कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

विषयसूची

  • 1 कारतूस में कितने पात्र हैं?
  • 2 ऐसी उड़ती हुई धुल से प्रतीत होता है जैसे की एक पूरा काफिला चला आ रहा है यह कथन किसका है *?
  • 3 सआदत अली को अंग्रेजों द्वारा तख्त पर क्यों बिठाया गया था *?
  • 4 कारतूस पाठ के लेखक का नाम क्या है *?
  • 5 दधिचि रतिदेव और राजा शिवि ने मानव कल्याण के लिए क्या किया?

कारतूस में कितने पात्र हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रस्तुत पाठ में लेखक ने चार व्यक्तियों का वर्णन किया है, वे हैं – कर्नल, लेफ़्टीनेंट, सिपाही और सवार। कर्नल और लेफ्टिनेंट आपस में वज़ीर अली के कारनामों की बात करते हुए कहते है कि वज़ीर अली ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा है और उसको देख कर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है।

शमसुद्दौला कौन था Class 10?

इसे सुनेंरोकेंQuestion 1. शमसुदौला कौन था? Answer: (d) बंगाल के नवाब का भाई। Question 2.

कारतूस का नायक कौन है?

इसे सुनेंरोकें’कारतूस’ एकांकी एक देशभक्त वजीर अली का परिचय देती है जिसका लक्ष्य अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना था। फिर कर्नल लेफ्टिनेंट से बताता है कि सआदत अली (वज़ीर अली के चाचा) वज़ीर अली के पैदा होने से दुखी था | उसने अवध का राजा बने रहने के लिए अंग्रेजो को अपनी आधी दौलत और दस लाख रूपए दिए थे।

ऐसी उड़ती हुई धुल से प्रतीत होता है जैसे की एक पूरा काफिला चला आ रहा है यह कथन किसका है *?

इसे सुनेंरोकेंवज़ीर अली का एक मात्र उद्देश्य? Question 4. ऐसी उड़ती हुई धुल से प्रतीत होता है जैसे की एक पूरा काफिला चला आ रहा है …

कर्नल के अनुसार कौन मौज कर रहा है?

इसे सुनेंरोकेंQ15- कर्नल के अनुसार कौन मौज कर रहा है? A) वज़ीर अली

कर्नल ने कितने कारतूस सवार को दिए?

इसे सुनेंरोकेंकंपनी के वकील द्वारा बात अनसुनी करने पर उसकी हत्याकर दी और गोरखपुर के जंगलों में आकर छिपकर रहने लगा। यहाँ उसे पकड़ने के लिए जब कर्नल ने खेमा लगाया तो वज़ीर अली ने साहस और जाँबाज़ी दिखाते हुए कर्नल से दस कारतूस ही नहीं लिया बल्कि अपना नाम बताते हुए उसकी जान बख्शने की बात कहकर वापस चला गया।

सआदत अली को अंग्रेजों द्वारा तख्त पर क्यों बिठाया गया था *?

इसे सुनेंरोकेंसआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का मकसद था-अवध की धन-संपत्ति पर अधिकार करना। सआदत । अली अंग्रेज़ों का मित्र था। सआदत अली ऐशोआराम पसंद व्यक्ति था।

इनमें से कौन अंग्रेजों से नफरत करता था?

Answer Key for Class 10 Hindi Chapter 17 Kaartoos MCQs

Question No.Answer
3 B
4 A
5 D
6 C

कंपनी के वकील का कत्ल किसने और क्यों किया?

इसे सुनेंरोकेंवज़ीर अली को उसके नवाबी पद से हटा दिया गया और बनारस भेज दिया गया। फिर कुछ महिनों बाद उन्हें कलकत्ता बुलाया तो वज़ीर अली ने कंपनी के वकील,जो कि बनारस में रहता था, उससे शिकायत की परन्तु उसने शिकायत सुनने की जगह वज़ीर अली को खूप खरी-खोटी सुनाई। इस पर वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने वकील का कत्ल कर दिया।

कारतूस पाठ के लेखक का नाम क्या है *?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. ➲ कारतूस पाठ के लेखक का नाम ‘हबीब तनवीर’ है। ✎… ‘कारतूस’ पाठ ‘हबीब तनवीर’ द्वारा लिखा गया गया है।

कारतूस पाठ के आधार पर बताइए कि कर्नल ने खतरनाक आदमी किसे कहा और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंजिस सवार को वह साधारण-सा सिपाही समझ रहा था और उसकी सहायता से वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करने का सपना देख रहा था। वह ऐसी उम्मीद नहीं कर सकता था कि वज़ीर अली इतनी हिम्मत करके उसके खेमे में चला आएगा। कर्नल की नज़रों में वज़ीर अली बहुत खतरनाक व्यक्ति था।

इसे सुनेंरोकेंकारतूस एकांकी में वजीर अली एक सच्चे नायक हैं, क्योंकि उनके भीतर सच्चा देशभक्त छुपा हुआ है। वे वीर, साहसी, निर्भीक और जाँबाज योद्धा हैं।

कनवल सआदत अली को अर्ध के तख्त पर क्यों बिठाना चाहता था?

इसे सुनेंरोकेंसआदत अली आराम पसंद अंग्रेज़ों का पिट्ठू था। अंग्रेज़ कर्नल को उसे तख्त पर बिठाने का मकसद अवध की धन सम्पत्ति पर अधिकार करना था। उसने अंग्रेज़ों को आधी सम्पत्ति और दस लाख रूपये दिए। इस तरह सआदत अली को गद्दी पर बैठने से उन्हें लाभ ही लाभ था।

दधिचि रतिदेव और राजा शिवि ने मानव कल्याण के लिए क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंरंतिदेव नामक दानी राजा ने भूख से व्याकुल ब्राह्मण को अपने हिस्से का भोजन दे दिया था। राजा शिवि ने कबूतर के प्राणों की रक्षा हेतु अपने शरीर का मांस काटकर दे दिया। ये कथाएँ हमें परोपकार का संदेश देती हैं। ऐसे महान लोगों के त्याग के कारण ही मनुष्य जाति का कल्याण संभव हो सकता है।

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

CBSE Class 10 Hindi Chapter 17 Kartoos Summary, Explanation with Video, Question Answers from Sparsh Bhag 2

Kartoos Class 10 –  CBSE Class 10 Hindi Lesson with a detailed explanation of the lesson ‘कारतूस’ along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with a summary and all the exercises, Important Question Answers are given at the back of the lesson.

