किसी पर झूठा आरोप लगाने पर कौन सी धारा लगती है? - kisee par jhootha aarop lagaane par kaun see dhaara lagatee hai?

किसी पर झूठा आरोप लगाने पर कौन सी धारा लगती है? - kisee par jhootha aarop lagaane par kaun see dhaara lagatee hai?

बी आर अहिरवार :- कभो कभी जैसा होता है जो अपराध हम नहीं करते हैं उस अपराध के लिए सजा काट लेते हैं क्योंकि कुछ व्यक्ति हमे नुकसान पहुचाने के लिए झूठा आरोप लगा देते हैं और मन-गाडित अर्थात झूठे साक्ष्य बना लेते हैं। ऐसे में जब हम निर्दोष साबित हो जाते हैं तब ऐसे झूठे आरोप लगाने वाले व्यक्ति पर भी मामला दर्ज कर सकते हैं। वो भी उसी न्यायालय में जहाँ आपका झूठा मुकदमा दर्ज था जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता ,1860 की धारा 211की परिभाषा:-

कोई व्यक्ति किसी निर्दोष व्यक्ति पर उसको नुकसान या क्षति पहुचाने के उद्देश्य से दाण्डिक कार्यवाही संस्थित करेगा या झूठा आपराधिक आरोप लगाएगा इस धारा के अंतर्गत अपराध है।

नोट:- यह अपराध तब घटित होता है जब झूठे आरोप पुलिस या मजिस्ट्रेट के पास लगाया गया है तथा वही से दाण्डिक कार्यवाही की जा रही हो। केवल संदेह करना झूठा आरोप नहीं माना जायेगा एवं झूठी सूचना देना मात्र भी इस धारा के अंतर्गत अपराध नहीं है।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 211 में दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते है।इनकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट ओर सेशन न्यायालय दूआरा की जाती हैं।

सजा :- सजा की निम्न भागों में बांटा गया है:-

1. क्षति(नुकसान) करने के आशय से झूठा आरोप लगाने पर- दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

2. आरोप सात वर्ष या उससे अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है तब- सात वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डनीय होगा।

3. आरोप मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय हैं तब- सुनवाई सेशन न्यायालय दूआरा एवं सात वर्ष की कारावास एव जुर्माना से दण्डनीय होगा।

【नोट:- छत्तीसगढ़ राज्य संशोधन अधिनियम,2013(प्रभावशाली दिनांक 21/07/2015) के अंतर्गत】

4.छत्तीसगढ़ राज्य संशोधन अधिनियम 2013 में आरोपित अपराध धारा- 354,354क,354ख,354ग,354घ,354ङ, 376ख,376ग,376च,509,509क, 509ख से दण्डनीय अपराध की सजा- कारावास तीन वर्ष से कम नहीं लेकिन 5 वर्ष तक हो सकती हैं जुर्माने के साथ।

उधारानुसार:-किसी व्यक्ति ने पुलिस को किसी अपराध की झूठी सूचना देते हुए यह आशंका व्यक्त की कोई अन्य व्यक्ति भी इस अपराध में शामिल होने का शक है, अगर यह सूचना झूठी पाई जाने के आधार पर उस सूचना देने वाले व्यक्ति पर धारा 211 के अंतर्गत कार्यवाही नही की जा सकती है।लेकिन जहां उस व्यक्ति की रिपोर्ट से यह उद्देश्य स्पष्ट झलकता है तब उस निर्दोष व्यक्ति को हिरासत में लिये जाने एवं उसके विरुद्ध दाण्डिक कार्यवाही की जाने की अपेक्षा करता है, तब वह सूचना झूठी साबित होने पर उसके विरुद्ध धारा 211 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकेगी।

झूठा आरोप लगाने में कौन सी धारा लगती है?

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 211 में 'झूठे आरोप' की अभिव्यक्ति प्रारंभिक आरोप को संदर्भित करती है जो आपराधिक जांच को गति प्रदान करती है, न कि आपराधिक ट्रायल के दौरान जोड़े गए झूठे सबूत या झूठे बयानों को।

यदि कोई झूठा आरोप लगाए तो क्या करें?

- किसी ने आपके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवाई है तो आप धारा 482 का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस धारा के तहत वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र लगाया जा सकता है। - इस पत्र के साथ में आप अपनी बेगुनाही के सबूत भी दे सकते हैं।

धारा 354 कब लगती है?

अब समझिए IPC सेक्शन 354 क्या है भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 354 के तहत किसी महिला का यौन उत्पीड़न, मारपीट, उसके अभिमान को ठेस पहुंचाना शामिल है। अगर कोई शख्स ये जानते हुए भी कि किसी महिला के साथ मारपीट करता है, यौन उत्पीड़न करता या उसकी लज्जा भंग करता है तो उसे सेक्शन 354 के तहत संज्ञेय अपराध माना जाता है।

धारा 376 में कितने दिन की सजा है?

आईपीसी धारा 376: बलात्संग के लिए दंड (1) जो कोई, उपधारा (2) में उपबंधित मामलों के सिवाय, बलात्संग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि 1दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।