Dengue treatment food रक्त के निर्माण के लिए शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा का होना बहुत जरूरी है. नारियल का पानी शरीर में पानी की कमी को तेजी से पूरा कर सकता है. डेंगू के बुखार में नारियल का पानी पीने से इंसान की प्लेटलेट्स (platelet count) बड़ी तेजी से रिकवर होती हैं. इस बीमारी में डॉक्टर आपको सबसे पहले यही घरेलू उपाय बताएंगे.डेंगू और मलेरिया जैसे बुखारों का इस समय फैलना हर साल की अपेक्षा कहीं अधिक मुश्किल भरा है। क्योंकि कोरोना वायरस के कारण हालात पहले से ही बहुत बुरे हैं और संक्रमण का खतरा इतना अधिक बना हुआ है कि किसी भी छोटी-बड़ी बीमारी के इलाज के लिए हॉस्पिटल जाने में लोग डर रहे हैं। यहां जानें डेंगू का बुखार होने पर किन स्थितियों में और किस तरह आप घर पर ही मरीज का इलाज कर सकते हैं...-यदि डेंगू के बुखार में मरीज को 100 डिग्री से कम बुखार है या इतना ही बुखार है तो आप पेशंट को शरीर दर्द में राहत के लिए पैरासिटामॉल दे सकते हैं। ध्यान रखें कि यदि मरीज को बुखार 100 डिग्री तक बुखार है तो इस स्थिति में आपको हर 6 घंटे में मरीज को एक पैरासिटामॉल देनी है। -पैरासिटामॉल एक सॉल्ट है जो आपको क्रोसिन और कालपोल जैसी दवाओं में मिलता है। यदि इनके अतिरिक्त कोई और दवाई पेशंट को दे रहे हैं तो ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के कुछ भी नहीं लेना है। डेंगू का घर पर इलाज Show
डेंगू में नहीं लेनी हैं ये दवाएं -बुखार,शरीर के दर्द और मसल्स का खिंचाव दूर करने के लिए अक्सर लोग एस्प्रिन, निमोस्लाइड, ब्रूफेन और कॉम्बिफ्लेम जैसी दवाएं लेते हैं। लेकिन डेंगू की स्थिति में आपको इन दवाओं से पूरी तरह दूर रहना है और डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन बिल्कुल नहीं करना है। डेंगू से निजात पाने के लिए खाने में इन चीजों को करें शामिल 100 से अधिक बुखार होने पर क्या करें? -यदि रोगी को डेंगू का फीवर 102 या इसके आस-पास है तो रोगी के माथे पर सादे पानी की पट्टियां रखें। ऐसा तब तक करें, जब तक रोगी के शरीर का ताप कम ना हो जाए। -पेशंट के कमरे में हल्की रोशनी और ताजी हवा का पूरा इंतजाम करें। कम स्पीड पर सीलिंग फैन या कूलर चलाकर रख सकते हैं ताकि रोगी के कमरे में घुटन का माहौल ना बने। -डेंगू के रोगी के बेड पर मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। साथ ही घर के अन्य सदस्य भी मच्छरों से बचाव के लिए हर संभव तरीका अपनाएं। ताकि मच्छर रोगी को काटने के बाद परिवार के अन्य लोगों में यह बीमारी ना फैला सकें। -रोगी की पर्सनल हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। उसके कपड़े नियमित रूप से बदलें और हाथ-पैर धोने या नहाने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग कराएं। डेंगू के मरीज की घर पर देखभाल डेंगू के प्रकोप से बचाएगा यह देसी तरीका, बनाएं पपीते के पत्तों की ड्रिंक रोगी का खान-पान -डेंगू के रोगी का जो भी चीजें खाने का मन करे उसे खाने के लिए दें। सादा पानी, नींबू पानी, दूध, लस्सी, छाछ और नारियल पानी का भरपूर सेवन कराएं। शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। -ध्यान रखें कि रोगी के शरीर में हर दिन 4 से 5 लीटर लिक्विड जरूर जाना चाहिए। इसके साथ ही हर 1 से 2 घंटे में रोगी को कुछ ना कुछ खाने-पीने के लिए देते रहें। -रोगी के यूरिन की स्थिति पर ध्यान दें। यदि पेशंट हर 3 से 4 घंटे में एक बार पेशाब जा रहा है तो इसका अर्थ यह है कि खतरे की कोई बात नहीं है। यदि पेशाब की मात्रा या फ्रीक्वेंसी कम है तो आपको तुरंत लिक्विड डायट पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डेंगू के रोगी को अधिक से अधिक लिक्विड डायट दें अचानक बीपी लो हो जाए तो क्या करना चाहिए, यहां जानें इन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से मिलें -यदि बुखार के दौरान या बिना बुखार के भी रोगी को सांस फूलने की समस्या हो रही हो। तो रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। -रोगी की प्लेटलेट्स चेक कराते रहना चाहिए। कई बार बुखार उतरने के 3 से 4 दिन बाद भी रोगी की प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। -जिन रोगियों को पहली बार डेंगू होता है, यह बुखार उन लोगों के लिए उतना अधिक खतरनाक नहीं होता है, जितना अधिक खतरा उन रोगियों के लिए होता है, जिन्हें यह बुखार पहले भी हो चुका है। क्योंकि