See Video Explanation of Chapter 17 Kartoos Class 10

  • कारतूस पाठ प्रवेश
  • कारतूस पाठ की व्याख्या
  • कारतूस पाठ सार
  • कारतूस प्रश्न अभ्यास
  • Extra Questions(Important)

Class 10 Hindi Chapter 17 Kartoos

लेखक परिचय

लेखक – हबीब तनवीर
जन्म – 1923 (छत्तीसगढ़, रायपुर)

कारतूस पाठ प्रवेश

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

अंग्रेज इस देश में व्यापारी का भेष धारण कर के आये थे। किसी को कोई शक न हो इसलिए वे शुरू-शुरू में व्यापार ही कर रहे थे, परन्तु उनका इरादा केवल व्यापार करने का नहीं था। व्यापार के लिए उन्होंने जिस ईस्ट-इंडिया कंपनी की स्थापना की थी, उस कंपनी ने धीरे-धीरे देश की रियासतों पर अपना अधिकार स्थापित करना शुरू कर दिया। उनके इरादों का जैसे ही देशवासियों को अंदाजा हुआ उन्होंने देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए।

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कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

प्रस्तुत पाठ में भी एक ऐसे ही अपनी जान पर खेल जाने वाले शूरवीर के कारनामों का वर्णन किया गया है। जिसका केवल एक ही लक्ष्य था -अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना। कंपनी के हुक्म चलाने वालों की उसने नींद हराम कर राखी थी। वह इतना निडर था कि मुसीबत को खुद बुलावा देते हुए न सिर्फ कंपनी के अफसरों के बीच पहुँचा बल्कि उनके कर्नल पर ऐसा रौब दिखाया कि कर्नल के मुँह से भी उसकी तारीफ़ में ऐसे शब्द निकले जैसे किसी दुश्मन के लिए नहीं निकल सकते।

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Kartoos Class 10 Video Explanation

कारतूस पाठ सार (Kartoos Summary)

प्रस्तुत पाठ में एक ऐसे अपनी जान पर खेल जाने वाले शूरवीर के कारनामों का वर्णन किया गया है, जिसका केवल एक ही लक्ष्य था-अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना। प्रस्तुत पाठ में लेखक ने चार व्यक्तियों का वर्णन किया है, वे हैं – कर्नल, लेफ़्टीनेंट, सिपाही और सवार।

कर्नल और लेफ्टिनेंट आपस में वज़ीर अली के कारनामों की बात करते हुए कहते है कि वज़ीर अली ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा है और उसको देख कर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है। फिर कर्नल लेफ्टिनेंट को सआदत अली यानि वज़ीर अली के चाचा के बारे में बताता है की किस तरह वो वज़ीर अली के पैदा होने से दुखी था और अंग्रेजो का मित्र बन गया था। अवध के सिंहासन पर बने रहने के लिए उसने अंग्रेजो को अपनी आधी दौलत और दस लाख रूपए दिए थे।
लेफ्टिनेंट को जब पता चलता है की हिंदुस्तान के बहुत से राजा, बादशाह और नवाब अफगानिस्तान के नवाब को दिल्ली पर हमला करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तो लेफ्टिनेंट की बातों में हामी भरते हुए कर्नल कहता है, कि अगर ऐसा हुआ तो कंपनी ने जो कुछ हिन्दुस्तान में हासिल किया है वह सब कुछ गवाना पड़ेगा।

कर्नल की बातों को सुन कर लेफ्टिनेंट कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली की आजादी अंग्रेजों के लिए खतरा है। इसलिए अंग्रेजों को किसी भी तरह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना ही चाहिए। कर्नल कहता है कि तभी तो वह अपनी पूरी फ़ौज को ले कर उसका पीछा कर रहा है और वज़ीर अली उनको सालों से धोखा दे रहा है। वज़ीर अली बहुत ही बहादुर आदमी है। वज़ीर अली ने कंपनी के एक वकील की हत्या भी की है। कर्नल ने हत्या की घटना का वर्णन करते हुए कहा कि वजीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने वजीर अली को बनारस भेज दिया था, कुछ महीनो के बाद गवर्नर जनरल वजीर अली को कलकत्ता (कोलकता) में बुलाने लगा। वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता बुला रहा है। वकील ने वज़ीर अली की शिकायत पर कोई गौर नहीं किया और उल्टा वज़ीर अली को ही बुरा-भला कहने लगा। वज़ीर अली के दिल में तो पहले से ही अंग्रेजों के खिलाफ नफ़रत कूट-कूटकर भरी हुई थी और वकील के इस तरह के व्यवहार ने वज़ीर अली को गुस्सा दिला दिया और उसने चाकू से वहीँ वकील की हत्या कर दी।

कर्नल लेफ्टिनेंट को समझाता है कि वज़ीर अली किसी भी तरह नेपाल पहुँचना चाहता है। वहाँ पहुँच कर उसकी योजना है कि वह अफगानिस्तान का हिन्दुस्तान पर हमले का इंतजार करेगा, अपनी ताकत को बढ़ाएगा, सआदत अली को सिंहांसन से हटाकर खुद अवध पर कब्ज़ा करेगा और अंग्रेजों को हिन्दुस्तान से निकालेगा। अंग्रेजी फ़ौज और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बहुत सख्ती से वज़ीर अली का पीछा कर रहे हैं। अंग्रेजी फ़ौज को पूरी जानकारी है कि वज़ीर अली जंगलों में कहीं छुपा हुआ है।

लेफ्टिनेंट कहता है कि घोड़े पर सवार आदमी सीधा अंग्रेजों के तम्बू की ओर आता मालूम हो रहा है। घोड़े के टापों की आवाज़ बहुत नजदीक आकर रुक जाती है। सिपाही अंदर आकर कर्नल से कहता है कि वह सवार उससे मिलना चाहता है। कर्नल सिपाही से उस सवार को अंदर लाने के लिए कहता है। कर्नल सवार से आने का कारण पूछता है। सवार कर्नल से कुछ कारतूस मांगता है और कहता है कि वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना चाहता है। यह सुन कर कर्नल सवार को दस कारतूस दे देता है और जब सवार से नाम पूछता है तो सवार अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कहता है कि कर्नल ने उसे कारतूस दिए हैं इसलिए वह उसकी जान को बख्श रहा है। इतना कह कर वज़ीर अली बाहर चला जाता है, घोड़े के टापों की आवाजों से लगता है की वह दूर चला गया है। इतने में लेफ्टिनेंट अंदर आता है और कर्नल से पूछता है कि वह सवार कौन था । कर्नल अपने आप से कहता है कि वह एक ऐसा सिपाही था जो अपनी जान की परवाह नहीं करता और आज ये कर्नल ने खुद देख लिया था।

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कारतूस पाठ की व्याख्या | Kartoos Class 10 Explanation

पात्र – कर्नल, लेफ़्टीनेंट, सिपाही, सवार
अवधि – 5 मिनट
ज़माना – 1799
समय – रात्रि का
स्थान – गोरखपुर के जंगल में कर्नल कालिंज के खेमे का अंदरूनी हिस्सा।
(दो अंग्रेज बैठे बातें कर रहे हैं, कर्नल कालिंज और एक लेफ़्टीनेंट खेमे के बाहर हैं, चाँदनी छिटकी हुई है, अंदर लैंप जल रहा है।)

खेमा – डेरा या तम्बू
छिटकी – फैली हुई

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने चार व्यक्तियों का वर्णन किया है, वे हैं – कर्नल, लेफ़्टीनेंट, सिपाही और सवार। यह सन 1799 गोरखपुर के जंगल में कर्नल कालिंज के खेमे का अंदरूनी हिस्से में रात्रि के समय की बात है। यहाँ इन सभी किरदारों की पांच मिनट की बातचीत का वर्णन किया गया है।

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(दृश्य शुरू होता है कर्नल कालिंज और एक लेफ़्टीनेंट के तम्बू के बाहर से, जहाँ दो अंग्रेज बैठ कर बात कर रहे हैं, रात का समय है और चाँद की रोशनी फैली हुई है और तम्बू के अंदर लैंप जल रहा है)

कर्नल – जंगल की ज़िंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
लेफ़्टीनेंट – हफ्तों हो गए यहाँ खेमा डाले हुए। सिपाही भी तंग आ गए हैं। ये वज़ीर अली आदमी है या भूत, हाथ ही नहीं लगता।
कर्नल – उसके अफ़साने सुनकर रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं। अंग्रेजों के खिलाफ़ उसके दिल में किस कदर नफ़रत है। कोई पाँच महीने हुकूमत की होगी। पर इस पाँच महीने में वो अवध के दरबार को अंग्रेजी असर से बिलकुल पाक कर देने में तक़रीबन कामयाब हो गया था।

