छाती में दर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं? - chhaatee mein dard hone ke kya kaaran ho sakate hain?

Chest Pain Causes in Hindi: छाती के दर्द को हृदय की बीमारियों से जोड़ा जाता है। कई बार छाती में दर्द गैस या एसिडिटी की वजह से भी हो जाता है, ऐसे में इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन अगर आपको बार-बार छाती में दर्द होता है या फिर सांस लेने में तकलीफ होती है, तो इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि कुछ गंभीर स्थितियां भी छाती में दर्द का कारण बनते हैं। कई बार छाती का दर्द एमरजेंसी का भी संकेत हो सकता है। आइए, छाती में दर्द होना कौन सी बीमारी है? या फिर छाती में दर्द किन कारणों से होता है? जानते हैं इसके बारे में- 

हार्ट अटैक- Heart Attack

छाती में दर्द हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है। हार्ट अटैक एक गंभीर बीमारी होती है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार छाती में दर्द हो सकता है। छाती में दर्द के साथ ही सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी, चक्कर आना और थकान लगना भी छाती में दर्द लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको पहले कभी हार्ट अटैक आ चुका है, इसके बाद भी छाती में दर्द होता है, तो इसे नजरअंदाज न करें।

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छाती में दर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं? - chhaatee mein dard hone ke kya kaaran ho sakate hain?

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी- Hypertrophic Cardiomyopathy

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी एक गंभीर समस्या हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को छाती में दर्द हो सकता है। यह समस्या तब होती है, जब आनुवंशिक कारकों के कारण हृदय मोटा हो जाता है। ऐसे में जब हृदय मोटा होता है तो रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इससे मांसपेशियों को रक्त पंप करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। 

हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी में छाती में दर्द के साथ ही सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, बेहोशी, पैरों में दर्द और पेट में सूजन जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। इस स्थिति का समय पर इलाज कराना जरूरी होता है, क्योंकि समय बढ़ने पर यह खराब हो सकता है।

प्लूरिसी रोग- Pleurisy

प्लूरिसी फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है, इसमें छाती में तेज दर्द होता है। इस बीमारी में उस झिल्ली पर सूजन आ जाती है, जो फेफड़ों को कवर करती है। फ्लूरिसी रोग होने पर आपको छाती में दर्द हो सकता है। इसके अलावा कंधे में दर्द हो सकता है। साथ ही खांसने, छींकने आदि पर भी दर्द महसूस हो सकता है। सांस लेने में मुश्किल होना भी प्लूरिसी रोग का लक्षण माना जाता है।

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पल्मोनरी एम्बोलिज्म- Pulmonary Embolism

प्लमोनरी एम्बोलिज्म एक गंभीर बीमारी हो सकती है। यह बीमारी तब होती है, जब रक्त का थक्का फेफड़ों रक्त पहुंचाने वाली धमनी में फंस जाता है। इस स्थिति में आपको सीने में दर्द हो सकता है। यानी छाती में दर्द होना पल्मोनरी एम्बोलिज्म रोग भी हो सकता है। इसमें आपको चक्कर आना, बेहोशी, नाखूनों का रंग बदलना जैसे लक्षण भी पल्मोनरी एम्बोलिज्म के लक्षण हो सकते हैं।

Chest Pain Causes in Hindi: हार्ट अटैक, हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, प्लूरिसी रोग और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी बीमारियों के कारण छाती में दर्द हो सकता है। अगर आपको छाती में दर्द होता है, तो इस स्थिति को बिल्कुल भी हल्के में न लें। क्योंकि कई बार तो छाती का दर्द सामान्य होता है। लेकिन कुछ स्थितियों में यह गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। इसलिए अगर आपको बार-बार छाती में दर्द होता है, एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

अगर आपको सीने में गंभीर दर्द होता है तो एम्बुलेंस को कॉल करें। यह विशेष रूप से ज़रूरी है अगर सीने में दर्द (chest pain):

