लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है class 6? - lekhak ne sansaar ko pustak kyon kaha hai chlass 6?

       इस पोस्ट के माध्यम से हम वसंत भाग-1 के कक्षा-6  का पाठ-12 (NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Bhag 1 Chapter 12) के संसार पुस्तक है पाठ का प्रश्न-उत्तर (Sansar Pustak Hai Class 6 Question Answer) के बारे में  जाने जो की जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) द्वारा लिखित हैं । उम्मीद करती हूँ कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया होगा। पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। किसी भी तरह का प्रश्न हो तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकतें हैं। साथ ही हमारे Blogs को Follow करे जिससे आपको हमारे हर नए पोस्ट कि Notification मिलते रहे।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है are part of NCERT Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है.

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

पत्र से

प्रश्न 1.
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
उत्तर
लेखक ने पत्थरों के टुकड़े, पहाड़, समुद्र, नदियों, जंगलों और जानवरों की हड्डियों को ‘प्रकृति के अक्षर’ कहा है।

प्रश्न 2.
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
उत्तर
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गर्म थी। उस समय यहाँ किसी भी जानदार चीज का कोई अस्तित्व नहीं था क्योंकि इतनी गर्मी में कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता था।

प्रश्न 3.
दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
उत्तर
दुनिया का पुराना हाल समुद्र, नदियों, चट्टानों, पत्थर के टुकड़ों और जानवरों की हइड़ियों से जाना जाता है।

प्रश्न 4.
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
उत्तर
गोल, चमकीला रोड़ा बताता है कि कुछ समय पहले वह चट्टान से टूटा हुआ एक खुरदरा और नुकीला टुकड़ा था। बारिश के पानी में बह कर वह छोटी घाटी तक आया। पहाड़ी नाले ने उसे ढकेलकर छोटे से दरिया में पहुँचा दिया। वहाँ से बहते-बहते वह बड़े दरिया में पहुँचा। इस पूरी प्रक्रिया में लुढ़कता और घिसता हुआ गोल और चमकदार बन गया।

प्रश्न 5.
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
उत्तर
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक कण बन जाता और समुद्र के किनारे पहुँचकर अपने जैसे ही रेत के अन्य कणों से मिल जाता। इस प्रकार ही समुद्र के किनारे सुंदर बालू का किनारा बनता है, जहाँ छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते हैं।

प्रश्न 6.
नेहरू जी ने इस बात को हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
उत्तर
नेहरू जी ने बताया है कि लाखों-करोड़ों वर्ष पहले जब इस धरती का जन्म हुआ था, तब यह इतनी गर्म थी कि इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। धीरे-धीरे बहुत बाद में इस पर पेड़-पौधे और जानवरों का अस्तित्व शुरू हुआ और उसके कई हजार साल बाद आदमी की उत्पत्ति हुई।

पत्र से आगे

प्रश्न 1.
लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन सी कहानी प्रचलित है?
उत्तर
दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि एक बार पृथ्वी पर भयंकर प्रलय हुई। सागर, नदियाँ, झील सभी अपनी हद (दायरा) भूल गए। हर जगह पानी ही पानी हो गया। सब कुछ नष्ट हो गया। पृथ्वी पर कोई जीव-जंतु न बचा। बस पानी ही पानी था। ऐसे में केवल ऋषि मनु ही बचे थे जो हिमालय के पास यज्ञ-कर्म में लीन थे। उधर पृथ्वी पर आई तबाही के बाद की स्थिति देखने के लिए गंधर्व कन्या सतरूपा घर से बाहर आई। उसे चारों ओर जल ही जल नज़र आया। उसने जान लिया कि पृथ्वी पर अब जीवन शेष नहीं रहा।

उसी समय उन्हें हिमालय की ओर से धुआँ उठता नजर आया। सतरूपा को लगा कि शायद उधर कोई जीवित बचा दिखता है। पास जाकर देखा तो ऋषि मनु यज्ञ कर रहे थे। ऋषि ने सतरूपा के आने का प्रयोजन एवं परिचय पूछा। प्रलय के बाद अकेले बचे दुखी ऋषि को छोड़कर सतरूपा वापस नहीं गईं। मनु और सतरूपा से उत्पन्न बच्चों को मनुज कहा जाने लगा। इस तरह दुनिया की एक नई शुरुआत हुई।

प्रश्न 2.
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?
उत्तर
मेरी पसंदीदा किताब पं. विष्णुशर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र है क्योंकि इस पुस्तक में रोचक कथाओं के माध्यम से कई महत्त्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं जो जीवन के हर पग पर हमारी मार्गदर्शन करते हैं।

प्रश्न 3.
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
उत्तर
मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तरप्रदेश प्रांत का शहर है।

प्रश्न 4.
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?
उत्तर
उस युग में पत्थरों का हथियार और औजार के रूप में प्रयोग होता था। पत्थर जानवरों का शिकार करने, माँस काटने और चमड़ा या वृक्ष की छाल छीलने वाले औजार के रूप में प्रयुक्त होते थे।

