एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित हैं क्यों ?`? - ek paramaanu udaaseen hai jabaki usamen aaveshit kan upasthit hain kyon ?`?

परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॉन उसमे धँसे होते हैं। इलेक्ट्रॉन में ऋण आवेश होता है। धनात्मक और ऋणात्मक आवेश की संख्या एक-दूसरे के समान होती है इसलिए परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होता है।

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बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।


बोर के सिद्धांत के अनुसार:

(i) परमाणु के केन्द्र में एक छोटा ( धनात्मक आवेश ) नाभिक होता है।

(ii) परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान इसके नाभिक में स्थित होता है और नाभिक का आयतन परमाणु के आयतन से कम होता है जिसका अनुपात है 1 : 105

(iii) परम्माणु के प्रोटॉन और न्यूट्रॉन इसके नाभिक में स्थित होते हैं।

एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित हैं क्यों ?`? - ek paramaanu udaaseen hai jabaki usamen aaveshit kan upasthit hain kyon ?`?

(iv) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों और एक निश्चित कक्षा में ही चक्कर लगा सकते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं। ये कक्षाएँ K, L, M, N..... या संख्याओं (n) = 1, 2, 3, 4..... के द्वारा दिखाई जाती है।

(v) कक्षा के चारों ओर की ऊर्जा स्थिर रहती है। इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते हैं।

(vi) जब एक इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर में जाता है जो परमणु की ऊर्जा बदल जाती है। जबकि इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा न कम होती है न ज्यादा।

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इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तिलना कीजिए।


गुण
इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन
1. संकेत
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एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित हैं क्यों ?`? - ek paramaanu udaaseen hai jabaki usamen aaveshit kan upasthit hain kyon ?`?
2. आवेश इलेक्ट्रॉन पर इकाई ऋण आवेश होता है।

एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित हैं क्यों ?`? - ek paramaanu udaaseen hai jabaki usamen aaveshit kan upasthit hain kyon ?`?

प्रोटॉन पर इकाई धन आवेश होता है

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विद्युत् उदासीन होता है

( कोई आवेश नहीं )

3. द्रव्यमान इसका द्रव्यमान 9.108 x 10-31  कि.ग्रा. होता है इसका द्रव्यमान -1.67 x 10-27 कि.ग्रा. होता है

इसका द्रव्यमान -1.67 x 10-27 कि.ग्रा. होता है।

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जे.जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?


जे.जे, टॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार परमाणु के अंदर धनात्मक आवेश का गोला था। जिसमे इलेक्ट्रॉन चरों और इलेक्ट्रॉन लगे हुए थे। इसके अतिरिक्त यह मॉडल रदरफोर्ड द्वारा किए गए एल्फा कण प्रकीर्ण प्रयोग की व्याख्या करने में असमर्थ रहा। टॉमसन के अनुसार, एल्फा कानों की प्रकीर्ण नहीं होना चाहिए, जब इसकी बमबारी सोने की पन्नी पर की जाती है।

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इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।


1). टॉमसन का मॉडल एक तरबूज के उदाहरण से भी प्रस्तुत किया जा सकता है। जैसे जो तरबूज में तरबूज के लाल भाग को अगर धनात्मक आवेश लेकर चले तो जो उसमे काले बीज होते है वो उसमे इलेक्ट्रॉन कि तरह होते हैं जो परमाणु में चरों तरफ पाएँ जाते हैं।

जे.जे. टॉमसन के मॉडल के अनुसार:

i) परमाणु में चरों और धनात्मक आवेश होते है और इलेक्ट्रॉन उसमे धँसे होते हैं।

ii) धनात्मक और ऋणात्मक आवेश परिणाम में समान होते हैं इसलिए वे विद्युत् रूप में उदासीन होते हैं।

