मोती व्यर्थ लुटाने वालों पंक्तियों में मोती का आशय क्या है - motee vyarth lutaane vaalon panktiyon mein motee ka aashay kya hai

जीवन नहीं मरा करता है

गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’

प्रस्तुत कविता में कवि ने विविध उदाहरणों के माध्यम से जीवन की समस्याओं और इनकी शाश्वतता की ओर संकेत किया है ।

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For Explanation

छिप-छिप अश्रु बहाने वालो !
मोती व्यर्थ लुटाने वालो !
कुछ का मतलब some सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है है।

माला बिखर गई तो क्या है
खुद ही हल हो गई समस्या ,
आँसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या ,

रूठे दिवस मनाने वालो !
फटी कमीज सिलाने वालो !
कुछ का मतलब some दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं nahi मरा करता है ।
खोता कुछ भी नहीं यहॉं पर
केवल जिल्द बदलती पोथी,
जैसे रात उतार चॉंदनी
पहने सुबह धूप की धोती,

वस्त्र बदल कर आने वालो !
चाल बदल कर जाने वालो !
चंद खिलौनों के खोने से बचपन का मतलब childhood नहीं मरा करता है ।

कितनी बार गगरियॉं फूटीं
शिकन न पर आई पनघट पर,
कितनी बार किश्ति यॉं डूबीं
चहल-पहल वो ही है तट पर,
तम की उमर बढ़ाने वालो !
लौ की आयु घटाने वालो !
लाख करे पतझर का मतलब पत्ते झरने की ॠतु कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है ।

लूट लिया माली ने उपवन
न लेकिन गंध फूल की,
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बंद न हुई धूल की,

नफरत गले लगाने वालो !
सब पर धूल उड़ाने वालो !
कुछ means some मुखड़ों का मतलब चेहरा की नाराजी से दर्पन नहीं मरा करता है ।
निम्नलिखित शब्द की सहायता से नए शब्द बनाओः

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छिप-छिप अश्रु बहाने वालो !
मोती व्यर्थ लुटाने वालो !
कुछ का मतलब some सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है है।

माला बिखर गई तो क्या है
खुद ही हल हो गई समस्या ,
आँसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या ,

रूठे दिवस मनाने वालो !
फटी कमीज सिलाने वालो !
कुछ का मतलब some दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं nahi मरा करता है ।
खोता कुछ भी नहीं यहॉं पर
केवल जिल्द बदलती पोथी,
जैसे रात उतार चॉंदनी
पहने सुबह धूप की धोती,

वस्त्र बदल कर आने वालो !
चाल बदल कर जाने वालो !
चंद खिलौनों के खोने से बचपन का मतलब childhood नहीं मरा करता है ।

कितनी बार गगरियॉं फूटीं
शिकन न पर आई पनघट पर,
कितनी बार किश्ति यॉं डूबीं
चहल-पहल वो ही है तट पर,
तम की उमर बढ़ाने वालो !
लौ की आयु घटाने वालो !
लाख करे पतझर का मतलब पत्ते झरने की ॠतु कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है ।

लूट लिया माली ने उपवन
न लेकिन गंध फूल की,
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बंद न हुई धूल की,

नफरत गले लगाने वालो !
सब पर धूल उड़ाने वालो !
कुछ means some मुखड़ों का मतलब चेहरा की नाराजी से दर्पन नहीं मरा करता है ।

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Viewing 1 replies (of 1 total)

    • December 28, 2020 at 12:21 pm

    मोती व्यर्थ लुटाने वालों पंक्तियों में मोती का आशय क्या है - motee vyarth lutaane vaalon panktiyon mein motee ka aashay kya hai

    यह पंक्ति पद्मश्री व पद्मभूषण प्राप्त कवी “गोपाल दास नीरज ” द्वारा लिखित कविता “जीवन नहीं मरा करता है ” से लिया गया है |

    इस पंक्ति “मोती व्यर्थ लुटाने वालों” में उन्होंने व्यर्थ के पश्चाताप को दर्शाने का प्रयत्न किया है |

    वें लिखते है की छोटी सी हार या असफलता से हमें निराश नहीं होना चाहिए , जीवन में हमारे लिए बहुत कुछ है एक छोटी हार से हमारा जीवन समाप्त नहीं हो जाता |

  • Viewing 1 replies (of 1 total)

    मोती व्यर्थ लुटाने वालों में मोती का क्या आशय है?

    मोती व्यर्थ लुटाने वाली पंक्ति में मोती से आशय आंसुओं से है।

    मोती से क्या आशय है?

    मोती के हिंदी अर्थ समुद्री सीपी में से निकलने वाला एक बहुमूल्य रत्न। मुक्ता।

    Kavita में मोती शब्द से कवि का क्या आशय है?

    मोती व्यर्थ लुटाने वालो ! कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।