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हुकूमत – शासन
पाक – साफ़
तक़रीबन – लगभग
अफ़साने – कहानियाँ

(यहाँ कर्नल और लेफ्टिनेंट वज़ीर अली के बारे में बात कर रहे हैं)

कर्नल लेफ्टिनेंट से कह रहा है कि जंगल की जिंदगी अर्थात जंगल में रहना बहुत खतरनाक होता है। इस पर लेफ्टिनेंट भी कहता है कि उन लोगों को वहाँ जंगल में डेरा डाले हुए कई हफ्ते हो गए हैं। उनके सिपाही भी परेशान हो गए हैं। ये वजीर अली कोई आदमी है भी या कोई भूत है, जो हाथ ही नहीं लग रहा है। कर्नल आगे की बात कहता है कि इस वजीर अली की कहानियाँ सुन कर रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं। रॉबिनहुड की ही तरह वजीर अली के मन में भी अंग्रेजों के खिलाफ बहुत अधिक नफरत भरी पड़ी है। वजीर अली ने कोई पाँच महीने ही शासन किया होगा। परन्तु इन पाँच महीनों में ही उसने अवध के राज्य को अंग्रेजों के असर से लगभग बिलकुल साफ़ कर दिया था।

लेफ्टिनेंट – कर्नल कालिंज ये सआदत अली कौन है ?
कर्नल – आसिफ़उद्दौला का भाई है। वजीर अली और उसका दुश्मन। असल में नवाब आसिफ़उद्दौला के यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी। वज़ीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत ख्याल किया।

लेफ्टिनेंट – मगर सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने में क्या मसलेहत थी ?
कर्नल – सआदत अली हमारा दोस्त है और बहुत ऐश पसंद आदमी है इसलिए हमें अपनी आधी मुमलिकत (जायदाद, दौलत) दे दी और दस लाख रूपये नगद। अब वो भी मज़े करता है और हम भी।

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कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

उम्मीद – आशा / भरोसा
पैदाइश – जन्म
तख़्त – राजसिंहासन
मसलेहत – रहस्य
ऐश पसंद – भोग-विलास को पसंद करने वाला

(यहाँ पर कर्नल लेफ्टिनेंट को सआदत अली के बारे में बता रहा है)

लेफ्टिनेंट कर्नल से पूछता है कि सआदत अली कौन है । कर्नल जवाब देता हुआ कहता है कि सआदत अली आसिफ़उद्दौला का भाई है। सआदत अली वजीर अली और आसिफ़उद्दौला का दुश्मन है। नवाब आसिफ़उद्दौला के घर में लड़के के पैदा होने की आशा सब खो चुके थे परन्तु वज़ीर अली के पैदा होने को सआदत अली ने अपनी मौत ही समझ लिया था क्योंकि वज़ीर अली के पैदा होने के बाद अब वह अवध के सिंहासन को हासिल नहीं कर सकता था।

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

लेफ्टिनेंट कर्नल से पूछता है कि फिर अंग्रेजों का सआदत अली को अवध के सिंहासन पर बिठाने के पीछे क्या रहस्य था। कर्नल रहस्य को खोलते हुए कहता है कि सआदत अली अंग्रेजों का दोस्त है और भोग-विलास में रहना पसंद करता है। इसी कारण उसने अपनी आधी जायदाद और दौलत अंग्रेजों को दे दी और साथ ही दस लाख रुपये नगद भी दिए ताकि अंग्रेज उसको सिहांसन पर बना रहने दें। अब वो भी सिंहासन पर बैठ कर मज़े करता है और अंग्रेज भी उससे मिलने वाले रूपयों से मज़े करते हैं।

लेफ्टिनेंट – सुना है ये वज़ीर अली अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने की दावत (आमंत्रण) दे रहा है।
कर्नल – अफ़गानिस्तान को हमले की दावत सबसे पहले असल में टीपू सुल्तान ने दी फिर वजीर अली ने भी उसे दिल्ली बुलाया और फिर शमसुद्दौला ने भी।
लेफ्टिनेंट – कौन शमसुद्दौला ?
कर्नल – नवाब बंगाल का निस्बती (रिश्ते) भाई। बहुत ही खतरनाक आदमी है।
लेफ्टिनेंट – इसका तो मतलब ये हुआ कि कंपनी के ख़िलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।
कर्नल – जी हाँ, और अगर ये कामयाब हो गई तो बक्सर और प्लासी के कारनामे धरे रह जाएँगे और कंपनी जो कुछ लॉर्ड क्लाइव के हाथों हासिल कर चुकी है, लॉर्ड वेल्जली के हाथों सब खो बैठेगी।

(यहाँ लेफ्टिनेंट और कर्नल बात कर रहे हैं कि अगर सारा हिंदुस्तान एक हो कर कंपनी के खिलाफ युद्ध छेड़ दे तो क्या होगा)

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लेफ्टिनेंट कह रहा है कि कहीं से खबर है कि वज़ीर अली अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। इस पर कर्नल कहता है कि असल में सबसे पहले अफ़गानिस्तान को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए टीपू सुल्तान ने आमंत्रित किया था और उसके बाद वज़ीर अली ने और फिर शमसुद्दौला ने भी अफ़गानिस्तान को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए आमंत्रण दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल से पूछता है कि शमसुद्दौला कौन है । कर्नल लेफ्टिनेंट को बताता है कि शमसुद्दौला बंगाल के नवाब का भाई है और बहुत ही खतरनाक आदमी है। लेफ्टिनेंट सारी बातों को सुन कर कहता है कि इसका अर्थ तो यह हुआ कि अब सारे हिन्दुस्तान में कंपनी के खिलाफ एक लहर दौड़ रही है अर्थात सारा हिन्दुस्तान कंपनी के खिलाफ हो रहा है। कर्नल भी इस बात पर हामी भरता हुआ कहता है कि अगर सच में ऐसा हो गया तो बक्सर और प्लासी की लड़ाई इसके सामने कुछ भी नहीं होगी और कंपनी ने जो कुछ हिन्दुस्तान में लॉर्ड क्लाइव के समय में हासिल किया था, वह सब लॉर्ड वेल्जली के समय अर्थात आने वाले समय में खो देगी।

लेफ्टिनेंट – वज़ीर अली की आज़ादी बहुत खतरनाक है। हमें किसी-न-किसी तरह इस शख्स को गिरफ्तार कर ही लेना चाहिए।
कर्नल – पूरी एक फ़ौज लिए उसका पीछा कर रहा हूँ और बरसों से वह हमारी आँखों में धूल झोंक रहा है और इन्ही जंगलों में फ़िर रहा है और हाथ नहीं आता। उसके साथ चंद जाँबाज़ हैं। मुठ्ठी भर आदमी मगर ये दमखम है।
लेफ्टिनेंट – सुना है वज़ीर अली जाती तौर से भी बहुत बहादुर आदमी है।
कर्नल – बहादुर न होता तो यूँ कंपनी के वकील को क़त्ल कर देता ?

