लोक प्रशासन का मूल तत्व क्या है? - lok prashaasan ka mool tatv kya hai?

विषयसूची

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  • 1 लोक प्रशासन के महत्व कौन कौन से हैं?
  • 2 लोक प्रशासन के प्रमुख उपागम कौन कौन से हैं?
  • 3 लोक प्रशासन के क्षेत्र कौन कौन से हैं?
  • 4 लोक प्रशासन का दायरा क्या है?
  • 5 आधुनिक लोक सेवा की क्या भूमिका है मूल्यांकन कीजिए?

लोक प्रशासन के महत्व कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंपरिवर्तनशील सामाजिक जीवन में पुराने और नये मूल्यों के मध्य उचित समन्वय स्थापित कर लोक प्रशासन सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करता है । वह सामाजिक प्रगति के स्वस्थ्य तत्वों को प्रोत्साहित कर, आर्थिक-सामाजिक उन्नति की बाधाओं को दूर कर भी सामाजिक स्थायित्व को आधार प्रदान करता है ।

लोक प्रशासन का जन्मदाता कौन है?

इसे सुनेंरोकेंचरण (1887 – 1926) – एक विषय के रूप में लोक-प्रशासन का जन्म 1887 में हुआ। अमेरिका के प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र के तत्कालीन प्राध्यापक वुडरो विल्सन को इस शास्त्र का जनक माना जाता है।

लोक प्रशासन की विशेषता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे ‘सरकार’ कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार ‘सेवा’ है।

लोक प्रशासन के प्रमुख उपागम कौन कौन से हैं?

लोक प्रशासन के अध्ययन के विभिन्न उपागमों की व्याख्या इस प्रकार है:

  1. दार्शनिक उपागम:
  2. कानूनी उपागम:
  3. ऐतिहासिक उपागम:
  4. केस पद्धति उपागम:

लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं इसके क्षेत्र का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंव्यापक दृष्टिकोण के समर्थक यह मानते हैं कि लोक प्रशासन के अन्तर्गत सरकार के तीनों अंगों-व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका द्वारा सम्पादित कार्य शामिल हैं। इनके अनुसार लोक प्रशासन के क्षेत्र में वे सभी क्रियाकलाप सम्मिलित हैं जिनका प्रयोजन लोक-नीति को पूरा करना या उसे क्रियान्वित करना होता है।

नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख विचारक कौन हैं?

इसे सुनेंरोकेंसन् 1971 में दो महत्वपूर्ण ग्रन्थ प्रकाशित हुए- फ्रेंक मैरीनी द्वारा सम्पादित ‘नवीन लोक प्रशासन की दिशाएँ-मिन्नोब्रुक परिप्रेक्ष्य में’ (Towards a New Public Administration- Minnow Brook Perspective) तथा ड्‌वाइट वाल्डो द्वारा सम्पादित ‘उथल-पुथल के काल में लोक प्रशासन’ (Public Administration in a Time of Turbulence) ।

लोक प्रशासन के क्षेत्र कौन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंवाकर ने लोक प्रशासन के क्षेत्र निम्नलिखित दस विषयों को सम्मिलित किया है – वैधानिक ,राजनितिक ,सामाजिक ,आर्थिक शैक्षणिक ,वित्तीय , प्रतिरक्षा , स्थानीय शासन , विदेशी एवं साम्राज्य सम्बन्धी।

आधुनिक समाज में लोक प्रशासन का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंलोक प्रशासन का महत्त्व (भूमिका) लोक प्रशासन का मुख्य कार्य की नीतियों को लागू करना है। यही कारण है कि राज्य की नीतियाँ कितनी ही श्रेष्ठ और अच्छी क्यों न हों, यदि उन्हें अयोग्यता से लागू किया जाता है तो भयंकर परिणाम निकलते हैं। लोक प्रशासन के महत्त्व को देखते ही इसे ‘आधुनिक सभ्यता का हृदय’ कहा गया है।

लोक प्रशासन के कितने तत्व हैं?

