शत्रुघ्न की पत्नी का नाम क्या था? - shatrughn kee patnee ka naam kya tha?

रामायण की रचना आचार्य वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में की थी. रामायण में छ अध्याय और 24,000 श्लोक लिखे गए हैं. रामायण के प्रत्येक अध्याय को कांड कहा जाता हैं. रामायण की घटना त्रेतायुग की मानी जाती हैं. हिन्दू धर्म ग्रंथो में समय को चार भागों में बाटा गया हैं. समय के इस चक्र में प्रत्येक युग में 4,32,000 वर्षो की बढ़त होती हैं. इस प्रकार से कलयुग 4,32,000 वर्ष, द्वापर युग 8,64,000 वर्ष, त्रेता युग 17,28,000 वर्ष और सतयुग 34,56,000 वर्षो का होता हैं. इस प्रकार से रामायण का समय आज से 8,70,000 (कलियुग के 5000 वर्ष और द्वापर युग के 8,64,000 वर्ष) वर्ष पहले का होता हैं.

सुग्रीव की पत्नी का नाम क्या था – सुग्रीव और बाली की कहानी

अनुक्रम

  • भरत की पत्नी का नाम क्या था? (Bharat ki patni ka naam kya tha –
  • ram lakshman bharat shatrughan ki patni ka naam)
  • रामायण के अध्धयायो के नाम क्या हैं?

भरत की पत्नी का नाम क्या था? (Bharat ki patni ka naam kya tha –

ram lakshman bharat shatrughan ki patni ka naam)

एक खुशहाल राष्ट्र अयोध्या का उल्लेख रामायण में मिलता हैं. इस राष्ट्र के राजा दशरथ थे. जिनके तीन पत्निया कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा थी. संतान प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने अपने गुरु वशिष्ठ के आज्ञा अनुसार पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया. जिसके फलस्वरूप माता कौशल्या के गर्भ से प्रभु श्री राम, माता कैकई के गर्भ से भरत, तथा माता सुमित्रा के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था.

दशरथ जी के चारों पुत्रो का विवाह राजा जनक की चारों पुत्रियों से हुआ. सबसे बड़ी पुत्री माता सीता जी का विवाह प्रभु श्री राम से हुआ. लक्ष्मण जी का विवाह उर्मिला से हुआ. शत्रुघ्न की पत्नी का नाम श्रुतकीर्ति था. और भरत की पत्नी का नाम मांडवी था.

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रामायण के अध्धयायो के नाम क्या हैं?

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार श्री राम भगवान विष्णु के अवतार हैं. इस अवतार का उद्देश्य मनुष्य को आदर्श जीवन का उदाहरन देना हैं. श्री राम रामायण में रावण का वध करके धर्म और सत्य की फिर से स्थापना करते हैं.

रामायण से हम सब परिचित हैं। हमारे परिवार के कई सदस्य तो ऐसे होंगे जो रामायण कई बार पढ़ चुके हैं। फिर भी युवा पीढ़ी में ज्यादातर इस महाकाव्य के सभी पात्रों से परिचित नहीं होंगे। हम यहां दे रहे हैं रामायण के सभी प्रमुख पात्र और उनका परिचय । इसके परिचय से रामायण को आसानी से और अच्छे से समझ सका जा सकेगा।

