हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?

चूँकि ये बीज अण्डाशय (पका हुआ फल) के अन्दर नहीं बनते हैं और फल से ढके हुए नहीं हैं अत: इन पौधों के समूह को नाम दिया गया है ‘जिम्नोस्पर्म’, जिसका अर्थ है नग्नबीजी। ऐसे पौधे पहाड़ों पर खूब मिलते हैं जैसे चीड़, देवदार, आरूकेरिया, क्यूप्रेसस आदि। कुछ जिम्नोस्पर्म को इनकी सुन्दर सदाबहार चमकीली पत्तियों के लिए बगीचों और पुराने किलों व महलों में भी लगाया जाता है।

हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?
अनजाने पौधों को पहचानना
परन्तु हमारे आसपास कई ऐसे भी पेड़ हैं जिन्हें हम नहीं जानते। आइए कोशिश करें कि इन्हें भी इनकी पत्तियों के रूप-रंग, आकार-प्रकार के सहारे पहचानें और जानें।
अनजाने पेड़ों को उनकी पत्तियों के आधार पर पहचानने का तरीका बड़ा कारगर और आसान है क्योंकि पत्तियाँ लगभग हमेशा उपस्थित होती हैं। फूल और फल तो कभी किसी विशेष मौसम में ही मिलते हैं। तो पत्तियाँ ही पेड़ों की पहचान हैं।
पेड़ों को पत्तियों के आधार पर जानने के लिए पत्तियों से गहरी जान-पहचान ज़रूरी है। एक पत्ती में मुख्यत: चार भाग होते हैं - डण्ठल, चौड़ा-चपटा हरा फलक, पत्ती का आधार और शीर्ष (चित्र-1)। पत्ती के डण्ठल से निकलने वाली मुख्य शिरा पत्ती के शीर्ष तक जाती है।
पत्तियों के सहारे पौधों की पहचान में उनकी पत्तियों का आकार भी सहायक होता है - पीपल-जैसी दिल के आकार की या भालाकार जामुन-जैसी और लगभग अण्डाकार जैसे बरगद। इसके अलावा पत्तियों के किनारे भी पौधों को पहचानने में मददगार होते हैं। पत्तियों के किनारे पूर्ण - जैसे आम, पीपल, जामुन या दाँतेदार - जैसे गुड़हल, हरसिंगार और नीम।

तने पर पत्तियों का क्रम भी एक महत्वपूर्ण लक्षण है। एकान्तर जैसे पीपल और चम्पा, आमने-सामने जैसे गम्हेर, मुण्डी या फिर चक्र में जैसे कनेर और सप्तपर्णी।
पत्तियों से इतनी जान-पहचान के साथ अब आप तैयार हैं अजनबी पत्तियों को जानने के लिए। इस काम में बाल वैज्ञानिक कक्षा-6 का अध्याय ‘पत्तियों से जान-पहचान’ एवं एकलव्य द्वारा प्रकाशित ‘बिन पत्ती सब सून’ उपयोगी होगी।

पत्ती एक पहेली
सरल पत्ती/संयुक्त पत्ती
पेड़ों में आम तौर पर दो तरह की पत्तियाँ होती हैं - सरल (simple) और संयुक्त (compound)
सरल पत्ती में एक पूर्ण फलक होता है जैसे पीपल, आम और जामुन में। सरल पत्ती में कटाव भी हो तो वह मुख्य शिरा अथवा फलक के आधार तक नहीं पहुँचता।
संयुक्त पत्ती में फलक दो या अधिक हिस्सों में पूर्णत: बँट जाता है। पंखाकार संयुक्त पत्ती में किनारों से फलक का कटाव मुख्य शिरा तक पहुँच जाता है। ऐसे में पत्ती के छोटे-छोटे हिस्सों को ‘पत्रक’ कहते हैं, जैसे इमली और बबूल। हस्ताकार संयुक्त पत्ती में कटाव की दिशा पत्ती के किनारों से चलकर फलक के आधार तक पहुँचती है। हस्ताकार संयुक्त पत्ती, जैसे सेमल, के छोटे हिस्सों को ‘पर्णक’ कहा गया है।

