कहा जाता हैं कि जब किसी को चारों ओर से जीवन में शत्रुओं ने घेर रखा हो, पल पल पर जान माल खो जाने का खतरा हो तो मंगलवार के दिन माता महाकाल की विशेष आराधना करने से प्रसन्न होकर मां शत्रुओं से रक्षा करने का आशीर्वाद देती हैं । इसी के साथ माता हर तरह की मनोकामना भी पूर्ति करती हैं । पूजा के साथ माता को इतने नींबूओं की माला पहनाने से सभी शत्रुओं का नाश हो जाता हैं । Show कुछ लोग तो अंधविश्वास भी मानते हैं परंतु जो लोग माता की माया एवं कृपा देखे हैं वह कभी भी अंधविश्वास नहीं मानेंगे । अपने भक्ति और श्रद्धा के साथ हमेशा काली माता को पूजा करते रहेंगे । गुप्त टोटके तांत्रिक टोटके महाशक्तिशाली वशीकरण इच्छापूर्ति टोटका प्राचीन ऋषियों के शक्तिशाली टोटके स्वास्थ्य संबंधी टोटके घरेलू टोटके भाग्य जगाने के टोटके जमीन बेचने में अड़चन पर टोटके इंद्रजाल टोटके शनिवार के टोटके रामबाण टोटके असली प्रैक्टिकल टोटके प्राचीन टोटके शास्त्र के अनुसार काली माता के पूजा बहुत कठिन होती हैं कोई भी मंत्रों स्पष्ट से कहना पड़ता है भूल भाल मंत्र जप करने से मां की क्रोध बढ़ जाती है । यदि आप भूल भाल मंत्रों की प्रयोग करेंगे तो इसमें आपको नुकसान भी हो सकता ,इसलिए इस मंत्रों स्पष्ट उच्चारण करके भक्ति और श्रद्धा के साथ माता की पूजा करें । यह दुनिया चलता है विश्वास पर यदि आप माता पर विश्वास रखते हैं तो माता आपको जरूर कृपा करेंगे । जब भी आप को मौका मिले तो इस मंत्र का जाप अवश्य करें 🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏🌷🙏 इस मंत्रों के जरिए काली माता को बहुत ही शीघ्र प्रसन्ना कर सकते हैं । जिस पर माता खुशी होती है उनके हर संकट बुरे दिन को मिटा देते हैं बड़े कृपा भी करते हैं । जहां उनके घर में दरिद्रता कभी नहीं रहेंगे । मां काली शक्ति सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख देवी हैं, जिस तरह संहार के अधिपति शिव जी हैं उसी प्रकार संहार की अधिष्ठात्री देवी मां काली हैं. शक्ति के कई स्वरूप हैं. शुम्भ-निशुम्भ के वध के समय मां के शरीर से एक तेज पुंज बाहर निकल गया था. फलस्वरूप उनका रंग काला पड़ गया और तभी से उनको काली कहा जाने लगा. इनकी पूजा उपासना से भय नाश ,आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की रक्षा और शत्रुओं का नियंत्रण होता है. इनकी उपासना से तंत्र मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं. मां काली की पूजा का उपयुक्त समय रात्रि काल होता है. पाप ग्रहों, विशेषकर राहु और केतु शनि की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक होती है. मां काली की पूजा की विशेषता और सावधानियां क्या हैं- - मां काली की उपासना दो प्रकार से होती हैं- सामान्य पूजा और तंत्र पूजा. - सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है, लेकिन तंत्र पूजा बिना गुरु के संरक्षण और निर्देश के नहीं की जा सकती है. मां काली की उपासना का सबसे उपयुक्त समय मध्य रात्रि का होता है. - शुक्रवार के दिन पवित्र होकर हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर माता के मंदिर में जाकर गुग्गल की धूप जलाने के बाद गुलाब के फूल चढ़ाएं और माता की मूर्ति के समक्ष बैठकर अपनी समस्याओं के खत्म करने की प्रार्थना करें. - मां काली की उपासना