हिंदी कक्षा 11 में कई महत्वपूर्ण पाठ हैं, जिनमें से एक राजस्थान की रजत बूंदें भी है। यहाँ हम हिंदी कक्षा 11 “वितान भाग-1” के पाठ-2 कहानी के सार के बारे में कठिन-शब्दों के अर्थ, लेखक के बारे में और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर, इन सभी के बारे में जानेंगे। तो चलिए जानते हैं Rajasthan Ki Rajat Boonde की कहानी के बारे में। Show This Blog Includes:
Check Out: 260+ कठिन शब्द और उनके अर्थ [Most Difficult Words] लेखक परिचयSource – Navodaya Times नाम और परिचयअनुपम मिश्र लेखक, संपादक, छायाकार और पर्यावरणवादी थे। पर्यावरण के लिए उन्होंने काफी काम क किया है। गांधी शान्ति प्रतिष्ठान में उन्होंने पर्यावरण विभाग खोला। वे इस प्रतिष्ठान की पत्रिका ‘गाँधी मार्ग ‘ सं स्थापक और संपादक भी थे।जन्मसन् 1948, वर्धा महाराष्ट्रप्रमुख रचनाएँआज भी खरे है, आज भी खरे है तालाब, Rajasthan Ki Rajat Boonde आदि।पुरस्कारइंद्रा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार , चंद्र शेखर , जमनाना लाल बजाज।मृत्युसन् 2016,नई दिल्लीCheck out: CBSE Class 10 Hindi Syllabus पाठ सारांशRajasthan Ki Rajat Boonde के लिए पाठ सारांश नीचे दिया गया है-
Check Out हिंदी व्याकरण – Leverage Edu के साथ संपूर्ण हिंदी व्याकरण सीखें कठिन शब्द उनके अर्थों के साथRajasthan Ki Rajat Boonde पाठ से संबंधित कठिन शब्द और उनके अर्थ इस प्रकार हैं-
प्रश्नोत्तरRajasthan Ki Rajat Boonde से संबंधित प्रश्नोत्तर इस प्रकार हैं: प्रश्न 1. राजस्थान में कुंई किसे कहते हैं? इसकी गहराई और व्यास तथा सामान्य कुंओं की गहराई और व्यास में क्या अंतर होता है? प्रश्न 2.“दिनोदिन बढ़ती पानी की समस्या से निपटने में यह पाठ आपकी कैसे मदद कर सकता है तथा देश के अन्य राज्यों में इसके लिए क्या उपाय हो रहे हैं? जानें और लिखें? पानी की समस्या से निपटने के लिए कई सरकारी और गैर सरकारी संगठन अभियान चला रहें हैं। लोगों कोअलग अलग माध्यम और कार्यक्रमों से हस्तियों द्वारा पानी के विषय मेंअवगत कराया जा रहा है। गाँवों में तालाबों का पुननिर्माण किया जा रहा है। छोटे कुएँ, बावडियों और जलाशयों का निर्माण कर पानी के भूमिगत जल-स्तर को बढ़ाया जा रहा है। प्रश्न 3.चेजारों के साथ गाँव-समाज के व्यवहार में पहले की तुलना में आज क्या फ़र्क आया है पाठ के आधार पर बताइए? प्र्श्न4 निजी होते हुए भी सार्वजनिक छेत्रो में कुईयों पर ग्राम समाज का अंकुश लगा रहता है ।लेखक ऐसा क्यों कहा है। प्रश्न5 कुईं निर्माण में निम्न शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करे,पालरपानी,पातालपानी, ,रेजाणपाणी । प्रश्न6 कुंई की खुदाई किससे की जाती है? प्रश्न7 कुंई की खुदाई के समय ऊपर जमीन पर खड़े लोग क्या करते हैं? प्रश्न8 खड़िया पत्थर की पट्टी कहाँ चलती है? प्रश्न9 खड़िया पत्थर की पट्टी का क्या फायदा है? प्रश्न10 कुंई के लिए कितने रस्से की जरूरत पड़ती है? प्रश्न11 रेजाणीपानी की क्या विशेषता है? ‘रेजा’ शब्द का प्रयोग किसलिए किया जाता है? प्रश्न12 कुंई से पानी कैसे निकाला जाता है? प्रश्न13 गोधूलि के समय कुंइयों पर कैसा वातावरण होता है? प्रश्न14 राजस्थान के रेत की विशेषता बताइए? प्रश्न15 सजलता बनाए रखने के लिए आप लोगों को जागरूक करने के लिए क्या-क्या करेंगे? MCQsराजस्थान की रजत की बूंदे के पाठ लेखक है ?कुमार गंधर्व उत्तर -(d) अनुपम मिश्र कुईं की कितनी गहरी खुदाई हो चुकी है ?