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नींद में दांत क्यों पीसते हैं लोग, जानिए क्या है ब्रुक्सिज्म और इसकी वजहडर या स्ट्रेस की वजह से भी होता है ब्रुक्सिज्म आपने कई लोगों को रात में नींद के समय दांत पीसते हुए देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि नींद में दांत पीसने की समस्या ब्रुक ...अधिक पढ़ें
Bruxism– क्या आपको भी नींद में दांत पीसने या चलाने की आदत है? अगर ऐसा है, तो सावधान हो जाएं. नींद में दांत पीसने की आदत को ज़्यादातर लोग डर या बुरा सपना समझकर इग्नोर कर
देते हैं. वहीं मेडिकल टर्म में इस आदत को ब्रुक्सिज्म कहा जाता है. यह आदत अगर बढ़ जाए, तो एक बीमारी का रूप ले लेती है. नींद में दांत पीसना आम नहीं है, इसलिए समय पर इस बीमारी का इलाज कराना ज़रूरी है. यह बीमारी अधिकतर बच्चों में देखने को मिलती है. ये एक तरह का स्लीप डिस्आर्डर है. एक्सपर्ट की मानें तो कई बार लगातार दांत पीसने की वजह से दांत जल्दी खराब हो सकते हैं. आज हम आपको बताते हैं ब्रुक्सिज्म और कैसे यह बीमारी आपको नुकसान पहुंचा सकती है. इसे भी पढ़ें: रात को बिस्तर में नहीं आती नींद? तो करें ये उपाय, मिनटों में दिखेगा असर ब्रुक्सिज्म क्यों है नुकसानदायक इसे भी पढ़ें: अच्छी नींद के लिए इन 5 चीजों को अपनी डाइट में करें शामिल, तुरंत दिखेगा असर क्या दांत पीसने की आदत को रोका जा सकता है ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health FIRST PUBLISHED : July 02, 2022, 10:06 IST Bruxism: नींद में दांत पीसने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक बड़ा कारण ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea) है.Bruxism: नींद में दांत पीसने की समस्या (सांकेतिक) Image Credit source: gregskeensdds कई लोगों को नींद में दांत पीसने या किटकिटाने की आदत होती है! दरअसल ये कोई आदत नहीं, बल्कि बीमारी है. नींद में दांत पीसने की इस बीमारी को मेडिकल की भाषा में ब्रुक्सिज्म (Bruxism) कहा जाता है. इस वजह से लोगों की नींद प्रभावित होती है. आपस में घिसने के कारण दांतों (Tooth) को नुकसान होता है. सांस लेने में भी बाधा पहुंचती है. गौर करने वाली बात ये भी है कि बहुत सारे लोगों में यह बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है. लेकिन अगर अपने आप ठीक न हो तो इसका इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लिए किसी अच्छे डेंटिस्ट (Dentist) या ईएनटी विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती है. घर-परिवार में बच्चों में अगर दांत पीसने या किटकिटाने की समस्या हो तो इसे पेट के कीड़ों से जोड़कर देखा जाता है. कहा जाता है कि बच्चे के पेट में कीड़े होंगे, इसलिए बच्चा दांत पीस रहा है. जबकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दांत पीसने का पेट में कीड़े होने से कनेक्शन को लेकर कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं मिला है. बहरहाल आइए जानते हैं इस समस्या के बारे में विस्तार से. क्या है यह बीमारी?