लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे? - lekhak atithi ko dikhaakar kailendar kee taareekhen kyon badal rahe the?

Question 1.
लेखक को अतिथि को देखकर अंतरिक्ष यात्री की याद क्यों आ गई?
(a) अतिथि भी एक अंतरिक्ष यात्री था
(b) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर में ठहर रहा था
(c) अतिथि अंतरिक्ष में जाने की बातें करता था
(d) लेखक उनको अंतरिक्ष के किस्से सुनाना चाहता था।

Answer

Answer: (b) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर में ठहर रहा था


Question 2.
लेखक का बटुआ अंदर ही अंदर क्यों काँपने लगा?
(a) लेखक के बटुए में वाइब्रेशन हो रही थी
(b) लेखक के हाथ काँपने के कारण
(c) लेखक का बजट गड़बड़ा गया था।
(d) इनमें से कोई नहीं।

Answer

Answer: (c) लेखक का बजट गड़बड़ा गया था।


Question 3.
लेखक ने धोबी की जगह लांडी में कपड़े क्यों दिए?
(a) अतिथि के कपड़े बहुत महँगे थे
(b) लांड्री लेखक के घर की थी
(c) अतिथि लांड्री के धुले कपड़े ही पहनता था
(d) लेखक चाहता था कि अतिथि जल्दी चला जाए क्योंकि धोबी कपड़े धोकर देने में कई दिन लगाता है।

Answer

Answer: (d) लेखक चाहता था कि अतिथि जल्दी चला जाए क्योंकि धोबी कपड़े धोकर देने में कई दिन लगाता है।


Question 4.
अतिथि को देवता कहा जाता है, पर देवता की क्या विशेषता होती है?
(a) देवता अतिथिवत् रहता है
(b) देवता घर में ही ठहर जाता है
(c) देवता दर्शन देकर चला जाता है
(d) देवता किसी के घर नहीं आता।

Answer

Answer: (c) देवता दर्शन देकर चला जाता है


Question 5.
अतिथि का देवत्व कब तक सुरक्षित रह सकता है?
(a) अतिथि के अधिक दिन ठहरने पर
(b) अतिथि यदि अधिक समय तक किसी के घर न रुके
(c) यदि अतिथि भेंट लेकर आए
(d) यदि अतिथि पेंइंग गेस्ट की तरह रहे। व्याख्या सहित हल

Answer

Answer: (b) अतिथि यदि अधिक समय तक किसी के घर न रुके


Question 6.
शरद जोशी का जन्म कब और कहाँ हआ?
(a) सन् 1932 में जबलपुर में
(b) सन् 1931 में कटनी में
(c) 21 मई सन् 1931 को उज्जैन में
(d) 25 मई सन् 1931 को भोपाल में।

Answer

Answer: (c) 21 मई सन् 1931 को उज्जैन में


Question 7.
शरद जोशी को हिंदी साहित्य में किस रूप में जाना जाता है?
(a) एक व्यंग्यकार के रूप में
(b) एक कहानीकार के रूप में
(c) एक निबंधकार के रूप में
(d) एक उपन्यासकार के रूप में

Answer

Answer: (a) एक व्यंग्यकार के रूप में


Question 8.
‘तुम कब जाओगे अतिथि’ पाठ में लेखक ने कैसे लोगों पर व्यंग्य किया है?
(a) राजनेताओं पर
(b) फिल्म निर्माताओं पर
(c) ऐसे अतिथियों पर जो आकर जाने का नाम नहीं लेते
(d) शिक्षा व्यवस्था पर।

Answer

Answer: (c) ऐसे अतिथियों पर जो आकर जाने का नाम नहीं लेते


Question 9.
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर में रह रहा है?
(a) पाँच दिनों से
(b) चार दिनों से
(c) तीन दिनों से
(d) छह दिनों से।

Answer

Answer: (b) चार दिनों से


Question 10.
लेखक अतिथि को देखकर तारीखें क्यों बदल रहा था?
(a) लेखक का तारीख बदलने का निश्चित नियम था
(b) वह अतिथि को तारीख बदलने वाला कैलेंडर दिखाना चाहता था
(c) वह अतिथि को अपने कार्यक्रम के बारे में बताना चाहता था
(d) वह अतिथि को यह बताना चाहता था कि उन्हें लेखक के घर आए कितने दिन हो गए।

Answer

Answer: (d) वह अतिथि को यह बताना चाहता था कि उन्हें लेखक के घर आए कितने दिन हो गए।


गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

उस दिन जब तुम आए थे, मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था। अन्दर ही अन्दर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। उसके बावजूद एक स्नेह-भीगी मुस्कराहट के साथ मैं तुमसे गले मिला था और मेरी पत्नी ने तुम्हें सादर नमस्ते की थी। तुम्हारे सम्मान में ओ अतिथि, हमने रात के भोजन को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के डिनर में बदल दिया था। तुम्हें स्मरण होगा कि दो सब्जियों और रायते के अलावा हमने मीठा भी बनाया था। इस सारे उत्साह और लगन के मूल में एक आशा थी। आशा थी कि दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में ले तुम चले जाओगे। हम तुमसे रुकने के लिए आग्रह करेंगे, मगर तुम नहीं मानोगे और एक अच्छे अतिथि की तरह चले जाओगे।

Question 1.
अतिथि के आने पर लेखक का हृदय किस आशंका से धड़क रहा था?

