इतिहास का अध्ययन करना क्यों आवश्यक है? - itihaas ka adhyayan karana kyon aavashyak hai?

इतिहास की प्रकृति क्या है? वर्तमान के प्रकाश में अतीत का अध्ययन से हमें पता चला कि हमारे समाज का स्वरूप कैसे विकसित हुआ. आधुनिक इतिहास हमें यह समझने में सक्षम बनाता है कि समाज अपने वर्तमान स्वरूप में कैसे आया है। आइए विस्तार से बात करते हैं।

इतिहास का अध्ययन करना क्यों आवश्यक है? - itihaas ka adhyayan karana kyon aavashyak hai?

इतिहास की प्रकृति अतीत की घटनाओं, लोगों और संस्कृतियों का अध्ययन है। यह मानवीय अनुभव को समझने का एक तरीका है। इतिहास का उपयोग अतीत के विभिन्न पहलुओं, जैसे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक इतिहास का अध्ययन करने के लिए किया जा सकता है।

नेचर ऑफ हिस्ट्री निम्नलिखित हैं

नेचर ऑफ हिस्ट्री – वर्तमान अतीत से विकसित हुआ है जो हमारे समाज का वर्तमान स्वरूप बना है. समाज अपने वर्तमान स्वरूप में कैसे आया है? इतिहास के महत्व को भी जरूर जान लीजिए. 

1 – समाज का वर्तमान स्वरूप कैसे बना: समाज का वर्तमान स्वरूप इतिहासिक के घटनाओं से बना है। कोई भी व्यक्ति बुद्धिमानी से घटनाओं के अनुक्रम की व्याख्या कर सकता है। चयनित घटनाओं का पता लगाया जाता है जो घटनाओं की प्रकृति को प्रकट करने में मदद करते हैं। सामान्य कानूनों का निर्धारण करने में मदद करता है। 

2 – इतिहास मनुष्य का अध्ययन है: इतिहास युगों से मनुष्य के संघर्ष से संबंधित है। इतिहास स्थिर नहीं है। “असंख्य आत्मकथाओं” का चयन करके तथा उनके जीवन को प्रस्तुत करते हुए उचित सामाजिक संदर्भ तथा मानवीय संदर्भ में विचार मिश्रण है। 

3 – आकर्षक कहानी का पता लगाता है: मनुष्य ने अपने पर्यावरण का उपयोग तथा नियंत्रण करने के लिए अध्ययन कैसे किया है। संशोधन के इतिहास हम लोग वर्तमान के संशोधन को नए आयाम देते हैं।  जिससे हमें कई चमत्कार देखने को अब तक मिल चुके हैं। इतिहास केे पिता कौन है तथा परिभाषा क्याा है। 

इतिहास मनुष्य को समय के साथ रखता है।  अतीत की रोशनी मानव तक पहुंचता है। जिससे मानव समाज ज्यादा से ज्यादा सार्थक एवं परिपक्व हो जाता है। 

4 – घटनाओं का उद्देश्य रिकॉर्ड: मूल पर डेटा को आधार बनाने के लिए हर सावधानी बरती जाती है। स्रोत तथा उन्हें व्यक्तिपरक व्याख्या से मुक्त करते हैं। यह स्पष्ट तरीके से समझ में मदद करता है। अतीत की तथा हमें अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। 

5 – इतिहास की प्रकृति बहुस्तरीय है: इतिहास प्राकृतिक रूप से बहु स्तरीय होती है। समाजिक जीवन में होने वाली छोटी बड़ी सभी घटनाओं का वर्णन इतिहास में होता है।  यह सिर्फ है इतिहास के वर्चस्व तक सीमित नहीं होता है। अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक ने समाजिक एवं राजनीतिक पहलुओं को इसमें शामिल क्या जाता है। 

7 –  इतिहास संवाद है: इतिहास अतीत की घटनाओं तथा उत्तरोत्तर उभरते भविष्य के बीच एक संवाद है। अतीत की इतिहासकार की व्याख्या, महत्वपूर्ण तथा उसका चयन प्रासंगिक घटनाएँ, नए लक्ष्यों के प्रगतिशील उद्भव के साथ विकसित होती हैं। 

  • इतिहास का परिभाषा एवं उनके जनक

सामान्य कानून ऐतिहासिक घटनाओं को विनियमित करना पर्याप्त नहीं माना जा सकता है। कानूनों के आधार पर भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी करना होता है। 

8 – प्रासंगिकता: इतिहास के अध्ययन में केवल उन्हीं घटनाओं को शामिल किया जाता है जो इसके लिए प्रासंगिक हैं वर्तमान जीवन की समझ हो। 

9 – निरंतरता तथा सुसंगतता इतिहास की आवश्यक आवश्यकताएं हैं : मानव प्रगति का बोझ, क्योंकि यह पीढ़ी से पीढ़ी तक नीचे से गुजरता है। निरंतरता के सार को उचित ठहराते हुए समाज से समाज बना है। सही मायने मेंं इतिहास का क्या महत्व है। 

10 – व्यापकता: आधुनिक अवधारणा के अनुसार, इतिहास एक अवधि या देश या राष्ट्र तक सीमित नहीं है। यह मानव जीवन के सभी पहलुओं से संबंधित है-राजनीतिक, सामाजिक,आर्थिक, धार्मिक, साहित्यिक, सौंदर्य तथा शारीरिक, विश्व एकता का एक स्पष्ट अर्थ दे रही है तथा दुनिया की नागरिकता का संबंध रखता है।

इतिहास की प्रकृति व्यापकता देश की सीमाओं तक ही सीमित  रहता है. इसका फैलाव प्राकृतिक रूप से हमेशा प्रतीत होता है.

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Conclusion Points 

इतिहास अतीत की घटनाओं का अध्ययन है जिसने आज की दुनिया को आकार दिया है। यह अध्ययन का एक क्षेत्र है जो हमारे ग्रह को आकार देने वाले लोगों, संस्कृतियों और घटनाओं को देखता है। इतिहास हमें यह समझने में मदद करता है कि समय के साथ दुनिया कैसे बदली है और इसने वर्तमान को कैसे प्रभावित किया है।

आप पाठक इतिहास के प्रकृति से परिचित हो चुके हैं इनमें कुल 10 विषयों को शामिल किया गया है. इसके अलावा और भी इसके प्रकृति हैं. अगर आप कमेंट बॉक्स में पूछेंगे तो मैं आपको बता सकता हूं. वेबसाइट तक पधारने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपका दिन हो या रात शुभ रहें.

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