इसे सुनेंरोकेंa) लोक प्रशासन का सम्बन्ध सरकार की तीनों शाखाओं-विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका का क्रियाओं से है। (b) लोक प्रशासन में सभी प्रकार के प्रबन्धकीय, तकनीकी तथा सार्वजनिक कार्य शामिल हैं।

लोक प्रशासन का दायरा क्या है?

इसे सुनेंरोकें’लोक प्रशासन’ प्रशासन के एक अधिक व्यापक क्षेत्र का एक पहलू है । यह राजनीतिक निर्णय निर्माताओं द्वारा निर्धारित लक्ष्यों और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक राजनीतिक व्यवस्था में मौजूद होता है । इसे सरकारी प्रशासन के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ‘लोक प्रशासन’ में लगे विशेषण ‘लोक’ का अर्थ ‘सरकार’ होता है ।

क्या प्रशासन का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकें’प्रशासन’ का शाब्दिक अर्थ है- सार्वजनिक या निजी मामलों का प्रबंधन । ई. एन. ग्लैडेन ने कहा- ”प्रशासन एक लंबा और थोड़ा आडंबरपूर्ण शब्द है, लेकिन इसका सीधा-सादा अर्थ है- मामलों का प्रबंध करना, लोगों का देखभाल करना या उनका ध्यान रखना ।

प्रशासन से आप क्या समझते हैं?

आधुनिक लोक सेवा की क्या भूमिका है मूल्यांकन कीजिए?

प्रशासन कितने प्रकार का होता है?

प्रशासन

  • लोक प्रशासन
  • सैन्य प्रशासन
  • व्यवसाय प्रशासन
  • प्रशासन (सरकार)

लोक प्रशासन का मूल तत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसंगठन लोक प्रशासन का मुख्य तत्व संगठन है जिसके लिए वह अपनी गतिविधियों को कार्य रूप देता है । यह संगठन के प्रति अपने कार्यनिष्ठा का परिचय देता है। सत्ता प्रशासन करने वाले व्यक्ति के पास अधिकार का होना अति आवश्यक है जिसके आधार पर वह दूसरों से किसी कार्य में सहयोग तथा अपने कार्यों का संचालन करता है ।

लोक प्रशासन से आप क्या  समझते है? 

what do you mean by Public Administration?

लोक प्रशासन को समझने से पहले हम प्रशासन को समझेगे :- ‘प्रशासन’ मूल रूप में संस्कृत का शब्द है । यह ‘प्र’ उपसर्ग-पूर्व ‘शास्’ धातु से बना है जिसका अर्थ उत्कृष्ट रीती से कार्य करना है । किंतु इसका वास्तविक अर्थ निर्देश देना, आदेश देना है । वैदिक काल में प्रशासन का प्रयोग इसी अर्थ में होता था । प्रशासन शब्द अंग्रेजी शब्द ‘Adminstration’ का हिंदी रूपांतरण है । ‘Adminstration’ शब्द लैटिन भाषा में AD + MINISTRERE शब्दों के संयोग से बना है । फ्रेंच में यह शब्द Adminster तथा पुरानी अंग्रेजी में Administern रहा है , जिसका अर्थ है ‘लोगों की देखभाल करना’ या ‘कार्यों की देखभाल करना’ है जैसे – पादरी द्वारा किसी व्यक्ति को धार्मिक लाभ पहुँचाने के लिए धार्मिक संस्कार करना,  न्यायाधीश द्वारा न्याय करना आदि ।

प्रशासन पर न्यायिक नियंत्रण क्या है ? (What is the Judicial Control over Administration)

सर्वजनिक कार्यों के सम्पादन से संबंधित प्रशासन को लोक प्रशासन कहा जाता है । इस का सामान्य अर्थ जनहित के उद्देश्यों से संचालित गतिविधियाँ हैं  । परम्परिक रूप में यह गतिविधियाँ सरकारी गतिविधियाँ तक ही सीमित थी और तदनुरूप लोक प्रशासन का अर्थ भी मात्र सरकारी प्रशासन से लिया जाता था ।