एक रिपोर्ट के मुताबिक, दांत पीसना एक बीमारी है, जिसमें मुंह में दोनों जबड़ों के दांत आपस में पिसते हैं या रगड़ खाते हैं. इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति जब नींद में होता है तो उसे इस बात का एहसास नहीं हो पाता है कि वह दांत पीस रहा है. पीड़ित व्यक्ति को दूसरे लोगों से इस बात का पता चलता है. क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नोएडा में ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स के निदेशक डॉ चारु नैथानी का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ज्यादातर मामलों में यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है. अगर ऐसा न हो तो डेंटिस्ट या ईएनटी एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए. नींद में आवाज करते हैं दांत, गले में खराशब्रुक्सिज्म यानी दांत पीसने से मुंह की मांसपेशियों में दर्द होता है. इसके लक्षणों की बात करें तो नींद में दांतो से आवाज आती है. सुबह उठने पर सिर में हल्का दर्द रहता है. गले में खराश, जबड़े में अकड़न, दांतों में सेंसेटिविटी, टेंशन, डिप्रेशन, अनिद्रा वगैरह इसके इन्य लक्षणों में शामिल हैं. क्यों दांत पीसते हैं लोग, क्या हो सकते हैं कारण?दांत पीसने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक बड़ा कारण ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (Obstructive Sleep Apnea) है. इसके अलावा मुंह बंद करने पर दांतों का आपस में ठीक से नहीं बैठना, स्ट्रेस, थकान, गुस्सा आदि भी इसकी वजहें हो सकती हैं. वहीं ज्यादा शराब पीने, ज्यादा धूम्रपान और चाय/कॉफी ज्यादा पीने के कारण भी यह समस्या हो सकती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्लीप एप्निया प्रमुख कारण होता है. सोते समय खर्राटे लेने या सांस में रुकावट होने के कारण भी व्यक्ति नींद में दांत पीसता है. अच्छी नींद लेना और आदतों में सुधार जरूरीब्रुक्सिज्म से बचने के लिए डॉक्टर्स जो उपाय सुझाते हैं, उनमें सबसे अहम है अच्छी नींद लेना. 7 से 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है, ताकि हमारे जबड़े की मांसपेशियों को आराम मिल सके. सोते समय टीवी, मोबाइल वगैरह के इस्तेमाल से बचना चाहिए. चिंता, तनाव और अवसाद से भी बचना जरूरी है. अगर इनकी चपेट में हैं तो इलाज करवाएं. चाय-कॉफी, सिगरेट, शराब वगैरह से दूरी बनाए रखनी चाहिए. डेंटिस्ट की सलाह पर माउथ गार्ड भी लगा सकते हैं. आखिरी जरूरी बात कि समस्या के बारे में मालूम होते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. सोते समय दांत पीसने का मतलब क्या होता है?लोग क्यों पीसते हैं अपने दांत
वेबएमडी के मुताबिक दांत पीसने के कई कारण हो सकते हैं. डर, एंजाइटी, थकान या फिर ब्रुक्सिज्म. ब्रुक्सिज्म एक ऐसी बीमारी है जिसे पहचानना मुश्किल होता है. कई बार बच्चे सोते समय बुरा सपना देख लेते हैं, जिसके डर से दांत पीसने लगते हैं.
दांत पीसने की इच्छा क्यों होती है?दांत पीसने के क्या कारण हैं? वैसे तो तनाव और चिंता के कारण लोग अपने दांत पीसते हैं और यह अक्सर नींद के दौरान होता है। अन्य कारणों में असामान्य तरह से काटने या दांत टूटने या दांत न होना है। यह स्लीप एपनिया जैसे नींद की परेशानी के कारण भी हो सकता है।
दांत कट कटाने का मतलब क्या होता है?कुछ बच्चों को दांत पीसने की आदत होती है जो कभी-कभी चिंता का विषय भी बन जाता है। गुस्से और स्ट्रेस में अक्सर वयस्क अपने दांत पीसने या भींचने लगते हैं। वयस्कों में ऐसा करना बिल्कुल नॉर्मल बात है लेकिन अगर यही हरकत 3 से 4 साल का बच्चा करे तो अजीब लगता है।
रोज दांत पीसने से क्या होता है?दांत पीसने से दांत की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इससे दांतों में झनझनाहट, दांतों का घीसना, दांत टूटना और चेहरे और जबड़ों में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है. डॉक्टर नीगेल कार्टर बताते हैं कि दांत पीसना चबाने से 40 गुना अधिक ताकत वाली प्रक्रिया होती है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.
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