पत्ती या पत्रक

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कई बार पत्रक भी इतने बड़े होते हैं कि लगता है कि वह सरल पत्ती है। जैसे अमलतास की पत्ती संयुक्त है, मगर पत्रक बहुत बड़े होते हैं।
इसके उलट कई मर्तबा ऐसा भी होता है कि सरल पत्ती इतनी छोटी-छोटी होती हैं कि लगता है हम कोई संयुक्त पत्ती देख रहे हैं जैसे आँवला जिसे अक्सर संयुक्त पत्ती के पत्रक समझ लिया जाता है। वह तो वस्तुत: पत्ती है।
तो फिर कैसे पहचानें पत्ती और पत्रक के अन्तर को? पत्ती के कक्ष में हमेशा एक कक्ष कलिका पाई जाती है। कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि कलिका के स्थान पर आपको फूल या फल लगा दिखाई दे, जैसे कि आँवला। अत: जहाँ कक्ष कलिका दिखाई देती है उसके ऊपर का भाग पत्ती है। यदि फलक पूर्ण हो तो सरल पत्ती और मध्य-शिरा तक कटा हुआ है तो संयुक्त पत्ती। वैसे यह इतना आसान भी नहीं है परन्तु अनुभव से धीरे-धीरे समझ आने लगता है।

पत्ती कुंजी
परिभ्रमण
जीव विज्ञान की कक्षाओं का एक अहम हिस्सा है परिभ्रमण। जब हम पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं का अध्ययन करने हेतु परिभ्रमण पर निकलते हैं तब मेरे साथ शिक्षक हो या विद्यार्थी, सबका एक ही सवाल होता है - सर इस पेड़ का क्या नाम है? यह पौधा कौन-सा है? यह जिम्नोस्पर्म है या एंजियोस्पर्म? पर अब इस पत्ती कुंजी के आपके हाथ में आ जाने के बाद हीरो भी आप और दर्शक भी आप।

पत्ती कुंजी
कुंजी दरअसल एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से पत्तियों के लक्षणों के एक समूह के आधार पर आप अनजान पेड़ों के नाम जान सकते हैं। इस कुंजी में दो बिलकुल विपरीत लक्षण होते हैं जिन्हें ‘कपलेट’ या युगल कहते हैं। जैसे-जैसे लक्षणों के आधार पर आप आगे बढ़ते हैं एक-एक लक्षण हटता जाता है। और अन्त में आप लक्षणों के एक समूह पर पहुँचते हैं जिसके अन्त में नाम लिखा होता है। जिन लक्षणों के आधार पर हम एक के बाद एक आगे बढ़ते हैं, उन्हें लीड केरेक्टर यानी विशेष गुणधर्म कहते हैं।

हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?
पत्ती कुंजी का कैसे उपयोग करना है इसका एक उदाहरण देख लेते हैं। सड़क पर आपको सुन्दर फूलों वाला एक पेड़ दिखता है, तो आप इस पेड़ की एक पत्ती तोड़ लें। तोड़ने से पहले तने पर उसके लगने का क्रम भी नोट कर लें - एकान्तर है या आमने-सामने (चित्र-4)। यदि पत्ती संयुक्त है तो आपको कुंजी नम्बर-3, यानी ॠॠ पर जाना है। यदि पत्ती में जालिकावत शिरा विन्यास है तो यह पौधा दो बीजपत्री होगा अत: आप ॠॠक् यानी कुंजी नम्बर-4 पर पहुँच गए। वहाँ आपको 21 नम्बर लिखा मिलेगा। 21 हस्ताकार-संयुक्त या पंखाकार-संयुक्त। पत्ती यदि पंखाकार है तो आप पहुँचेंगे 22 पर। वहाँ फिर दो विकल्प हैं - पेड़ या झाड़ी। यदि आपने झाड़ी चुना तो 23 पर जाना है। यदि आपकी पत्ती एक-पंखी और समपत्रकी है (चित्र-5) तो फिर आपका पौधा 24 नम्बर वाला यानी ग्लॉकस केसिया है। इस पर पीले रंग के फूल होंगे।
इस तरह इसका उपयोग कर आप कई अनजाने पेड़ों से दोस्ती कर लेंगे। अगर पत्ती कुंजी को फील्ड की बजाय घर या कक्षा में इस्तेमाल करना है तो अनजान पौधे की पत्ती को तोड़कर ऐसा भी किया जा सकता है। लेकिन पत्ती इकट्ठा करते समय लिख लेना है कि पेड़ है या झाड़ी और डण्ठल पर पत्तियों का क्रम कैसा है - एकान्तर (alternate) या आमने-सामने (opposite, सम्मुख)।

हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?
हमने यहाँ अपने आसपास मिलने वाले पेड़ों की पत्तियों के विभिन्न लक्षणों के आधार पर एक ‘पत्ती कुंजी’ बनाने का प्रयास किया है। इस प्रयास में लाफायेट्ट फ्रेडरिक, रसल एम. एम्पी, जेम्स वॉरन ली और ऐसा क्लाइन सिम्स की अ स्टडी ऑफ प्लांट लाइफ, डब्ल्यू.सी. ब्राउन बुक कम्पनी, 1959 और प्रदीप कृषन की ट्रीज़ ऑफ देल्ही ए फील्ड गाइड, पेंग्विन इंडिया, 2006 से हमें बड़ी मदद मिली है।
अपने किस्म का यह पहला प्रयास है और इसमें सुधार की बहुत गुंजाइश है। पत्तियों के साथ फूलों का रंग जोड़ने से इसे और बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसी ही पत्ती कुंजी अलग-अलग क्षेत्र के पेड़-पौधों के लिए बनाई जा सकती है। अभी इसमें हमने मुख्यत: मध्य प्रदेश की वनस्पतियों को चुना है, पर इनमें से अधिकतर अन्य स्थानों पर भी मिलती हैं। इसमें कुछ जिम्नोस्पर्म भी हैं जो अक्सर बगीचों और घरों में मिल जाते हैं।

पत्ती कुंजी

यह अपने आसपास पाए जाने वाले लगभग 58 पौधों की पहचान कुंजी है। इनमें से कुछ से आप परिचित हैं, भले ही नाम न जानते हों।
पत्ती कुंजी का उपयोग करने के लिए आसपास की वनस्पति की पत्ती को हाथ में लीजिए। पहले चरण में पत्ती के गुणधर्म के आधार पर पौधा समूह तय कीजिए। दूसरे चरण में सम्बन्धित पौधा समूह में जाकर पत्ती का स्थान निर्धारण कीजिए और अन्त में नाम तक पहुँचिए।
हमें उम्मीद है कि ये पत्ती कुंजी पेड़-पौधों से आपकी पहचान और गाढ़ी करने में सहायक होगी। हमारा मानना है कि पौधों के संरक्षण की पहली सीढ़ी उनसे मुलाकात है, तो पहले मिल लीजिए और फिर इन्हें बचाने का प्रयास कीजिएगा। पर्यावरण अध्ययन का यही बेहतर और कारगर तरीका है।

पत्ती के गुणधर्म  पौधा समूह  इस कुंजी में जाएँअधिकांश पत्तियाँ छोटी,  शलकीय (परतनुमा) या सुईनुमा, कभी पंखे जैसी या ताड़ समान परन्तु शिरा विन्यास अनुपस्थित (जाली या समानान्तर, कोई भी)जिम्नोस्पर्म (नग्नबीजी पौधे)Aफलक चौड़ा (चपटा शल्क  जैसा या सुई जैसा नहीं), शिरा-विन्यास समानान्तर या जालनुमाएंजियोस्पर्म (फूलधारी पौधे)AAपत्तियों में शिराविन्यास समानान्तरएक बीजपत्रीAABपत्तियों में शिराविन्यास जालिकावत दो बीजपत्रीAAC कुंजी-1                                                                       A - जिम्नोस्पर्म  पत्ती के गुणधर्म   पौधे का नाम/कुंजी-1 में यहाँ जाएँ    1. पत्तियाँ अधिकतर सुईनुमा या शल्कीय 3 1. पत्तियाँ खजूर या छोटे पंख जैसी 2 2. बड़ी, खजूर जैसी, पत्रक चपटा, शीर्ष नुकीला सायकस 2. पत्तियाँ खजूर जैसी नहीं परन्तु छोटे पंखे जैसी, शिराएँ सिरे की ओर बटी हुईं मेडनहेअर ट्री (गिंगो) 3. पत्तियाँ सूक्ष्म और शल्कीय 4 3. पत्तियाँ सुई जैसी 5 4. पत्तियाँ शल्कीय, आमने-सामने, शाखाएँ चपटी फैली हुईं विद्या (थूजा) 4. पत्तियाँ शल्कीय, शाखाएँ चपटी नहीं जूनिपेरस 5. पत्तियाँ सुई जैसी, दो या पाँच के समूह में  चीड़ (पाइनस) 5. पत्तियाँ चपटी या सुई जैसी 6 6. छोटी, पतली, सँकरी, चपटी, आमने-सामने,  बॉल्ड साइप्रस (टैक्सोडियम) 6. चपटी, चौड़ी, आमने-सामने, दो-दो की कतारों में, शीर्ष काँटे जैसा नुकीला  

