गर्भावस्था के लिए शिवलिंगी बीज का उपयोग कैसे करें? - garbhaavastha ke lie shivalingee beej ka upayog kaise karen?

दोस्तों, शिवलिंगी बीज और इसके फायदों के बारे में शायद ही आपने सुना हो। यह बहुत ही गुणकारी बीज है और इसके पौधे को भी बहुत ही गुणकारी माना जाता है। शिवलिंगी बीज के पौधे को नीम से भी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। 

पहले एक समय था कि जब पुत्र प्राप्ति को बहुत ही अहम माना जाता था क्योंकि उस समय पुत्र को ज्यादा महत्व दिया जाता था और पुत्रियों को कम. लेकिन आज के जमाने में सब कुछ बदल गया है। पुत्र और पुत्री दोनों में समान दोनों ही समान है। फिर भी कुछ लोग पुत्र प्राप्ति के लिए कई चीजें इस्तेमाल करते हैं जिनमें से एक है, शिवलिंगी बीज

शिवलिंगी बीज को पुत्रजीवक बीज भी कहा जाता है। लेकिन यह हम नहीं कहते कि शिवलिंगी बीज के सेवन से आपको  पुत्र की प्राप्ति ही होगी। इसे केवल यह फायदा है कि अगरआपको संतान प्राप्ति नहीं हो रही तो संतान प्राप्ति के। के लिए यह काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। 

यह आपके गर्भाशय को मजबूत करता है। संतान उत्पत्ति करने की क्षमता बढ़ाता है। इसके साथ ही अगर पुरुषों में नपुंसकता की प्रॉब्लम है तो उसे भी दूर करने में काफी ज्यादा फायदा देता है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट गुण इत्यादि पाए जाते हैं। 

शिवलिंगी बीज को वैज्ञानिक नाम ब्रायनिया लेसिनीसा है. अंग्रेजी में इसे Lollipop Climber भी कहते है। यह भारत में आसानी से मिल जाता है। अप्रैल से दिसंबर के महीने में इस पौधे को आसानी से देखा जा सकता है। यह बीज देखने में थोड़े शिवलिंग की तरह दिखते हैं। इसीलिए यह शिवलिंगी बीज के नाम से जाने जाते हैं। यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर या पतंजलि के ऑनलाइन आयुर्वेदिक स्टोर में भी मिल जाएंगे। 

शिवलिंगी बीज के फायदे : Shivling Beej Benefits in Hindi

पुत्रजीवक बीज

शिवलिंगी बीज को पुत्रजीवक बीज भी कहा जाता है। अगर आप संतान चाहते हैं और इसमें आपको कठिनाई आ रही है तो यह आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। महिला हो, चाहे पुरुष हो दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसका कोई भी सेवन कर सकता है। यह महिला और पुरुष दोनों को एक समान फायदा देता है। 

नपुंसकता को दूर करता है

अगर मर्दों  में नपुंसकता की प्रॉब्लम है या उनमे  फर्टिलिटी कम है तो उस फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए शिवलिंगी बीज का फायदा लिया जा सकता है। शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसका प्रयोग पुरूषों में बांझपन के इलाज में बहुत ही कारगर माना जाता है। 

गर्भावस्था के लिए शिवलिंगी बीज का उपयोग कैसे करें? - garbhaavastha ke lie shivalingee beej ka upayog kaise karen?

यह आपके हार्मोन को संतुलित करता है और आपके शुक्राणु बढ़ाने में काफी ज्यादा फायदा देता है तो इसीलिए किसी भी पुरुष को अगर शुक्राणु संबंधी कोई समस्या है तो शिवलिंगी बीज का सेवन काफी ज्यादा फायदा करता है। 

महिला बांझपन में फायदेमंद

पुरुषों की तरह महिलाओं में भी बांझपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कई बार महिलाओं में भी क्षमता कम होती है और बच्चा नहीं ठहर पाता, तो शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक चीज है जिसका सेवन महिलाएं भी कर सकती हैं। इससे हार्मोन में संतुलित बना  रहता है। यह प्राकृतिक रूप से बांझपन का उपचार करने में मदद करता है। 

अगर आप फायदा चाहते हैं तो आप  2 से 3 महीने इसका सेवन जरूर करें। यह आपके बांझपन की समस्या को दूर करता है और गर्भ ठहरने में आपको फायदा देता है। 

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है

जैसा कि मैंने बताया शिवलिंगी बीज पुरुषों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। उसी तरह यह पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में भी काफी ज्यादा फायदेमंद रहता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल की मात्रा सही होगी तभी उनमें शुक्राणु और वीर्य की मात्रा भी सही रहेगी। यह जिनसेंग और अश्वगंधा की तरह ही काम करता है। जिनसेंग को  टेस्टोस्टरॉन बूस्टर माना जाता है। वैसे ही शिवलिंगी बीज भी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने का काम करते हैं। 

