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पहाड़ों के जंगलों में क्यों लग रही है आग ? वनसंपदा ऐसे ही खाक होती रही तो क्या होगा ?जंगल में आग लगने के कई कारण होते हैं। इनमें ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी मुख्य हैं। अगर गर्मियों का मौसम है, तो सूखा पड़ने पर ट्रेन के पहिए से निकली एक चिंगारी भी आग लगा सकती है, इसके अलावा कभी−कभी आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है। ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही जंगलों में आग लगने की घटना में भी तेजी से इजाफा होने लगा है। उत्तराखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, हिमाचल सहित अनेक राज्यों में इन दिनों भीषण अग्निकांड हुए जिनमें करोड़ों अरबों की वन संपदा जंगलों में लगी आग से खाक हो गई है। पेड़ पौधों के साथ जंगली जानवर मौत के शिकार हुए वहां भूमि भी बंजर हो गयी। इन दिनों उत्तराखंड जंगलों में लगी आग से धधक रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रदेश के जंगल आग से खाक हो रहे हैं। हर बार गर्मी के दिनों में उत्तराखंड के जंगलों में अक्सर आग लग जाती है, और जिससे वनसंपदा और जानमाल का नुकसान होता है। उत्तराखंड में 12 हजार से अधिक वनकर्मी जंगलों की आग बुझाने में जुटे हुए हैं। अब तक 1400 हेक्टेयर से अधिक जंगल इस सीजन में आग की भेंट चढ़ चुका है। इस आपदा को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर को आग बुझाने के लिए उत्तराखंड भेजा है। बताया जा रहा है कि जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने यह ऐलान किया है कि प्रत्येक डिवीजन की जो भी टीम सबसे पहले आग बुझाएगी। उसे एक लाख का इनाम दिया जाएगा। इसे भी पढ़ें: कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है बरखोडिया मेलियाई वायरसजंगल में आग लगने के कई कारण होते हैं। इनमें ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी मुख्य हैं। अगर गर्मियों का मौसम है, तो सूखा पड़ने पर ट्रेन के पहिए से निकली एक चिंगारी भी आग लगा सकती है, इसके अलावा कभी−कभी आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है, ये आग ज्यादा गर्मी की वजह से या फिर बिजली कड़कने से लगती है। जंगलों में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंसानों के कारण होती हैं, जैसे आगजनी, कैम्पफायर, बिना बुझी सिगरेट फेंकना, जलता हुआ कचरा छोड़ना, माचिस या ज्वलनशील चीजों से खेलना आदि। जंगलों में आग लगने के मुख्य कारण बारिश का कम होना, सूखे की स्थिति, गर्म हवा, ज्यादा तापमान भी हो सकते हैं। इन सभी कारणों से जंगलों में आग लग सकती है। दरअसल जंगलों की आग से न केवल प्रकृति झुलसती है, बल्कि प्रकृति के प्रति हमारे व्यवहार पर भी सवाल खड़ा होता है। गर्मियों के मौसम में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू−कश्मीर के जंगलों में आग लगने की घटनाएं अक्सर प्रकाश में आती रहती हैं। जंगलों में लगी आग से जान−माल के साथ−साथ पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। पेड़−पौधों के साथ−साथ जीव−जन्तुओं की विभिन्न प्रजातियां जलकर राख हो जाती हैं। जंगलों में विभिन्न पेड़−पौधे और जीव−जन्तु मिलकर समृद्ध जैवविविधता की रचना करते हैं। पहाड़ों की यह समृद्ध जैवविविधता ही मैदानों के मौसम पर अपना प्रभाव डालती हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि ऐसी घटनाओं के इतिहास को देखते हुए भी कोई ठोस योजना नहीं बनाई जाती है। एक अध्ययन के अनुसार, पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और समुद्र तटीय क्षेत्रों में जंगलों में आग लगने की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इसे भी पढ़ें: भारतीय जनसंघ की राष्ट्रवाद की परिकल्पना से उपजी है भारतीय जनता पार्टीजंगलों में यदि आग विकराल रूप धारण कर लेती है, तो उसे बुझाना आसान नहीं होता है। कई बार जंगल की आग के प्रति स्थानीय लोग भी उदासीन रहते हैं। दरअसल हमारे देश में ऐसी आग बुझाने की न तो कोई उन्नत तकनीक है और न ही कोई स्पष्ट कार्ययोजना। विदेशों में जंगल की आग बुझाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य होता है। पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जंगलों की आग पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि पर्यावरण मंत्रालय और अन्य प्राधिकरण वन क्षेत्र में आग लगने की घटना को हल्के में लेते हैं। जब भी ऐसी घटनाएं घटती हैं, तो किसी ठोस नीति की आवश्यकता महसूस की जाती है। लेकिन बाद में सब कुछ भुला दिया जाता है। −बाल मुकुन्द ओझा (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