डेंगू शरीर की हड्डियों को खोखला और कमजोर करता है। दूसरी बार होने पर यह बुखार अधिक घातक साबित हो सकता है। ये एक ऐसा बटर है जो आपके हार्ट को भी हेल्दी रखता है? चौंक गए ना! लगातार बनी रहती है थकान तो ऐसे रखें अपना ध्यान डॉक्टर का कहना है कि आयुर्वेद के अनुसार, डेंगू बुखार को 'विशामा ज्वर' की एक किस्म के रूप में समझा जा सकता है। इसमें तापमान में उतार-चढ़ाव होता है। यह वात और पित्त के बढ़ने को दर्शाता है। आयुर्वेद में बताए गए कुछ उपायों के इस्तेमाल से इस लगातार फैलने वाली संचारी बीमारी को रोका जा सकता है। आप कुछ जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं और तेज बुखार, शरीर में दर्द, प्लेटलेट काउंट में कमी और थकान से जुड़े लक्षणों को कम कर सकते हैं। गुडूची या गिलोयगिलोय या टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया को आयुर्वेद में एक आदर्श जड़ी बूटी माना गया है, जो डेंगू बुखार के प्रमुख कारक वात और पित्त दोनों को कम करने में मदद करती है। गुडूची डेंगू के मरीजों में रोग की रोकथाम और उपचार दोनों में मदद करता है। आप इसे पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका पानी पिएं। कलामेघ (Kalamegha)यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी विशेष रूप से तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करती है। यह गर्म होने के साथ कसैला होता है, जिसका चयापच पर प्रभाव पड़ता है। यह विशेष रूप से वात और पित्त के प्रसार को कम करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में भी सहायक है और रोग को रोक सकता है। नीम या अन्य पत्तों का धूमन (धुंआ)डेंगू को रोकने के लिए नीम, कलामेघा, हरिद्रा (कर्कुमा लोंगा) और उशीरा का उपयोग करके हर्बल धूमन या धुआं किया जा सकता है। ये वातावरण को बेहतर करने में मदद करता है, जो वायरस को फैलने से रोकता है और मच्छरों को दूर भगाता है। इन धुएं में सांस लेना भी रोग की रोकथाम और इम्यूनसिस्टम को बढ़ाने का एक तरीका है। षडंगा पनिया (Shadanga Paniya)बुखार के लिए इस आयुर्वेदिक उपचार में 7 जड़ी बूटियों का मिश्रण है। इसमें पाथ्या (टर्मिनलिया चेबुला), अक्ष (टर्मिनलिया बेलेरिका), आंवला (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), कलामेघ ( एंड्रोग्राफिस पैनिकुलता), हल्दी (करकुमा लोंगा), नीम (अजादिराच्टा इंडिका) और गुडुची (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) शामिल हैं। आप 200 मिलीलीटर उबले पानी में 30 मिलीलीटर पथ्यशादंगम क्वाथ मिला सकते हैं और इसे समय-समय पर पीने से बुखार से राहत मिलती है। डेंगू के लक्षण से बचाव तक डॉक्टर से जाने सारी जानकारीठंडे पेस्ट का प्रयोग करेंडेंगू बुखार के चकत्ते से अस्थायी राहत पाने के लिए आप चंदन और गुलाब जल से बने एक साधारण पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरीके को आजमाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह ले लें। इनके अलावा उबले हुए पानी का सेवन, कंटेनरों पर ढक्कन लगाना, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए बर्तनों और बालकनियों से पुराना पानी निकालना और मच्छरदानी लगाकर सोना आदि बातों का विशेष ध्यान रखें। डेंगू में सबसे अच्छी दवा कौन सी है?डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि डेंगू में पैरासिटामोल का इस्तेमाल सबसे सुरक्षित माना जाता है. यह दवा बुखार को कम करने के साथ बॉडी पेन से राहत दिला सकती है.
डेंगू में कौन सा एंटीबायोटिक देना है?डेंगूके इलाज में एंटीबायोटिक का रोल नहीं होता। इसका सिम्टोमेटिक इलाज होता है। वैसे साधारण डेंगू खुद भी ठीक हो जाता है और उसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है।
डेंगू में कौन सा दवाई खाना चाहिए?1- भरपूर पानी पिएं- डेंगू बुखार में मरीज के शरीर में पानी की कमी ना होने दें. अच्छी मात्रा में लिक्विड डाइट लेने से रिकवरी तेज होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है. पानी की कमी पूरी करने के लिए आप ताजा फलों का जूस, सब्जियों का सूप, नारियल का पानी, अनार का जूस और अनानास का जूस पीते रहें.
डेंगू में कौन सा इंजेक्शन लगता है?मरीज को इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए डॉक्टर ग्लूकोज के अलावा एंटी बायोटिक और एसिडिटी के इंजेक्शन लगा देते हैं.
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