 मंकीज़ पज़ल (आरूकेरिया)

 

कुंजी-2                                                    AA - एंजियोस्पर्म/फूलधारी पौधे
AAB - एक बीजपत्री

पत्ती के गुणधर्मपौधे का नाम/कुंजी-2 में यहाँ जाएँ1. पत्तियाँ संयुक्त खजूर जैसी31. पत्तियाँ सरल ताड़ जैसी22. गहरे हरे रंग की, डेढ़ मीटर लम्बी, आधे हिस्से तक 60-80ताड़ी पाम2. पत्ती पंखे जैसी, आधे हिस्से तक 50-60 हिस्सों में बँटी, शीर्ष फटे हुए, सिरे से नीचे लटकेचायनीज़ फेन पाम3. एक या दो-पंखी पत्रक एक तल में53. एक-पंखी पत्रक अलग-अलग तल में44. लगभग तीन मीटर लम्बी, पत्रक अलग-अलग तल में, आधार पर मोटी शीथ, तना बॉटल जैसारॉयल पाम4. लगभग तीन मीटर लम्बी, पत्रक अलग-अलग तल में, आधार पर मोटी शीथ, तना बॉटल जैसाखजूर5. दो मीटर लम्बी, पत्रक एक तल में, काँंटे नहींगोल्डन फेन पाम5. दो-पंखी, 6 मीटर लम्बी, पत्रक तिकोने, मछली के पंख जैसे फिशटेल पाम 

कुंजी-3                                                    AA - एंजियोस्पर्म/फूलधारी पौधे
AAC - दो बीजपत्री