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बरस – साल
आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना
जाँबाज़ – जान की बाज़ी लगाने वाला
मुठ्ठी भर – बहुत कम
दमखम – शक्ति और दृढ़ता

(यहाँ लेफ्टिनेंट और कर्नल वज़ीर अली की बहादुरी का वर्णन कर रहे हैं)

कर्नल की बातों को सुन कर लेफ्टिनेंट कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली की आजादी अंग्रेजों के लिए खतरा है। इसलिए अंग्रेजों को किसी भी तरह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना ही चाहिए। इस पर कर्नल कहता है कि तभी तो वह अपनी पूरी फ़ौज को ले कर उसका पीछा कर रह है और वज़ीर अली उनको सालों से धोखा दे रहा है और इन्ही जंगलों में कहीं भटक रहा है परन्तु उसकी पकड़ में नहीं आ रहा है। वज़ीर अली के साथ कुछ अपनी जान को जोख़िम में डालने वाले लोग हैं और ये इतने थोड़े से आदमी हैं परन्तु इनकी शक्ति और दृढ़ता की कोई सीमा नहीं है। लेफ्टिनेंट कर्नल से कहता है कि उसने सुना है कि वज़ीर अली बहुत ही बहादुर आदमी है। इसके उत्तर में कर्नल कहता है कि अगर वज़ीर अली बहादुर नहीं होता तो ऐसे ही वह कंपनी के वकील की हत्या नहीं कर देता।

लेफ्टिनेंट – ये क़त्ल का क्या किस्सा हुआ था कर्नल ?
कर्नल – किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वजीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रूपया सालाना वज़ीफा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीनों बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकता) तलब किया। वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उल्टा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ नफ़रत कूट-कूटकर भरी है उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।

किस्सा – कहानी / घटना
वज़ीफा – सहायता / वृति
मुकर्रर – निश्चित
तलब – ख़ोज /तलाश

(यहाँ पर कर्नल लेफ्टिनेंट को वज़ीर अली द्वारा वकील को मरने की घटना का वर्णन कर रहा है)

कर्नल के ये बताने पर की वज़ीर अली ने कंपनी के एक वकील की हत्या की है, लेफ्टिनेंट ने उस हत्या की पूरी घटना का वर्णन कर्नल से करने को कहा। कर्नल ने घटना का वर्णन करते हुए कहा कि वजीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने वजीर अली को बनारस भेज दिया और साल के तीन लाख रूपए सहायता या गुजारे के लिए उसे देने का निश्चय किया। कुछ महीनो के बाद गवर्नर जनरल वजीर अली को कलकत्ता (कोलकता) में याद करने लगा अर्थात बुलाने लगा। वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो उस समय वहीं बनारस में ही रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यों याद कर रहा है अर्थात क्यों बुला रहा है। वकील ने वज़ीर अली की शिकायत पर कोई गौर नहीं किया और उल्टा वज़ीर अली को ही बुरा-भला कहने लगा। वज़ीर अली के दिल में तो पहले से ही अंग्रेजों के खिलाफ नफ़रत कूट-कूटकर भरी हुई थी और वकील के इस तरह के व्यवहार ने वज़ीर अली को गुस्सा दिला दिया और उसने चाकू से वहीँ वकील का काम तमाम अर्थात हत्या कर दी।

लेफ्टिनेंट – और भाग गया ?

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

कर्नल – अपने जानिसारों समेत आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया। आज़मगढ़ के हुक्मरां ने उन लोगों को अपनी हिफ़ाजत में घागरा तक पहुँचा दिया। अब कारवाँ इन जंगलों में कई सालों से भटक रहा है।
लेफ्टिनेंट – मगर वज़ीर अली की स्कीम क्या है ?
कर्नल – स्कीम ये है कि किसी तरह नेपाल पहुँच जाए। अफ़गानी हमले का इंतज़ार करे, अपनी ताकत बढ़ाए, सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद अवध पर कब्ज़ा करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकाल दे।
लेफ्टिनेंट – नेपाल पहुँचाना तो कोई ऐसा मुश्किल नहीं, मुमकिन है कि पहुँच गया हो।
कर्नल – हमारी फौजें और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बड़ी सख्ती से उसका पीछा कर रहे हैं। हमें अच्छी तरह मालूम है कि वो इन्हीं जंगलों में है। (एक सिपाही बड़ी तेज़ी से दाखिल होता है)

हुक्मरां – शासक
हिफ़ाजत – देख-रेख
कारवाँ – पैदल चलने वाले यात्रियों का समूह / काफ़िला
स्कीम – योजना

(यहाँ कर्नल और लेफ्टिनेंट वज़ीर अली की योजना का वर्णन कर रहे हैं)

कर्नल के ये बताने पर कि वज़ीर अली ने वकील की हत्या कैसे की, लेफ्टिनेंट ने कर्नल से पूछा कि क्या हत्या करने के बाद वज़ीर अली भाग गया था ।  इसके उत्तर में कर्नल ने बताया कि अपने साथियों के साथ वज़ीर अली आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया। आज़मगढ़ के शासकों ने उन सभी को अपनी सुरक्षा देते हुए घागरा तक पहुँचा दिया। अब उन सभी का काफ़िला बहुत सालों से इन जंगलों में भटक रहा है। लेफ्टिनेंट ने कर्नल से पूछा कि आखिरकार वज़ीर अली की योजना क्या है, वह क्या करना चाहता है। कर्नल लेफ्टिनेंट को समझाता है कि वज़ीर अली किसी भी तरह नेपाल पहुँचना चाहता है। वहाँ पहुँच कर उसकी योजना है कि वह अफगानिस्तान का हिन्दुस्तान पर हमले का इंतजार करेगा, अपनी ताकत को बढ़ाएगा, सआदत अली को सिंहांसन से हटाकर खुद अवध पर कब्ज़ा करेगा और अंग्रेजों को हिन्दुस्तान से निकालेगा।

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

यह सुन कर लेफ्टिनेंट कहता है कि नेपाल पहुँचाना तो कोई बड़ी बात नहीं है, हो सकता है कि वह नेपाल पहुँच भी गया हो। यहाँ पर कर्नल लेफ्टिनेंट की आशंका को मिटाते हुए कहता है कि अंग्रेजी फ़ौज और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बहुत सख्ती से वज़ीर अली का पीछा कर रहे हैं। अंग्रेजी फ़ौज को पूरी जानकारी है कि वज़ीर अली इन्हीं जंगलों में कहीं छुपा हुआ है।

(कर्नल और लेफ्टिनेंट अभी बातें कर ही रहे थे कि एक सिपाही बहुत तेज़ी से उनके पास आया)

कर्नल – (उठकर) क्या बात है ?
गोरा – दूर से गर्द उठती दिखाई दे रही है।
कर्नल – सिपाहियों से कह दो कि तैयार रहें (सिपाही सलाम करके चला जाता है)
लेफ्टिनेंट – (जो खिड़की से बाहर देखने में मसरूफ़ था) गर्द तो ऐसी उड़ रही है जैसे की पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।
कर्नल – (खिड़की के पास जाकर) हाँ एक ही सवार है। सरपट घोड़ा दौड़ाए चला आ रहा है।

गर्द – धूल
मसरूफ़ – संलग्न / काम में लगा हुआ
काफ़िला – एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह
सरपट – तेज़ दौड़ते हुए

(यहाँ सिपाही कर्नल और लेफ्टिनेंट को बता रहा है कि दूर से बहुत सारी धूल उड़ती हुई नजर आ रही है)

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

सिपाही के तेज़ी से आने पर कर्नल उठ खड़ा हुआ और सिपाही से पूछने लगा कि क्या बात है ।  उस पर सिपाही ने उत्तर दिया कि दूर से धूल उड़ती हुई दिखाई दे रही है। कर्नल ने तुरंत सिपाही से कहा कि वह दूसरे  सिपाहियों से तैयार रहने के लिए कहे और सिपाही कर्नल को सलाम कर के चला गया। लेफ्टिनेंट खिड़की से बाहर देखने में व्यस्त था और कहने लगा कि धूल तो ऐसी उड़ रही है जैसे कि एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह आ रहा हो। परन्तु दिखाई तो एक ही घुड़सवार दे रहा है। कर्नल भी खड़की के पास गया और देख कर बोला – हाँ एक ही घुड़सवार लग रहा है जो तेज़ी से घोड़े को दौड़ा कर चला आ रहा है।

