Solution : बाल्कन प्रायद्वीप दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक क्षेत्र है जो भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अपना अलग पहचान बना चुका है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है जिसका कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। दक्षिणी यूरोप का यह सबसे पूर्वी प्रायद्वीप है। यह भौगोलिक शब्द है जो दस संप्रभु देश जैसे अल्बानिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, कोसोवो, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, रोमानिया, सर्बिया और स्लोवेनिया के लिए उपयोग किया जाता है। Show Solution : बाल्कन का एक बड़ा हिस्सा ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था। यह वह दौर था जब ओटोमन साम्राज्य बिखर रहा था और बाल्कन में रोमांटिक राष्ट्रवादी भावना बढ़ रही थी। इसलिए यह क्षेत्र ऐसा था जैसे किसी बारूद की ढ़ेर पर बैठा हो। पूरी उन्नीसवीं सदी में ओटोमन साम्राज्य ने आधुनिकीकरण और आंतरिक सुधारों से अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश की थी। लेकिन इसमे उसे अधिक सफलता नहीं मिली। इसके नियंत्रण में आने वाले यूरोपीय देश एक एक करके इससे अलग होते गए और अपनी आजादी घोषित करते गए। बाल्कन के देशों ने अपने इतिहास और राष्ट्रीय पहचान का हवाला देते हुए अलग होने की घोषणा की। लेकिन जब ये देश अपनी पहचान बनाने और आजादी पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब यह क्षेत्र कई गंभीर झगड़ों का अखाड़ा बन चुका था। इस प्रक्रिया में बाल्कन के क्षेत्र में ताकत हथियाने के लिए भी जबरदस्त लड़ाई जारी थी। बारूद के ढेर पर बैठा यूरोपद्वितीय विश्व युद्ध को मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध माना गया है। इस भयंकर युद्ध के दौरान कितने बम कहां-कहां गिराए गए यह शायद कहीं भी लिखित में स्पष्ट तौर पर नहीं है। लेकिन अब भी जहां तहां इस दौरान गिराए गए बमों की बरामदगी लोगों को दहशत में ला... लंदनः द्वितीय विश्व युद्ध को मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध माना गया है। इस भयंकर युद्ध के दौरान कितने बम कहां-कहां गिराए गए यह शायद कहीं भी लिखित में स्पष्ट तौर पर नहीं है। लेकिन अब भी जहां तहां इस दौरान गिराए गए बमों की बरामदगी लोगों को दहशत में ला देती है। ब्रिटेन के अलावा ग्रीस, फ्रांस, हांगकांग, जर्मनी आदि देशों से भी समय-समय पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिराए गए बम मिलना इशारा करता है कि पूरा यूरोप अभी भी बारूद के ढेर पर बैठा है। 1939 से 1945 तक चले इस युद्ध में लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं शामिल थीं। यह भी कहा जाता रहा है कि इस युद्ध में करीब 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया था और करीब 5 से 7 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसी कारण यह युद्ध को मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध माना गया। एक झटके में जापान में लाखों लोग हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गई एटम बम की चपेट में आकर मारे गए थे। माना जाता है कि इस युद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को जर्मनी के पोलैंड पर हमला करने से शुरू हुई थी। इसके बाद फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। लिहाजा बम जर्मनी, फ्रांस, जापान और ब्रिटेन में खूब गिराए गए। इनमें से कुछ ने तबाही मचाई तो कुछ बिना फटे ही वर्षों तक जमीन में धंसे रहे, जिनका पता अब धीरे-धीरे चल रहा है। ऐसा ही एक बम लंदन की टेम्स नदी में मिला, जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। इस शक्तिशाली जिंदा बम के मिलने की सूचना के बाद यहां से रवाना होने वाली सभी उड़ानों को रद कर दिया गया। बरामद हुए इस बम का वजन करीब 500 किलोग्राम बताया गया है। यह जॉर्ज वी डॉक के नजदीक बरामद हुआ। जहां बम मिला है, लंदन सिटी एयरपोर्ट उसके नजदीक है। ब्रिटिश नौसेना और पुलिस ने इस बम को दो दिन बाद निकाल लिया। फिलहाल इसको सुरक्षित धमाका कर खत्म करने की तैयारी की जा रही है। यह बम करीब डेढ़ मीटर लंबा है। इसे जर्मनी ने लंदन पर गिराया था। माना जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लंदन पर हुई जर्मनी के विमानों की बमबारी के समय यह बम बिना फटे टेम्स नदी में गिर गया था, जिसका 73 साल से ज्यादा का अर्सा बीत जाने के बाद पता चला है। अचरज की बात यह है कि यह अभी तक सक्रिय है । यह बम काफी शक्तिशाली है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस तरह के कई बम अब भी ब्रिटेन की जमीन में जिंदा गड़े हुए हो सकते हैं। बम को नदी से सुरक्षित निकाले जाने के बाद एयरपोर्ट को भी दोबारा खोल दिया गया है। इससे पहले सुरक्षा की दृष्टि से यहां की आसपास की कई इमारतों को खाली करवा लिया गया था।
BTC$ 16477.06 Wed, Nov 30, 2022 12.37 AM UTC ETH$ 1219.76 Wed, Nov 30, 2022 12.36 AM UTC USDT$ 1 Wed, Nov 30, 2022 12.36 AM UTC
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बाल्कन क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?बाल्कन या बाल्कन प्रायद्वीप दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक क्षेत्र है जो भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि स अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसका कुल क्षेत्रफल 5,50,000 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या लगभग साढ़े 5 करोड़ है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है जिसका कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है।
बाल्कन प्रायद्वीप क्यों कहा जाता है?Solution : बाल्कन प्रायद्वीप दक्षिण-पूर्वी यूरोप का एक क्षेत्र है जो भौगोलिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अपना अलग पहचान बना चुका है। इसे बाल्कन प्रायद्वीप भी कहा जाता है जिसका कारण इसकी भौगोलिक स्थिति है। दक्षिणी यूरोप का यह सबसे पूर्वी प्रायद्वीप है।
बाल्कन क्षेत्र में कौन सा क्षेत्र शामिल था?बाल्कन यूरोप में महान भौगोलिक और जातीय भिन्नता का क्षेत्र था। इसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, ग्रीस, अल्बानिया, मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो शामिल थे। बाल्कन के मूल निवासी स्लाव के रूप में जाने जाते थे।
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