Answer

Answer: जब लेखक के घर अतिथि पधारे तो लेखक को तभी यह आशंका सताने लगी कि पता नहीं अतिथि महोदय कब जाएँगे।


Question 2.
लेखक का बटुआ अन्दर ही अन्दर क्यों काँपने लगा था।

Answer

Answer: लेखक अतिथि के आने से भयभीत हो गए। लेखक ने सोचा था कि अब अतिथि के लिए खर्च करना पड़ेगा। खर्च करने से बटुआ जवाब दे रहा था अत: बटुए का काँपना स्वाभाविक ही था।


Question 3.
लेखक ने अतिथि की खातिरदारी किस प्रकार की?

Answer

Answer: लेखक ने अपनी हैसियत से कहीं आगे बढ़कर अतिथि के लिए अच्छे-अच्छे व्यंजन बनवाए। दो सब्जियों और रायते के अलावा मीठा भी बनवाया।


Question 4.
लेखक ने क्या सोचकर अपनी हैसियत से भी आगे बढ़कर अतिथि की आवभगत की?

Answer

Answer: लेखक ने सोचा था कि दूसरे दिन अतिथि महोदय किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में लेकर चला जाएगा। हम उनसे रुकने का आग्रह करेंगे फिर भी वे नहीं रुकेंगे।


सही कथन के सामने (✓) गलत कथन के सामने (✗) का चिह्न लगाइए।

(क) अतिथि पाँच दिनों से लेखक के घर रह रहा था

Answer

Answer: (✗)
अतिथि चार दिनों से लेखक के घर ठहरा हुआ था।


(ख) कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही थीं

Answer

Answer: (✓)


(ग) दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की गई।

Answer

Answer: (✓)


(घ) तीसरे दिन सुबह अतिथि ने कहा कि मैं लांड्री में कपड़े देना चाहता हूँ

Answer

Answer: (✗)
तीसरे दिन अतिथि ने धोबी को कपड़े देने के लिए कहा।


(ङ) लेखक ने लांड्री में कपड़े इसलिए दिए ताकि कपड़े जल्दी आ जाएँ और अतिथि अपने घर चले जाएँ।

Answer

Answer: (✓)


(च) सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर लेखक डिनर से खिचड़ी पर आ गए।

Answer

Answer: (✓)


निम्नलिखित वाक्यों का मिलान करके व्यवस्थित रूप में लिखिए

लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे? - lekhak atithi ko dikhaakar kailendar kee taareekhen kyon badal rahe the?

Answer

Answer:
(क) उसके ठीक सामने एक कैलेंडर है।
(ख) बैंजनी चट्टान देख ली।
(ग) मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क रहा था।
(घ) जिससे आगे हम किसी के लिए नहीं बढ़े।
(ङ) अतिथि! तुम जा नहीं रहे हो।
(च) धीरे-धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई।
(छ) खिचड़ी पर आ गए।
(ज) तुम लौट जाओ अतिथि!


लेखक अतिथि को देखकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे?

(क) लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे ? उत्तर : अपने आने का तारिख अतिथि को याद दिलाने के लिए लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें बदल रहे थे। (ख) लेखक तथा उनकी पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया था ? उत्तर : लेखक तथा उनकी पत्नी ने मेहमान का स्वागत गले मिलकर तथा सादर नमस्ते करके किया था।

लेखक मेहमान के ठीक सामने वाले कैलेंडर में उसे दिखाकर तारीखें क्यों बदल रहा था?

लेखक अपने अतिथि को दिखाकर दो दिनों से तारीखें बदल रहा था। ऐसा करके वह अतिथि को यह बताना चाह रहा था कि उसे यहाँ रहते हुए चौथा दिन शुरू हो गया है। तारीखें देखकर शायद उसे अपने घर जाने की याद आ जाए। यदि अतिथि थोड़ी देर तक टिकता है तो वह देवता रूप बनाए रखता है, पर फिर वह मनुष्य रूप में आ जाता है।

अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं?

अतिथि चार दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है। प्रश्न 2. कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं? कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही हैं।.
उसने अतिथि के साथ मुसकराकर बात करना छोड़ दिया। मुसकान फीकी हो गई। ... .
शानदार भोजन की बजाय खिचड़ी बनवाना शुरू कर दी।.
वह अतिथि को 'गेट आउट' तक कहने को तैयार हो गया।.

लेखक का सौहार्द बोरियत में क्यों बदल गया?

व्याख्यात्मक हल: लेखक का सौहार्द बोरियत में इसलिए बदल गया क्योंकि मेहमान को आए चार दिन हो चुके थे वह जाने का नाम नहीं ले रहा था अब वह एक अनचाहे बोझ के समान लग रहा था जिससे लेखक मुक्त होना चाहता था।