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लेफ्टिनेंट -और सीधा हमारी तरफ़ आता मालूम होता है (कर्नल ताली बजाकर सिपाही को बुलाता है)
कर्नल – (सिपाही से) सिपाहियों से कहो, इस सवार पर नज़र रखें कि ये किस तरफ़ जा रहा है (सिपाही सलाम करके चला जाता है)
लेफ्टिनेंट – शुब्हे की तो कोई गुंजाइश ही नहीं तेज़ी से इसी तरफ़ आ रहा है (टापों की आवाज़ बहुत करीब आकर रुक जाती है)
सवार – मुझे कर्नल से मिलना है।

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

गोरा – (चिल्लाकर) बहुत खूब।
सवार – (बाहर से) सी।
गोरा – (अंदर आकर) हुज़ूर सवार आपसे मिलना चाहता है।
कर्नल – भेज दो।

शुब्हे – संदेह / शक
गुंजाइश – सम्भावना / स्थान
हुज़ूर – जनाब / मालिक

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

लेफ्टिनेंट कहता है कि घोड़े पर सवार आदमी सीधा अंग्रेजों के तम्बू की ओर आता मालूम हो रहा है। लेफ्टिनेंट की बातें सुनकर कर्नल ताली बजाकर सिपाही को बुलाता है और उससे कहता है कि सभी सिपाहियों से उस सवार पर नज़र रखने को कहो ताकि मालूम हो की वह कहाँ जा रहा है। सिपाही कर्नल का आदेश सुनकर सलाम करके चला जाता है। लेफ्टिनेंट कहता है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह तेज़ी से तम्बू की ही ओर आ रहा है। घोड़े के टापों की आवाज़ बहुत नजदीक आकर रुक जाती है। सवार सिपाही से कहता है कि उसे कर्नल से मिलना है। सिपाही चिल्लाकर कहता है कि ठीक है और सवार घोड़े को सी की आवाज़ दे कर बाहर खड़ा कर देता है। सिपाही अंदर आता है और कर्नल से कहता है कि जनाब, वह सवार कह रहा है कि उसे कर्नल से मिलना है। कर्नल सिपाही को कहता है कि उस सवार को अंदर भेज दो।

लेफ्टिनेंट – वज़ीर अली का कोई आदमी होगा हमसे मिलकर उसे गिरफ़्तार करना चाहता होगा।
कर्नल – खामोश रहो (सवार सिपाही के साथ अंदर आता है)
सवार – (आते ही पुकार उठता है) तन्हाई! तन्हाई!
कर्नल – साहब यहाँ कोई गैर आदमी नहीं है आप राज़ेदिल कह दें।
सवार – दीवार हमगोश दारद, तन्हाई।
(कर्नल, लेफ्टिनेंट और सिपाही को इशारा करता है। दोनों बाहर चले जाते हैं। जब कर्नल और सवार खेमे में तन्हा रह जाते हैं तो ज़रा वक्फ़े के बाद चारों तरफ देख कर सवार कहता है)

खामोश – चुप
तन्हाई – एकांत
राज़ेदिल – जो भी दिल में हो
दीवार हमगोश दारद – दीवारों के भी कान होते हैं
वक्फ़े – समय

लेफ्टिनेंट कर्नल से कहता है की यह सवार जरूर ही वज़ीर अली का कोई आदमी होगा जो इनाम के लिए उसे गिरफ्तार करवाना चाहता होगा। इस पर कर्नल लेफ्टिनेंट को चुप रहने के लिए कहता है क्योंकि सिपाही सवार को अंदर ले कर आ रहा होता है। जैसे ही सवार अंदर आता है वह बोल उठता है कि एकांत! एकांत!
कर्नल सवार से कहता है की वहाँ पर उपस्थित कोई भी व्यक्ति गैर नहीं है अर्थात सभी अपने है उसे जो कुछ भी कहना है वह खुल कर कह सकता है। कर्नल की इस बात पर सवार कहता है कि दीवारों के भी कान होते हैं इसलिए एकांत में बात करना ज्यादा सही है। सवार की बातों को सुनकर कर्नल, लेफ्टिनेंट और सिपाही को बाहर जाने का इशारा करता है और दोनों बाहर चले जाते हैं। जब कर्नल और सवार तम्बू में अकेले रह जाते हैं तो कुछ समय बाद चारों ओर देखकर सवार अपनी बात कहना शुरू करता है।

सवार – आपने इस मुकाम पर क्यों खेमा डाला है ?
कर्नल – कंपनी का हुक्म है कि वज़ीर अली को गिरफ्तार किया जाए।
सवार – लेकिन इतना लावलश्कर क्या मायने ?
कर्नल – गिरफ़्तारी में मदद देने के लिए।
सवार – वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है साहब।
कर्नल – क्यों ?
सवार – वो एक जाँबाज़ सिपाही है।
कर्नल – मैंने भी यह सुन रखा है। आप क्या चाहते हैं ?

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

सवार – चंद कारतूस।
कर्नल – किसलिए ?
सवार – वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए।
कर्नल – ये लो दस कारतूस।
सवार – (मुस्कुराते हुए) शुक्रिया।
कर्नल – आपका नाम ?
सवार – वज़ीर अली। आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ। (ये कहकर बाहर चला जाता है, टापों का शोर सुनाई देता है। कर्नल एक सन्नाटे में है। हक्का-बक्का खड़ा है कि लेफ्टिनेंट अंदर आता है)
लेफ्टिनेंट – कौन था ?
कर्नल – (दबी ज़बान से अपने आप से कहता है) एक जाँबाज़ सिपाही।

मुकाम – जगह / स्थान
हुक्म – आदेश
लावलश्कर – सेना और उसके साथ रहने वाली तमाम सामग्री / संगी-साथी
जाँबाज़ – अपनी जान से खेल जाने वाला
चंद – थोड़े
कारतूस – पीतल और दफ़्ती आदि की एक नली जिसमे गोली तथा बारूद भरी जाती है
शुक्रिया – धन्यवाद
हक्का-बक्का – घबराया सा

(यहाँ पर कर्नल और वज़ीर अली के बीच हुई बातों का वर्णन किया गया है)

जब कर्नल और सवार तम्बू में अकेले रह जाते है तो सवार कर्नल से पूछता है कि उन्होंने इस जंगल में इस जगह पर तम्बू क्यों डाल रखे हैं।  कर्नल जवाब देता है कि कंपनी का आदेश है कि वज़ीर अली को जल्दी से जल्दी गिरफ़्तार करना है। सवार कहता है कि लेकिन इतने अधिक सैनिक और सामान किस लिया लाया गया है ।

कारतूस एकांकी के लेखक कौन है? - kaaratoos ekaankee ke lekhak kaun hai?

