मंगलवार का व्रत का उद्यापन कैसे करें? - mangalavaar ka vrat ka udyaapan kaise karen?

मंगलवार का व्रत का उद्यापन कैसे करें? - mangalavaar ka vrat ka udyaapan kaise karen?

Mangalwar Vrat Udyapan: मंगलवार व्रत के उद्यापन की खास विधि बताई गई है.

खास बातें

  • मंगलवार व्रत की ये है विधि.
  • मंगलवार व्रत उद्यापन की विधि है खास.
  • इस तरह किया जाता है मंगलवार व्रत का उद्यापन.

Mangalwar Vrat Udyapan: हनुमान जी के भक्त मंगलवार को व्रत (Tuesday Fast) रखते हैं. माना जाता है कि मंगलवार का व्रत () रखने से कुंडली का मंगल दोष खत्म खत्म हो जाता है. साथ ही हनुमान जी (Hanuman Ji) का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा यह व्रत साहस, शौर्य, बल और सम्मान को बढ़ाने वाला होता है. कुछ भक्त संतान प्राप्ति की इच्छा से भी इस व्रत को रखते हैं. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से बुरी शक्तियों के दुष्प्रभाव से भी मुक्ति मिल सकती है. मंगलवार का व्रत पूरा होने के बाद इसका उद्यापन करना जरुरी माना गया है. आइए जानते हैं कि मंगलवार व्रत का उद्यापन (Mangalwar Vrat Udyapan) कैसे किया जाता है और इस दिन हनुमान जी की पूजा कैसे की जाती है. 

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मंगलवार व्रत की पूजा विधि | Mangalwar Vrat Puja Vidhi

धार्मिक मान्यतानुसार, लगातार 21 मंगलवार तक विधि पूर्वक व्रत रखने से इच्छा पूरी होती है. ऐसे में व्रत दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि से निवृत होकर ईशान कोण या किसी हनुमान मंदिर में भगवान की प्रतिमा या तस्वीर के सामने शुद्ध आसन पर बैठा जाता है. मान्यता है कि मंगलवार का व्रत भक्तों को लाल वस्त्र पहनकर करना चाहिए. फिर हाथ में जल या गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद बजरंगबली के सामने घी का दीपक जलाया जाता है और भगवान को फूल की माना अर्पित की जाती है. रुई में चमेली का तेल लेकर हनुमान जी को अर्पित किया जाता है. इसके बाद मंगलवार व्रत कथा का पाठ किया जाता है. पूजा के अंत में सुंदरकांड का पाठ और हनुमानजी की आरती की जाती है. 

मंगलवार व्रत के उद्यापन की विधि | Mangalwar Vrat Udyapan Vidhi

मंगलवार का व्रत जब 21 मंगलवार तक कर लिया जाता है तो 22 वें मंगलवार को विधि पूर्वक हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा-आरती की जाती है. पूजा के बाद हनुमान जी को चोला अर्पित किया जाता है. इसके बाद ब्रह्मणों को भोजन कराकर व्रत का उद्यापन किया जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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Myjyotish Expert Updated 26 Jul 2021 06:23 PM IST

मंगलवार का व्रत का उद्यापन कैसे करें? - mangalavaar ka vrat ka udyaapan kaise karen?

मंगलवार व्रत उद्यापन विधि - फोटो : Google

Mangalvar (मंगलवार) Vrat Udyapan (उद्यापन) Vidhi And Samagri (सामग्री) - सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है कभी कभी कोई दिन एक से अधिक देवी देवताओं को समर्पित होता है तो कभी कभी एक ही देवी देवता को सप्ताह के एक से अधिक दिन समर्पित होता है। उसी प्रकार संकट मोचन भगवान हनुमान जी का दिन मंगलवार और शनिवार माना जाता है। मुख्यतः हनुमान जी के भक्त मंगलवार के दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा पाठ करते हैं।

मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मंगलवार के दिन व्रत रखने से कुंडली में मंगल ग्रह के निर्बल होने का प्रभाव बदल जाता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। शनि की महादशा और साढ़े साती का प्रभाव कम करने के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है।

मंगलवार के दिन उपवास और पूजा पाठ करने से सम्मान, बल, साहस, और पुरुषार्थ को बढ़ाने में सहायक है। बहुत से लोग संतान प्राप्ति या संतान संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी मंगलवार का व्रत रखते हैं। इस व्रत के फलस्वरूप पापों से मुक्ति प्राप्त होती है और व्रती के शत्रुओं का विनाश होता है। साथ ही इस व्रत से जादु, टोना और काली शक्तियों से भी बचने में सहायता मिलती है। इस लेख के माध्यम से जानते हैं की मंगलवार का व्रत कब से आरंभ करना चाहिए और साथ ही इस व्रत की पूजा विधि और उद्यापन के बारे में विस्तार से।

आज हम जानेगें कैसे करे मंगलवार व्रत उद्यापन और उसकी विधि

मंगलवार व्रत उद्यापन विधि (Mangalvar Vrat Udyapan Vidhi) -

व्रत शुरू करते समय लिए गए संकल्प के अनुसार 21 वें या 45 वें मंगलवार को आप व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। जिस मंगलवार के दिन आपका व्रत का संकल्प पूरा हो रहा हो उस दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करें और लाल वस्त्र जरूर चढ़ाएं। इसके साथ ही व्रत के समापन के दिन हवन जरूर करें और ब्राम्हणों को भोजन कराएं और दान दक्षिणा दे कर विदा करें।