दस – बीस हाथ उत्तर -(c)तीस – पैंतीस हाथ कुईं शब्द से तात्पर्य है खुला स्थान उत्तर -(c)छोटा सा कुआँ चेलवांजी का शाब्दिक अर्थ है ?चेजरों उत्तर -(a)चेजरों बड़े कुओं के पानी का स्वाद कैसा होता है ?मीठा उत्तर -(b) खारा कुईं के पानी को साफ़ रखने के लिए उसे की ढक्कन से ढका जाता है ?पत्थर उत्तर -(b)लकड़ी कुईं की खुदाई किससे की जाती है ?बसौली से उत्तर -(a)बसौली से वर्षा की मात्र नापने के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है ?रेजा उत्तर -(a) रेजा कुंई की गरमी कम करने के लिए ऊपर जमीन पर खड़े लोग मुट्ठी भर-भरकर नीचे क्या फेंकते हैं? A. रेत उत्तर: A बड़े कुओं में पानी कितनी गहराई पर निकलता है? A. डेढ़ सौ-दो सौ हाथ उत्तर: A बड़े कुओं के पानी का स्वाद कैसा होता है? A. मीठा उत्तर: D जहाँ लगाव है, वहाँ ……… भी होता है? A. बिखराव उत्तर: B मरुभूमि के विकसित किए गए समाज ने वहाँ उपलब्ध पानी को कितने रूपों में बांटा है? A. चार उत्तर: D उपलब्ध पानी के तीन रूप हैं? A. पालर पानी उत्तर: D वर्षा की मात्रा मापने के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है? A. पट्टी उत्तर: D पाँच हाथ के व्यास की कुंई में रस्से की एक ही कुंडली का केवल एक घेरा बनाने के लिए लगभग कितना लंबा रस्सा चाहिए? A. पंद्रह हाथ उत्तर: A FAQsचेलवांजी सिर पर धातु का टॉप पहनते हैं क्योंकि? चेलवांजी सिर पर कांसे, पीतल या अन्य किसी धातु का बर्तन टोप की तरह पहनते हैं, ताकि चोट न लगे। रेजाणीपानी क्या है? रेजाणीपानी- धरातल से नीचे उतरा, लेकिन पाताल में न मिलने वाला पानी रेजाणीपानी कहलाता है। वर्षा-जल को मापने के लिए ‘रेजा’ शब्द का उपयोग होता है और रेजा का माप धरातल पर हुई वर्षा को नहीं, धरातल में समाई वर्षा को मापता है। राजस्थान की रजत बूंदें पाठ किसने लिखा है? राजस्थान की रजत बूंदे पाठ लिखा है भारत के जाने-माने कथाकार अनुपम मिश्र जी ने। राजस्थान की रजत बूंदें कौन सी कक्षा का पाठ है? राजस्थान की रजत बूंदे कक्षा 11 का पाठ है। आशा करते हैं कि आपको Rajasthan Ki Rajat Boonde के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। कुई की चिनाई करने वाले को क्या कहते हैं?मरुभूमि में कुंई के निर्माण का कार्य चेलवांजी यानी चेजार करते हैं। वे खुदाई व विशेष तरह की चिनाई करने में दक्ष होते हैं। कुंई बनाना एक विशिष्ट कला है। चार-पाँच हाथ के व्यास की कुंई को तीस से साठ-पैंसठ हाथ की गहराई तक उतारने वाले चेजारो कुशलता व सावधानी के साथ पूरी ऊँचाई नापते हैं।
राजस्थान में कुंई खोदने वाला क्या कहलाता है?कुंई खोदने का काम करने वाले चेजारे कहलाते हैं। कुंई बन जाने पर चेजारों का भरपूर सम्मान किया जाता था। इस अवसर पर उत्सव मनाने की परंपरा गाँव-समाज में रही है। तब एक विशेष उत्सव का आयोजन होता था।
कुई की खुदाई कैसे की जाती है?कुंई का व्यास बहुत कम होता है। इसलिए इसकी खुदाई फावड़े या कुल्हाड़ी से नहीं की जा सकती। बसौली से इसकी खुदाई की जाती है। यह छोटी डंडी का छोटे फावड़े जैसा औजार होता है जिस पर लोहे का नुकीला फल तथा लकड़ी का हत्था लगा होता है।
का मुंह छोटा क्यों रखा जाता है?कुंई का मुँह छोटा रखा जाता है। यदि कुंई का व्यास बड़ा होगा तो उसमें कम मात्रा का पानी ज्यादा फैल जाता है और तब उसे ऊपर निकालना कठिन होता है।
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