Question 1. Answer: (b) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफर करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर में ठहर रहा था Question 2. Answer: (c) लेखक का बजट गड़बड़ा गया था। Question 3. Answer: (d) लेखक चाहता था कि अतिथि जल्दी चला जाए क्योंकि धोबी कपड़े धोकर देने में कई दिन लगाता है। Question 4. Answer: (c) देवता दर्शन देकर चला जाता है Question 5. Answer: (b) अतिथि यदि अधिक समय तक किसी के घर न रुके Question 6. Answer: (c) 21 मई सन् 1931 को उज्जैन में Question 7. Answer: (a) एक व्यंग्यकार के रूप में Question 8. Answer: (c) ऐसे अतिथियों पर जो आकर जाने का नाम नहीं लेते Question 9. Answer: (b) चार दिनों से Question 10. Answer: (d) वह अतिथि को यह बताना चाहता था कि उन्हें लेखक के घर आए कितने दिन हो गए। गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए उस दिन जब तुम आए थे, मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से धड़क उठा था। अन्दर ही अन्दर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। उसके बावजूद एक स्नेह-भीगी मुस्कराहट के साथ मैं तुमसे गले मिला था और मेरी पत्नी ने तुम्हें सादर नमस्ते की थी। तुम्हारे सम्मान में ओ अतिथि, हमने रात के भोजन को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के डिनर में बदल दिया था। तुम्हें स्मरण होगा कि दो सब्जियों और रायते के अलावा हमने मीठा भी बनाया था। इस सारे उत्साह और लगन के मूल में एक आशा थी। आशा थी कि दूसरे दिन किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में ले तुम चले जाओगे। हम तुमसे रुकने के लिए आग्रह करेंगे, मगर तुम नहीं मानोगे और एक अच्छे अतिथि की तरह चले जाओगे। Question 1. Answer: जब लेखक के घर अतिथि पधारे तो लेखक को तभी यह आशंका सताने लगी कि पता नहीं अतिथि महोदय कब जाएँगे। Question 2. Answer: लेखक अतिथि के आने से भयभीत हो गए। लेखक ने सोचा था कि अब अतिथि के लिए खर्च करना पड़ेगा। खर्च करने से बटुआ जवाब दे रहा था अत: बटुए का काँपना स्वाभाविक ही था। Question 3. Answer: लेखक ने अपनी हैसियत से कहीं आगे बढ़कर अतिथि के लिए अच्छे-अच्छे व्यंजन बनवाए। दो सब्जियों और रायते के अलावा मीठा भी बनवाया। Question 4. Answer: लेखक ने सोचा था कि दूसरे दिन अतिथि महोदय किसी रेल से एक शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में लेकर चला जाएगा। हम उनसे रुकने का आग्रह करेंगे फिर भी वे नहीं रुकेंगे। सही कथन के सामने (✓) गलत कथन के सामने (✗) का चिह्न लगाइए। (क) अतिथि पाँच दिनों से लेखक के घर रह रहा था AnswerAnswer: (✗) (ख) कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही थीं AnswerAnswer: (✓) (ग) दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की गई। AnswerAnswer: (✓) (घ) तीसरे दिन सुबह अतिथि ने कहा कि मैं लांड्री में कपड़े देना चाहता हूँ AnswerAnswer: (✗) (ङ) लेखक ने लांड्री में कपड़े इसलिए दिए ताकि कपड़े जल्दी आ जाएँ और अतिथि अपने घर चले जाएँ। AnswerAnswer: (✓) (च) सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर लेखक डिनर से खिचड़ी पर आ गए। AnswerAnswer: (✓) निम्नलिखित वाक्यों का मिलान करके व्यवस्थित रूप में लिखिए AnswerAnswer: लेखक अतिथि को देखकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे?(क) लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें क्यों बदल रहे थे ? उत्तर : अपने आने का तारिख अतिथि को याद दिलाने के लिए लेखक अतिथि को दिखाकर कैलेंडर की तारीखें बदल रहे थे। (ख) लेखक तथा उनकी पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया था ? उत्तर : लेखक तथा उनकी पत्नी ने मेहमान का स्वागत गले मिलकर तथा सादर नमस्ते करके किया था।
लेखक मेहमान के ठीक सामने वाले कैलेंडर में उसे दिखाकर तारीखें क्यों बदल रहा था?लेखक अपने अतिथि को दिखाकर दो दिनों से तारीखें बदल रहा था। ऐसा करके वह अतिथि को यह बताना चाह रहा था कि उसे यहाँ रहते हुए चौथा दिन शुरू हो गया है। तारीखें देखकर शायद उसे अपने घर जाने की याद आ जाए। यदि अतिथि थोड़ी देर तक टिकता है तो वह देवता रूप बनाए रखता है, पर फिर वह मनुष्य रूप में आ जाता है।
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं?अतिथि चार दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है। प्रश्न 2. कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं? कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही हैं।. उसने अतिथि के साथ मुसकराकर बात करना छोड़ दिया। मुसकान फीकी हो गई। ... . शानदार भोजन की बजाय खिचड़ी बनवाना शुरू कर दी।. वह अतिथि को 'गेट आउट' तक कहने को तैयार हो गया।. लेखक का सौहार्द बोरियत में क्यों बदल गया?व्याख्यात्मक हल: लेखक का सौहार्द बोरियत में इसलिए बदल गया क्योंकि मेहमान को आए चार दिन हो चुके थे वह जाने का नाम नहीं ले रहा था अब वह एक अनचाहे बोझ के समान लग रहा था जिससे लेखक मुक्त होना चाहता था।
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