काव्यांशों पर आधारित अति लघूत्तरीय एवं लघूत्तरीय प्रश्न Show निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- 1. प्रश्न (क) चंद्र गहना क्या है ? कवि कहाँ बैठकर प्राकृतिक दृश्य देख रहा है ? उत्तरः चंद्र गहना एक गाँव का नाम है। कवि उस गाँव को देखकर लौटते हुए एक खेत की मेड़ पर बैठकर ये प्राकृतिक दृश्य देख रहा है। प्रश्न (ख) कवि को चने का पौधा कैसा लग रहा है ? प्रश्न (ग) अलसी वहाँ किस प्रकार खड़ी बताई गई है ? [C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1071] प्रश्न (क) कविता के आधार पर चने की विशेषताएँ लिखिए।
प्रश्न (ख) मेड़, मुरैठा, बित्ते में से किन्हीं दो का अर्थ स्पष्ट कीजिए। प्रश्न (ग) इन पंक्तियों के कवि का नाम बताइए। 2. [C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1066] प्रश्न (क) ”हाथ पीले कर लिए हैं “ से कवि का क्या तात्पर्य है ? प्रश्न (ग) स्वयंवर किसका हो रहा है ? 3. देखता हूँ मैंः स्वयंवर हो रहा है, [C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1057] प्रश्न
(क) प्रस्तुत पद्यांश में कवि किस स्वयंवर की बात कर रहा है ? प्रश्न (ख) प्रकृति के अनुराग अंचल का तात्पर्य स्पष्ट कीजिए। प्रश्न (ग) चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा किसे कहा गया है ? 4. प्रश्न (क) पोखर में किसका प्रतिबिम्ब दिखाई दे रहा था? वह वैळसा लग रहा था ? प्रश्न (ख) पत्थरों को प्यासा कहने के पीछे क्या कारण है ? उत्तरः लहरों वेळ बार-बार आने जाने से किनारे पड़े पत्थर गीले होते हैं फिर सूख जाते हैं, मानो बार-बार पानी पीना चाहते हैं, बहुत प्यासे हैं। व्याख्यात्मक हल: पत्थर लम्बे समय से पानी में पड़े हुए हैं, अतः कवि को लगता है जैसे वे चुपचाप पानी पी रहे हैं। इसलिए उसने पत्थरों को प्यासा कहा है। प्रश्न (ग) बगुला किसे
देख अपना ध्यान भंग करता है ? व्याख्यात्मक हल: बगुला ध्यानमग्न होकर मछली की ताक में रहता है, जैसे ही मछली उसवेळ पास आती है, वह अपना ध्यान भंग करता है। 5. प्रश्न (क) कवि ने चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा किसे और क्यों कहा है ? प्रश्न (ख) बगुला अपनी नींद क्यों और कब
त्यागता है ? प्रश्न (ग) ”पत्थरों को पानी पीते हुए“ क्यों कहा गया है ? प्रश्न (क) बगुला कहाँ, कैसे खड़ा है तथा वह
ध्यान-निद्रा कब त्यागता है ? प्रश्न (ख) कवि ने पत्थरों के लिए ‘‘पी रहे चुपचाप पानी’’ क्यों कहा है ? क्या इसका कोई प्रतीकात्मक अर्थ है कि उनको प्यास बुझने की प्रतीक्षा है ? प्रश्न (ग) बगुला चंचल मछली को कैसे चट कर जाता है ? 6. प्रश्न (क) काले माथे वाली चतुर चिड़िया की चतुराई का वर्णन कीजिए। प्रश्न (ख) ध्यान मग्न बगुला किस उद्देश्य से खड़ा है ? प्रश्न (ग) ‘टूट पड़ना’ से क्या अर्थ है ? 7. प्रश्न (क) चित्रकूट में कैसी पहाड़ियाँ हैं और वहाँ की धरती की क्या विशेषता है ? प्रश्न (ख) चित्रकूट की पहाड़ियों पर खड़े पेड़ों तथा वहाँ के पक्षियों की विशेषताएँ बताइए। प्रश्न (ग) ‘काँटेदार कुरूप’ में कौन-सा अलंकार है ? चंद्र गहना से लौटते समय कवि कहां और क्यों रुक जाता है?'चंद्र गहना से लौटती बेर ' कविता में कवि केदारनाथ अग्रवाल ने गाँव के रास्ते में पड़ने वाले खेतों और तालाब की सुंदरता का वर्णन किया है। एक बार लेखक चंद्र गहना नामक गाँव से आ रहा होता है। वहाँ उसे प्रकृति अपनी ओर आकर्षित करती हुई प्रतीत होती है।
चंद्र गहना से लौटती बेर कविता में कवि ने चने के पौधे की क्या विशेषताएँ बताई हैं?कविता में हरे चने के पौधे को ठिगना अर्थात् छोटे कद वाला बताया गया है। उसके सिर पर गुलाबी रंग का छोटा-सा फूल सुशोभित है। यह गुलाबी फूल हरे चने के पेड़ पर ऐसे शोभा दे रहे हैं जैसे साफा बँधा हुआ है और दूल्हे की तरह बन-ठन कर खड़ा है।
चंद्र गहना से लौटती बेर का क्या अर्थ है?चंद्रगाहना से लौटती बेर कविता के कवि केदारनाथ अग्रवाल हैं | इस कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है | प्रस्तुत कविता में कवि का प्रकृति के प्रति गहन अनुराग व्यक्त हुआ है। वह चंद्र गहना नामक स्थान से लौट रहा है। लौटते हुए उसके किसान मन को खेत-खलिहान एवं उनका प्राकृतिक परिवेश सहज आकर्षित कर लेता है।
चंद्र गहना से लौटती बेर किसकी रचना है?देखा आया चंद्र गहना। मेड़ पर इस खेत पर मैं बैठा अकेला। सज कर खड़ा है।
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