  • भारी, दबाव और खिंचाव महसूस होता है
  • 15 मिनट से ज़्यादा रहता है
  • शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है जैसे कि आपके हाथों या जबड़े में
  • इसके साथ अन्य लक्षण जैसे सांस फूलना, मिचली (nausea), पसीना आना या खांसी में ख़ून आना शामिल है।

आपको सावधान रहना चाहिए अगर आप जानते हैं कि आपको

का खतरा है। उदाहरण के लिए अगर आप धूम्रपान करते हैं, या , या है।

अगर आपके सीने में हल्का दर्द (chest pain) होता है और यह जल्द ठीक हो जाता है तो यह करें:

  • डॉक्टर को दिखाएं
  • स्थानीय वॉक इन सेंटर में हिस्सा लें

सीने में दर्द (chest pain) और हृदय की समस्या

सीने में दर्द हमेशा आपके हृदय की समस्या के कारण नहीं होता है लेकिन यह कभी कभी इसका लक्षण हो सकता है:

  • () - जहां हृदय की मांसपेशियों में होने वाली खून की सप्लाई में रुकावट आ जाती है
  • () - जहां हृदय के हिस्से में खून की सप्लाई अचानक बन्द हो जाती है

इन अवस्थाओं के बीच मुख्य अंतर यह है कि एनजाइना (angina) के कारण होने वाला सीने में दर्द शारीरिक कार्य या भावनात्मक तनाव से हो सकता है। और कुछ मिनट के बाद आराम करने से सही हो जाता है।

दिल के दौरे के लक्षण 15 मिनट से अधिक समय तक रहते हैं, आराम करने की स्थिति में भी होते हैं और इसमें पसीने (sweating) और उल्टी (vomiting) काआना शामिल होता है।

अगर आपमें पहले भी एनजाइना (angina) का पता चला है तो सीने में होने वाले दर्द में एनजाइना की दवा से आराम मिल सकता है। अगर पहली खुराक से आराम नहीं मिलता है तो पांच मिनट बाद दूसरी खुराक ली जा सकती है।

एम्बुलेंस के लिए कॉल करें अगर:

  • अगर आपको दिल के दौरे के लक्षण महसूस हो रहे हैं
  • आपको एनजाइना है और आपकी दवा 5 मिनट के बाद दूसरी खुराक लेने के बाद भी बेअसर है

सीने में दर्द के सामान्य कारण

ज़्यादातर सीने में होने वाले दर्द हृदय से सम्बंधित नहीं होते हैं और ये जीवन के लिए खतरे की समस्या का संकेत नहीं हैं।

ये जानकारी आपको जानकारी देगी कि ये स्थितियां आपके सीने में दर्द का कारण बन सकती हैं। लेकिन ठीक से पता लगाने के लिए आपको मेडिकल सलाह लेनी चाहिए।

सीने में दर्द के कुछ सामान्य कारणों में ये शामिल है:

  • () - एक सामान्य स्थिति जहां पेट का एसिड एसोफेगस (oesophagus) में आ जाता है जो सीने में जलन और खराब स्वाद का कारण बनता है।
  • आपके चेस्ट वॉल की मांसपेशी में तनाव है - जो आश्चर्यजनक रूप से दर्दनाक हो सकता है। लेकिन आराम से दर्द कम हो सकता है और मांसपेशी समय के साथ ठीक हो सकती है।
  • - कार्टिलेज (cartilage) में सूजन जो पसलियों को स्तन की हड्डियों (breastbone) से जोड़ती है। लक्षणों में पसलियों के चारो ओर दर्द, सूजन, नरमी होती है और लेटने, गहरी सांस लेने, खांसने या छींकने से दर्द बढ़ सकता है।
  • चिंता और पैनिक अटैक - जो 20 मिनट तक रह सकता है और हार्ट पेलपिटेशन, पसीना होना, सांस फूलना और सिर चकराने जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है।
  • फेफड़े की बीमारी जैसे या । जो सीने में तेज दर्द का कारण बनता है जो आपके सांस लेने या छोड़ने पर और खराब हो सकता है और अन्य लक्षणों जैसे कि खांसी और सांस फूलने से सम्बंधित होता है।