पत्ती के गुणधर्म       पौधे का नाम/कुंजी-3 में यहाँ जाएँ1. पत्ती सरल2 1. पत्ती संयुक्त212. क्रम एकान्तर32. क्रम आमने-सामने153. किनारे पूर्ण 73. किनारे पालीवत (थ्दृडड्ढड्ड) पत्तियाँ/दाँतेदार 44. पेड़ 64. झाड़ी 55. पालीवत, 3 से 5 पालियाँ, डण्ठल लम्बा, सतह चिकनी, शीर्ष नुकीला रतनजोत5. पालीवत दाँतेदार, सतह चिकनी नहीं रोमिल, डण्ठल लम्बा डाम्बिया6. पत्ती बड़ी, पालीवत, डण्ठल पत्ती के नीचे की ओर, सतह चर्मिल कनक चम्पा6. पत्ती पहले (ऊपर 6) से छोटी, डण्ठल नीचे की ओर नहीं, नीचे  से सँकरी, पत्ती चिकनी, ऊपर की ओर दाँतेदार गोन्दी7. किनारे पूर्ण, एकान्तर, पेड़ 97. किनारे पूर्ण, एकान्तर, झाड़ी 88. पत्ती के दोनों सिरे सँकरे, ऊपरी सतह चिकनी, चमकदार, हरी पीला कनेर8. ऊपरी सतह गहरी हरी, चमकदार नहीं, पत्ती तीन-तीन के समूह में, शिराएँ स्पष्ट लाल कनेर9. पत्तियाँ अण्डे के आकार की 209. पत्तियाँ अण्डे के आकार की नहीं, भालाकार 1010. भालाकार, दोनों सिरे सँकरे नहीं1110. भालाकार, दोनों सिरे सँकरे लाल व पीला चम्पा11. भालाकार, शीर्ष नुकीला नहीं 1211. किनारे लहरदार, शीर्ष नुकीला मौल श्री12. भालाकार, शीर्ष गोल सफेद चम्पा12. सतह चर्मिल, नई पत्तियाँ हल्की दाँतेदारगूलर13. आधार हृदयाकार, शीर्ष लम्बा 1413. अग्रभाग हृदयाकार और डण्ठल दोनों लगभग बराबर लम्बाई के पीपल14. आधार चौड़ा, शीर्ष कम नुकीला पिलखान14. शीर्ष एवं आधार दोनों लगभग गोल, चर्मिल, पत्ती मोटी  बरगद15. पेड़, पत्तियाँ आमने-सामने, किनारे दाँतेदार 2015. पेड़, पत्तियाँ आमने-सामने, किनारे पूर्ण 1616. भालाकार पत्ती, गोल नहीं 1716. पत्ती गोल, किनारे लहरदार, शीर्ष कम नुकीलाअमरूद17. पत्ती ह्रदयाकार, शीर्ष गोल और हल्का नुकीला उपशिराएँ समानान्तर और किनारे के पास घुमे हुए (धनुषाकार) अर्जुन17. पत्ती अण्डाकार, हृदयकार नहीं 1918. पत्ती हृदयाकार, शीर्ष नुकीला, डण्ठल लम्बा, नीचे से मखमली गम्हेर18. पत्ती गोल, शीर्ष नुकीला, छोटी गूदेदार शिराएँ स्पष्ट नहीं पीलू19. पत्ती बहुत बड़ी, आधार सँकरा, सतह बहुत खुरदुरी, शीर्ष कम नुकीला सागोन19. पत्तियाँ बड़ी, लगभग गोलाकार, शीर्ष गोल किन्तु अग्रभाग नुकीला मुंडी/कदम्ब 20. किनारे दाँतेदार, आधार चपटा, सतह रोमिल, शीर्ष नुकीला और पत्ती सुगन्धित अरनी (क्लेरोडैन्ड्रम)20. आधार चौड़ा, दाँतेदार, शीर्ष नुकीला, सतह खुरदुरी हरसिंगार21. संयुक्त हस्ताकार 4121. संयुक्त पंखाकार 2222. पेड़ 2622. झाड़ी 2323. पत्ती दो या तीन-पंखी 2523. पत्ती एक-पंखी 2424. एक-पंखी समपत्रकी ग्लाकस केसिया24. एक-पंखी विषमपत्री मधु कामिनी25. पार्श्व वृन्तों की संख्या 15 तक, पत्रक डण्ठल रहित बिलांत्री (सिकल बुश)25. पार्श्व वृन्त 1-2 जोड़ी, पत्रक 20 जोड़ी तक पास-पास, शीर्ष गोल, डण्ठल आधार पर एक जोड़ी काँटे विलायती बबूल26. पत्ती दो या तीन-पंखी 3426. पत्ती एक-पंखी 2727. समपत्री किनारे चिकने 3027. विषम पत्री, किनारे दाँतेदार 2828. पत्रक 8 जोड़ी से अधिक 2928. पत्रक 8 जोड़ी, शीर्ष नुकीला, आधार तिरछा नीम 29. पत्रक 12 जोड़ी, पत्ती सुगन्धित, शीर्ष पत्रक अन्य से बड़ा मीठी नीम 29. पत्रक 8-14 जोड़ी, पत्ती एक मीटर तक लम्बी,पत्रक बड़े-बड़े महानीम 30. एक-पंखी, समपत्रक, किनारे पूर्ण, सतह चमकदार 32 30. एक-पंखी, समपत्रक, किनारे पूर्ण, सतह रोमिल 31 31. पत्रक 10 जोड़ी से कम, बड़े आकार के, ऊपर के बड़े, नीचे के छोटे अमलतास 31. 14 जोड़ी, गहरे हरे, आधार अण्डाकार, डण्ठल लाल कसोड़ 32. पत्रक तीन जोड़ी से अधिक 34 32. पत्रक तीन जोड़ी, ऊपर के बड़े, नीचे छोटे, किनारे लहरदार, डण्ठल रहित कोसम 33. 10 से 20 जोड़ी, छोटे, शीर्ष तथा आधार गोल इमली 33. पत्रक 3 से 6 जोड़ी, शीर्ष नुकीला, नई पत्ती गुलाबी रंग की लटकी हुई सीता अशोक 34. दो-पंखी, काँटे सहित 37 34. दो-पंखी, काँटे रहित 35 35. पत्रकों1 की संख्या 14 से 24 जोड़ी, विषम पत्रक, शीर्ष नुकीला, पत्रक छोटे नीला गुलमोहर (जेकेरैंडा) 35. पत्रक 20 से 30, समपत्रक, शीर्ष गोल, पत्रक बड़े गुलमोहर (डेलोनिक्स) 36. पत्रक 5-10, आधार असमान, शीर्ष गोल शिरीष (अल्बीज़िया) 36. पत्रक 8-22, शीर्ष खाँचेदार कॉपर पॉड (पेल्टाफोरम) 37. पत्रक 30 से अधिक, 50 जोड़ी तक  39 37. पत्रक 30 से कम, 25-26 जोड़ी तक 38 38. पत्रक 25 जोड़ी तक, रोमिल काँटे, एक जोड़ी, भूरे, लम्बे, पतले बबूल (अकेशिया) 38. पत्रक 8-15 जोड़ी, चिकने, बबूल से छोटे काँटे, तीन के समूह में कमुठा 39. पत्रक 30 जोड़ी, पास-पास काँटे, एक जोड़ी, लाल-बादामी, सीधे रोंझ (सफेद अकेशिया) 39. पत्रक 30-50 जोड़ी, काँटे हुक के समान चपटे, लाल खैर (केटेचू) 40. तीन-पंखी, पार्श्व डण्ठल पर पत्रकों की संख्या 3 से 9 जोड़ी, गहरे हरे सुरजना (मोरिंगा)  40. पत्तियाँ बहुत बड़ी, 1.5 मीटर तक लम्बी, पार्श्व वृन्त, 3-4 जोड़ी, ऊपर के एक-पंखी, बीच के दो-पंखी और सबसे नीचे के तीन-पंखी, पत्रक डण्ठल छोटा सोम पाडल
(इंडीयन ट्रम्पेट फ्लावर) 41. पर्णक2 तीन या पाँच 43 41. पर्णक दो 42 42. छोटे आधार से जुड़े, कटाव पूर्ण अंजन 42. बहुत बड़े, कटाव कम, खुर के समान कचनार 43. पर्णक तीन से ज़्यादा 45 43. पर्णक तीन, शीर्ष नुकीला 44 44. पर्णक बड़े, शीर्र्ष नुकीला, सतह चिकनी गधापलाश 44. पर्णक पूर्व से भी बड़े, शीर्ष गोल, नई पत्तियाँ रोमिल, पुुरानी, चर्मिल पलाश 45. पर्णक 5-7, चर्मिल, शीर्ष नुकीला सेमल 45. पर्णक 5-9 तक, चिकने, गहरे हरे व पतले कपोक

