मूर्ति निर्माण में देर लगने का मुख्य कारण धन का अभाव था, इसलिए विकल्प (अ) सही विकल्प होगा। इसलिये सही विकल्प होगा : विस्तार से कुछ और जाने : कहानी में मोटे मोटे किस काम के हैं, किनके बारे में और क्यों कहा गया? धरती माता ऊंच नीच का भेद क्यों नहीं करती? Short Note नगरपालिका मूर्ति लगवाने में ठोस निर्णय क्यों नहीं ले पा रही थी? Advertisement Remove all ads Solutionनगरपालिका मूर्ति के संबंध में ठोस निर्णय इसलिए नहीं ले पा रही थी क्योंकि नगरपालिका को अच्छे मूर्तिकारों की जानकारी न थी। उन्होंने पत्र व्यवहार में काफ़ी समय निकाल दिया। उन्हें अपना कार्यकाल समाप्त होने का डर सता रहा था। इसके अलावा उन्हें मूर्ति के लिए उपलब्ध बजट भी कम होता दिख रहा था। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 10: स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा - अतिरिक्त प्रश्न Q 4Q 3Q 5 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 10 स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Advertisement Remove all ads Download Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 2 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 10 Hindi board exam and Score More marks. Here we have given Hindi A Sample Paper for Class 10 Solved Set 2. Board –
Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in हल सहित सामान्य • इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ | खण्ड ‘क’ : अपठित बोध इसी तरह एक-एक इंद्रिय के संयम से मनुष्य में कितनी अद्भुत शक्तियों का विकास होता है इसका कुछ विवरण पतंजलि के ‘योगसूत्र’ में पाया जाता है। वास्तव में इंद्रियाँ अपने आप में भली-बुरी कुछ भी नहीं हैं। उनको प्रेरणा देने वाला मन और आत्मा है। अत: हमें अपने मन को वश में करना आवश्यक है और वह वश में होगा आत्मा द्वारा क्योंकि सर्वोपरि सत्ता आत्मा ही है। (v) राग-द्वेष उत्पन्न करने वाली बातों को न सुनकर सत्पुरुषों की वाणी को सुनकर हमारा उद्धार सहज ही हो सकता है। 2. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- खण्ड ‘ख’ : व्याकरण 4. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तित कीजिए- 5. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित
शब्दों के पद परिचय दीजिए- 6.
निम्नलिखित काव्यांश पढ़कर उनमें रस पहचानकर लिखिए- खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक (ख) नेताजी की मूर्ति बनाने जैसा गुरुतर कार्य स्थानीय कलाकार को इसलिए सौंपा गया, क्योंकि बोर्ड अपनी शासनावधि में ही मूर्ति प्रतिष्ठित करवाने की इच्छा रखता था। (ग) मोतीलाल ने नगरपालिका के बोर्ड को विश्वास दिलाया कि मात्र एक महीने में वह मूर्ति तैयार कर देगा। 8. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए- (ख) फादर कामिल बुल्के एक संन्यासी होने के बावजूद अपने आत्मीयजनों के परिवार में घुले-मिले रहते थे। वे परिवार में एक बड़े सदस्य की भाँति हर त्योहार में सम्मिलित होते थे। उनकी उपस्थिति सदैव एक बड़े बुजुर्ग का एहसास कराती थी, जो देवदारु की छाया क समान लगती थी । (ग) आज मानव ने आत्मविनाश के अनेक साधन जुटा लिए हैं जिनमें तरह-तरह के हथियार, अस्त्र-शस्त्र, परमाणु बम मुख्य हैं जिनसे मानव का विनाश हो सकता है। मनुष्य वैज्ञानिक उपलब्धियों का भी दुरुपयोग कर रहा है। प्रकृति से उसका रिश्ता टूट रहा है, जो उसके विनाश का कारण बन रहा है। (घ) लेखिका के पिता को गोरा रंग बहुत पसंद था। लेखिका का रंग साँवला था, जबकि उसकी बड़ी बहन सुशीला बहुत गोरी थी। लेखिका के पिता उसकी तुलना बड़ी बहन से किया करते थे और हमेशा बड़ी बहन की प्रशंसा किया करते थे। पिता के इस व्यवहार ने लेखिका के मन में हीन भावना की ग्रंथि पैदा कर दी जिससे वह आज तक उबर नहीं पाई। 9. निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: व्याख्यात्मक हल (ख) जब स्वर को ऊँचा उठाते हुए मुख्य गायक का गला बैठने लगता है, उत्साह मंद पड़ जाता है तब संगतकार, मुख्य गायक की गरजदार व भारी-भरकम आवाज में अपनी गूंज व कोमल स्वर से उसे ढांढस बँधाता है। (ग) सप्तक का अर्थ है सात का समूह। ध्वनि की ऊँचाई और निचाई के आधार पर संगीत में तीन तरह के सप्तक माने गये हैं। जब ध्वनि मध्य सप्तक के ऊपर है, तो उसे ‘तार सप्तक’ कहते हैं। 10. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त में उत्तर