अनुमान और कल्पना

• हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कुर्सी, गद्दे, रज़ाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुमान साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि वह पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।
• तुम भी किसी चीज के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी भी एकत्र करनी होगी।
उत्तर
मैं रोटी हूँ। हलकी और फूली हुई गोल रोटी। पहले मैं गेहूँ थी और फसल के रूप | में खेतों में खड़ी थी। किसान ने मुझे काटकर खलिहान पहुँचाया और फिर मशीन द्वारा मुझे गेहूं की बालियों से निकाला गया। इस गेहूँ को धोकर चक्की में पीसकर आटा तैयार किया गया। अब आटे को सान कर छोटी-छोटी लोई बनाई गई और बेल कर गोल किया गया। फिर उसे आग पर रखे गर्म तवे पर उलट-पलट कर पकाया गया और पक कर रोटी बनकर मैं फूल उठी।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा। नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और ‘लुढ़कना” में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है?

लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है class 6? - lekhak ne sansaar ko pustak kyon kaha hai chlass 6?

• इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर

  • ढकेलना – आयुष ने नेहा को ढकेल दिया।
  • लुढ़कना – पत्थर चट्टान से लुढ़कता-लुढ़कता नीचे गिर पड़ा।
  • गिरता – वह पहाड़ से गिरता चला गया।
  • गिरना – पहाड़ से वह गिरने लगा।
  • खिसकना – धरती के अंदर चट्टानों के खिसकने से भूकंप आता है।
  • खिसकता – वह आगे खिसकता चला गया।

प्रश्न 2.
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक संज्ञा में ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना
है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो
पत्थर ………
काँटा ………..
रस ……………
जहरे …………
उत्तर

लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है class 6? - lekhak ne sansaar ko pustak kyon kaha hai chlass 6?

प्रश्न 3.
‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’
• यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए इन्हें योजक कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ संसार पुस्तक है।
(क) कृष्णन फिल्म देखना चाहता है ………….. मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा …………. वह चन्द्रमा पर बैठी है।
(ग) छुट्टियों में हम सब ……… दुर्गापुर जाएँगे ……….. जालंधर।।
(घ) सब्जी कटवाकर रखना ………….. घर आते ही मैं खाना बना हूँ।
(ङ) ………… मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी .………………. मैं यह बात न कहती।
(च) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है …………..अनाज महँगा है।
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है …………… फ्रेंच।

लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है class 6? - lekhak ne sansaar ko pustak kyon kaha hai chlass 6?

उत्तर
(क) कृष्णन फिल्म देखना चाहता है परन्तु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा कि वह चन्द्रमा पर बैठी है।
(ग) छुट्टियों में हम सब या तो दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
(घ) सब्जी कटवाकर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लूं।
(ङ) यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी तो मैं यह बात न कहती।
(च) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है इसलिए अनाज महँगा है।
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है न कि फ्रेंच।
वाक्य में प्रयोग
बल्कि  –  मोहन ने इनकार नहीं किया, बल्कि वह तो घूमने जाना चाहता था।
इसलिए  –  मेरे सिर में दर्द था इसलिए मैं स्कूल नहीं आ सकी।
परंतु  –  मोहन घूमने जाना चाहता था परंतु उसके पिता ने मना कर दिया।
कि  –  मैं जानती थी कि वह नहीं आ सकेगा।
यदि  –  यदि उसके पिता ने अनुमति दी होती
तो  –  वह जरूर आता। तो-वह होता तो और भी आनंद आता।
न कि  –  मैंने उसे काम पूरा करने को कहा न कि पार्क में जाकर बैठने को कहा।
या  –  नेहा या नूपुर इस गीत को गा सकती हैं।
ताकि  –  मैंने उसे रोका ताकि वह काम पूरा कर सके।

कुछ करने को

• पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।
उत्तर
छात्र संग्रहालय जाकर देखने समझने का प्रयास करें।

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लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा गया है?

लेखक ने संसार को पुस्तक क्यों कहा है? जैसे पुस्तक पढ़कर बहुत-सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, वैसे ही संसार में रहकर भी हमें बहुत-सी जानकारियाँ प्राप्त हो सकती हैं। इसलिए लेखक ने संसार को पुस्तक कहा है।

संसार पुस्तक है पाठ का उद्देश्य क्या है?

Solution : इस पाठ में यह शिक्षा दी गई है कि धरती का इतिहास जानने के लिए इस पर बसी सभी जातियों का और सभी देशों का इतिहास जानना चाहिए। धरती पर नदियाँ, जंगल, पहाड़, रेत-बालू आदि का अध्ययन करके भी प्रकृति का सारा हाल मालूम हो जाता है।

लेखक ने संसार को क्या बताया है?

Answer: लेखक का विचार है कि दूसरों की लिखी किताबों से संसार का हाल नहीं जाना जा सकता। हाल जानने का असली तरीका है, स्वयं संसार रूपी पुस्तक को पढ़कर ही हाल जाना जा सकता है।

संसार पुस्तक के लेखक कौन हैं?

उत्तर : यह बात लेखक पं० जवाहरलाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा को इलाहाबाद से लिख रहे हैं