  • दशरथ: कौशल प्रदेश के राजा। राजधानी एवं निवास अयोध्या।
  • कौशल्या- दशरथ की बड़ी रानी, राम की माता।
  • सुमित्रा - दशरथ की मझली रानी, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न की माता।
  • कैकयी- दशरथ की छोटी रानी, भरत की माता।
  • सीता- जनकपुत्री, राम की पत्नी।
  • उर्मिला- जनकपुत्री, लक्ष्मण की पत्नी।
  • मांडवी- जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री, भरत की पत्नी।
  • श्रुतकीर्ति - जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री, शत्रुघ्न की पत्नी।
  • राम- दशरथ तथा कौशल्या के पुत्र, सीता के पति।
  • लक्ष्मण - दशरथ तथा सुमित्रा के पुत्र, उर्मिला के पति।
  • भरत – दशरथ तथा कैकयी के पुत्र, मांडवी के पति।
  • शत्रुघ्न - दशरथ तथा सुमित्रा के पुत्र, श्रुतकीर्ति के पति, मथुरा के राजा लवणासुर के संहारक।
  • शान्ता – दशरथ की पुत्री, राम बहन।
  • बाली – किश्कंधा (पंपापुर) का राजा, रावण का मित्र तथा साढ़ू, साठ हजार हाथीयों का बल।
  • सुग्रीव – बाली का छोटा भाई, जिनकी हनुमान जी ने मित्रता करवाई।
  • तारा – बाली की पत्नी, अंगद की माता, पंचकन्याओं में स्थान।
  • रुमा – सुग्रीव की पत्नी, सुषेण वैध की बेटी।
  • अंगद – बाली तथा तारा का पुत्र।
  • रावण – ऋषि पुलस्त्य का पौत्र, विश्रवा तथा पुष्पोत्कटा (केकसी) का पुत्र।
  • कुंभकर्ण – रावण तथा कुंभिनसी का भाई, विश्रवा तथा पुष्पोत्कटा (केकसी) का पुत्र।
  • कुंभिनसी – रावण तथा कूंभकर्ण की बहन, विश्रवा तथा पुष्पोत्कटा (केकसी) की पुत्री।
  • विश्रवा - ऋषि पुलस्त्य का पुत्र, पुष्पोत्कटा-राका-मालिनी के पति।
  • विभीषण – विश्रवा तथा राका का पुत्र, राम का भक्त।
  • पुष्पोत्कटा (केकसी) – विश्रवा की पत्नी, रावण, कुंभकर्ण तथा कुंभिनसी की माता।
  • राका – विश्रवा की पत्नी, विभीषण की माता।
  • मालिनी - विश्रवा की तीसरी पत्नी, खर-दूषण त्रिसरा तथा शूर्पणखा की माता।
  • त्रिसरा – विश्रवा तथा मालिनी का पुत्र, खर-दूषण का भाई एवं सेनापति।
  • शूर्पणखा - विश्रवा तथा मालिनी की पुत्री, खर-दूसन एवं त्रिसरा की बहन, विंध्य क्षेत्र में निवास।
  • मंदोदरी – रावण की पत्नी, तारा की बहन, पंचकन्याओ मे स्थान।
  • मेघनाद – रावण का पुत्र इंद्रजीत, लक्ष्मण द्वारा वध।
  • दधिमुख – सुग्रीव के मामा।
  • ताड़का – राक्षसी, मिथिला के वनों में निवास, राम द्वारा वध।
  • मारीची – ताड़का का पुत्र, राम द्वारा वध (स्वर्ण मर्ग के रूप मे )।
  • सुबाहू – मारीची का साथी राक्षस, राम द्वारा वध।
  • सुरसा – सर्पों की माता।
  • त्रिजटा – अशोक वाटिका निवासिनी राक्षसी, रामभक्त, सीता से अनुराग।
  • प्रहस्त – रावण का सेनापति, राम-रावण युद्ध में मृत्यु।
  • विराध – दंडक वन मे निवास, राम लक्ष्मण द्वारा मिलकर वध।
  • शंभासुर – राक्षस, इन्द्र द्वारा वध, इसी से युद्ध करते समय कैकेई ने दशरथ को बचाया था तथा दशरथ ने वरदान देने को कहा।
  • सिंहिका – लंका के निकट रहने वाली राक्षसी, छाया को पकड़कर खाती थी।
  • कबंद – दण्डक वन का दैत्य, इन्द्र के प्रहार से इसका सर धड़ में घुस गया, बाहें बहुत लम्बी थी, राम-लक्ष्मण को पकड़ा, राम- लक्ष्मण ने गङ्ढा खोद कर उसमें गाड़ दिया।
  • जामबंत – रीछ थे, रीछ सेना के सेनापति।
  • नल – सुग्रीव की सेना का वानरवीर।
  • नील – सुग्रीव का सेनापति जिसके स्पर्श से पत्थर पानी पर तैरते थे, सेतुबंध की रचना की थी।