लिखिए- (ख) कवि के अनुसार इस पंक्ति का आशय यह है कि यदि जवानी में प्रेम न मिला तो जीवन व्यर्थ है। उचित अवसर पर खुशी न मिली तो फिर बाद में मिलने वाली खुशी व्यर्थ प्रतीत होती है। (ग) पानी बिना फसल न उगेगी, न बढ़ेगी, न पकेगी, हाथों का स्पर्श श्रम, एक नहीं अनेक का, बीज, खाद आदि में व्यक्तियों का योग, मिट्टी
के बिना बीज का न तो अंकुर बनना न फसल तथा दाना बनना। अत: इनकी गरिमा तथा महिमा एवं योग। (घ) फसल बिना पानी के न तो उग सकती है, न बढ़ सकती है और न पक सकती है। इसमें एक नहीं अनेक व्यक्तियों का परिश्रम तथा उनके हाथों के श्रम के साथसाथ बीज-खाद व मिट्टी का भी योगदान होता है। यदि ये सब नहीं होगा तो बीज का न तो अंकुर बनेगा, न फसल और न दाना। अत: फसल इनकी गरिमा एवं महिमा के साथ-साथ मिट्टी का गुण धर्म है। 11. ‘और देखते ही देखते नई दिल्ली की काया पलट होने लगी” नई दिल्ली के काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए? खण्ड ‘घ’ : लेखन (ख) आतंकवाद एक विकराल समस्या 1. प्रस्तावना, 2. विश्व में आतंकवाद, 3. भारत में आतंकवाद, 4. आतंकवाद रोकने के उपाय, 5. उपसंहार (ग) प्रदूषण: कारण व निवारण 1. प्रस्तावना, 2. प्रदूषण के स्वरूप व कारण, 3. समाधान, 4. उपसंहार। ‘मेक इन इण्डिया’ का शाब्दिक अर्थ है-भारत में निर्मित वस्तु। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी चाहते हैं कि भारत औद्योगिक क्षेत्र में प्रगति करे और हर छोटे-बड़े उत्पादन भारत में हों। केवल उत्पादन से ही किसी देश की साख नहीं बढ़ती अपितु यहाँ उत्पादित – | वस्तु गुणवत्ता की दृष्टि से भी श्रेष्ठ हो तभी तो पूरी दुनिया में उसकी माँग होगी। ‘भारत में निर्मित’ अर्थात् मेक इन इण्डिया का ठप्पा जहाँ लगा होगा उस पर लोग आँख मूंदकर विश्वास करें-यहीं प्रधानमंत्री चाहते हैं। यह तभी संभव है जब भारत के लोग अपनी प्रतिभा, स्किल, योग्यता का प्रयोग करते हुए चीजों का निर्माण करें। केवल धन कमाना ही हमारा उद्देश्य नहीं होना चाहिए अपितु । उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता भी उच्चकोटि की हो जिससे देश का नाम खराब न हो अपितु सर्वत्र रोशन हो जाए। जब उत्पादित वस्तुओं की क्वालिटी बेहतर होगी तो उसकी साख (क्रेडिट) बढ़ेगी और माँग भी बढ़ेगी। प्राचीन भारत उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ा हुआ था। देश धन-धान्य से इतना सम्पन्न था कि विदेशों में भारत सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था। तमाम विदेशी आक्रमणकारी भारत की धन-सम्पत्ति को लूटने के उद्देश्य से ही यहाँ । आए थे और धीरे-धीरे उन्होंने भारत को पराधीनता में जकड़ लिया। अंग्रेजी शासन काल में भारत उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में इतना पिछड़ गया कि सुई तक का आयात हमें करना पड़ता था। वस्तुत: अंग्रेज नहीं चाहते थे कि भारत उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में तरक्की करे। वे यहाँ से कच्चा माल इंग्लैण्ड भेजते थे और तैयार माल भारत में बेचते थे परिणामत: देश आर्थिक दृष्टि से खोखला होता गया। स्वतंत्रता के उपरान्त देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है। आज भारत के तमाम युवा विदेशी संस्थानों में उच्चपदों पर कार्यरत हैं साथ ही देश कम्प्यूटर साफ्टवेयर के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देशों में है। यही नहीं अपितु भारतीय संस्थाओं ने अन्तरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। इसरो ने मंगलयान को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुँचाया है तथा हम पी.एस.एल.बी राकेट के द्वारा तमाम देशों के उपग्रहों को अन्तरिक्ष में स्थापित करने में सफल रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री चाहते हैं कि देश में विदेशी पूँजी का आगमन हो, जिससे मेक इन इण्डिया प्रोग्राम गति पकड़ लें और भारत में निर्मित वस्तुएँ हर क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता के लिए जानी जाएँ। कठिन परिश्रम, अनुशासन से यह संभव है। आज हम हर संभव प्रयास कर अथवा (ख) आतंकवाद एक विकराल समस्या दिसम्बर, 2001 को भारत की संसद पर आतंकी हमला एक तरह से हमारे देश को खुली चुनौती थी। भारत में आतंकवाद की वर्तमान समस्या के लिए प्रमुख रूप से । हमारी राजनीतिक नीतियाँ ही दोषी हैं। 