में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जो सामान्यतः इन्हें अर्पित की जाती हैं. - मां काली की उपासना शत्रु और विरोधी को शांत करने के लिए करनी चाहिए. किसी के नाश अथवा मृत्यु के लिए मां की उपासना नहीं करनी चाहिए. शत्रु और मुक़दमे की समस्या से ऐसे पाएं मां काली की कृपा से मुक्ती- - लाल वस्त्र धारण करके लाल आसन पर बैठें. - मां काली के समक्ष दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं. - मां को प्रसाद में पेड़े और लौंग अर्पित करें. - इसके बाद "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का 13 माला जाप करें. - शत्रु और मुक़दमे से मुक्ति की प्रार्थना करें. - मंत्र जाप के बाद 10 मिनट तक जल का स्पर्श न करें. - ये प्रयोग लगातार 27 रातों तक करें. माता काली के समक्ष जलाएं दिव्य धूप- - मुकदमे या कर्जे की समस्या हो तो नौ दिन देवी के समक्ष गुग्गुल की सुगंध की धूप पान के पत्ते पर रखकर जलाएं. - अपने मन की इच्छा पूरी करने के लिए माता काली के सामने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ भी उच्च स्वर में करें ऐसा लगातार 7 दिन करें. नौकरी-व्यापार और धन की समस्या को खत्म करने के लिए करें दिव्य प्रयोग- - 11 या 21 शुक्रवार मां कालिका के मंदिर जाएं. - लाल आसन पर बैठकर ॐ क्रीं नमः 108 बार जपें. - क्षमा मांगते हुए अपनी क्षमता अनुसार उन्हें चुनरी, नारियल, हार-फूल चढ़ाकर प्रसाद छोटी कन्याओं में बांटें. - माता कालिका की पूजा में लाल कुमकुम, अक्षत, गुड़हल के लाल फूल और भोग में हलवे या दूध से बनी मिठाई भी अर्पण करें. - पूरी श्रद्धा से मां की उपासना करें आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. मां के प्रसन्न होते ही मां के आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत ही सुखद होगा और नौकरी व्यापार और धन की समस्या तुरंत ही खत्म होगी. मां काली को खुश करने के लिए क्या करें?ज्योतिष के अनुसार, किसी भी मंगलवार के दिन मां काली को प्रसन्न करने के लिए काली माता के मंदिर में जाकर सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए 3 माला माता के बीज मंत्र का जप करें। मंत्र- ।। ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं क्रीं क्रीं फट ।।
माँ काली से बात कैसे करे?मां काली को बुलाने से पहले अर्थात मां काली का आवाहन करने से पहले भक्तों को पूर्ण निष्ठा भक्ति भाव से मां काली की पूजा अर्चना करनी चाहिए। क्रीं हूं हूं ह्रीं हूं हूं क्रीं स्वाहा। क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा। ॐ श्री महाकालिकायै नमः।।
मां काली का दिन कौन सा है?शुक्रवार के दिन देवी काली की पूजा लाल या गुलाबी वस्त्र पहन कर ही करना चाहिए। देवी के समक्ष गुग्गल की धूप जरूर जलाना चाहिए और पूजा में लाल गुलाब के फूल ही चढ़ाने चाहिए। देवी काली की पूजा में लाल या काली वस्तुओं का विशेष महत्व है।
काली माता को नींबू चढ़ाने से क्या होता है?यह 108 नींबू की माला बनाकर मां काली को चढ़ाएं और उनके आगे प्रार्थना भी करें। शीघ्र आप पाएंगे कि आपके सभी शत्रु व गुप्त शत्रु आप से दूर होते जा रहे हैं। नींबू को बलि देने के तौर पर उपयोग किया जाता है। मां काली को नींबू की माला चढ़ाने से वह बहुच प्रसन्न होती हैं।
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