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बुखार को कम करता है

आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी जड़ी बूटी  है जिनसे कई तरह के बुखार को कंट्रोल किया जा सकता है, जिनमें से एक है शिवलिंगी, शिवलिंगी बीज भी कई तरह के बुखार इत्यादि को कंट्रोल कर सकता है। इसमें बहुत सारे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। शिवलिंगी की पत्तियों को उबालकर इसका सेवन करें तो बुखारआसानी से कंट्रोल में आ जाता है, यह पेरासिटामोल की तरह ही काम करता है। 

कब्ज में फायदेमंद

आजकल बाहर के खानपान की वजह से पेट संबंधी समस्याएं हो जाती हैं जिनमें से एक है कब्ज। अगर आपको भी कब्ज की समस्या है तो आप शिवलिंगी बीज का सेवन करें। शिवलिंगी बीज आपके बॉल मूवमेंट को सही करने में मदद करता है जिससे कि आपका मल त्याग आसानी से होता है। यह कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। सिर्फ पुरुषों में ही नहीं बच्चों के लिए भी काफी फायदेमंद रहता है। 

यौन शक्ति बढ़ाता है

जैसा कि मैंने पहले बताया कि यह पुरुषों में टेस्टोस्टरॉन बढ़ाता है तो टेस्टोस्टरॉन बढ़ाने के साथ-साथ यौन शक्ति को बढ़ाने में भी काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। 

यह पुरुषों के यौन अंगों के लिए काफी ज्यादा फायदा देता है। ना केवल यह शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है बल्कि यह शुक्राणु कोशिकाओं में तो सामग्री को भी बढ़ाकर शुक्राणु तरल पदार्थ में पोषण स्तर को बढ़ाता है। यह काम इच्छा और योन  क्षमता के लिए भी फायदेमंद है। 

शिवलिंगी बीज से लड़का पैदा होना

जैसा कि हमने शुरू में कहा कि आजकल लड़का और लड़की दोनों एक समान ही माने जाते हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोग लड़का पाने की चाह में बहुत से हथकंडे अपनाते हैं तो शिवलिंगी बीज एक बहुत ही आसान रास्ता है पुत्र प्राप्ति का। अगर आप भी पुत्र प्राप्ति चाहते हैं तो शिवलिंगी बीज का सेवन कर सकते हैं। 

शिवलिंग के बीज से पुत्र प्राप्ति कैसे करें?

कई महात्मा लोग स्त्री या पुरुष को संतान की प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के 4 दिन बाद से 1 माह तक सुबह-शाम शिवलिंगी के बीज एक ग्राम की मात्रा में खाली पेट दूध के साथ सेवन कराते हैं। जिनको पुत्र प्राप्ति (Shivlingi Beej For Male Child In Hindi) की कामना है, उन्हें बछिया वाली गाय के दूध के साथ सेवन करना अच्छा होता है।

शिवलिंगी के बीज कब खाना चाहिए?

शिवलिंगी बीज को सदियों से संतान प्राप्ति के लिए अचूक नुस्खे के तौर माना जाता रहा है। संतानविहीन दंपत्ती के लिये ये पौधा एक वरदान है। महिला को मासिक धर्म समाप्त होने के 4 दिन बाद प्रतिदिन सात दिनों तक संजीवनी के 5 बीज खिलाए जाए तो महिला के गर्भधारण की संभावनांए बढ़ जाती है।

पुत्रजीवक बीज कब खाना चाहिए?

कहते हैं कि संतान प्राप्ति के लिए पुत्रजीवक बीज की गिरि को दूध के साथ मासिक के दिनों में लिया जाता है। इसके साथ ही साथ सभी प्रकार के मासिक धर्म रोगों के लिए बीज का गुदा और जीरा दूध में पीसकर मासिक धर्म के दौरान लिया जाता है। जो कि पुत्र प्राप्ति के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है।

शिवलिंगी के बीज का प्रयोग कैसे करें?

शिवलिंगी बीज को ब्रायोनिया लैसीनोसा के नाम से भी जाना जाता है। शिवलिंगी पौधे के पीले फूल और गोलाकार बीज होते हैं जो कि दिखने में बिलकुल हिंदू देवता शिव के प्रतीक शिवलिंग की तरह लगते हैं। इस पौधे का नाम भी शिवलिंगी इसीलिए रखा गया है क्‍योंकि इसके बीज दिखने में शिवलिंग की तरह होते हैं।