रन टेस्ट का मतलब क्या होता है? - ran test ka matalab kya hota hai?

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कल विधानसभा सत्र का विशेष सत्र बुलाया है. जिसमें उद्धव ठाकरे सरकार को विश्वास मत हासिल करना होगा.  30 जून को सुबह 11 बजे से विधानसभा का सत्र शुरू होगा और इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा. अगर इसमें ठाकरे सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाती है तो महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की सरकार गिर जाएगी.

फ्लोर टेस्ट क्या है-
फ्लोर टेस्ट विधानसभा में होता है. इसका मकसद ये जानना होता है कि सरकार के पास बहुमत है या नहीं. संविधान में व्यवस्था है कि राज्यपाल राज्य के मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है. इस प्रोसेस में सदन में मौजूद विधायक वोट डालते हैं और सरकार का भविष्य तय करते हैं. फ्लोर टेस्ट कराने की पूरी जिम्मेदारी सदन के स्पीकर की होती है. 

कैसे होता है फ्लोर टेस्ट-
फ्लोर टेस्ट तब होता है जब विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है. सबसे पहले स्पीकर विधायकों से ध्वनिमत से सरकार के पक्ष और विपक्ष में समर्थन जानने की कोशिश करते हैं. इसके बाद कोरम बेल बजती है और विधायकों को पक्ष और विपक्ष में बंटने के लिए कहा जाता है. इसके बाद पक्ष और विपक्ष के समर्थन विधायकों की संख्या की गिनती है. इसके बाद स्पीकर इसके नतीजे घोषित करते हैं. अगर सरकार के समर्थन में जरूरी विधायकों का समर्थन होता है तो सरकार बच जाती है और अगर विरोध में ज्यादा विधायकों का समर्थन होता है तो सरकार गिर जाती है. कई बार देखा जाता है कि मुख्यमंत्री फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे देते हैं. ऐसा तब होता है जब उनको लगता है कि उनकी सरकार के पक्ष में पर्याप्त विधायकों का समर्थन नहीं हैं. ऐसे में फ्लोर टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है और सरकार गिर जाती है.

बहुमत के लिए कितना समर्थन चाहिए- 
किसी भी राज्य में सरकार चलाने के लिए मुख्यमंत्री के पास सदन का भरोसा होना चाहिए. इसका मतलब है सरकार के पास सदन में बहुमत हो. सरकार में बने रहने के लिए सत्ताधारी पार्टी के पास सदन में 50 फीसदी से एक ज्यादा विधायकों का समर्थन होना जरूरी है.

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट का इतिहास-
महाराष्ट्र में आज तक फ्लोर टेस्ट में कोई सरकार नहीं गिरी है. 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ था. उसके बाद से 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और 19 मुख्यमंत्री बन चुके हैं. लेकिन अब तक इस बार भी फ्लोर टेस्ट में बहुमत सरकार के खिलाफ नहीं गया है. साल 2014 में देवेंद्र फडणवीस ने फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल करके सरकार बचाई थी.

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एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ईएसआर- erythrocyte sedimentation rate) ब्लड टेस्ट का एक आवश्यक पैरामीटर है जो आमतौर पर आपके डॉक्टर द्वारा रिकमेंड  किया जाता है यदि उसे आपके शरीर में किसी प्रकार की सूजन या इन्फेक्शन का संदेह(doubt) होता है। इस आर्टिकल में, ईएसआर क्या है, पुरुषों और महिलाओं में इसकी सामान्य सीमा, और ईएसआर के असामान्य स्तरों से निकाले जा सकने वाले  इनफरेंस (inference) के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

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ईएसआर टेस्ट क्या है? (What is an ESR Test?)

एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट  (ईएसआर) एक ब्लड टेस्ट  है जो उस रेट को मापने के लिए किया जाता है जिस पर  रेड ब्लड सैल्स ब्लड के सैंपल वाले टेस्ट ट्यूब में नीचे सेटल होते हैं। यह टेस्ट आम तौर पर किसी भी स्थिति का डायग्नोसिस करने के लिए किया जाता है जिससे सूजन हो सकती है। जिस  रेट पर रेड ब्लड सैल्स  सेटल होते हैं, उससे आपके डॉक्टर को आपके शरीर में किसी भी सूजन या इन्फेक्शन के बारे में पता चलता है।

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महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है? (What is the normal range of ESR in females?)

एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट  (ईएसआर) की नार्मल रेंज की गणना वेस्टरग्रेन मेथड (Westergren method) का उपयोग करके की जाती है, जिसे ईएसआर को मापने के लिए एक स्वर्ण मानक(gold standard) माना जाता है। इस विधि में, ब्लड के सैंपल को वेस्टरग्रेन-काट्ज़ ट्यूब(Westergren-Katz tube) में सोडियम साइट्रेट (sodium citrate) के साथ मिलाया जाता है और कमरे के तापमान पर एक घंटे के लिए (vertically) वर्टिकली सेट किया जाता है। एक घंटे के बाद,  रेड ब्लड सैल्स  कितने सैटल हुए, इसे मापा जाता है।

औसतन, ईएसआर के लिए  नार्मल रिफरेन्स रेंज महिलाओं के लिए लगभग 1 – 20 mm/h है। रोचेस्टर मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के अनुसार, वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके, विभिन्न आयु समूहों की महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा नीचे सूचीबद्ध है-

क्र.सं.ऐज  ग्रुप (साल)  नार्मल  ईएसआर रेंज (mm/h)1.< 200 – 102.20 – 500 – 203.> 500 – 30

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पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है? (What is the normal range of ESR in males?)

