लेखिका अपनी नानी के व्यक्ति से क्यों प्रभावित थी? - lekhika apanee naanee ke vyakti se kyon prabhaavit thee?

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kritika Mere Sang ki Auratein solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. Most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 9 Hindi chapter wise NCERT solution for Hindi Course A part 1 and part 2 for all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free.

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लेखिका अपनी नानी के व्यक्ति से क्यों प्रभावित थी? - lekhika apanee naanee ke vyakti se kyon prabhaavit thee?

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A

Kshitij

  1. प्रेमचंद
  2. राहुल सांकृत्यायन
  3. श्यामाचरण दुबे
  4. जाबिर हुसैन
  5. चपला देवी
  6. हरिशंकर परसाई
  7. महादेवी वर्मा
  8. हज़ारीप्रसाद द्रिवेदी
  9. कबीर
  10. ललद्धद
  11. रसखान
  12. माखनलाल चतुर्वेदी
  13. सुमित्रानंदन पन्त
  14. केदारनाथ अग्रवाल
  15. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  16. चंद्रकांत देवताल
  17. राजेश जोशी

Kritika

  1. इस जल प्रलय में
  2. मेरे संग की औरतें
  3. रीढ़ की हड्डी
  4. माटीवाली
  5. किस तरह आखिरकार मैं हिन्दी में आया

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Course A Kritika Mere Sang ki Auratein

1. लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं ?

उत्तर:- लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे निम्न कारणों से प्रभावित थीं –
1. लेखिका की नानी अपनी बेटी का विवाह एक क्रांतिकारी से करने की इच्छुक थी इसलिए नानी ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी । उस भेंट में उन्होंने यह इच्छा प्रकट की थी कि वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती है। इस घटना से उनका देश के प्रति अटूट प्रेम पता चलता है ।
2. जीवन-भर परदे में रहकर भी उन्होंने किसी पर-पुरुष से मिलने की हिम्मत की। इससे उनके साहसी व्यक्तित्व और मन में सुलगती स्वतंत्रता की भावना का पता चला।
3. लेखिका की नानी भले अनपढ़, पुराने ढंग और हमेशा परदे में रहने वाली महिला रहीं हो परन्तु अपनी निजी जिंदगी में वे आजाद विचारों वाली महिला थीं।


2. लेखिका ने नानी की आज़ादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही ?

उत्तर:- लेखिका की नानी की वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं रही पर उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को मन-ही-मन पनपने दिया। उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं। जबकि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे, फिर भी नानी ने कभी अंग्रेजों की जीवन शैली को अपनाया नहीं । नानी ने अपनी बेटी की शादी क्रांतिकारी से करने की इच्छा व्यक्त की जिससे उनके देश प्रेम की भावना का ही पता चलता है । उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि अपने बच्चों को इस विवाह की घटना से अँग्रेज-भक्तों से मुक्त करा लिया और देश के क्रांतिकारियों को भी बड़ी प्रेरणा प्रदान की । इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से लेखिका की नानी की स्वतंत्रता आन्दोलन में भागी दारी रही है।


3.1 लेखिका की माँ परम्परा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में –(क): लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर:- 1. लेखिका की माँ दुबली-पतली सुन्दर स्त्री थीं। इस कारण लेखिका ने उन्हें पारिजात बताया है।
2. वे हमेशा खद्दर की साडी पहनती थी। वे आजीवन गाँधीजी के सिधान्तों का पालन करती रही।
3. लेखिका की माँ गोपनीय बातों को प्रकट न करना, सत्यवादी, ईमानदार, आज़ादी के प्रति जूनूनवाली महिला थी।
4. लेखिका की माँ आम भारतीय महिलाओं की तरह बच्चे संभालना, घर गृहस्थी और खाना पकाने तक अपने आप को सिमित नहीं रखना चाहती।
5. उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावी था की ठोस कामों में न केवल उनकी राय ली जाती बल्कि उसका शत प्रतिशत पालन भी किया जाता था।

3.2 लेखिका की माँ परम्परा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी इस कथन के आलोक में –लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द चित्र अंकित कीजिए ।

उत्तर:- लेखिका की दादी के घर का माहौल उस समयानुसार काफ़ी अलग था । दादी के घर में सब लोगों को अपनी मर्जीनुसार चलने की आज़ादी थी । घर में पुत्र-पुत्री में भेदभाव नहीं किया जाता था । स्वयं लेखिका की दादी ने अपनी बहू की पहली संतान बेटी ही माँगी थी ।घर का माहौल भी काफ़ी धार्मिक, स्त्रियों को उचित सम्मान देनेवाला और साहित्यिक था ।


4. आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी ?