प्रशासन शब्द के अंतर्गत निजी एवं सरकारी गतिविधियों का प्रबन्धन सम्मिलित है । प्रशासन एक सुनिश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा परस्पर सहयोग का नाम है । मानव सभ्यता की बुनियाद इस सहयोग पर आधारित है । सहयोग के अभाव में मानव सभ्यता की कल्पना करना असंभव है । अतः प्रशासन का तत्व हमारी सभ्यता में आरंभ से ही मौजूद था ।

यह एक व्यापक प्रक्रिया है जो सभी सामूहिक कार्यों के विषय में चाहे सार्वजनिक हो या व्यक्तिगत, नागरिक हो या सैनिक, बड़े कार्य हो या छोटे, सभी के संबंध में लागू होता हैं । यह एक सहयोगी कार्य है, जो सुनिश्चित उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है । किसी उद्देश्य के लिए किए जाने वाले सभी प्रकार के प्रयत्नों की तुलना में प्रशासन आधुनिक युग की ही विशेषता नहीं है , अपितु इसकी झलक सभ्यता के विकास के आरंभ में ही भली-भाँति दिखाई देने लगी थी । आदिम काल में गृहस्वामी तक के लिए यह महत्व का विषय थी । मिस्र देश के पिरामिडो का निर्माण आश्चर्यजनक प्रशासनिक सफलता थी और यही बात रोम साम्राज्य की व्यवस्था के बारे में कही जा सकती है । प्रशासन उद्देश्य प्राप्ति के लिए स्थापित संगठन एवं मनुष्य तथा वस्तुओं का प्रयोग है । यह उन प्रबंधन का विशेषीकृत व्यवसाय है, जिनके पास व्यक्तियों और भौतिक संसाधनों को संगठित एवं निर्देशित करने का उसी प्रकार का एक कौशल होता है ।

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‘प्रशासन’ शब्द अत्यंत व्यापक दृष्टिकोण वाला शब्द है । साधारण रूप में ‘प्रशासन’ शब्द चार भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयुक्त होता है  ।

प्रथम अर्थ में प्रशासन को मंत्रिमण्डल या सर्वोच्च कार्यपालिका के पर्यायवाची के रूप में माना जाता है । जैसे – मोदी प्रशासन, नेहरू प्रशासन, डोनल ट्रैम्प प्रशासन आदि ।

द्वितीय अर्थ में प्रशासन को ज्ञान की एक शाखा माना जाता है । जैसे – लोक प्रशासन अन्य विषयों की भाँति सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है ।

तीसरे अर्थ में इसका प्रयोग सार्वजनिक या लोकनीति अथवा लोक नीतियों को क्रियान्वित करने वाली क्रिया अथवा किसी सेवा या सामग्री का उत्पादन करने वाली क्रिया के रूप में किया जाता है । जैसे – भारतीय प्रशासन, भारतीय रेलवे प्रशासन, शिक्षा प्रशासन आदि । और

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चतुर्थ अर्थ में प्रशासन का प्रयोग प्रबंध के गुण अथवा प्रबंध की क्षमता के रूप में भी होता है । जैसे – यह कहना कि उक्त व्यक्ति आश्रम में समक्ष प्रशासन के गुण विद्यमान है अथवा नहीं है ।

इन चारों अर्थों में आपसी भिन्नता के कारण प्रशासन की एक सर्वमान्य परिभाषा करना कठिन है । वास्तव में ‘प्रशासन’ एक निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनुष्य द्वारा आपसी सहयोग के द्वारा की जाने वाली किसी सामूहिक क्रिया का नाम है ।

ई. एन. ग्लैडन के शब्दों में, “प्रशासन एक लंबा तथा अलंकारयुक्त शब्द है, किंतु इसका अर्थ सीधा-सादा है, क्योंकि इसका अर्थ लोगों की ‘देखभाल करना’ तथा ‘परम्परिक संबंधों की व्यवस्था करना’ है ।”

