रण भूमि में अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म को कैसे प्रणाम किया? - ran bhoomi mein arjun ne aachaary dron aur pitaamah bheeshm ko kaise pranaam kiya?

प्रतिज्ञा पूर्ति   

(Page 55)

रण भूमि में अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म को कैसे प्रणाम किया? - ran bhoomi mein arjun ne aachaary dron aur pitaamah bheeshm ko kaise pranaam kiya?

(Page 56)


Image from NCERT book


प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  शंख की ध्वनि को सुनकर द्रोण ने क्या शंका व्यक्त की?

उत्तर-  द्रोणनेकहा-“मालूमहोताहै, यहतोअर्जुनही आयाहै।"

प्रश्न-2  दुर्योधन ने पितामह भीष्म को संधि के संबंध में क्या कहा?

उत्तर- दुर्योधननेकहा-"पूज्यपितामह! मैंसंधिनहीं चाहताहूँ।राज्यतोदूररहा, मैंतोएकगाँवतकपांडवोंकोदेनेकेलिए तैयारनहींहूँ"

प्रश्न-3  किसनेकिससेकहा?

“कर्ण! मूर्खता की बातें न करो। हम सबको एक साथ मिलकर अर्जुन का मुकाबला करना होगा।”

कृपाचार्य ने कर्ण से कहा ।

प्रश्न-4 कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म ने क्या कहा?

उत्तर – कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म बोले "यह आपस में बैर-विरोध या झगड़े का समय नहीं है। अभी तो सबको एक साथ मिलकर शत्रु का मुकाबला करना है।"

प्रश्न-5रण भूमि में अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की कैसे वंदना की?

उत्तर – अर्जुन ने गांडीव पर चढ़ाकर दो-दो बाण आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की ओर इस तरह से छोड़े जो उनके चरणों में जाकर गिरे। इस प्रकार अर्जुन ने अपने बड़ों की वंदना की।

प्रश्न-6  युद्ध के पश्चात अर्जुन ने राजकुमार उत्तर से क्या कहा?

उत्तर-  युद्धकेपश्चातअर्जुननेराजकुमारउत्तर सेकहा "उत्तर! अपनारथनगरकीओरलेचलो।तुम्हारीगायेंछुड़ालीगईहैं। शत्रुभीभागखड़ेहुएहैं।इसविजयकायशतुम्हींकोमिलनाचाहिए।इसलिएचंदन लगाकरऔरफूलोंकाहारपहनकरनगरमेंप्रवेशकरना।"

प्रश्न-7  युद्ध भूमि में अर्जुन को औरत के भेष में देख कर कर्ण क्या बोला?  उत्तर-  कर्ण बोला-"पांडवजुएकेखेलमेंजबहारगएथे, तोशर्तकेअनुसारउन्हेंबारह बरसकावनवासऔरएकबरसअज्ञातवासमेंबितानाथा।अभीतेरहवाँबरसपूरानहींहुआ हैऔरअर्जुनहमारेसामनेप्रकटहो | गयाहै, तोडरकिसबातकाहै? शर्त केअनुसारपांडवोंकोफिरसेबारहबरसवनवासऔरएकबरसअज्ञातवासमेंबितानाहोगा।"  

प्रश्न-8  अर्जुन के प्रकट हो जाने पर भीष्म ने दुर्योधन से क्या कहा? 

उत्तर -  भीष्मदुर्योधनसेफिरबोले-"बेटादुर्योधन, अर्जुनप्रकट होगया, वहठीकहै।परप्रतिज्ञाकासमयकलहीपूराहोचुकाहै।प्रत्येक वर्षमेंएकजैसेमहीनेनहींहोते।जैसेहीअर्जुननेगांडीवधनुषकीटंकारकी थी, मैंसमझगयाथाकिप्रतिज्ञाकीअवधिपूरीहोगईहै।दुर्योधन! युद्धशुरू करनेसेपहलेइसबातकानिश्चयकरलेनाहोगाकिपांडवोंकेसाथसंधिकरलें यानहीं।यदिसंधिकरनेकीइच्छाहै, तोउसकेलिएअभीसमयहै।

प्रश्न-9  अर्जुन ने रणभूमि में पांचों महारथी को किस प्रकार परास्त किया?

उत्तर- अर्जुनकोदुर्योधनकापीछाकरतेदेखकरभीष्मआदिसेनालेकरअर्जुनका पीछाकरनेलगे।अर्जुननेउससमयअद्भुतरण-कौशलकापरिचयदिया।पहलेतोउसने कर्णपरहमलाकरकेउसेबुरीतरहसेघायलकरकेमैदानसेभगादिया।इसकेबाद द्रोणाचार्यकीबुरीगतहोतेदेखकरअश्वत्थामाआगेबढ़ाऔरअर्जुनपरबाणबरसानेलगा।मौका पाकरआचार्यजल्दीसेखिसकगए।उनकेचलेजानेकेबादअर्जुनअबअश्वत्थामापरटूट पड़ा।दोनोंमेंभयानकयुद्धहोतारहा।अंतमेंअश्वत्थामाकोहारमाननीपड़ी।उसकेबाद कृपाचार्यकीबारीआईऔर  वहभीहारगए।इसप्रकारअर्जुननेरणभूमिमेंपांचों  महारथीकोपरास्तकरदिया।

अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म को कैसे प्रणाम किया?

अध्यक्ष हुए। इसलिए उस समय की नीति के अनुसार पांडु को गद्दी पर बैठाया गया। । जब युधिष्ठिर सोलह वर्ष के हुए, तो ऋषियों ने पाँचों कुमारों को हस्तिनापुर ले जाकर पितामह भीष्म को सौंप दिया।

पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण ने दुर्योधन को क्या सलाह दी?

इसका उत्तर मैं कैसे दे सकता हूँ पितामह .... ! इसका उत्तर तो उन्हें देना चाहिए जिन्होंने यह किया ..... !! उत्तर दें दुर्योधन का वध करने वाले #भीम , उत्तर दें कर्ण और #जयद्रथ का वध करने वाले #अर्जुन .... !! मैं तो इस युद्ध में कहीं था ही नहीं पितामह .... !!

अर्जुन के प्रकट हो जाने पर भीष्म ने दुर्योधन को क्या सलाह दी?

राजा का पहला पुत्र होने के नाते, वह कुरु वंश और उसकी राजधानी हस्तिनापुर का राजकुमार था। परंतु दुर्योधन अपने चचेरे भाई युधिष्ठर से छोटा था। कर्ण दुर्योधन का सबसे करीबी मित्र था। दुर्योधन महाभारत युद्ध का एक प्रमुख योद्धा व पात्र था ।

प्रश्न 2 भीष्म पितामह के संधि के प्रस्ताव पर दुर्योधन ने क्या कहा?

दुर्योधन को भीष्म पितामह ने संधि के संबंध में क्या कहा? उत्तर: भीष्म पितामह ने दुर्योधन को सलाह दी कि उसे पांडवों के साथ संधि कर लेनी चाहिए। ऐसा भीष्म ने इसलिए कहा क्योंकि एक तो पांडवों का समय पूरा हो चुका था दूसरा यह कि पांडवों की सेना के सामने कौरवों की सेना का टिकना असंभव था।