2.) रदरफ़ोर्ड ने एक मॉडल बनाया जिसमे तेजी से गति कर रहे अल्फ़ा-कणों को सोने की पन्नी पर टकराया गया इस प्रयोग से यह निष्कर्ष निकले कि:

i) परमाणु के भीतर का अधिकतर भाग खली है क्योंकि अधिकतर अल्फ़ा-कण बिना विक्षेपित हुए सोने कि पन्नी से बाहर निकल जाते हैं।

ii) बहुत कम कण अपने मार्ग से विक्षेपित होते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि परमाणु में धनावेशित भाग बहुत कम है।

iii) बहुत कम अल्फ़ा-कण

एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित हैं क्यों ?`? - ek paramaanu udaaseen hai jabaki usamen aaveshit kan upasthit hain kyon ?`?
 पर विक्षेपित हुए थे,जिससे यह संकेत मिलता है कि सोने के परमाणु का पूर्ण धनावेशित भाग और द्रव्यमान, परमाणु के भीतर बहुत कम आयतन में सिमित है। प्राप्त आँकड़ों से यह निष्कर्ष निकला कि नाभिक की त्रिज्या परमाणु की त्रिज्या से 105 गुना छोटी है।

3.) नील्स बोर-  (i) इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं।

(ii) एक निश्चित कक्षा में घूमते रहने पर उसकी ऊर्जा का अवशोषण या उत्सृजन नहीं होता है।

(iii) इलेक्ट्रॉन एक से अधिक कक्षाओं में घूम सकते हैं। इन कक्षाओं को इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा स्तर कहते हैं।

(iv) इलेक्ट्रॉन एक कक्ष से दूसरे कक्ष में जाने पर ऊर्जा दिए बिना जा सकते है।

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रदरफ़ोर्ड के परमाणु की क्या सीमाएँ हैं?


रदरफ़ोर्ड मॉडल के अनुसार परमाणु के केन्द्र में धनात्मक आवेश होते हैं, इस केन्द्र को नभक कहते हैं। और नाभिक में स्थित इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर चक्कर लगते हैं। लेकिन इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक आवेश वाले होते है नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाने से इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा कम होती जाएगी ओर वो नाभिक में गिर जाएंगे। परन्तु ऐसा नहीं होता। इसका अर्थ होगा, परमाणु एक स्थायी निकाय है। अत: रदरफ़ोर्ड मॉडल परमाणु निकाय के स्थायित्व की व्याख्या करने में असफल रहा है।

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एक परमाणु उदासीन है जबकि उसमें आवेशित कण उपस्थित है क्यों?

Solution : परमाणु में प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन, विपरीत आवेशित कण उपस्थित होते हैं परन्तु संख्या में समान होने के कारण ये परस्पर आवेश प्रभाव को समाप्त कर देते हैं, इसी कारण परमाणु उदासीन रहता है।

क्या कारण है कि आवेशित कण होने के पश्चात् भी परमाणु विद्युत उदासीन होता है समझाइए?

Solution : परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या ग्रहीय इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है। प्रत्येक प्रोटॉन का आवेश + 1 और प्रत्येक इलेक्ट्रॉन का आवेश-1 होता है। अतः परमाणु का कुल धनावेश कुल ऋणावेश के बराबर होता है। इसलिये परमाणु उदासीन होता है।

परमाणु में आवेशित कण कौन से होते हैं?

इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक परमाणु के संघटक कण है; सभी तीन फर्मिऑन हैं। हालांकि, हाइड्रोजन-1 के परमाणुओं में कोई न्यूट्रॉन नहीं है। इलेक्ट्रॉन पर एक ऋणात्मक विद्युत आवेश होता है। इसका आकार बहुत छोटा होता है और द्रव्यमान 9.11 × 1031 कि.

एक उदासीन परमाणु में क्या क्या होता है?

Solution : एक परमाणु में प्रोटॉन (p) तथा इलेक्ट्रॉन (e) की संख्या बराबर होती है यानी p= e और p पर + 1 आवेश तथा e पर -1 आवेश रहता है और परमाणु का कुल धनावेश = परमाणु का कुल ऋणावेश । अत: परमाणु विद्युततः उदासीन होता है ।