उत्तर:- लेखिका की दादी स्वतंत्र और साहसी महिला थी । उस समय लड़की की चाह रखना मेरे अनुसार उनके साहस और लीक से हटकर सोचना था ।


5. डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है – पाठ के आधार पर तर्क-सहित उत्तर दीजिए ।

उत्तर:- डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है। यह बात हमें लेखिका की माता द्वारा चोर के पकड़े जाने पर उसके साथ किए गए व्यवहार से पता चलता है। चोर के पकड़े जाने पर लेखिका की माँ ने न तो चोर को पकड़ा, न पिटवाया, बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया। उसके पकड़े जाने पर उसने उसे उपदेश भी नहीं दिया। उसने इतना ही कहा – अब तुम्हारी मर्जी – चाहे चोरी करो या खेती। उसकी इस सहज भावना से चोर का ह्रदय परिवर्तित हो गया। उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया। यदि शायद वे चोर के साथ बुरा बर्ताव या मारपीट करती तो चोर सुधरने के बजाए और भी गलत रास्ते पर चल पड़ता ।


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6. ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ – इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख करें ।

उत्तर:- ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ – इस दिशा में लेखिका ने निम्न प्रयास किए ।
शादी के बाद जब लेखिका को कर्नाटक के छोटे से कस्बे बागनकोट में रहना पड़ा तो वहाँ उनके ही बच्चों को पढ़ने की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी अत: लेखिका ने वहाँ पर स्कूल खुलवाने के लिए बिशप से प्रार्थना की परन्तु जब बिशप तैयार नहीं हुए तो उन्होंने अपनी कोशिशों तथा कुछ उत्साही लोगों की मदद से स्कूल खोला। उसे सरकारी मान्यता दिलवाई, जिससे स्थानीय बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े ।


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7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है ?

उत्तर:- प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ऊँची भावना वाले दृढ़ संकल्पी लोगों को श्रद्धा से देखा जाता है । जो लोग कभी झूठ नहीं बोलते और सच का साथ देते हैं । जो किसी की बात को इधर-उधर नहीं करते जिनके इरादे मजबूत होते हैं, जो हीन भावना से ग्रसित नहीं होते तथा जिनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं पारदर्शी होता है, जो लोग सद्भावना से व्यवहार करते हैं तथा आवश्यकता पडने पर गलत रूढ़ियों को तोड़ डालने की हिम्मत रखतें हैं, उन्हें पूरा समाज श्रद्धा भाव से देखता है।


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8. ‘सच अकेलेपन का मजा ही कुछ और है’ इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए ।

उत्तर:- लेखिका और उनकी बहन जो सोचती थी उसे करके ही दम लेती थी। उनकी बहन बड़ी जिद्दी थी परन्तु उनके इस जिद्दीपन ने उनका दृढ निश्चयी स्वभाव झलकता है। अत्यधिक बारिश होने के बावजूद, सब के मना करने के बावजूद लेखिका की बहन विद्यालय जाती है, तो दूसरी ओर लेखिका जब डालमिया नगर में रहतीं थीं तब उन्होंने स्त्री-पुरुष के नाटकों द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए धन एकत्रित किया । कर्नाटक में स्कूल खोला । ये सारी बातें लेखिका के स्वतंत्र व्यक्तित्व, हिम्मत, धैर्य और लीक से हटकर अपनी अलग राह चलनेवाले वाले व्यक्तित्व की ओर संकेत करते हैं ।

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लेखिका अपनी नानी के व्यक्तित्व से क्यों प्रभावित थी?

लेखिका की नानी अपने पति के जीवन में किसी भी प्रकार का दखल नहीं देती थीं। लेकिन वह घर की चारदीवारी में भी रहकर अपने ढ़ंग से जीवन जीती थीं। जब लेखिका की माँ की शादी की बात आई तो उनकी नानी ने अपनी बात बड़े ही अधिकार से मनवा लीं। इसलिए लेखिका अपनी नानी के व्यक्तित्व से प्रभावित थीं।

लेखिका की परदादी के किन गुणों से प्रभावित थी और क्यों?

'मेरे संग की औरते' पाठ में लेखिका 'मृदुला गर्ग' परदादी प्रगतिशील विचारों से प्रभावित थी। उस दौर में जब पुरुष सत्ता प्रधान इस समाज में हमेशा पुत्र की कामना की जाती है। तब लेखिका की परदादी ने अपनी पतोहू (पोते की पत्नी) के लिये पुत्री की कामना की। उनकी इस बात ने महिला को पुरुष के समान महत्व देने की पहल की शुरुआत की।

लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व सेवे क्यों प्रभावित थीं?

उत्तर:- लेखिका की नानी की वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं रही पर उन्होंने स्वतंत्रता की भावना को मन-ही-मन पनपने दिया। उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं। जबकि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे, फिर भी नानी ने कभी अंग्रेजों की जीवन शैली को अपनाया नहीं

लेखिका ने अपनी नानी को क्यों नहीं देते?

This is Expert Verified Answer मेरे संग की औरतें पाठ में लेखिका मृदुला गर्ग ने अपनी नानी को नहीं देखा, क्योंकि लेखिका की नानी की मृत्यु लेखिका की माँ की शादी से पहले ही हो गई थी। लेकिन लेखिका ने अपनी माँ से अपनी नानी के विषय में बहुत कुछ सुना था। लेखिका की माँ बताती थी कि उनकी नानी एक स्वतंत्र व्यक्तित्व की मालकिन थीं।