औसतन, पुरुषों के लिए ईएसआर के लिए नार्मल रिफरेन्स रेंज लगभग 1 – 13  mm/h है। रोचेस्टर मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के अनुसार, वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके, विभिन्न आयु समूहों के पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा नीचे सूचीबद्ध है-

क्र.सं.ऐज  ग्रुप (साल)  नार्मल  ईएसआर रेंज (mm/h)1.< 200 – 102.20 – 500 – 153.> 500 – 20

क्या होता है यदि ईएसआर स्तर असामान्य है? (What happens if the ESR level is abnormal?)

ईएसआर का असामान्य स्तर विभिन्न बीमारियों का संकेत दे सकता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि रिफरेन्स रेंज से कितनी भिन्नता है।

ईएसआर के निम्न स्तर (Low Levels of ESR)

यदि ईएसआर का रिफरेन्स रेंज सीमा से कम है, तो यह निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में से एक का संकेतक हो सकता है:

  • ल्यूकिमिया (Leukaemia )
  • सिकल  सेल  एनीमिया (Sickle cell anemia)
  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure)
  • उच्च  रेड ब्लड सेल और सफेद ब्लड सेल काउंट(High red blood cell and white blood cell count)
  • इंक्रीसड ब्लड थिकनेस (Increased blood thickness)
  • प्रोटीन फाइब्रिनोजेन का निम्न स्तर(Low levels of the protein fibrinogen)

ईएसआर के उच्च स्तर (High levels of ESR)

यदि ईएसआर का स्तर सामान्य सीमा से थोड़ा अधिक है, तो यह निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में से एक के लिए संकेत कर सकता है:

  • खून की कमी(Anaemia)
  • रूमेटाइड गठिया(Rheumatoid arthritis)
  • किडनी रोग(Kidney disease)
  • थाइरोइड की बीमारी(Thyroid disease)
  • लिंफोमा(Lymphoma)
  •  रेड ब्लड सैल्स  में असामान्यताएं(Abnormalities in red blood cells)
  • हड्डी में इन्फेक्शन(Bone infection)
  • ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis)
  • सिस्टमिक  इन्फेक्शन (Systemic infection)
  • हृदय  इन्फेक्शन(Heart infection)

यदि आपकी टेस्ट  रिपोर्ट में ईएसआर का स्तर 100 mm/h से अधिक है, तो यह निम्न में से किसी भी विकार (disorders)का संकेत हो सकता है:

  • श्वेत ब्लड सैल्स कैंसर (वाल्डेनस्ट्रॉम का मैक्रोग्लोबुलिनमिया)[White blood cell cancer (Waldenstrom’s macroglobulinemia)]
  • प्लाज्मा सेल कैंसर (मल्टीपल मायलोमा)[Plasma cell cancer (multiple myeloma)]
  • ब्लड वाहिका सूजन (अतिसंवेदनशीलता वास्कुलिटिस)[Blood vessel inflammation (hypersensitivity vasculitis)]
  • अस्थायी धमनीशोथ[Temporal arteritis]

निष्कर्ष (take away)

एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट  (ईएसआर) उस  रेट  को बताती है जिस पर आपके  रेड ब्लड सैल्स को कमरे के तापमान पर रखा जाता है। ईएसआर का असामान्य स्तर कुछ  अंडरलाइंग हेल्थ डिसऑर्डर्स  का संकेत हो सकता है। अब जब आप जानते हैं कि ईएसआर की रेफरेन्स रेंज क्या है और ईएसआर के असामान्य स्तर क्या संकेत दे सकते हैं, तो आप अपनी टेस्ट  रिपोर्ट का बेहतर अध्ययन और एनालिसिस  कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) (Frequently Asked Questions (FAQs)

1. मैं अपना ईएसआर टेस्ट कैसे करवा सकता हूं? (How can I get my ESR test done?)

आप अपना ईएसआर टेस्ट रेडक्लिफ लैब में आसानी से करवा सकते हैं। आप या तो हमारे केंद्र पर कॉल कर सकते हैं या अपने टेस्ट  की बुकिंग के लिए सीधे ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से इसे बुक कर सकते हैं। दोनों ही मामलों में, हम आपका ब्लड सैंपल लेने के लिए अपने फ्लेबोटोमिस्ट को निःशुल्क भेजेंगे।

2. ईएसआर टेस्ट की कीमत कितनी होगी? (How much will the ESR test cost me?)

रेडक्लिफ लैब्स में, हम हेमोग्राम (Haemogram)टेस्ट प्रोवाइड करते हैं जिसमें सीबीसी टेस्ट और ईएसआर टेस्ट  शामिल होते हैं जिनकी कीमत 840/- रुपये होती है। हालाँकि, आप यह टेस्ट पूरे भारत में 299/- रुपये में विशेष छूट (special discount) के तहत करवा सकते हैं।