कर्नल कहता है कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी में मदद करने के लिए। सवार कर्नल को बताता है कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत ज्यादा मुश्किल है। कर्नल इसका कारण पूछता है कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी क्यों मुश्किल है । सवार कहता है कि वज़ीर अली एक ऐसा सिपाही है जो अपनी जान की परवाह नहीं करता, वह बहुत बहादुर है। कर्नल इस पर कहता है कि उसने भी वज़ीर अली के बारे में ये सब सुना है परन्तु कर्नल सवार से पूछता है की वह क्या चाहता है अर्थात वह यहाँ क्यों आया है । सवार कर्नल से कुछ कारतूस मांगता है और कर्नल पूछता है कि उसको ये कारतूस क्यों चाहिए । सवार कहता है कि वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना चाहता है। यह सुन कर कर्नल सवार को दस कारतूस दे देता है और जब सवार से नाम पूछता है तो सवार अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कर्नल को कहता है कि कर्नल ने उसे कारतूस दिए हैं इसलिए वह उसकी जान को बख्श रहा है। इतना कह कर वज़ीर अली बाहर चला जाता है, घोड़े के टापों की आवाजों से लगता है की वह दूर चला गया है। कर्नल अब भी खामोश खड़ा है और घबराया हुआ सा लग रहा है। इतने में लेफ्टिनेंट अंदर आता है और कर्नल से पूछता है कि वह सवार कौन था ? कर्नल अपने आप से कहता है कि वह एक ऐसा सिपाही था जो अपनी जान की परवाह नहीं करता और आज ये कर्नल ने खुद देख लिया था।

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कारतूस प्रश्न अभ्यास (महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर ) | Kartoos Class 10 Question Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए –

प्रश्न 1 – वज़ीर अली के अफ़साने सुन कर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी ?
उत्तर – कर्नल को वजीर अली की कहानियाँ सुन कर रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाती थी। रॉबिनहुड की ही तरह वजीर अली के मन में भी अंग्रेजों के खिलाफ बहुत अधिक नफरत भरी पड़ी थी। वज़ीर अली भी रॉबिनहुड की ही तरह बहादुर था और अंग्रेजों को अपने देश से निकलना चाहता था।

प्रश्न 2 – सआदत अली कौन था ? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा ?
उत्तर – सआदत अली, वज़ीर अली का चाचा और आसिफ़उद्दौला का भाई था। वज़ीर अली के पैदा होने को सआदत अली ने अपनी मौत ही समझ लिया था क्योंकि वज़ीर अली के पैदा होने के बाद अब वह अवध के सिंहासन को हासिल नहीं कर सकता था।

प्रश्न 3 – सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?
उत्तर – सआदत अली अंग्रेजों का दोस्त था और भोग-विलास में रहना पसंद करता था । इसी कारण उसने अपनी आधी जायदाद और दौलत अंग्रेजों को दे दी और साथ ही दस लाख रुपये नगद भी दिए ताकि अंग्रेज उसको सिहांसन पर बना रहने दें। इस तरह अंग्रेजों का उसे तख्त पर बिठाने में लाभ-ही-लाभ था।

प्रश्न 4 – कंपनी के वकील का क़त्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाजत कैसे की ?
उत्तर – वज़ीर अली वकील की हत्या करने के बाद भाग गया था। वह अपने साथियों के साथ आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया। आज़मगढ़ के शासकों ने उन सभी को अपनी सुरक्षा देते हुए घागरा तक पहुँचा दिया। तब से वह वहाँ के जंगलों में ही रहने लगा।

प्रश्न 5 – सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया ?
उत्तर – वज़ीर अली बहुत ही चतुराई और बहादुरी से कर्नल के तम्बू में सवार बन कर गया था और कर्नल को बेवकूफ बना कर दस कारतूस भी ले लिए थे। जाने के समय तक कर्नल को यह जानकारी नहीं थी कि वह सवार असल में कौन है। जब जाते हुए सवार ने अपना नाम वज़ीर अली बताया तो कर्नल उसकी बहादुरी को देख कर हक्का-बक्का रह गया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –

प्रश्न 1 – लेफ़्टिनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के ख़िलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहार दौड़ गई है ?

उत्तर – जब लेफ्टिनेंट ने कहा कि कहीं से खबर है कि वज़ीर अली अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। तो कर्नल ने कहा कि सबसे पहले अफ़गानिस्तान को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए टीपू सुल्तान ने आमंत्रित किया था और उसके बाद वज़ीर अली ने और फिर शमसुद्दौला ने भी अफ़गानिस्तान को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए आमंत्रण दिया। ये सब जान कर लेफ़्टिनेंट को लगा कि कंपनी के ख़िलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहार दौड़ गई है। 

प्रश्न 2 – वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का क़त्ल क्यों किया ?

उत्तर – वजीर अली को उसके नवाब के पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने वजीर अली को बनारस भेज दिया था, कुछ महीनो के बाद गवर्नर जनरल वजीर अली को कलकत्ता (कोलकता)  बुलाने लगा। वज़ीर अली कंपनी के वकील से शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता बुला रहा है।

वकील ने वज़ीर अली की शिकायत पर कोई गौर नहीं किया और उल्टा वज़ीर अली को ही बुरा-भला कहने लगा। वज़ीर अली के दिल में तो पहले से ही अंग्रेजों के खिलाफ नफ़रत कूट-कूटकर भरी हुई थी और वकील के इस तरह के व्यवहार ने वज़ीर अली को गुस्सा दिला दिया और उसने चाकू से वहीं वकील का क़त्ल कर दिया।

प्रश्न 3 -सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किया ?

उत्तर – वज़ीर अली सवार बन कर अकेले ही अंग्रेजों के तम्बू में गया और कर्नल को ऐसे दिखाया जैसे यह भी वज़ीर अली के खिलाफ है। उसने कर्नल को कहा की उसे वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए कुछ कारतूस चाहिए। कर्नल को लगा की वह भी वज़ीर अली को पकड़ना चाहता है इसलिए कर्नल ने सवार को दस कारतूस दे दिए। इस तरह सवार ने कर्नल से कारतूस हासिल किए। 

प्रश्न 4 – वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – वज़ीर अली को अंग्रेजों ने उनके नवाब पद से हटा दिया था और बनारस भेज दिया था। वजीफ़े के लिए जो रकम दी गई थी उसमे अड़चन डालने के लिए उसे कलकत्ता बुलाया जा रहा था, जब इसकी शिकायत वकील से करने गया तो वकील उल्टा उसी को बुरा-भला कहने लगा। वकील के ऐसे व्यव्हार पर उसे गुस्सा आया और उसने वकील की हत्या कर दी। महीनों अंग्रेजों को जंगलों में दौड़ाता रहा परन्तु फिर भी उनके हाथ नहीं आया। अकेले ही अंग्रेजों के तंबू में कर्नल से मिलने चला गया और उससे दस कारतूस भी ले आया और जाते-जाते अपना सही नाम भी बता दिया। इतने ज़ोखिम भरे कारनामों से सिद्ध होता है कि वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –

(i) मुठ्ठी भर आदमी मगर ये दमखम।
उत्तर – कर्नल अपनी पूरी फ़ौज को ले कर वज़ीर अली का पीछा कर रह है और वज़ीर अली उनको सालों से धोखा दे रहा है और इन्ही जंगलों में कहीं भटक रहा है परन्तु उसकी पकड़ में नहीं आ रहा है। वज़ीर अली के साथ कुछ अपनी जान को जोख़िम में डालने वाले लोग हैं और ये इतने थोड़े से आदमी हैं परन्तु इनकी शक्ति और दृड़ता की कोई सीमा नहीं है।

(ii) गर्द तो ऐसी उड़ रही है जैसे की पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।
उत्तर – जब सिपाही ने कर्नल को कहा कि दूर से धूल उड़ती हुई दिखाई दे रही है। तो कर्नल ने तुरंत सिपाही से कहा कि वह दूसरे सिपाहियों से तैयार रहने के लिए कहे। लेफ्टिनेंट खिड़की से बाहर देखने में व्यस्त था और कहने लगा धूल तो ऐसी उड़ रही है जैसे कि एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह आ रहा हो। परन्तु दिखाई तो एक ही घुड़सवार दे रहा है। कर्नल भी खड़की के पास गया और देख कर बोला हाँ एक ही घुड़सवार लग रहा है जो तेज़ी से घोड़े को दौड़ा कर चला आ रहा है।

Extra Questions (Important)

अतिरिक्त प्रश्न – (25 से 30 शब्दों में)

प्रश्न 1 – वजीर अली कौन था? 