जंगलों में आग लगने के मुख्य कारण और बचाव, जरूर पढ़ेंभारत में वनों का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व है. इनकी छत्रछाया में ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति का विकास हुआ. आज भी वनों का महत्व किसी से छिपा नहीं है. सही शब्दों में कहें, तो पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए जंगलों का होना बेहद जरूरी है. इन्हीं की वजह से धरती पर बारिश और शुद्ध हवा मिलती है. सबसे जरूरी बात कि जंगल कई जानवर और पक्षियों का घर होता है, लेकिन आज जंगलों की हालत देखकर मन बिचलित होने लगता है. आज मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि वह लगातार पेडों की कटाई कर रहा है, जिसकी वजह से जंगलों उजाड़ते जा रहें है. वनभूमि कम होने का यह मुख्य कारण है. इसी वजह से जंगल सिमटते जा रहें हैं और शहर बढ़ते जा रहें हैं, इसलिए आज हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़े. भारत में वनों का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व है. इनकी छत्रछाया में ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति का विकास हुआ. आज भी वनों का महत्व किसी से छिपा नहीं है. सही शब्दों में कहें, तो पृथ्वी पर जीवन जीने के लिए जंगलों का होना बेहद जरूरी है. इन्हीं की वजह से धरती पर बारिश और शुद्ध हवा मिलती है. सबसे जरूरी बात कि जंगल कई जानवर और पक्षियों का घर होता है, लेकिन आज जंगलों की हालत देखकर मन बिचलित होने लगता है. आज मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि वह लगातार पेडों की कटाई कर रहा है, जिसकी वजह से जंगलों उजाड़ते जा रहें है. वनभूमि कम होने का यह मुख्य कारण है. इसी वजह से जंगल सिमटते जा रहें हैं और शहर बढ़ते जा रहें हैं, इसलिए आज हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़े. सभी जानते है कि ऑस्ट्रेलिया के जंगल में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. ये आग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. पिछले कई माह से आग पर काबू पाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, लेकिन सभी प्रयास फेल होते जा रहें हैं. हैरान कर देने वाली बात है कि पिछले चार महीने से ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है. यह आग 4 महीने से जारी है. जिसमें करीब 50 करोड़ पशु-पक्षी जलकर मर चुके हैं, तो वहीं कई पशु-पक्षियों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है. इस आग का सबसे बुरा प्रभाव कोआला पर पड़ा है, जो जानवरों की एक प्रजाति होती है. यह प्रजाति न्यू साउथ वेल्स के मध्य-उत्तरी इलाके में सबसे ज्यादा पाई जाती है. इस आग से उनकी आबादी में भारी गिरावट हुई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आग में अब तक 48 करोड़ जानवरों की झुलसने से मौत हुई है. जिनमें स्तनधारी पशु, पक्षी और रेंगने वाले जीव शामिल हैं. क्यों लगती है जंगलों में आगजंगल में आग लगने के मुख्य तीन कारण होते हैं. ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी. अगर गर्मियों का मौसम है, तो सूखा पड़ने पर ट्रेन के पहिए से निकली एक चिंगारी भी आग लगा सकती है. इसके अलावा कभी-कभी आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है. ये आग ज्यादा गर्मी की वजह से या फिर बिजली कड़कने से लगती है. वैस जंगलों में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंसानों के कारण होती हैं, जैसे आगजनी, कैम्पफ़ायर, बिना बुझी सिगरेट फेंकना, जलता हुआ कचरा छोड़ना, माचिस या ज्वलनशील चीजों से खेलना आदि. जंगलों में आग लगने के मुख्य कारण बारिश का कम होना, सूखे की स्थिति, गर्म हवा, ज्यादा तापमान भी हो सकते हैं. इन सभी कारणों से जंगलों में आग लग सकती है. जंगल में लगी आग पर काबू कैसे पाएंजंगल को आग से बचाकर रखने से हमारा पूरा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा. इसलिए नीचे लिखी बातों पर विशेष रूप से ध्य़ान दें.
English Summary: why is there a fire in the forests and how to stop it Published on: 06 January 2020, 05:50 IST कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है। आप हमें सहयोग जरूर करें (Contribute Now) जंगलों में आग लगने से क्या क्या नुकसान होता है?जंगल में लगने वाली आग के नुकसान और फायदे. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा जंगल की आग को लेकर 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानवीय लापरवाही और बिजली गिरने से जंगल में आग लग सकती है। ... . जंगल की आग का जैव-विविधता पर स्थायी रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और यह सदाबहार वनों के लिए खास तौर पर खतरनाक है।. अगर जंगल में आग लग जाए तो क्या होगा?आपको पता होना चाहिए कि आग लगने से जंगल में बहुत अधिक CO2 उत्पन्न होगी, और CO2 हवा से भारी होती है, यह पानी की ही तरह जमीन में गड्ढों की ओर जाती और जमा होती है। तो इस हिसाब से आप ऐसा नहीं कर सकते है।
जंगल से क्या हानि है?वनों की कटाई के कारण पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन्हीं कारणों से मिट्टी का क्षरण, जल चक्र का विघटन, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान होता है। वन मानव जाति के लिए एक वरदान है। भारत को विशेष रूप से कुछ सुंदर जंगलों का आशीष मिला है जो पक्षियों और जानवरों की कई दुर्लभ प्रजातियों के लिए घर हैं।
आग लगने का क्या कारण होता है?आग लगने के सबसे बड़े कारणों में रसोई घर में लापरवाही, बिजली के उपकरणों में शॉर्ट सर्किट, खुली आग वाली चीजें जैसे मोमबत्ती, अगरबत्ती या सिगरेट और ज्वलनशील पदार्थों का खराब मैनेजमेंट शामिल है.
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