प्रशासन का शाब्दिक अर्थ –  उत्कृष्ट, श्रेष्ठ, विशिष्ट या पूर्ण रूप से शासन करना ।

प्रशासन का सामान्य डिक्शनरी अर्थ – कार्यों का प्रबंध या व्यक्तियों की देखभाल ।

ब्रिटेनिका डिक्शनरी के अनुसार, कार्यों का प्रबंध या कार्यों को पूर्ण करने की क्रिया ।

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प्रशासन एक व्यापक दृष्टिकोण वाला शब्द है, जो अलग-अलग अर्थों में उपयोग किया जाता है ; जैसे –

1        1.     कार्यपालिका के पर्यायवाची के रूप में ।

          2.     ज्ञान की एक शाखा के रूप में ।

          3.     सर्वजनिक अथवा लोकनीति को क्रियान्वित कराने वाली क्रिया के रूप में ।

          4.     प्रबंध की क्षमता के रूप में ।

प्रशासन की परिभाषाएँ

Administration Definitions

प्रशासन की परिभाषाएँ विभिन्न विद्वानों ने अनेक प्रकार से दी है ;

ड्वाईट वाल्डो के अनुसार, “प्रशासन सहकारी मानव प्रयास का एक प्रकार है, जिसमें तार्किकता की एक उच्च मात्रा मौजूद होती है ।”

एल. डी. ह्वाइट के अनुसार, “प्रशासन उद्देश्य प्राप्ति के लिए बहुत से व्यक्तियों (के संबंध में) के निर्देशन, नियंत्रण और समन्वयीकरण की कला है ।”

हर्बर्ट साइमन के अनुसार, “व्यापक अर्थ में जो समूह सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सहयोग करते हैं उनके कार्यों को प्रशासन की संज्ञा दे सकते हैं ।”

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मार्शल ई. डीमॉक के शब्दों में, “प्रशासन का संबंध सरकार के ‘क्या’ और ‘कैसे’ से है । ‘क्या’ का अर्थ विषय-वस्तु है, अर्थात् किसी क्षेत्र का तकनीकी ज्ञान जिससे एक प्रशासन अपने कार्यों को पूरा कराने में सक्षम हो पाता है । ‘कैसे’ का अर्थ प्रबंध की तकनीक या पद्धति से है, अर्थात् वह सिद्धार्थ जिसके द्वारा किसी संचालित कार्य या योजना को सफल बनाने बनाया जा सकता है । दोनों ही अनिवार्य हैं और दोनों का समन्वय ही प्रशासन कहलाता है ।”

उपर्युक्त परिभाषाओं से यह विदित होता है कि प्रशासन के संबंध में विचारकों का मत एकीकृत तथा प्रबंधकीय दोनों में विभाजित है । इस विवादपूर्ण प्रश्न पर एकपक्षीय निर्णय लेना कठिन है । अच्छा मार्ग यह हो सकता है कि प्रशासन को परिभाषित करते समय उसके दोनों विचारों को अलग-अलग देखने की आवश्यकता है । इस संबंध में प्रो. एम. पी. शर्मा ने निष्कर्ष निकाला है कि “प्रशासन में वे सभी कार्य आ जाते हैं जिन्हें किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है, परंतु कौशल एवं कला के रूप में उसके भीतर केवल प्रबंधकारी कार्यो में कुशलता का ही समावेश होता है । ये प्रबंधकारी कार्य कार्य सब प्रकार के विवेकपूर्ण सामूहिक प्रयत्नों में एकसमान होते हैं । क्रियाओं के मिश्रण के रूप में प्रशासन अनंत स्वरूप ग्रहण कर लेता है और प्रत्येक विषय-क्षेत्र में पृथक रूप ले लेता है, परंतु जब हम उस का कौशल काल के रूप में अध्ययन करते हैं तो सुबह सब एक जैसा ही होता है ।”

https://www.youtube.com/watch?v=4rmnPvE6piw

प्रशासन की विशेषताएँ

Features of Administration

उपरोक्त अर्थ और परिभाषाओं के परिप्रेक्ष्य में प्रशासन की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं ;

1.  एक सर्वव्यापी प्रक्रिया अर्थात – यह सभी स्थानों पर घटित है ।2.   एक सामूहिक गतिविधि अर्थात एकल व्यक्ति के कार्य प्रशासन नहीं है, लेकिन समूह में प्रत्येक व्यक्ति के कार्य प्रशासन है ।3.     निश्चित लक्ष्य ।4.  एक अधिकार-युक्त प्रक्रिया है अर्थात पद के पास अधिकार होते हैं, जिससे वह कार्य-दायित्व पूरे कर पाता है ।5.  एक संगठनिक के गतिविधि है । संगठन प्रशासन का मूर्त रूप है । संगठन की उपस्थिति ही अनिवार्यता ही प्रशासन को औपचारिक प्रक्रिया बनाती है और इसलिए परिवार जैसी अनौपचारिक संस्थानों में प्रशासन की उपयोगिता सीमित होती है ।6. प्रशासन का सामूहिक उद्देश्य कार्यरत कार्मिक के व्यक्तिगत उद्देश्य से भिन्न होता है । कार्मिक का व्यक्तिगत उद्देश्य वेतन प्राप्ति है ।7.   सहयोगात्मक प्रयास है अर्थात कार्मिक के मध्य परस्पर और सहयोग अनिवार्य हैं ।8. इसके संस्थागत आधार पर दो स्वरूप है, सरकारी या लोक प्रशासन और वैयक्तिक या निजी प्रशासन ।9.     यह एक अनेकार्थी शब्द है ।10.  एक क्रिया के रूप में प्राचीन काल से अस्तित्व में है ।11.   इसमें लगे प्रत्येक कार्मिक के कार्यों का योग है ।12.  यह प्रबंध से व्यापक है ।

प्रशासन के मूल तत्व कितने हैं?

विभिन्न लेखकों द्वारा दी गई परिभाषाओं के आधार पर यह स्पष्ट है कि लोक प्रशासन के अर्थ के सम्बन्ध में दो विचारधाराएँ हैं व्यापक तथा संकुचित | व्यापक विचारधारा के अन्तर्गत लोक प्रशासन में सरकार की तीनों शाखाओं विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका की गतिविधियाँ सम्मिलित हैं

लोक प्रशासन कितने प्रकार के होते हैं?

यदि हम उपरोक्त परिभाषाओं का विश्लेषण करें तो लोक प्रशासन के सम्बन्ध में दो प्रकार के विचार सामने आते हैं- व्यापक एवं संकुचित | व्यापक विचारधारा के अनुसार, लोक प्रशासन के अन्तर्गत सरकार की सम्पूर्ण क्रियाएं, चाहे वे विधानमण्डल, कार्यपालिका अथवा न्यायपालिका किसी से भी सम्बन्धित हों, सम्मिलित हैं

प्रशासन के लिए आवश्यक तत्व क्या है?

जबकि इनसाइक्लोपीडिया आफ ब्रिटानिका में प्रशासन के संबंध में कहा गया है कि कार्यों के प्रबंध अथवा उन को पूरा करने की एक क्रिया है अतः स्पष्ट है कि प्रशासन में शासन और सेवा दोनों ही क्रियाएं शामिल है। संगठन लोक प्रशासन का मुख्य तत्व संगठन है जिसके लिए वह अपनी गतिविधियों को कार्य रूप देता है ।

लोक प्रशासन की मुख्य विशेषता क्या है?

प्रशासन का वह भाग जो सामान्य जनता के लाभ के लिये होता है, लोकप्रशासन कहलाता है। लोकप्रशासन का संबंध सामान्य नीतियों अथवा सार्वजनिक नीतियों से होता है। एक अनुशासन के रूप में इसका अर्थ वह जनसेवा है जिसे 'सरकार' कहे जाने वाले व्यक्तियों का एक संगठन करता है। इसका प्रमुख उद्देश्य और अस्तित्व का आधार 'सेवा' है।