जीवन नहीं मरा करता है Show गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ प्रस्तुत कविता में कवि ने विविध उदाहरणों के माध्यम से जीवन की समस्याओं और इनकी शाश्वतता की ओर संकेत किया है । 7th-std-hindi-jeevan-nahi-mara-karta-he For Explanationछिप-छिप अश्रु बहाने वालो ! माला बिखर गई तो क्या है रूठे दिवस मनाने वालो ! वस्त्र बदल कर आने वालो ! कितनी बार गगरियॉं फूटीं लूट लिया माली ने उपवन नफरत गले लगाने वालो ! 7th-std-hindi-jeevan-nahi-mara-karta-he For Explanation And Question – Answer click on below videoछिप-छिप अश्रु बहाने वालो ! माला बिखर गई तो क्या है रूठे दिवस मनाने वालो ! वस्त्र बदल कर आने वालो ! कितनी बार गगरियॉं फूटीं लूट लिया माली ने उपवन नफरत गले लगाने वालो ! 7th-std-hindi-jeevan-nahi-mara-karta-he Viewing 1 replies (of 1 total)
यह पंक्ति पद्मश्री व पद्मभूषण प्राप्त कवी “गोपाल दास नीरज ” द्वारा लिखित कविता “जीवन नहीं मरा करता है ” से लिया गया है | इस पंक्ति “मोती व्यर्थ लुटाने वालों” में उन्होंने व्यर्थ के पश्चाताप को दर्शाने का प्रयत्न किया है | वें लिखते है की छोटी सी हार या असफलता से हमें निराश नहीं होना चाहिए , जीवन में हमारे लिए बहुत कुछ है एक छोटी हार से हमारा जीवन समाप्त नहीं हो जाता | Viewing 1 replies (of 1 total) मोती व्यर्थ लुटाने वालों में मोती का क्या आशय है?मोती व्यर्थ लुटाने वाली पंक्ति में मोती से आशय आंसुओं से है।
मोती से क्या आशय है?मोती के हिंदी अर्थ
समुद्री सीपी में से निकलने वाला एक बहुमूल्य रत्न। मुक्ता।
Kavita में मोती शब्द से कवि का क्या आशय है?मोती व्यर्थ लुटाने वालो ! कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।
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