  • नल और नील – सुग्रीव सेना में इंजीनियर व राम सेतु निर्माण मे महान योगदान। (विश्व के प्रथम इंटरनेशनल हाईवे “रामसेतु” के आर्किटेक्ट इंजीनियर)
  • शबरी – अस्पृश्य जाती की रामभक्त, मतंग ऋषि के आश्रम में राम-लक्ष्मण-सीता का आतिथ्य सत्कार।
  • संपाती – जटायु का बड़ा भाई, वानरों को सीता का पता बताया।
  • जटायु – रामभक्त पक्षी, रावण द्वारा वध, राम द्वारा अंतिम संस्कार।
  • गृह – श्रंगवेरपुर के निषादों का राजा, राम का स्वागत किया था।
  • हनुमान – पवन के पुत्र, राम भक्त, सुग्रीव के मित्र।
  • सुषेण वैध – सुग्रीव के ससुर।
  • केवट – नाविक, राम-लक्ष्मण-सीता को गंगा पार करायी।
  • शुक्र-सारण – रावण के मंत्री जो बंदर बनकर राम की सेना का भेद जानने गये।
  • अगस्त्य – पहले आर्य ऋषि जिन्होंने विन्ध्याचल पर्वत पार किया था तथा दक्षिण भारत गये।
  • गौतम – तपस्वी ऋषि, अहल्या के पति, आश्रम मिथिला के निकट।
  • अहल्या - गौतम ऋषि की पत्नी, इन्द्र द्वारा छलित तथा पति द्वारा शापित, राम ने शाप मुक्त किया, पंचकन्याओं में स्थान।
  • ऋण्यश्रंग – ऋषि जिन्होंने दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कटाया था।
  • सुतीक्ष्ण – अगस्त्य ऋषि के शिष्य, एक ऋषि।
  • मतंग – ऋषि, पंपासुर के निकट आश्रम, यही शबरी भी रहती थी।
  • वसिष्ठ – अयोध्या के सूर्यवंशी राजाओं के गुरु।
  • विश्वमित्र – राजा गाधि के पुत्र, राम-लक्ष्मण को धनुर्विधा सिखायी थी।
  • शरभंग – एक ऋषि, चित्रकूट के पास आश्रम।
  • सिद्धाश्रम – विश्वमित्र के आश्रम का नाम।
  • भरद्वाज – बाल्मीकी के शिष्य, तमसा नदी पर क्रौच पक्षी के वध के समय वाल्मीकि के साथ थे, माँ-निषाद’ वाला श्लोक कंठाग्र कर तुरंत वाल्मीकि को सुनाया था।
  • सतानन्द – राम के स्वागत को जनक के साथ जाने वाले ऋषि।
  • युधाजित – भरत के मामा।
  • जनक – मिथिला के राजा।
  • सुमन्त्र – दशरथ के आठ मंत्रियों में से प्रधान।
  • मंथरा – कैकयी की मुंह लगी दासी, कुबड़ी।
  • देवराज – जनक के पूर्वज-जिनके पास परशुराम ने शंकर का धनुष सुनाभ (पिनाक) रख दिया था।
  • अयोध्या – राजा दशरथ के कोशल प्रदेश की राजधानी, बारह योजना लंबी तथा तीन योजन चौड़ी, नगर के चारों ओर ऊँची व चौड़ी दीवारें व खाई थीं। राजमहल से आठ सड़के बराबर दूरी पर परकोटे तक जाती थी।

(नोटः यह सामग्री सोशलमीडिया से ली गई है। www.naidunia.com न इसकी पुष्टि करता है, ना ही खंडन। )

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रामायण में शत्रुघ्न के पत्नी का क्या नाम था?

एक दिन रात के समय राजमहल की छत पर कौशल्या ने शत्रुघ्न की पत्नी श्रुतकीर्ति को अकेले टहलते देखा तो चौंक उठीं. उन्होंने तत्काल पहरेदारों के जरिए उन्हें बुलवाया.

भरत की पत्नी का नाम क्या है?

माण्डवी हिंदू महाकाव्य रामायण में कुशध्वज की बेटी थीं और उनकी माता रानी चंद्रभागा थीं। उनकी एक छोटी बहन श्रुतकीर्ति थी। वह कैकेयी के पुत्र और राम के छोटे भाई भरत की पत्नी थीं।

भरत किसका अवतार था?

भरत रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के दूसरे पुत्र थे, उनकी माता कैकेयी थी। वे राम जी के भाई और गरुड़ के अवतार थे।

राम का सगा भाई कौन था?

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार, इस सदी के सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले देवता, अयोध्या के राजा दशरथ तथा रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे