गुरुवार को चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? - guruvaar ko chaaval kyon nahin khaana chaahie?

विष्णु धर्मोत्तर पुराण और पद्म पुराण का कहना है कि पुरुषोत्तम महीने में भगवान विष्णु की पूजा स्वर्ण पुष्प से करने का विधान है। यानी अधिक मास में भगवान विष्णु को चंपा के फूल चढ़ाने से ही हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म शास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र का कहना है कि आश्विन महीने में जूही और चमेली के फूल से भगवान विष्णु की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है। इनके साथ ही तुलसी पत्र भी भगवान पर चढ़ाने चाहिए। इससे हर तरह के दोष भी खत्म हो जाते हैं।

पं. मिश्र के मुताबिक भगवान विष्णु के पसंदीदा फूल और पत्र

पसंदीदा फूल
भगवान विष्णु की पूजा में मालती, केवड़ा, चंपा, कमल, गुलाब, मोगरा, कनेर और गेंदे के फूल का उपयोग करना चाहिए। इससे श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। इनके साथ ही जाती, पुन्नाग, कुंद, तगर और अशोक वृक्ष के फूल भी भगवान के प्रिय फूलों में आते हैं। इन फूलों से पूजा करने पर भगवान विष्णु के साथ ही लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं।

पसंदीदा पत्ते
भगवान विष्णु की पूजा में फूल से साथ पत्ते भी चढ़ाए जाते हैं। इनसे धन-धान्य और सुख बढ़ता है। भगवान विष्णु के पसंदीदा पत्तों में तुलसी, शमी पत्र, बिल्वपत्र और दूर्वा यानी दूब है। इनके साथ ही भृंगराज, खेर, कुशा, दमनक यानी दवना और अपामार्ग यानी चिरचीटा के पत्ते भी विष्णुजी की पूजा में उपयोग किए जाते हैं।

भगवान विष्णु की पूजा में किन चीजों का उपयोग नहीं होता
भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग नहीं किया जाता है। ये भगवान को पसंद नहीं है। इनके साथ ही विष्णु जी की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं। अधिक मास में भगवान की पूजा के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

फूल पत्तों से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें
भगवान की पूजा में अशुद्ध, बासी और कीड़ों के खाए हुए कटे-फटे, फूल और पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। जमीन पर गिरे हुए, दूसरों से मांगे हुए या चुराए हुए फूलों का उपयोग भी पूजा में नहीं करना चाहिए। इनके अलावा कमल एवं कुमुद के फूल पांच दिनों तक बासी नहीं होते। साथ ही बिल्वपत्र, पान और तुलसी के टूटे-फूटे पुराने पत्ते भी चढाएं जा सकते हैं।

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गुरुवार (Guruvar) देवगुरु बृहस्पति का दिन होता है और शास्त्रों में बृहस्पति देव देवताओं के गुरु माने जाते हैं. सप्ताह का यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है.  कहते हैं सच्चे मन से जो लोग भगवान विष्णु (lord vishnu) की पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. भगवान विष्णु की पूजा से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी परेशानियां नहीं आती हैं. हालांकि भगवान विष्णु की पूजा के लिए कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है. कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको इस दिन खाने से बचना चाहिए. 

भूलकर भी न खाएं केला 
गुरुवार के दिन केले के फल का सेवन नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के वृक्ष में देवगुरु बृहस्पति का वास होता है. मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि भगवान विष्णु को भोग लगाने के बाद केले को दान कर देना चाहिए, लेकिन व्रती या फिर पूजन करने वाले लोगों को इस दिन केला नहीं खाना चाहिए.

नहीं खाएं खिचड़ी
गुरुवार के दिन खिचड़ी भी नहीं खानी चाहिए. मान्यता है कि गुरुवार को घर में खिचड़ी बनती है या फिर इसे खाते हैं, तो धन की हांनि होती है और दरिद्रता आ सकती है. वहीं गुरुवार के दिन घर में कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है.

गुरुवार के दिन करें ये काम 
सूर्य उदय होने से पहले शुद्ध होकर भगवान श्री हरि विष्णु के समक्ष गाय के शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं. पीली चीजों का दान कर सकते हैं. केले के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए. गुरु के 108 नामों का उच्चारण करना चाहिए ऐसा करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश पूर्ण होती है. इस दिन केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करना बहुत शुभ होता है. इससे घर में सुख-शांति आती है और आरोग्यता मिलती है.