 

हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?
हरसिंगार के पौधे को कैसे पहचाने? - harasingaar ke paudhe ko kaise pahachaane?


किशोर पंवार: होल्कर साइंस कॉलेज, इन्दौर में बीज तकनीकी विभाग के विभागाध्यक्ष और वनस्पतिशास्त्र के प्राध्यापक हैं। विज्ञान शिक्षण व लेखन में रुचि।
भोलेश्वर दुबे: माता जीजाबाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इन्दौर में वनस्पतिशास्त्र के प्राध्यापक हैं।

हरसिंगार की पहचान कैसे करें?

पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है. हरसिंगार के फूल बेहद सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं. फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है. यह फूल सिर्फ रात को ही खिलता है, इसलिए इसे नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन ( night-blooming jasmine) भी कहते हैं.

क्या पारिजात और हरसिंगार एक ही पौधा है?

इसे कहते हैं हरस‍िंगार या फ‍िर पार‍िजात इसका वानस्‍पतिक नाम 'निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस' है। वहीं, अंग्रेजी में इसे नाइट जैस्मीन कहते हैं।

हरसिंगार का पौधा कैसे दिखता है?

हरसिंगार का पौधा कैसा होता है | Harsingar ka Paudhaहरसिंगार खुशबूदार फूलों वाला पौधा है जोकि बड़ा होकर करीब 20-30 फुट ऊंचा पेड़ बन सकता है। हरसिंगार के पौधे में सफेद रंग के छोटे-छोटे सुगंधित फूल खिलते हैं जिसकी डंडी नारंगी (Orange) रंग की होती है।

हरसिंगार पौधा कौन सा होता है?

भारत में हरसिंगार के पौधे को पारिजात, शेफाली, प्राजक्ता, शिउली आदि नामों से जाना जाता है। घर में हरसिंगार का पौधा लगाना काफी शुभ होता है। हरसिंगार के पौधे में सफेद कलर का फूल लगता है जो सुगंधित होता है। इससे घर में हमेशा सकारात्मकता का वातावरण बना रहता है।