?

इसे सुनेंरोकेंपारंपरिक रूप से ऊंचाई समुद्र तल से नापी जाती है. इसी वजह से 8,848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट को पृथ्वी का सबसे ऊंचा बिंदु कहा जाता है.

कोहबर के अनुसार निम्नलिखित में से कौन सी सबसे हाल ही में पर्वत निर्माण कार्य घाटा थी?

इसे सुनेंरोकेंकोबर के अनुसार हिमालय का निर्माण इनके अनुसार टीथीज भू-अभिनति में भारतीय तथा एशियाई अग्रभागों से दबाव आया। अत: भू-अभिनति में दोनों ओर मोड़ पड़ गए जिससे दक्षिण तटीय हिमालय श्रेणियों तथा उत्तरी श्रेणियों का निर्माण हुआ। बीच के मध्य पिंड से तिब्बत के पठार का निर्माण हुआ।

भारत के सबसे पुराने पर्वत कौन से हैं?

अरावली पहाड़ियाँ भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाएं हैं। यह गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली से गुजरती हैं। अरावली श्रृंखलाओं की सबसे ऊंची चोटी गुरुशिखर, माउंट आबू (राजस्थान) में पाई जाती है।

सबसे पुराना पर्वत का नाम क्या है?

भारत में स्थित अरावली पर्वत दुनिया का सबसे पुराना पर्वत है।

भारत का सबसे बड़ा पर्वत कौन सा है?

1. कंचनजंगा - यह भारत की सबसे ऊंची चोटी और विश्व की तीसरी ऊंची चोटी है। इसे बर्फ की पांचवी खाजाना भी कहा जाता है। यह भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है, जो भारत और नेपाल की सीमा को बाटने का कार्य करती है।

भारत के तीन पर्वत कौन से हैं?

भारत के पर्वत.
हिमालय.
अरावली.
विंध्याचल.
नीलगिरि.