सीने में दर्द (chest pain) के अन्य संभावित कारण

सीने में दर्द के और भी कई संभावित कारण हैं जिनमें ये शामिल हैं:

  • () - नस और त्वचा की जगह पर होने वाला वायरल संक्रमण जो दर्दनाक चकत्ते का कारण बनता है जो खुजली वाले छाले के रूप में विकसित होते हैं
  • () - स्तन में होने वाला दर्द और सूजन जो आमतौर पर संक्रमण के कारण होता है। सबसे ज्यादा स्तनपान के दौरान।
  • () - गाल ब्लैडर में होने वाली सूजन जो पेट के ऊपरी तरफ अचानक तेज दर्द का कारण बनता है जो आपके दाएं कंधे तक फैल सकता है।
  • () - पेट की झिल्ली में दरार जो आपके पेट में जलन या दर्द का कारण बन सकता है
  • ( ) - खून की धमनी में रुकावट जो हृदय से फेफड़ों तक खून को ले जाती है जो तेज़ चुभन से भरे दर्द का कारण हो सकता है जो आपके सांस लेने के साथ ही साथ ही और बढ़ सकता है, साथ ही सांस फूलने, खाँसने या सिर चकराने जैसे लक्षण भी पैदा कर सकता है।
  • () - आपके हृदय के आसपास की थैली की सूजन, जो आपके सीने में अचानक, तेज चुभन भरे दर्द का कारण बन सकती है, या हल्का दर्द हो सकता है जो आमतौर पर लेटने पर बिगड़ जाता है।

इनमें से कुछ स्थितियां बहुत ज़्यादा गंभीर हो सकती हैं । सुनिश्चित करें कि आप मेडिकल सलाह लें ताकि आप सही ढंग से पता कर सकें और इलाज कर सकें।

सीने में दर्द होने के क्या लक्षण है?

सीने में दर्द के साथ क्या लक्षण हो सकते हैं?.
ठंडा पसीना.
साँसों की कमी.
सीने में जलन, दबाव या जकड़न.
कमजोरी या चक्कर आना.
अलग-अलग तीव्रता और दर्द का आना-जाना.
कंधे, हाथ, गर्दन, जबड़े और पीठ में कुचलने वाले दर्द की चुभन.

सीने में दर्द होने से कौन सी बीमारी होती है?

सीने में दर्द के सामान्य कारण.
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज ( ... .
आपके चेस्ट वॉल की मांसपेशी में तनाव है - जो आश्चर्यजनक रूप से दर्दनाक हो सकता है। ... .
कॉस्टोकोंड्राइटीस ... .
चिंता और पैनिक अटैक - जो 20 मिनट तक रह सकता है और हार्ट पेलपिटेशन, पसीना होना, सांस फूलना और सिर चकराने जैसे लक्षणों का कारण बन सकता है।.
फेफड़े की बीमारी जैसे.

अगर छाती में दर्द हो तो क्या करें?

सीने में दर्द को दूर करने के उपाय (Home Remedies for Chest Pain).
यदि आपको सीने में जलन, दर्द, भारीपन महसूस हो, तो आप लहसुन का सेवन करें। ... .
तुलसी के पत्तों को चबाने से भी छाती में होने वाले हल्के दर्द, भारीपन, दबाव को ठीक किया जा सकता है। ... .
कई बार शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण भी सीने में दर्द होने लगता है।.

छाती के बीच में दर्द क्यों होता है in Hindi?

छाती के बीच वाले हिस्से में दर्द होना एसिडिटी का एक कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब खाने की नली में एसिड आता है तो सीने के बीचों-बीच में दर्द महसूस होता है. यह दर्द पेट के ऊपरी हिस्से में भी होता है, इस स्थिति में आपको छाती के बीच में तेज से दर्द हो सकता है. इसलिए इसे भूलकर भी इग्नोर न करें.