उत्तर – वज़ीर अली अवध के शासक आसिफउद्दौला का पुत्र था। अंग्रेजों ने वजीर अली को सत्ता से हटाकर उसके चाचा सआदत अली को अवध की गद्दी पर बिठाया था। वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के प्रति घृणा भरी थी। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी थी, इसलिए अंग्रेज़ उसे पकड़ना चाहते थे।

प्रश्न 2 – अंग्रेज़ वज़ीर अली को  क्यों पकड़ना चाहते थे?

उत्तर – गद्दी पर से हटाए जाने के कारण वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के प्रति घृणा भरी थी। वह अंग्रेजो को हिन्दुस्तान से भगाना चाहता था। उसने कंपनी के एक वकील की हत्या कर दी थी और वह अंग्रेजो के लिए खतरा बना हुआ था, इसलिए अंग्रेज़ उसे पकड़ना चाहते थे।

प्रश्न 3 – ‘कारतूस’ पाठ में जान पर खेल जाने वाले शूरवीर का क्या लक्ष्य था?

उत्तर – ‘कारतूस’ पाठ में एक ऐसे अपनी जान पर खेल जाने वाले शूरवीर के कारनामों का वर्णन किया गया है, जिसका केवल एक ही लक्ष्य था-अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना। 

प्रश्न 4 – कर्नल और लेफ्टिनेंट को वज़ीर अली के कारनामों से किसकी याद आती है?

उत्तर – कर्नल और लेफ्टिनेंट को वज़ीर अली के कारनामों की बात करते हुए कहते है कि वज़ीर अली ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा है और उसको देख कर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है। 

प्रश्न 5 – अंग्रेज़ सैनिक वजीर अली को पकड़ने का प्रयास कब और कहाँ कर रहे थे?

उत्तर – अंग्रेजों ने वज़ीर अली को शासन से हटाया था और उसे काशी भेज दिया था। वजीर अली अंग्रेजों से नफ़रत करता था। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी और गोरखपुर के जंगलों में जा छिपा था। अंग्रेज़ सैनिक वहीं जंगल में खेमा डालकर वज़ीर अली को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे।

प्रश्न 6 – कर्नल लेफ्टिनेंट को सआदत अली यानि वज़ीर अली के चाचा के बारे में कर्नल क्या बताता है?

उत्तर – कर्नल लेफ्टिनेंट को सआदत अली यानि वज़ीर अली के चाचा के बारे में बताता है कि किस तरह वो वज़ीर अली के पैदा होने से दुखी था और अंग्रेजो का मित्र बन गया था। अवध के सिंहासन पर बने रहने के लिए उसने अंग्रेजो को अपनी आधी दौलत और दस लाख रूपए दिए थे। 

प्रश्न 7 – शाहे-जमा कौन था? उसे वजीर अली ने भारत आने के लिए क्यों आमंत्रित किया?

उत्तर – शाहे-जमा अफगानिस्तान का शक्तिशाली शासक था। उसे वज़ीर अली ने भारत आने के लिए इसलिए आमंत्रित किया ताकि वह भारत पर हमला करे। इसी समय वजीर अली भी उसका साथ पाकर अंग्रेजों पर हमला कर दे। इस तरह उसकी योजना थी कि वह शाहे-ज़मा के सहयोग से अंग्रेजों को भारत से भगा देगा और अपनी खोई सत्ता हासिल कर लेगा।

प्रश्न 8 – यदि अफगानिस्तान के नवाब ने दिल्ली पर हमला किया तो क्या होगा?

उत्तर – लेफ्टिनेंट को जब पता चलता है की हिंदुस्तान के बहुत से राजा, बादशाह और नवाब अफगानिस्तान के नवाब को दिल्ली पर हमला करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं तो लेफ्टिनेंट की बातों में हामी भरते हुए कर्नल कहता है, कि अगर ऐसा हुआ तो कंपनी ने जो कुछ हिन्दुस्तान में हासिल किया है वह सब कुछ गवाना पड़ेगा। 

प्रश्न 9 – अंग्रेजो को अवध की सत्ता सआदत अली को सौंपने से क्या लाभ हुआ?

उत्तर – अवध की सत्ता सआदत अली के हाथों सौंपने से अंग्रेजों को कई लाभ हुए-

अंग्रेजों ने कंपनी के शासन की राह में बाधा बने वजीर अली को शक्तिहीन कर दिया।

अंग्रेजों को अवध की आधी जायदाद और दौलत के अलावा दस लाख रुपये नकद भी मिले। साथ ही अंग्रेज़ों को अनेक सुविधाएँ मिलीं। 

सआदत अली अंग्रेजों की किसी बात का विरोध नहीं करता था। इस तरह अवध पर अप्रत्यक्ष रूप में अंग्रेज़ों का ही शासन हो गया।

प्रश्न 10 – घोड़े पर सवार आदमी कर्नल को आने का क्या कारण बताता है?

उत्तर – कर्नल जब घोड़े पर सवार आदमी से आने का कारण पूछता है, तो सवार कर्नल से कुछ कारतूस मांगता है और कहता है कि वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना चाहता है। 

प्रश्न 11 – वज़ीर अली ने किस तरह कर्नल को मात दी?

उत्तर – वज़ीर अली को पकड़ने के लिए कर्नल ने पूरे लाव-लशकर के साथ खेमा डाल रखा था। वह इसी अवसर में था कैसे भी वज़ीर अली को पकड़ा जाए पर एक रात्रि स्वयं वज़ीर अली कर्नल के खेमे में आया और उससे दस कारतूस ही नहीं लिया बल्कि कारतूस देने के बदले उसकी जान बख्शने की बात कहकर चला गया। इस तरह वज़ीर अली ने अपने साहस और चतुराई से कर्नल को मात दी।

अतिरिक्त प्रश्न – (60 से 70 शब्दों में)

प्रश्न 1 – वज़ीर अली की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर कीजिए।

उत्तर – ‘कारतूस’ पाठ से ज्ञात होता है कि वज़ीर अली अत्यंत साहसी, वीर, महत्त्वाकांक्षी और स्वाभिमानी शासक था। अवध की सत्ता छिनने के बाद उसके इन गुणों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 

उसकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

साहसी – वज़ीर अली के साहस की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी थी। वह कर्नल के कैंप में घुसकर उससे कारतूस भी लाता है ये उसके साहसी होने के प्रमाण हैं।

वीर – वज़ीर अली इतना वीर है कि अवध की सत्ता छिनने के बाद भी अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए हर संभव प्रयास करता रहता है।

महत्त्वाकांक्षी – वज़ीर अली महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति है। वह अवध का शासक बनने की महत्त्वाकांक्षा सदा बनाए रखता है।

स्वाभिमानी – वज़ीर अली इतना स्वाभिमानी है कि वह कंपनी के वकील की अपमानजनक बातों को सह नहीं पाता है और उसकी हत्या कर देता है।

प्रश्न 2 – भारतीय नवाबों ने अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने के लिए विदेशी शासकों का भी सहारा लिया इसमें वे कितना सफल रहे। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – भारतीय नवाबों को जब अंग्रेजों की कुटिल नीतियाँ समझ में आईं तो उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया पर शायद तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंग्रेज़ ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाते हुए संपूर्ण भारत पर शासन करने का हर संभव हथकंडा अपना रहे थे।

भारतीय नवाब भी उनकी नीतियों का विरोध करते हुए उनसे युद्ध किया। इसमें सफलता न मिलती देखकर उन्होंने अफगानिस्तान के शासक शाहे-जमा को भी भारत पर हमला करने के लिए आमंत्रित किया। इस क्रम में टीपू सुल्तान ने सबसे पहले इस अफ़गान शासक को बुलावा भेजा। फिर बंगाल के नवाब शमसुद्दौला और अवध के नवाब वजीर अली ने शाहे-जमा को बुलावा भेजा पर इस प्रयास से भी अंग्रेजों से पीछा छुड़ाने में असफल रहे।

प्रश्न 3 – कर्नल ने कंपनी के वकील की हत्या की घटना का कैसे वर्णन किया?