Jaya Ekadashi 2022: इस बार जया एकादशी 12 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है. इस दिन लोग भगवान विष्णु की अराधना कर उन्हें प्रसन्न करते हैं. एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित है. जानते हैं क्यों

गुरुवार को चावल क्यों नहीं खाना चाहिए? - guruvaar ko chaaval kyon nahin khaana chaahie?

ekadashi 2022

Jaya Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में जितना महत्व त्योहारों का है उतना ही महत्व तिथियों और व्रतों का भी है. हर महीने दो बार आने वाली यानि दो पक्षों में आने वाली एकादशी (Ekadashi) की पूजा लोग पूरी श्रद्धा और नियम के साथ करते हैं. वहीं इस दिन लोग घर में सुख-समृद्धि बरकरार रखने के लिए एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) भी करते हैं. बता दें कि माघ माह की शुक्ल पक्ष को जो एकादशी आती है उस पर लोग भगवान विष्णु (Vishnu Vrat) के लिए व्रत रख उन्हें प्रसन्न करते हैं. इस एकादशी को जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2022) कहते हैं. इस दिन श्री हरि नाम का सुमिरन किया जाता है. इस बार जया एकादशी 12 फरवरी दिन गुरुवार को पड़ रही है. जानते हैं क्यों नहीं खाने चाहिए एकादशी के दिन चावल…

एकादशी पर क्यों नहीं खाए जाते चावल?
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि मेधा ने माता शक्ति के गुस्से से खुद को बचाने के लिए जिस दिन शरीर त्यागा और उनके अंग धरती में समाए, वो दिन एकादशी का था. ऐसे में मान्यता है कि चूंकि महर्षि मेधा जौ और चावल (Rice) के रूप में जन्में थे. इस कारण श्रद्धालु चावल और जौ को जीव मानकर उनका सेवन नहीं करते. एक मान्यता ये भी है कि एकादशी (Ekadashi) के दिन चावल महर्षि मेधा के मांस और रक्त के समान हैं. ऐसे में धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन चावल खाने से व्यक्ति का जन्म रेंगने वाले जीव के रूप में होता है.

एक तथ्य ये भी है कि चावल में पानी की मात्रा ज्यादा रूप में पाई जाती है. वहीं पानी पर चन्द्रमा का प्रभाव ज्यादा पड़ता है। ऐसे में चावल के सेवन से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ सकती है. साथ ही मन चंचल भी हो सकता है, जिसके कारण व्यक्ति को व्रत करने में पेरशानी हो सकती है. इसलिए भी एकादशी (Ekadashi) के दिन चावल ना खाने की सलाह दी जाती है.

(यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है.)

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विष्णु ji को चावल क्यों नहीं चढ़ाया जाता?

भगवान विष्णु की पूजा में क्यों नहीं रख जाते हैं चावल ऐसी मान्यता है कि सफेद अक्षत का इस्तेमाल करने से व्यक्ति को दोष लगता है। यदि आप सफेद अक्षत की जगह चंदन या हल्दी लगाकर अत्क्षत की इस्तेमाल करें, तो आप अपने उपर लगने वाले दोषों से बच सकते है। सफेद अक्षत भगवान विष्णु को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

गुरुवार के व्रत में चावल खा सकते हैं क्या?

भूलकर न खाएं चावल या खिचड़ी मान्यता है कि गुरुवार के व्रत में पीला भोजन ही ग्रहण करें. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दिन भूल से भी काली दाल की खिचड़ी या फिर चावलों का सेवन न करें. इस दिन चावल खाने से धन हानि होती है.

बृहस्पतिवार के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?

ये कार्य न करें :.
ये कार्य न करें : ... .
दक्षिण, पूर्व, नैऋत्य में यात्रा करना वर्जित है। ... .
गुरुवार को ऊपर से नमक डालकर नहीं खाना चाहिए। ... .
इस दिन दूध और केला खाना भी वर्जित माना गया है। ... .
इस दिन कपड़े धोना वर्जित माना जाता है। ... .
इस दिन खिचड़ी खाने को भी वर्जित माना गया है।.

विष्णु भगवान को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

भगवान विष्णु की पूजा में अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल का उपयोग नहीं किया जाता है। ये भगवान को पसंद नहीं है। इनके साथ ही विष्णु जी की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं।