विष्णु धर्मोत्तर पुराण और पद्म पुराण का कहना है कि पुरुषोत्तम महीने में भगवान विष्णु की पूजा स्वर्ण पुष्प से करने का विधान है। यानी अधिक मास में भगवान विष्णु को चंपा के फूल चढ़ाने से ही हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म शास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि आश्विन महीने में जूही और चमेली के फूल से भगवान विष्णु की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है। इनके साथ ही तुलसी पत्र भी भगवान पर चढ़ाने चाहिए। इससे हर तरह के दोष भी खत्म हो जाते हैं। Show
पं. मिश्र के मुताबिक भगवान विष्णु के पसंदीदा फूल और पत्र पसंदीदा फूल पसंदीदा पत्ते भगवान विष्णु की पूजा में किन चीजों का उपयोग नहीं होता फूल पत्तों से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें Daily Horoscope : जानें सभी राशियों का आज का दैनिक राशिफल? आज के राशिफल में आपके लिए नौकरी, व्यापार, लेन-देन, परिवार और मित्रों के साथ संबंध, सेहत और दिन भर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं का भविष्यफल होता है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? गुरुवार (Guruvar) देवगुरु बृहस्पति का दिन होता है और शास्त्रों में बृहस्पति देव देवताओं के गुरु माने जाते हैं. सप्ताह का यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है. कहते हैं सच्चे मन से जो लोग भगवान विष्णु (lord vishnu) की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी परेशानियां नहीं आती हैं. हालांकि भगवान विष्णु की पूजा के लिए कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको इस दिन खाने से बचना चाहिए. भूलकर भी न खाएं केला नहीं खाएं खिचड़ी गुरुवार के दिन करें ये काम Jaya Ekadashi 2022: इस बार जया एकादशी 12 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है. इस दिन लोग भगवान विष्णु की अराधना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं. एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है. जानते हैं क्योंekadashi 2022Jaya Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में जितना महत्व त्योहारों का है उतना ही महत्व तिथियों और व्रतों का भी है. हर महीने दो बार आने वाली यानि दो पक्षों में आने वाली एकादशी (Ekadashi) की पूजा लोग पूरी श्रद्धा और नियम के साथ करते हैं. वहीं इस दिन लोग घर में सुख-समृद्धि बरकरार रखने के लिए एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) भी करते हैं. बता दें कि माघ माह की शुक्ल पक्ष को जो एकादशी आती है उस पर लोग भगवान विष्णु (Vishnu Vrat) के लिए व्रत रख उन्हें प्रसन्न करते हैं. इस एकादशी को जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2022) कहते हैं. इस दिन श्री हरि नाम का सुमिरन किया जाता है. इस बार जया एकादशी 12 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है. जानते हैं क्यों नहीं खाने चाहिए एकादशी के दिन चावल… एकादशी पर क्यों नहीं खाए जाते चावल? एक तथ्य ये भी है कि चावल में पानी की मात्रा ज्यादा रूप में पाई जाती है. वहीं पानी पर चन्द्रमा का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। ऐसे में चावल के सेवन से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ सकती है. साथ ही मन चंचल भी हो सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को व्रत करने में पेरशानी हो सकती है. इसलिए भी एकादशी (Ekadashi) के दिन चावल ना खाने की सलाह दी जाती है. (यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है.) ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें धर्म की और अन्य ताजा-तरीन खबरें विष्णु ji को चावल क्यों नहीं चढ़ाया जाता?भगवान विष्णु की पूजा में क्यों नहीं रख जाते हैं चावल
ऐसी मान्यता है कि सफेद अक्षत का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को दोष लगता है। यदि आप सफेद अक्षत की जगह चंदन या हल्दी लगाकर अत्क्षत की इस्तेमाल करें, तो आप अपने उपर लगने वाले दोषों से बच सकते है। सफेद अक्षत भगवान विष्णु को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
गुरुवार के व्रत में चावल खा सकते हैं क्या?भूलकर न खाएं चावल या खिचड़ी
मान्यता है कि गुरुवार के व्रत में पीला भोजन ही ग्रहण करें. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दिन भूल से भी काली दाल की खिचड़ी या फिर चावलों का सेवन न करें. इस दिन चावल खाने से धन हानि होती है.
बृहस्पतिवार के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?ये कार्य न करें :. ये कार्य न करें : ... . दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है। ... . गुरुवार को ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए। ... . इस दिन दूध और केला खाना भी वर्जित माना गया है। ... . इस दिन कपड़े धोना वर्जित माना जाता है। ... . इस दिन खिचड़ी खाने को भी वर्जित माना गया है।. विष्णु भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग नहीं किया जाता है। ये भगवान को पसंद नहीं है। इनके साथ ही विष्णु जी की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं।
|