हम भारत के लोग, भारत को एक संप्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: Show सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्रदान करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प हो कर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई० “मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियिमत और आत्मार्पित करते हैं। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. देश का कानून इस संविधान द्वारा ही संचालित होता है. आइये जानें संविधान निर्माण की सारी घटनाओं के विषय में विस्तार से Bharat ka Samvidhan : वर्ष 2015 से देश में हर वर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और देश का कानून और संसद इसके द्वारा ही संचालित होती है. क्या आप जानते हैं आखिर कैसे बना देश का इतना बड़ा संविधान? और क्या खासियत है हमारे देश के संविधान की ? आइये जानें संविधान निर्माण की पूरी कहानी.
संविधान और उसके विदेशी स्त्रोत भारत की संविधान सभा का निर्माण कैसे किया गया था?संविधान सभा का गठन छह दिसंबर 1946 को हुआ था। इसके तहत संविधान निर्माण की समिति बनी, जिसे ड्राफ्ट कमेटी भी कहा जाता है। उसके जिम्मे संविधान के तब तक तैयार संविधान के प्रारूप पर बहस करके उसे 389 सदस्यीय संविधान सभा में प्रस्तुत करना था, जो उसे अंतिम रूप देगी।
भारतीय संविधान का निर्माण कौन है?संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे।
संविधान सभा के पिता कौन है?भीम राव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया क्या है?भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। संविधान के प्रारूप पर 114 दिनों तक चर्चा हुई। 26 नवम्बर 1949 को संविधान अंगीकृत हुआ और संविधान के कुछ अनुच्छेद उसी दिन से लागू कर दिए गए जबकि संपूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
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