1947 से आज तक हमारे राजनेता देश को एक सूत्र में नहीं बाँध पाए, उन्होंने वोट के लालच में जाति, सम्प्रदाय, धर्म, भाषा, क्षेत्रीयता आदि के जो बीज बोए थे वे आज पेड़ बनकर खड़े हैं। बढ़ती हुई बेरोजगारी एवं धार्मिक उन्माद ने भी आतंकवाद को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जम्मूकश्मीर के पाकिस्तान समर्थक आतंकवाद से आज सारा देश त्रस्त है। सरकार ने आतंकवादियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए टाडा कानून बनाया है। सीमा पर कटीले तार लगाए हैं जाँबाज सैनिक और अर्द्धसैनिक बल निरन्तर सीमा पर गश्त करते हुए उसकी रखवाली कर रहे हैं। आतंक की समस्या से राष्ट्रीय नेतृत्व और राष्ट्रवासियों को दृढ़ता से ही निपटना होगा। समय आ गया है कि हम आतंकवाद को खाद-पानी देने वाली शक्तियों को भी समूल नष्ट करने के विषय में ठोस कदम उठाएँ एवं आर-पार की लड़ाई लड़ें। केवल मोमबत्ती जलाकर ही इस समस्या से छुटकारा नहीं हो सकता। अथवा (ग)
प्रदूषण: कारण व निवारण मूल रूप में बढ़ती हुई जनसंख्या पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है। पर्यावरण प्रदूषण आज विभिन्न रूपों में सामने आ रहा है जिनमें प्रमुख हैं-भूमि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि। भूमि प्रदूषण के मुख्य कारण बाँध और अत्यधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग है। बाँधों के कारण भूमि का अपक्षय होता है कलकारखाने, मोटर-स्कूटर, रेलें, बसें दिन-रात धुएँ के बादलों के रूप में वायु प्रदूषण फैलाते हैं। कार्बन डाइ-ऑक्साइड, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, कार्बन मोनोऑक्साइड का प्रभाव मनुष्य ही नहीं वरन् पशु-पक्षियों पर भी पड़ रहा है। पराबैंगनी किरणें कैंसर जैसे भयंकर रोगों को जन्म दे रही हैं। शुद्ध वायु अशुद्ध होती जा रही है। औद्योगीकरण ने जल-प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चीनी, कपड़ा, जूट, रसायन आदि उद्योगों का सारा कचरा नदियों और जलाशयों के जल को निरन्तर प्रदूषित कर रहा है। प्रदूषित जल पीने के कारण बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। ध्वनि प्रदूषण ने हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। औद्योगीकरण एवं मशीनीकरण ध्वनि प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। धार्मिक संस्कार, त्योहार एवं लाउडस्पीकर आदि भी ध्वनि प्रदूषण के विस्तार में सहायक हैं। 40से 50डेसीबल की सामान्य ध्वनि (शोर) की सीमा 110 डेसीबल तक पहुँच गई है। भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अनावश्यक बाँधों के निर्माण, वनों की कटाई तथा रासायनिक उर्वरकों के अतिशय प्रयोगों पर रोक लगानी चाहिए। जल प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक है कि उद्योगों में प्रयुक्त दूषित जल को सीधे नदियों, जलाशयों में न छोड़ा जाए। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक है कि उद्योगों की चिमनियों पर ऐसे फिल्टर लगाए जाएँ जो धुएँ आदि प्रदूषक तत्वों को वायुमण्डल में न मिलने दें। पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारण ‘बढ़ती हुई जनसंख्या’ पर शीघ्र अंकुश लगाया। जाए। यदि समय रहते हम पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग नहीं हुए तो निश्चित ही मानव का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। 13. अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा माँगते हुए पिताजी को पत्र लिखिए। पिताजी को पत्र पूज्य पिताजी, अतः आपसे क्षमा याचना करता हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं होगी। 14. किसी राज्य के पर्यटन विभाग की ओर से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के। लिए 25-50 शब्दों का एक विज्ञापन तैयार कीजिए। We hope the Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 2, help you. If you have any query regarding CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Solved Set 2, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. |