पेट की बीमारी कैसे सही करें? - pet kee beemaaree kaise sahee karen?

एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन के रूप में मेरी प्रैक्टिस के सबसे कठिन पहलुओं में से एक है, दुर्भाग्यपूर्ण कैंसर रोगियों को यह बताना कि बहुत देर हो चुकी है और बहुत कुछ नहीं किया जा सकता है। यह उनके और उनके प्रियजनों के लिए दिल तोड़ने वाला होता है। वे अक्सर निराशा में टिप्पणी करते हैं "लेकिन वो पंद्रह दिन पहले तक ठीक थे " या, "हमने इस छोटे से लक्षण को नजरअंदाज कर दिया" या, "हम इस लक्षण के साथ डॉक्टर के पास गए थे लेकिन जांच नहीं हुई"।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर यानि पेट के कैंसर विश्व स्तर पर सबसे आम कैंसर हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम के कैंसर में इसोफेगस (भोजन नली), स्टमक (आमाशय), बड़ी आंत, पित्ताशय, पित्त नली, पैंक्रियास (अग्न्याशय), लिवर (यकृत) और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) के कैंसर शामिल हैं।

पेट की बीमारी कैसे सही करें? - pet kee beemaaree kaise sahee karen?


हमारी सारी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली पेट के अंदर बंद रहती है; इसी तरह, भोजन नली छाती के अंदर से जाती है। यह इन अंगों की सुरक्षा और कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन इससे एक नुकसान भी होता है - इन अंगों के रोगों और कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है। इन अंगों की बीमारियां एवं कैंसर अंदर ही अंदर बढ़ते रहते हैं और जब तक उनके लक्षण हमें चिकित्सक के पास जाने के लिए मजबूर करते हैं तब तक कई बार ये काफी बढ़ जाती हैं।

ध्यान रहे

लक्षण द्वारा हमारा शरीर हमें सचेत करता है कि कुछ गलत हो रहा है। पेट के सारे कैंसरों के भी अपने अपने विशिष्ट लक्षण हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, अक्सर ये लक्षण तब आते हैं जब पहले से ही बहुत देर हो चुकी होती है। इनमें से कई लक्षण रोजमर्रा की सामान्य बीमारियों में भी होते हैं जो हमें समय-समय पर प्रभावित करती हैं। इसलिए ज़्यादातर हम इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसके अलावा, किसी भी लक्षण का कारण एक मामूली बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। यह संभावना हमेशा कम होती है कि आपका कोई लक्षण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण होगा। इन सभी चीज़ों का परिणाम यह होता है कि इन कैंसर का पता काफी देर से चलता है।

चेतावनी के संकेत

पेट एवं आंत के रोगों और कैंसर के लक्षणों में शामिल है: खाना निगलने में कठिनाई, पेट में हमेशा दर्द रहना, बार-बार उल्टी होना एवं जी मिचलाना, अपने आप वजन घटना, भूख न लगना, उल्टी में रक्त, मल में रक्त, आंत्र की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज रहना), लगातार पेट की परेशानी, पेट साफ़ ना होना, कमजोरी या थकान महसूस करना, लगातार अपच रहना, सीने में काफी जलन होना, पीलिया, खुजली, मधुमेह की शुरुआत, पेट में गांठ और आवाज में बदलाव।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो कैंसर होने की संभावना इस पर निर्भर करती है कि आपमें कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कितने कारण मौजूद हैं। जितने ज़्यादा कारण उतनी ही ज़्यादा संभावना। वैसे तो कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारण सभी कैंसर के लिए भिन्न होते हैं, लेकिन आम तौर पर इसमें बढ़ती उम्र, पेट और आंत के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान और शराब का सेवन, आहार में फलों और सब्जियों की कमी और मोटापा शामिल है।

क्या करें?

एक हल्के पेट की परेशानी या गैस्ट्रिक परेशानी की अनदेखी करने में संभवतः बहुत नुकसान नहीं है। लेकिन, आपको चिंतित होना चाहिए, अगर इनमें से कोई भी लक्षण नियमित रूप से होता है। इसके अलावा, आपकी शिकायत अगर काम होने की बजाय बढ़ती जा रही है और तो तुरंत अपने चिकित्सक या एक विश्वसनीय जीआई सर्जन से परामर्श करें। अगर सही समय पर जांच की जाये तो इन कैंसर का पता ऐसी स्टेज में चल सकेगा जहां वे अभी भी ठीक हो सकते हैं।

काम के चलते सही समय पर खाना न मिलने और भूख के लगने पर कुछ भी खा लेने से पेट की बामारियों में इजाफा हो रहा है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पेट की बामारियां कई अन्य बीमारियों की जनक होती हैं। वहीं, यदि आपका पेट सही है तो अन्य बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। अब सवाल आता है कि पेट की बीमारियों से कैसे बचा जाए। सबसे पहले तो जान लेते हैं कि पेट में कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।

1- एसिडिटी
हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है। जिससे कि एसिडिटी की समस्या हो जाती है। मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है। इसके अलावा समय पर भोजन न करने से एसिडिटी हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है।

उपचार
एसिडिटी की समस्या से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पिएं। इसके अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं। एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है। नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है।

2- गैस की समस्या
अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। आवश्यकता से अधिक पेट में गैस बनने से शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है। इसलिए गैस की समस्या होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए।

उपचार
गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। वहीं, गैस को ठीक करने के लिए एक नींबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं। इसके अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है।

3- कब्ज
कब्ज पानी के कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से होता है। कब्ज की समस्या होने पर भूख नहीं लगती और शौच में समस्या होती है।

उपचार
कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए दूध और पपीते का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला चूर्ण खाने से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है।

4- उल्टी
बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है। ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। ताकि आगे चलकर कोई बड़ा रोग न हो जाए।

उपचार
उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन करना चाहिए।

5- लूज मोशन
अक्सर देखा जाता है कि मौसम बदले पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं। इसके बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है।

उपचार
लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया को ही खाना चाहिए। इसके साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं। वहीं, केला और भुस्सी खाने से भी लूज मोशन में ठीक करने में सहायता मिलती है।

पेट की बीमारी कैसे दूर करें?

दूध- दूध एक सम्पूर्ण पौष्टिक आहार होने के साथ-साथ भोजन के अम्लीय प्रभाव को नष्ट करने वाला भी है. ... .
हरी सब्जियां, फल और लौंग- हरी सब्जियां और फल हमारे पेट हो साफ़ करने में मदद करती हैं. ... .
पानी- सुबह उठने के साथ ही पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है. ... .
समय से भोजन- ... .
नारियल पानी- ... .
व्यायाम- ... .
कार्बोहाइड्रेट-.

पेट रोग में क्या खाना चाहिए?

इन 5 चीजों का सेवन करने से दूर रहती है गैस की समस्या.
केला केला एक ऐसा फल है जो शरीर के लिए बहुत ही हेल्दी होती है। ... .
खीरा खीरा खाने से पेट ठंडा रहता है। ... .
ठंडा दूध Image Source : FREEPIK.COM. ... .
नारियल पानी ... .
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पेट रोग कितने प्रकार के होते हैं?

एसिडिटी हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है। ... .
गैस की समस्या अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। ... .
कब्ज कब्ज पानी के कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से होता है। ... .
उल्टी ... .
लूज मोशन.

पेट में इन्फेक्शन के लक्षण क्या है?

पेट के इंफेक्शन के शुरुआती लक्षणों में मतली, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन और पेट दर्द शामिल हैं। पेट खराब होने पर कुछ भी खाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन पोषण पाने और अपनी ऊर्जा वापस पाने के लिए आपको कुछ खाना खाना पड़ता है।