कैसे करें मंगलवार के व्रत का आरंभ

मान्यताओं के अनुसार किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से मंगलवार के व्रत का आरंभ करना शुभ माना जाता है। यदि आप मंगलवार के व्रत को आरंभ करते हैं तो शास्त्रों के अनुसार 21 या 45 मंगलवार का व्रत रखना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस व्रत के दौरान व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बहुत से लोग मंगलवार का व्रत आजीवन भी रखते हैं।

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मंगलवार व्रत की पूजा विधि

  • इस व्रत को रखने के लिए सबसे पहले मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें अगर वस्त्र लाल रंग के हो जो ज्यादा बेहतर है। 
  • मान्यताओं के अनुसार आपने जो लाल वस्त्र पहना है वह सिला हुआ नहीं हो तो बेहतर है। 
  • मंगलवार के दिन व्रत के दौरान आप मंदिर या घर दोनों में से कहीं पर भी जा कर पूजा कर सकते हैं। 
  • यदि आप घर में पूजा कर रहे हैं, तो ईशान कोण को साफ कर के वहां पर एक चौकी रख उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। फिर उस चौकी के ऊपर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें और वहीं पर भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा या तस्वीर भी अवश्य स्थापित करें।
  • इतना करने के पश्च्यात हाथ में जल लेकर आप जितने मंगलवार का व्रत रखेंगे उसका संकल्प लें और हनुमान जी से प्रार्थना करें की आपको समस्त कष्टों से मुक्त करें और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। 
  • व्रत के संकल्प के बाद घी का दीपक या धूप दीप जलाकर पहले भगवान श्री राम और माता सीता की आरती करें, फिर हनुमान जी की पूजा करें।
  • हनुमान जी को लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल सिंदूर और चमेली के तेल का तेल बजरंगबली को चढ़ाएं।
  • इसके पश्च्यात हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें व आरती करें और भगवान को गुड़ केले और लड्डू का भोग लगाएं। 
  • भगवान पर चढ़ाए प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में वितरित करें। 

व्रत रखते समय यह ध्यान रहे कि इस व्रत में केवल एक बार शाम से पहले मीठा भोजन करना है। भोजन में नमक नाम मात्र का भी नहीं होना चाहिए इस बात का विशेष ख्याल रखें।

केवल पुरुष नहीं महिलाएं भी रख सकती हैं हनुमान जी का व्रत

बजरंगबली को ब्रह्मचारी कहा जाता है इस वजह से महिलाओं के मन में हनुमान जी के व्रत को लेकर सदैव संदेह बना रहता है। लेकिन सनातन धर्म के धर्मग्रंथों के अनुसार महिलाएं भी हनुमान जी का व्रत रख सकती हैं। किसी भी ग्रंथ, शास्त्र या पुराण में यह नहीं लिखा हुआ कि महिलाओं द्वारा हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए। लेकिन महिलाओं को व्रत और पूजा के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। हनुमान जी ब्रह्मचारी थे इस वजह से महिलाओं को हनुमान जी पर लाल वस्त्र या सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही महिलाएं अपने शुद्ध दिनों में ही हनुमान जी की पूजा करें इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

व्रत के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान

यदि आप हनुमान जी का व्रत रख रहे हैं तो अपने जीवनकाल के लिए मांस मदिरा का सेवन करना छोड़ दें और अपने आचार-विचार को स्वच्छ रखने का प्रयत्न करें। व्रत के दिन गरीबों में अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करें और घर के आसपास में या कहीं पर बंदर दिखें तो उन्हें केले या चना गुड़ खिलाएं। इससे आपकी सभी मनोकामना पूर्ति शीघ्र होगी।

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मंगलवार के व्रत का उद्यापन कैसे किया जाता है?

मंगलवार व्रत के उद्यापन की विधि | Mangalwar Vrat Udyapan Vidhi. मंगलवार का व्रत जब 21 मंगलवार तक कर लिया जाता है तो 22 वें मंगलवार को विधि पूर्वक हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा-आरती की जाती है. पूजा के बाद हनुमान जी को चोला अर्पित किया जाता है. इसके बाद ब्रह्मणों को भोजन कराकर व्रत का उद्यापन किया जाता है.

व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए?

धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस दिन सोमवार व्रत का उद्यापन (Somvar Vrat Udyapan) करना होता है, उस दिन भक्त सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठते हैं. शौच आदि कर्म से निवृत होकर सफेद वस्त्र धारण करते हैं. पूजा स्थल को जल या गंगाजल से पवित्र किया जाता है. इसके बाद केले के पत्ते से चौकोर मंडपनुमा बनाया जाता है.

उद्यापन में क्या करना चाहिए?

उद्यापन से एक दिन पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है. पूर्व रात्रि में कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है. – प्रात: जल्दी उठकर मंडप बनाकर, मंडप को वस्त्रों और रंगोली से सजाकर तैयार किया जाता है. – 'ऊँ उमा सहित शिवाय नम:' मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करते हुए हवन किया जाता है.

मंगलवार का व्रत कब खोले?

मंगलवार व्रत की पूजा-विधि * मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए। * नित्यक्रिया से निपटकर स्नान कर स्वच्छ होना चाहिए। * इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ रहता है। तत्पश्चात हनुमानजी को लाल फूल, सिन्दूर, वस्त्रादि चढ़ाने चाहिए।