उत्तर – कर्नल ने कंपनी के वकील की हत्या की घटना का वर्णन करते हुए कहा कि वजीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने वजीर अली को बनारस भेज दिया था, कुछ महीनो के बाद गवर्नर जनरल वजीर अली को कोलकता में बुलाने लगा। वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता बुला रहा है।

वकील ने वज़ीर अली की शिकायत पर कोई गौर नहीं किया और उल्टा वज़ीर अली को ही बुरा-भला कहने लगा। वज़ीर अली के दिल में तो पहले से ही अंग्रेजों के खिलाफ नफ़रत कूट-कूटकर भरी हुई थी और वकील के इस तरह के व्यवहार ने वज़ीर अली को गुस्सा दिला दिया और उसने चाकू से वहीँ वकील की हत्या कर दी।

प्रश्न 4 – कर्नल लेफ्टिनेंट को वज़ीर अली की किस योजना को समझाता है और उस योजना को असफल करने के क्या उपाय बताता है?

उत्तर – कर्नल लेफ्टिनेंट को समझाता है कि वज़ीर अली किसी भी तरह नेपाल पहुँचना चाहता है। वहाँ पहुँच कर उसकी योजना है कि वह अफगानिस्तान का हिन्दुस्तान पर हमले का इंतजार करेगा, अपनी ताकत को बढ़ाएगा, सआदत अली को सिंहांसन से हटाकर खुद अवध पर कब्ज़ा करेगा और अंग्रेजों को हिन्दुस्तान से निकालेगा।

वज़ीर अली की इस योजना को असफल करने के लिए अंग्रेजी फ़ौज और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बहुत सख्ती से वज़ीर अली का पीछा कर रहे हैं। अंग्रेजी फ़ौज को पूरी जानकारी है कि वज़ीर अली जंगलों में कहीं छुपा हुआ है। इसी कारण अंग्रेजी फ़ौज जंगल में तम्बू डाले वज़ीर अली को ढूँढ रही है।

प्रश्न 5 – कर्नल ने कैसे जाना कि वज़ीर अली सच में अपनी जान की परवाह नहीं करता?

उत्तर – जब घोड़े पर सवार आदमी ने कर्नल से कहा कि वह वज़ीर अली को गिरफ्तार करना चाहता है, तो यह सुन कर कर्नल ने सवार को दस कारतूस दे दिए और जब कर्नल सवार से उसका नाम पूछता है तो सवार अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कहता है कि कर्नल ने उसे कारतूस दिए हैं इसलिए वह उसकी जान को बख्श रहा है।

इतना कह कर वज़ीर अली बाहर चला जाता है, घोड़े के टापों की आवाजों से लगता है की वह दूर चला गया है। इतने में लेफ्टिनेंट अंदर आता है और कर्नल से पूछता है कि वह सवार कौन था। कर्नल अपने आप से कहता है कि वह एक ऐसा सिपाही था जो अपनी जान की परवाह नहीं करता और आज ये कर्नल ने खुद देख लिया था।

प्रश्न 6 – ‘कारतूस’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – ‘कारतूस’ नामक एकांकी के माध्यम से खोई आज़ादी की कीमत पहचानने, उसकी रक्षा करने का संदेश दिया गया है। पाठ के माध्यम से बताया गया है कि हम यदि समय रहते सचेत न हुए तो हमें गुलाम होने से कोई भी नहीं बचा सकता है। हमें देश प्रेम, देशभक्ति, साहस, त्याग जैसी मानवीय भावनाएँ हमेशा  सबसे पहले रखनी चाहिए।

जिस तरह कुछ नवाबों ने अंत तक देश को आजाद कराने का प्रयास किया तथा अंग्रेजों की दासता स्वीकार नहीं की उसी प्रकार हमें भी किसी लोभ या स्वार्थ के वशीभूत हुए बिना आज़ादी को बनाए रखना चाहिए और आजादी पाने के लिए किए गए बलिदानों को कभी नहीं भूलना चाहिए।

CBSE Class 10 Hindi Lessons

Chapter 1 Saakhi Chapter 2 Meera ke Pad Chapter 3 Dohe
Chapter 4 Manushyata Chapter 5 Parvat Pravesh Mein Pavas Chapter 6 Madhur Madhur Mere Deepak Jal
Chapter 7 TOP Chapter 8 Kar Chale Hum Fida Chapter 9 Atamtran
Chapter 10 Bade Bhai Sahab Chapter 11 Diary ka Ek Panna Chapter 12 Tantara Vamiro Katha
Chapter 13 Teesri Kasam ka Shilpkaar Chapter 14 Girgit Chapter 15 Ab Kaha Dusre Ke Dukh Se Dukhi Hone Wale
Chapter 16 Pathjhad ki Patiya Chapter 17 Kartoos

कारतूस एकांकी के लेखक का नाम क्या है?

कारतूस पाठ के लेखक का नाम 'हबीब तनवीर' है। ✎... 'कारतूस' पाठ 'हबीब तनवीर' द्वारा लिखा गया गया है।

कारतूस एकांकी का केंद्रीय नायक कौन है?

'कारतूस' एकांकी एक देशभक्त वजीर अली का परिचय देती है जिसका लक्ष्य अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना था। फिर कर्नल लेफ्टिनेंट से बताता है कि सआदत अली (वज़ीर अली के चाचा) वज़ीर अली के पैदा होने से दुखी था | उसने अवध का राजा बने रहने के लिए अंग्रेजो को अपनी आधी दौलत और दस लाख रूपए दिए थे।

कारतूस एकांकी लिखने के पीछे लेखक का क्या औचित्य है?

उसने वज़ीर अली की गिरफ्तारी को मुश्किल बताया। उसने ऐसा दिखावा करना चाहा जैसे वह भी वजीर अली के खिलाफ है। फिर उसने कुछ कारतूसों की माँग की कर्नल ने बिना कोई प्रश्न पूछे उसे कारतूस दे दिए। इस प्रकार वज़ीर अली स्वयं ही घोड़े पर सवार होकर आया और कर्नल से कारतूस लेने में सफल रहा।

वजीर अली की स्कीम क्या है?

लेफ्टिनेंट – मगर वज़ीर अली की स्कीम क्या है ? कर्नल – स्कीम ये है कि किसी तरह नेपाल पहुँच जाए। अफ़गानी हमले का इंतज़ार करे, अपनी ताकत बढ़ाए, सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद अवध पर कब्ज़ा करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट – नेपाल पहुँचाना तो कोई ऐसा मुश्किल नहीं, मुमकिन है कि पहुँच गया हो।